Kmsraj51 की कलम से…..
♦ सबसे बड़ा रोग – क्या कहेंगे लोग। ♦
यह दुनिया का सबसे बड़ा रोग है, “क्या कहेंगे लोग।” अगर आप भी यह सोच (क्या कहेंगे लोग) कर कोई कार्य करने से रूक जाते है तो – आपको अपने जीवन में कभी भी सुख और शांति नही मिलेगी । आप बस उसी Comfort Zone में चक्कर काटते रह जायेंगे। आपका पूरा जीवन ऐसे ही बीत जायेगा। फिर अंतिम समय में पता चलेगा की कोई कुछ सोच ही नही रहा था। बस एक डर था मन के किसी कोने में, जो आपको कोई भी आपका मन पसंद कार्य करने से सदैव रोकता था।
आज संसार में जितने भी महान लोग हुए है या जितने भी महान कार्य हुए है। वह सभी कार्य इस सोच (सबसे बड़ा रोग – क्या कहेंगे लोग) के दायरे से बाहर निकल कर कार्य करने से ही हुआ है। अगर वह भी यह सोच कर रूक जाते की “क्या कहेंगे लोग”, ना ही वह महान होते, ना ही कोई महान कार्य होता। जिस कार्य को ओ दिल से पसंद करते थे, उन्होंने वही कार्य किया और सफल हुए।
आपको भी डरने की जरूरत नहीं है, यह सोच कर की क्या कहेंगे लोग। आप वही कार्य करे, जो आप दिल से करना चाहते है। अपने पैशन को कभी भी ना मारे। वर्ना पूरा जीवन खाने-पीने में ही बीत जायेगा। फिर अंतिम समय में यही सोच कर पछतायेंगे की, कोई कुछ सोच ही नहीं रहा था।
ये समाज कभी न छोड़े आपको। आप कुछ भी करने की सोचते है, बहुत सारे लोग आपको यही कहेंगे की तुमसे ये कार्य नही हो पायेगा, तुम नही कर पाओगे। तुम्हे इस कार्य का कोई भी अनुभव नहीं है। तुम अभी बच्चे हो, तुम्हें समझ नहीं है। ये मत करो, वो मत करो। क्या है यह सब। आप सभी को इस सोच के दायरे से बाहर निकलना ही होगा।
“ना ही आपको रूकना है, ना ही कार्य को बीच में छोड़ना है।
बस नियमित रूप से यूं ही चलते रहना है अर्थात – कार्य करते रहना है।
आपके द्वारा किया गया थोड़ा-थोड़ा नियमित कार्य आपको सफलता तक जरूर पहुंचाता है।“
यह समाज के लोग ऐसे ही है, जब भी आप कुछ नया करने की सोचते है ये आपको रोकने लगते है। वह कभी नहीं चाहते की आप उनसे आगे निकल जाये जीवन में। आपकी तरक्की से उन्हें जलन होती है। इसलिए सभी आपकी टांग खींचते रहते है। यह टांग खींचना तब तक नहीं बंद होता है, जब तक आप अपने उस हटकर किये गए कार्य के शिखर पर नहीं पहुंच जाते।
- जब आप शिखर पर पहुंच जाते है, तब सभी की राय बदल जाती है।
- जो आपका टांग खींचते थे, अब वही आपका बहबाई करते नहीं थकते।
- वही कहने लगते है, मैं तो जानता था यह सफल जरूर होगा।
- इसमें इस हद तक जूनून है की इसको सफल होना ही था।
“जब इंसान इतिहास रचता है तब वह बिलकुल अकेला होता है।
जब उसे सफलता मिल जाती है तो पूरी दुनिया उसके साथ होती है।
सफलता मिलने के बाद ही लोग उसके साथ होते है।“
इसलिए दुनिया के लोग क्या कहते है इस बात की कभी भी परवाह न करते हुए वही कार्य करे।
- जिसमे आप माहीर है।
- जिस कार्य को आप दिल से करना चाहते है।
- जिस कार्य को करने से आप कभी थकते नहीं।
- दिन हो, या रात हो, आप कभी रूकते नहीं।
- शुरुआत में जिस कार्य को करने के पैसे भी न मिले, तो भी आप करने के लिए तैयार हो।
- आपको बहुत ज्यादा नींद भी आ रही हो, तो भी करने के लिए तैयार हो।
याद रखें – आप वही कार्य करें, जो आप दिल से करना चाहते है। यह सोचकर कभी भी न रुके की – क्या कहेंगे लोग। आपको इस सोच से बाहर निकलना ही होगा। जब तक आप इस सोच (सबसे बड़ा रोग – क्या कहेंगे लोग) से बाहर निकल कर कार्य नहीं करेंगे तब तक आप कभी भी जीवन में सफल नहीं होंगे। आपको हर हाल में इस सोच से बाहर निकल कर कार्य करना ही होगा-तभी आप वह सबकुछ प्राप्त कर पाएंगे। अपने जीवन में जिसकी आपने लम्बे वक्त से कामना की थी। जिसके लिए दिन रात एक कर मेहनत किया था। मुझे पूर्ण विश्वास है कि आपको सफलता तक पहुंचाने में ये आर्टिकल जरूर मदद करेगी।
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“सफलता का सबसे बड़ा सूत्र”(KMSRAJ51)
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