• Skip to main content
  • Skip to primary sidebar
  • Skip to footer
  • HOME
  • ABOUT
    • Authors Intro
  • QUOTES
  • POETRY
    • ग़ज़ल व शायरी
  • STORIES
  • निबंध व जीवनी
  • Health Tips
  • CAREER DEVELOPMENT
  • STUDENT PAGE
  • योग व ध्यान

KMSRAJ51-Always Positive Thinker

“तू ना हो निराश कभी मन से” – (KMSRAJ51, KMSRAJ, KMS)

Check out Namecheap’s best Promotions!

Domain & Hosting bundle deals!
You are here: Home / 2017-Kmsraj51 की कलम से….. / वर्तमान समय में एक शिक्षक की भूमिका।

वर्तमान समय में एक शिक्षक की भूमिका।

Kmsraj51 की कलम से…..

Table of Contents

  • Kmsraj51 की कलम से…..
    • ♦ वर्तमान समय में एक शिक्षक की भूमिका। ♦
      • आपका परिचय आप ही के शब्दों में:—
      • ग्रंथानुक्रमणिका —
    • Please share your comments.
    • आप सभी का प्रिय दोस्त
      • ———– © Best of Luck ® ———–
    • Note:-
      • “सफलता का सबसे बड़ा सूत्र”(KMSRAJ51)

♦ वर्तमान समय में एक शिक्षक की भूमिका। ♦

(विद्यार्थियों के संदर्भ में)

वर्तमान युग है आधुनिकता का, वैज्ञानिकता का, व्यस्तता का, अस्थिरता का, जल्दबाजी का। आज का विद्यार्थी जीवन भी इन्ही समस्याओं से ग्रसित है। आज का विद्यार्थी जीवन पहले की तरह सहज, शांत और धैर्यवान नहीं ही रह गया है। क्योंकि आगे बढ़ना और तेजी से बढ़ना उसकी नियति, मजबूरी बन गई है। वह इसलिए कि यदि वह ऐसा नहीं करेगा तो ज़िंदगी की दौड़ में वह पीछे रह जायगा। तो यह वक्त का तकाजा है। ऐसे समय में विद्यार्थी जीवन को एक सही, उचित, कल्याणकारी एवं दूरदर्शी दिशा निर्देश देना एक शिक्षक का पावन कर्तव्य है। वैसे तो शिक्षक की भूमिका सदैव ही अग्रगण्य रही है क्योंकि —

“राष्ट्र निर्माता है वह जो, सबसे बड़ा इंसान है, किसमें कितना ज्ञान है, बस इसको ही पहचान है”।

एक राष्ट्र को बनाने में एक शिक्षक का जितना सहयोग है, योगदान है, उतना शायद किसी और का हो ही नहीं सकता। क्योंकि एक राष्ट्र को उन्नति के चरम शिखर पर ले जाते हैं उसके राजनेता, डॉक्टर, इंजीनियर, उद्योगपति, लेखक, अभिनेता, खिलाड़ी आदि और परोक्ष रूप से इन सबको बनाने वाला कौन है ? एक शिक्षक।

वर्तमान समय में विद्यार्थियों के संदर्भ में एक शिक्षक की भूमिका और अधिक महत्वपूर्ण होती जा रही है। उसके अनेक कारण हो सकते हैं। जैसे आज-कल विद्यार्थी बहुत ही सजग, कुशल, अद्यतन (Updated) होने के साथ-साथ बहुत अस्थिर और अविश्वासी भी होते जा रहे हैं। इसके कारण चाहे जो कुछ भी हो परंतु एक शिक्षक को आज के ऐसे ही विद्यार्थियों को उचित प्रशिक्षण, सदुपयोगी शिक्षण और सटीक कल्याणकारी, दूरगामी मार्गदर्शन प्रदान करते हुए उन्हें भावी देश के कर्णधार, जिम्मेदार देशभक्त नागरिकों में परिणित करना है। एक शिक्षक की जिम्मेदारी बहुत अधिक होती है। क्योंकि उसे ना केवल बच्चों का बौद्धिक, नैतिक, मनोवैज्ञानिक ,शारीरिक विकास करना है अपितु सामाजिक, चारित्रिक, एवं सांवेगिक विकास करना भी आज शिक्षक का ही कर्तव्य है।

