Kmsraj51 की कलम से…..
♦ शिक्षा पुनर्विहान। ♦
जन मानस ह्रदय परम निर्भीक हो,
दृष्टि गुणदर्शी मस्तक गर्वोन्नत हो।
मन-वचन-कर्म में एकत्व दरश हो,
वाणी निःशंक हो, हृदय – तल की।
गहराई का सन्मार्ग स्वतः प्रशस्त हो,
संकीर्ण राष्ट्रवादी विचार, नफरत करे।
पर – धर्म से, देखे वह सूर्यास्त,
माल्यार्पण हो, विश्व-स्तर विचार को।
शिक्षा में समदृष्टि हो, हर छात्र हो उपदिष्ट,
गुरुवाणी के सब पात्र हों…
तर्कशक्ति जन-संवेदना नहीं पथभ्रष्ट हो,
अंधविश्वास – रूढ़ि न भटके मरुस्थल में।
न जाति – धर्म-वर्ग भेद हो, शिक्षा-वलय में,
मानव – मूल्य ही जहाँ पूज्य ईश – मूर्ति हो।
गुणवती हो शिक्षा, न शिष्य – पलायन हो,
सर्व – शिक्षित भारत के चरण सदा थिरकें,
चिर-जागृत पुनर्विहान दृश्य भारती निरखें।
♦ प्रो• मीरा भारती जी – पुणे, महाराष्ट्र ♦
—————
- “प्रो• मीरा भारती जी“ ने, बहुत ही सरल शब्दों में सुंदर तरीके से इस कविता के माध्यम से बताने की कोशिश की है — बच्चे और युवा किसी भी देश के नीव होते है, उन्हीं के कंधों पर देश का भविष्य निर्भर होता है। बच्चों में अपने देश के प्रति सच्चा राष्ट्र प्रेम होना चाहिए। हर बच्चे के लिए देश हित सर्वोपरि होना चाहिए। ज्ञान, ध्यान, योग, भारतीय संस्कृति, संस्कार व सभ्यता उनमें कूट-कूट कर भरा होना चाहिए। ऐसे बच्चे ही किसी भी देश को ऊंचाइयों पर ले जाते हैं। आज की पीढ़ी और आने वाली पीढ़ी को पूर्ण मन व विचार शक्ति से ऊर्जावान बनाये। आओ हम सब मिलकर एक मजबूत और सर्वसम्पन्न भारत का निर्माण करें।
—————
यह कविता (शिक्षा पुनर्विहान।) “प्रो• मीरा भारती जी” की रचना है। KMSRAJ51.COM — के पाठकों के लिए। आपकी कवितायें सरल शब्दो में दिल की गहराइयों तक उतर कर जीवन बदलने वाली होती है। मुझे पूर्ण विश्वास है आपकी कविताओं और लेख से जनमानस का कल्याण होगा। आपकी कविताओं से नई पीढ़ी को बहुत कुछ सीखने को मिलेगा। आपकी लेखन क्रिया यूं ही चलती रहे।
आपका परिचय आप ही के शब्दों में:—
मेरा नाम मीरा भारती (मीरा मिश्रा/भारती) है। मैंने BRABU Muzaffarpur, Bihar, R.S College में प्राध्यापिका के रूप में 1979 से 2020 तक सक्रिय चिंतन और मनन, अध्यापन कार्य किया, आनलाइन शिक्षण कार्यक्रम से वर्तमान में भी जुड़ी हूं, मेरे द्वारा प्रशिक्षित बच्चे लेखनी का सुंदर उपयोग किया करते हैं। मैंने लगभग 130 कविताएं लिखी है, जिसमें अधिक प्रकाशित हैं, कई आलेख भी, लिखे हैं। दृढ़ संकल्प है, कि लेखन और अध्यापन से, अध्ययन के सामूहिक विस्तारण से समाज कल्याण – कार्य के कर्तृत्व बोध में वृद्धि हो सकती है। अधिक सकारात्मक परिणाम आ सकते हैं।
अपने विचार Comments कर जरूर बताये, और हमेशा नए Post को अपने ईमेल पर पाने के लिए – ईमेल सब्सक्राइब करें – It’s Free !!
Please share your comments.
आप सभी का प्रिय दोस्त
©KMSRAJ51
———– © Best of Luck ® ———–
Note:-
यदि आपके पास हिंदी या अंग्रेजी में कोई Article, Inspirational Story, Poetry या जानकारी है जो आप हमारे साथ Share करना चाहते हैं तो कृपया उसे अपनी फोटो के साथ E-mail करें. हमारी ID है: kmsraj51@hotmail.com पसंद आने पर हम उसे आपके नाम और फोटो के साथ यहाँ PUBLISH करेंगे. Thanks!!
“सफलता का सबसे बड़ा सूत्र”(KMSRAJ51)
Leave a Reply