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समझो बरसात लगी है आने।

Kmsraj51 की कलम से…..

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    • Samjho Barasat Lagi Hai Aane | समझो बरसात लगी है आने।
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Samjho Barasat Lagi Hai Aane | समझो बरसात लगी है आने।

चहुं ओर जब बादल लगे छाने
रिमझिम वर्षा की बौछार लगी जब आने
तो समझो बरसात लगी है आने।

अंबर धरती को लगे जब छूने
आसमानी बिजली भी लगे चमचमाने
तो समझो बरसात लगी है आने।

खड नालों में जब पानी लगे आने
बाढ़ और भूस्खलन का डर लगे सताने
तो समझो बरसात लगी है आने।

मेंढक लगे जब टर्टराने
मोर भी जब नाच लगे दिखाने
तो समझो बरसात लगी है आने।

कीट पतंगें घर की रोशनी की ओर जब लगे आने
जुगनू भी रात को अपनी जगमगाहट लगे दिखाने
तो समझो बरसात लगी है आने।

आमों को चूसने का मजा जब लगे आने
जामुन भी पकने को जब लगे आने
तो समझो बरसात लगी है आने।

मक्की की फसल खेतों में लगे लहराने
धान भी खेतों में जब लगे लगाने
तो समझो बरसात लगी है आने।

♦ विनोद वर्मा जी / (मझियाठ बलदवाड़ा) जिला – मंडी – हिमाचल प्रदेश ♦

—————

  • “विनोद वर्मा जी“ ने, बहुत ही सरल शब्दों में सुंदर तरीके से इस कविता के माध्यम से समझाने की कोशिश की है — यह कविता बरसात के आगमन के सुंदर प्राकृतिक संकेतों का वर्णन करती है। जब आसमान में बादल छा जाते हैं, बिजली चमकने लगती है और रिमझिम फुहारें गिरती हैं — तब समझ लेना चाहिए कि बरसात आने वाली है। कविता में मेंढकों की टर्राहट, मोरों का नाच, कीट-पतंगों और जुगनुओं की सक्रियता, आम और जामुन का पकना — ये सभी प्रकृति द्वारा दिए गए मानसून के संकेत हैं। साथ ही मक्की की लहलहाती फसल और धान की रोपाई की तैयारी भी इसी ओर इशारा करती है कि वर्षा ऋतु का स्वागत हो चुका है। कुल मिलाकर, यह कविता प्रकृति के बदलते रंगों और जीवन में लाए उल्लास को दर्शाती है, जो बरसात के मौसम के आगमन से जुड़ा है।

—————

यह कविता (समझो बरसात लगी है आने।) “विनोद वर्मा जी” की रचना है। KMSRAJ51.COM — के पाठकों के लिए। आपकी लेख/कवितायें सरल शब्दों में दिल की गहराइयों तक उतर कर जीवन बदलने वाली होती है। मुझे पूर्ण विश्वास है आपकी कविताओं और लेख से जनमानस का कल्याण होगा। आपकी लेखन क्रिया यूं ही चलती रहे।

आपका परिचय आप ही के शब्दों में:—

मेरा नाम विनोद कुमार है, रचनाकार के रुप में विनोद वर्मा। माता का नाम श्री मती सत्या देवी और पिता का नाम श्री माघु राम है। पत्नी श्री मती प्रवीना कुमारी, बेटे सुशांत वर्मा, आयुष वर्मा। शिक्षा – बी. एस. सी., बी.एड., एम.काम., व्यवसाय – प्राध्यापक वाणिज्य, लेखन भाषाएँ – हिंदी, पहाड़ी तथा अंग्रेजी। लिखित रचनाएँ – कविता 20, लेख 08, पदभार – सहायक सचिव हिमाचल प्रदेश स्कूल प्रवक्ता संघ मंडी हिमाचल प्रदेश।

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“स्वयं से वार्तालाप(बातचीत) करके जीवन में आश्चर्यजनक परिवर्तन लाया जा सकता है। ऐसा करके आप अपने भीतर छिपी बुराईयाें(Weakness) काे पहचानते है, और स्वयं काे अच्छा बनने के लिए प्रोत्साहित करते हैं।”

 

“अगर अपने कार्य से आप स्वयं संतुष्ट हैं, ताे फिर अन्य लोग क्या कहते हैं उसकी परवाह ना करें।”~KMSRAj51

 

 

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