आज उसे अपने आदर्शों के द्वारा, अपने चरित्र के द्वारा बच्चों के मानस पटल पर अपनी ऐसी छाप छोड़नी पड़ेगी कि जिससे भविष्य में यह बच्चे जब —

गुरुर्ब्रह्मा गुरुर्विष्णुः गुरुर्देवो महेश्‍वरः।
गुरु साक्षात्‌ परब्रह्म तस्मै श्रीगुरुवे नमः॥

…का उच्चारण करें तो बंद आंखों के सामने हमारा चेहरा यानि एक शिक्षक का चेहरा उन्हें दिखाई दे। यह एक चुनौती भरा कार्य है। परंतु सच्चा शिक्षक वही है जिसे उसके विद्यार्थी जीवन भर अपना गुरु मानते रहें न कि सिर्फ विद्यालय प्रांगण के अंदर तक यह सीमा शेष रह जाए। ऐसा करने के लिए सबसे पहले एक शिक्षक को स्वयं को अनुशासित करते हुए चारित्रिक, नैतिक ,धार्मिक आदि गुणों का विकास करना होगा। क्योंकि इन सब के बिना हमारी आंतरिक भावनाओं का उदय नहीं हो सकता।

शिक्षक को अधिक से अधिक बच्चों के साथ इंटरेक्शन (Interaction) यानि वार्तालाप करना चाहिए ताकि उनके व्यक्तित्व पर यथासंभव अपना प्रभाव डाल सके। अपने अनुभव, अपनी शिक्षा, अपने प्रेम, समर्पण अपनी सृजन शक्ति, अपने त्याग, अपने धैर्य आदि का पूर्ण प्रदर्शन करते हुए बच्चों के भी अनुभव, उनके मूल विचार, उनकी भावनाओं आदि को जानने का प्रयास करें और यथासंभव उन्हें अभिप्रेरित करने का प्रयास करें। क्योंकि इन्ही सब विद्यार्थियों में से ही भविष्य में हमारे देश का नाम रोशन करने वाले कई नागरिक पैदा होंगे।

आदर्श शिक्षक का कार्य बहुत ही महत्वपूर्ण है। एक बात और कि जिस प्रकार शिक्षा एक अंतहीन प्रक्रिया है Education is an Endless Process. उसी प्रकार शिक्षण भी अंतहीन प्रक्रिया है।

ऐसा मैं मानती हूं। Teaching and Learning Both are Endless क्योंकि कोई भी इंसान जैसे पूरी जिंदगी सीखता रहता है, सिखाता रहता है। उसी प्रकार एक शिक्षक का कार्य भी शिक्षा देना है जो कि वह निरंतर देता रहता है। इसलिए उसे किसी विशेष प्रांगण (Campus) किसी विषय, किसी विशेष समय अंतराल, किसी विशेष सहायक सामग्री की आवश्यकता नहीं होती। यह मेरे मूल विचार हैं।

क्योंकि एक अध्यापक जब अध्यापकीय अहर्ताओं, योग्यताओं से पूर्ण हो जाता है, तब वह शिक्षा देना प्रारंभ करता है। मैं यहां यह पूछना चाहती हूं कि जिन शिक्षको को नौकरी नहीं मिल पाती तो क्या वह शिक्षा प्रदान नहीं करते? और जो शिक्षक रिटायर हो जाते हैं तो क्या वे रिटायरमेंट के बाद शिक्षा प्रदान नहीं करते? क्या वह कहते कि अब हम रिटायर हो चुके हैं अब हम शिक्षा प्रदान नहीं करेंगे, शिक्षण प्रदान नहीं करेंगे? ऐसा करने में हम सक्षम नहीं है।

नहीं, ऐसा कदापि नहीं है। इसके विपरीत एक शिक्षक तो बिना किसी मांग के, बिना कहे अपना सर्वस्व ज्ञान अनुभव में डुबोकर प्रदान करने के लिए सदैव समाज के सामने तत्पर रहता है। वास्तव में एक शिक्षक की वर्तमान संदर्भ में भूमिका यह है कि जो एक विद्यार्थी के लिए उचित हो, कल्याणकारी हो, दूरगामी हो, प्रायोगिक ( Practical) हो, धनोपार्जन में सहायक हो ऐसी शिक्षा को निरंतर प्रदान करते रहना।
अंत में मैं यही कहना चाहती हूँ कि विद्यार्थियों के सर्वांगीण विकास के लिए एक सजग, उदात्त चरित्र, धार्मिक नैतिकता परिपूर्ण शिक्षक की आवश्यकता है ताकि हमारी आने वाली पीढ़ी को हम ऐसे भारतीय नागरिक बनाने में सफल हो सकें जो विश्व में भारत का नाम रोशन कर सकें और पुनः भारत को ‘जगतगुरु’ की उपाधि प्राप्त करवा सके। हम सब की भी यही अभिलाषा है।

