Kmsraj51 की कलम से…..
Prakrti Niyanta | प्रकृति नियंता।
प्रकृति नियंता जग जीवों को,
प्राण वायु जीवन धन देता।
लेता नहीं किसी से कुछ भी,
दूषित वायु स्वयं पी लेता।
नदी – झील – झरना – वन – उपवन,
इनके कोमल अंग हैं प्यारे।
इनसे सृजन जलद का होता,
हारते प्यास धरा – जल – ढारे।
धरा – धाम के आभूषण ये,
‘मंगल’ मोद सदा भरते हैं।
समता के पोशाक हैं सारे,
भौतिक ताप सदा हरते हैं।
नीरव जननी में नभ – आंगन,
उद गण ज्योति जलाते रहते।
हरित गैस के कुप्रभाव से,
छिद्र ओजोन घटाते रहते।
शब्दार्थ: उद – उत्कर्ष, प्रकाश,
♦ सुख मंगल सिंह जी – अवध निवासी ♦
—————
— Conclusion —
- “सुख मंगल सिंह जी“ ने, बहुत ही सरल शब्दों में सुंदर तरीके से इस कविता में समझाने की कोशिश की है — प्रकृति सभी तरह के जीवों को अपनी गॉड में पलटा है, सदैव ही सभी को प्राण वायु जीवन धन देता। प्रकृति कभी भी कुछ लेता नहीं किसी से कुछ भी, दूषित वायु स्वयं पी लेता। नदी-झील, झरना, वन-उपवन ये इनके कोमल अंग हैं प्यारे। इनसे ही सृजन जल का होता है सभी की प्यास बुझती है। धरा के आभूषण ये सदैव ही ऊर्जा प्रकृति में भरते है, सभी जीवों के लिए। मानव ने जो आधुनिकता के नाम पर प्रकृति के साथ खिलवाड़ कर तापमान गर्म बना दिया है उसे भी प्रकृति काफी हद तक कम करती हैं। प्रकृति जननी है, सदैव ही प्रकाश व ऊर्जा से सभी जीवों का पोषण करती है। हरित गैस के कुप्रभाव से और छिद्र ओजोन घटाते रहते। इस प्रकृति का हम सबको ख्याल रखना है, तभी वर्तमान और आने वाली पीढ़िया रह पाएंगी इस धरा पर अच्छे से खुशहाल।
—————
यह कविता (प्रकृति नियंता।) “सुख मंगल सिंह जी” की रचना है। KMSRAJ51.COM — के पाठकों के लिए। आपकी कवितायें, व्यंग्य / लेख सरल शब्दो में दिल की गहराइयों तक उतर कर जीवन बदलने वाली होती है। मुझे पूर्ण विश्वास है आपकी कविताओं और लेख से जनमानस का कल्याण होगा। आपकी कविताओं और लेख से आने वाली पीढ़ी के दिलो दिमाग में हिंदी साहित्य के प्रति प्रेम बना रहेगा। आपकी लेखन क्रिया यूं ही चलती रहे, बाबा विश्वनाथ की कृपा से।
अपने विचार Comments कर जरूर बताये, और हमेशा नए Post को अपने ईमेल पर पाने के लिए – ईमेल सब्सक्राइब करें – It’s Free !!
ज़रूर पढ़ें — प्रातः उठ हरि हर को भज।
Please share your comments.
आप सभी का प्रिय दोस्त
©KMSRAJ51
———– © Best of Luck ®———–
Note:-
यदि आपके पास हिंदी या अंग्रेजी में कोई Article, Inspirational Story, Poetry, Quotes, Shayari Etc. या जानकारी है जो आप हमारे साथ Share करना चाहते हैं तो कृपया उसे अपनी फोटो के साथ E-mail करें. हमारी ID है: kmsraj51@hotmail.com पसंद आने पर हम उसे आपके नाम और फोटो के साथ यहाँ PUBLISH करेंगे. Thanks!!
“सफलता का सबसे बड़ा सूत्र”(KMSRAJ51)
____ अपने विचार Comments कर जरूर बताएं! ____
Leave a Reply