Kmsraj51 की कलम से…..
Sangharsh Hai Kahani Har Jeevan Ki | संघर्ष है कहानी हर जीवन की।
Struggle is The Story of Every Life
ऊंचे शिखर से निकली नदियां,
कहां सागर से पहले रुकती हैं?
लाख दीवारों से रोके चाहे कोई,
वे डैम फांदती हैं न कि झुकती हैं।
कौन बनाता है कहां राहें कब उनको?
वे खुद ही अपनी राहें नित बनाती हैं।
कहीं चलती हैं सीधी धारा सी मैदानों में ,
कहीं पहाड़ों में टकरा कर बलखाती हैं।
सीधी चलना नदी की सरलता है होती,
बलखाना जीवन संघर्षों से टकराना है।
नदी का स्वभाव है हमेशा आगे बढ़ना,
रोकने में लगा रहता सदा ही जमाना है।
हो मंजिल कितनी अनजान या दूर,
वे बेपरवाह हो, अपना जल बहाती हैं।
लेती कहां है विश्राम वे राह में तब तक ?
जब तक वे प्रिय सागर में न मिल जाती है।
मंजिल को पाने की हो होड़ नदी सी तो,
सफलता क्यों किसी के कदम न चूमेगी?
हो सूरज सी नियमावली गर जीवन में तो,
दुनियां फिर उसके चारों ओर क्यों न घूमेंगी?
झुकती नहीं है दुनियां आज, कौन कहता है?
झुकती है पर इसको झुकाने वाला चाहिए।
समझती नहीं है दुनियां आज, कौन कहता है?
समझती है पर इसको समझाने वाला चाहिए।
ज्यों सागर में मिलकर विलीन है वे होती,
त्यूं जीवन अन्त में परम में मिल जाता है।
संघर्ष है कहानी हर जीवन की इस जग में,
खुशी का फुल संघर्ष धर्म में खिल जाता है।
♦ हेमराज ठाकुर जी – जिला – मण्डी, हिमाचल प्रदेश ♦
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- “हेमराज ठाकुर जी“ ने, बहुत ही सरल शब्दों में सुंदर तरीके से इस कविता के माध्यम से समझाने की कोशिश की है — यह कविता नदी के प्रतीक के माध्यम से जीवन के संघर्ष, आत्मविश्वास और निरंतर आगे बढ़ने की प्रेरणा देती है। इसमें बताया गया है कि जैसे ऊँचे शिखरों से निकलने वाली नदियाँ कभी अपनी मंजिल (सागर) से पहले नहीं रुकतीं, वैसे ही मनुष्य को भी बाधाओं से डरना नहीं चाहिए। चाहे रास्ते में कितनी भी दीवारें हों, संघर्ष से जूझते हुए आगे बढ़ते रहना ही जीवन का सार है। नदी कभी सीधे रास्ते पर बहती है तो कभी पहाड़ों से टकराकर बल खाती है, जो दर्शाता है कि जीवन में कभी सरलता होती है तो कभी कठिनाइयाँ आती हैं। लेकिन नदी का स्वभाव है निरंतर बहते रहना, और यह हमें सिखाता है कि लक्ष्य की प्राप्ति तक कभी रुकना नहीं चाहिए। कविता यह भी कहती है कि दुनिया को झुकाने या समझाने के लिए पहले खुद में दृढ़ता और नेतृत्व होना चाहिए। यदि हमारे जीवन में नियम सूर्य जैसे हों और मंजिल को पाने की ललक नदी जैसी हो, तो सफलता हमारे कदम जरूर चूमेगी। अंत में, जैसे नदी सागर में विलीन हो जाती है, वैसे ही मनुष्य का जीवन अंततः परम तत्व (ईश्वर) में विलीन हो जाता है। जीवन एक संघर्ष है, लेकिन इस संघर्ष में ही सच्ची खुशी और सफलता का फूल खिलता है।
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यह कविता (संघर्ष है कहानी हर जीवन की।) “हेमराज ठाकुर जी“ की रचना है। KMSRAJ51.COM — के पाठकों के लिए। आपकी कवितायें/लेख सरल शब्दों में दिल की गहराइयों तक उतर कर जीवन बदलने वाली होती है। मुझे पूर्ण विश्वास है आपकी कविताओं और लेख से जनमानस का कल्याण होगा।
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