हमारा साहित्य समाज को न केवल ज्ञान, बोध और मूल्य प्रदान करता है अपितु एक चिंतन की दिशा भी प्रदान करता है ताकि हम सभी यथासंभव प्रयास कर सके जिससे कि भारतीय मूल्य, भारतीय सभ्यता एवम संस्कृति, भारतीय साहित्य का विश्व में सदैव उच्चस्थ स्थान बना रहे तथा भारत पुन: “जगदगुरु” (विश्वगुरु) की उपाधि ग्रहण करे वो भी अपने अक्षय साहित्य, विशुद्ध सभ्यता एवं अलौकिक संस्कृति के बल पर।

इन्ही शुभकामनाओं के साथ — शुभमस्तु।

ज़रूर पढ़ें — साहित्य समाज और संस्कृति।

♦ डॉ विदुषी शर्मा जी – नई दिल्ली ♦

—————

  • ” लेखिका डॉ विदुषी शर्मा जी“ ने अपने इस लेख से, बहुत ही सरल शब्दों में सुंदर तरीके से बखूबी समझाने की कोशिश की है — आज के समय में शिक्षक का क्या कर्तव्य होना चाहिए? उन्हें बच्चों के साथ कैसे व्यवहार करना चाहिए, जिससे बच्चों को बुरा भी ना लगे और अच्छे से पढ़े।

—————

यह लेख (वर्तमान समय में एक शिक्षक की भूमिका।) “डॉ विदुषी शर्मा जी” की रचना है। KMSRAJ51.COM — के पाठकों के लिए। आपकी लेख / कवितायें सरल शब्दो में दिल की गहराइयों तक उतर कर जीवन बदलने वाली होती है। मुझे पूर्ण विश्वास है आपकी कविताओं और लेख से जनमानस का कल्याण होगा। आपकी लेखन क्रिया यूं ही चलती रहे।

आपका परिचय आप ही के शब्दों में:—

मेरा नाम डॉ विदुषी शर्मा, (वर्ल्ड रिकॉर्ड होल्डर) है। अकादमिक काउंसलर, IGNOU OSD (Officer on Special Duty), NIOS (National Institute of Open Schooling) विशेषज्ञ, केंद्रीय हिंदी निदेशालय, उच्चतर शिक्षा विभाग, शिक्षा मंत्रालय, भारत सरकार।

ग्रंथानुक्रमणिका —

  1. डॉ राधेश्याम द्विवेदी — भारतीय संस्कृति।
  2. प्राचीन भारत की सभ्यता और संस्कृति — दामोदर धर्मानंद कोसांबी।
  3. आधुनिक भारत — सुमित सरकार।
  4. प्राचीन भारत — प्रशांत गौरव।
  5. प्राचीन भारत — राधा कुमुद मुखर्जी।
  6. सभ्यता, संस्कृति, विज्ञान और आध्यात्मिक प्रगति — श्री आनंदमूर्ति।
  7. भारतीय मूल्य एवं सभ्यता तथा संस्कृति — स्वामी अवधेशानंद गिरी (प्रवचन)।
  8. नवभारत टाइम्स — स्पीकिंग ट्री।
  9. इंटरनेट साइट्स।

अपने विचार Comments कर जरूर बताये, और हमेशा नए Post को अपने ईमेल पर पाने के लिए – ईमेल सब्सक्राइब करें – It’s Free !!

Please share your comments.

