Kmsraj51 की कलम से…..
♦ गणतंत्र दिवस। ♦
गणतंत्र दिवस के पावन पर्व पर तिरंगा फहराने वाले हम,
लोकतंत्र का ईमानदार असली रूप दिखाने वाले हम।
स्वाभिमान का फिर से जागरूकता लाने वाले हम,
गणतंत्र दिवस के पावन पर्व पर तिरंगा फहराने वाले हम॥
देशभक्ति का सुंदर दर्पण है पाठ पढ़ाने वाले हम,
दर्शन और काव्य समन्वय की रेखा खींचने वाले हम।
सपनों के बाजार में उपलब्ध सहायता लाने वाले हम,
गणतंत्र दिवस के पावन पर्व पर तिरंगा फहराने वाले हम॥
ग्राम जीवन के गौरव में निखार लाने वाले हम,
अंधेरी से लोगों को प्रकाश में लाने वाले हम।
वेद शास्त्र का मानव जीवन में पाठ पढ़ाने वाले हम,
गणतंत्र दिवस के पावन पर्व पर तिरंगा फहराने वाले हम॥
घृणा और भय का वह बाजार मिटाने वाले हम,
लोक संस्कृति लोक भाषा को स्थापित करने वाले हम।
राष्ट्रीयता से भरा पूरा समाज बनाने वाले हम,
गणतंत्र दिवस के पावन पर्व पर तिरंगा फहराने वाले हम॥
नौजवानों को तरह-तरह का हुनर सिखाने वाले हम,
भेदभाव रहित समाज का निर्माण करने वाले हम।
दुनिया के लिए सुंदर वैज्ञानिक देने वाले हम,
गणतंत्र दिवस के पावन पर्व पर तिरंगा फहराने वाले हम॥
शांति और शक्ति का नया विधान लाने वाले हम,
सारी दुनिया को शांति का पाठ पढ़ाने वाले हम।
गणतंत्र दिवस और आजादी का तिरंगा लहराने वाले हम।
गणतंत्र दिवस के पावन पर्व पर तिरंगा फहराने वाले हम॥
गुलामी की मानसिकता वाले जंजीरों को तोड़ने वाले हम,
आजादी के लिए वीर मरने – मिटने वाले हम।
क्रांतिकारियों से भरा है भारत गणतंत्र मनाने वाले हम,
गणतंत्र दिवस के पावन पर्व पर तिरंगा लहराने वाले हम॥
राजनीति को खूंटी पर टांग कर संग्राम में कूदने वाले हम,
भगत आजाद का भारत देश कहीं ना झुकने वाले हम।
जाति धर्म से ऊपर उठकर समानता लाने वाले हम,
गणतंत्र दिवस के पावन पर्व पर तिरंगा फहराने वाले हम॥
दुनिया में सबसे ऊपर तिरंगा लहराने वाले हम,
गणतंत्र दिवस की शुभ बेला में वंदे मातरम कहने वाले हम।
सेना की अनुपम वीरता की गाथा गाने वाले हम,
गणतंत्र दिवस के पावन पर्व पर तिरंगा फहराने वाले हम॥
♦ सुखमंगल सिंह जी – अवध निवासी ♦
मेरे प्रिय पाठकों आपको सपरिवार गणतंत्र दिवस की शुभकामनाएं।-KMSRAJ51
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— Conclusion —
- “सुखमंगल सिंह जी“ ने, बहुत ही सरल शब्दों में सुंदर तरीके से इस कविता में समझाने की कोशिश की है — यह राष्ट्रीय पर्व हमें देश की एकता और गौरव को बनाये रखने की प्रेरणा देता है। हम सभी को संविधान के सभी नियमों का पालन करना चाहिए। 26 जनवरी 1950 को भारत का संविधान पूर्ण रूप से लागू हो गया था। भारत का संविधान विश्व का सबसे बड़ा लिखित संविधान है। 26 जनवरी के दिन ही भारत को गणराज्य का सर्वोत्तम दर्जा प्राप्त हुआ। 26 जनवरी के दिन दिल्ली में इंडिया गेट से राष्ट्रपति भवन तक परेड निकाली जाती है। जिस वतन ने हमें देशभक्ति, प्यार, मां का आंचल, समरसता, रंग रूप भेष भाषा सभी को मिलता मान दिया उस वतन पे हमें नाज है। जिस वतन का सबसे बड़ा संविधान लोकतंत्र जिसकी शान वो भारत देश महान वो भारत देश महान। वतन हमारी आन हमारा सम्मान है उस मां को हमारा सलाम वंदे मातरम् …वंदे मातरम् …वंदे मातरम्॥
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यह कविता (गणतंत्र दिवस।) “सुखमंगल सिंह जी” की रचना है। KMSRAJ51.COM — के पाठकों के लिए। आपकी कवितायें, व्यंग्य / लेख सरल शब्दो में दिल की गहराइयों तक उतर कर जीवन बदलने वाली होती है। मुझे पूर्ण विश्वास है आपकी कविताओं और लेख से जनमानस का कल्याण होगा। आपकी कविताओं और लेख से आने वाली पीढ़ी के दिलो दिमाग में हिंदी साहित्य के प्रति प्रेम बना रहेगा। आपकी लेखन क्रिया यूं ही चलती रहे, बाबा विश्वनाथ की कृपा से।
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“सफलता का सबसे बड़ा सूत्र”(KMSRAJ51)
सुख मंगल सिंह says
Param aadarniy sampadak mahoday ko aur unke pure parivar ko साथिया और देशवासियों को गणतंत्र दिवस के पावन पर्व पर हार्दिक शुभकामनाएं और बधाई।