आप सभी का प्रिय दोस्त

©KMSRAJ51

जैसे शरीर के लिए भोजन जरूरी है वैसे ही मस्तिष्क के लिए भी सकारात्मक ज्ञान और ध्यान रुपी भोजन जरूरी हैं।-KMSRAj51

———– © Best of Luck ® ———–

Note:-

यदि आपके पास हिंदी या अंग्रेजी में कोई Article, Inspirational Story, Poetry या जानकारी है जो आप हमारे साथ share करना चाहते हैं तो कृपया उसे अपनी फोटो के साथ E-mail करें. हमारी ID है: kmsraj51@hotmail.com. पसंद आने पर हम उसे आपके नाम और फोटो के साथ यहाँ PUBLISH करेंगे. Thanks!!

cymt-kmsraj51

“सफलता का सबसे बड़ा सूत्र”(KMSRAJ51)

“स्वयं से वार्तालाप(बातचीत) करके जीवन में आश्चर्यजनक परिवर्तन लाया जा सकता है। ऐसा करके आप अपने भीतर छिपी बुराईयाें(Weakness) काे पहचानते है, और स्वयं काे अच्छा बनने के लिए प्रोत्साहित करते हैं।”

 

“अगर अपने कार्य से आप स्वयं संतुष्ट हैं, ताे फिर अन्य लोग क्या कहते हैं उसकी परवाह ना करें।”~KMSRAj51

 

 

 

____Copyright ©Kmsraj51.com  All Rights Reserved.____

Share this:

  • Twitter
  • Facebook
  • LinkedIn
  • Pinterest
  • WhatsApp
  • Skype
  • Tumblr
  • Telegram
  • Reddit

Related

Filed Under: 2017-Kmsraj51 की कलम से….., हिन्दी साहित्य Tagged With: Author Vidushi Sharma, poet vidushi sharma, teachers day essay in hindi, teachers day speech in hindi, आधुनिक युग में शिक्षक की भूमिका, छात्र और शिक्षक पर निबंध, बच्चों के विकास में शिक्षक की भूमिका, राष्ट्र के निर्माण में शिक्षक की भूमिका, वर्तमान शैक्षिक परिदृश्य में शिक्षकों की उभरती हुई भूमिका क्या है, विदुषी शर्मा जी, विद्यालय प्रबंधन में शिक्षक की भूमिका, शिक्षक की भूमिका पर निबंध, शिक्षक दिवस, शिक्षक दिवस पर निबंध, शिक्षक दिवस पर निबंध हिंदी में, शिक्षक पर निबंध in Hindi, शिक्षक पर निबंध हिंदी में, समाज में शिक्षक की भूमिका पर निबंध, हमारे जीवन में शिक्षक का महत्व निबंध

Domains + Hosting + Security

Reader Interactions

Comments

  1. Manjubala says

    March 11, 2022 at 7:27 pm

    Very inspiring

    Reply
    • kmsraj51 says

      March 11, 2022 at 7:50 pm

      Tahedilse Thanks for your comments, most welcome at kmsraj51.com

      Reply

Leave a Reply Cancel reply

Primary Sidebar

Recent Posts

  • बहारों के दिन आ गये।
  • बुद्ध एक नाम नहीं भाव है।
  • माँ की जय हो।
  • अन्तर ज्वाला धधक रही है।
  • चेस्ट नंबर 13 हाजिर हो।
  • शिवलिंग को गुप्तांग की संज्ञा कैसे दी गई?
  • दीक्षा बिना अधूरी शिक्षा।
  • माँ मेरी प्यारी माँ।
  • उसका आशियाना।
  • गर्मी की छुट्टी।
  • सुन ले पुकार चलो शिक्षा के द्वार।
  • आओ मिलकर चलें स्कूल।
  • क्या निजीकरण का विरोध जायज है?
  • बस भी करो अब।
  • किताब।
  • जिंदगी अगर किताब होती।
  • काशी में देव विग्रह का वीडियोग्राफी।

KMSRAJ51: Motivational Speaker

https://www.youtube.com/watch?v=0XYeLGPGmII

BEST OF KMSRAJ51.COM

बहारों के दिन आ गये।

बुद्ध एक नाम नहीं भाव है।

माँ की जय हो।

अन्तर ज्वाला धधक रही है।

चेस्ट नंबर 13 हाजिर हो।

शिवलिंग को गुप्तांग की संज्ञा कैसे दी गई?

दीक्षा बिना अधूरी शिक्षा।

माँ मेरी प्यारी माँ।

उसका आशियाना।

गर्मी की छुट्टी।

सुन ले पुकार चलो शिक्षा के द्वार।

Audiobooks Now

AudiobooksNow - Digital Audiobooks for Less

Affiliate Marketing Network

HD – Camera

Free Domain Privacy

Footer

Protected by Copyscape

KMSRAJ51

DMCA.com Protection Status

Copyright © 2013 - 2022 KMSRAJ51.COM - All Rights Reserved. KMSRAJ51® is a registered trademark.