Kmsraj51 की कलम से…..
♦ सूर्य देव! आओ तुम्हारा स्वागत है। ♦
हाथ जोड़ नमस्कार कर तेरा स्वागत करते है हम।
हे देव! तेरे दर्शनों के बिना सब आँखें हो गयी थी नम॥
हे सूर्य देव! लगभग एक महीने में दर्शन दिए हैं तुमने।
अपनी प्रकाश भरी किरणों से सराबोर किये तुमने॥
नमन तुझकों बारम्बार तुम्हारी बहुत बाट निहारी हमने।
दर्शन देकर ठंड से ठिठुरती हर जिंदगी सँवारी तुमने॥
इस बर्फीले मौसम में हर इंसान का खून भी जम सा गया था।
जरूरी कार्यों को करने का दौर भी थम सा गया था॥
तेरी रोशनी बिखराती किरणों ने उजियारा भर दिया।
जन-जन के दिलों के अंदर ऊर्जा का संचार कर दिया॥
छंट गया अब सब अंधकार धुंध, कोहरे, बरसात का।
ये सब चमत्कार है तेरे आने की करामात का॥
पचहत्तर करोड़ लोगों ने भी तुझें एक साथ नमस्कार किया।
नमन को स्वीकार कर तूनें अपनी रहमत को बरसा ही दिया॥
जो गुहार लगाई थी हर दिल ने तेरे आने की।
धन्य किया तुमने कृपा की जो धूप बरसाने की॥
हे सूर्य देव! हर अंधेरे को हरने वाली तेरी प्रकाशित किरणों को कोटिशः नमन मेरा।
अपने दर्शन देकर कर दिया तूनें हर घर – आँगन सुखों का सवेरा॥
♦ सुशीला देवी जी – करनाल, हरियाणा ♦
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- “श्रीमती सुशीला देवी जी“ ने, बहुत ही सरल शब्दों में सुंदर तरीके से इस कविता के माध्यम से समझाने की कोशिश की है — आधा से ज्यादा भारत में सर्द मौसम का कहर और उसके ऊपर बारिश का कहर और तो और सूर्य देव का यूँ लुकाछुपी, अचानक से मौसम में सर्द-गर्म होने की वजह से लोगों में ठिठुरन के साथ-साथ स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं सर्दी – जुकाम, बुखार का होना। सर्दी से ठिठुरन के कारण जरूरी कार्यों को भी समय से न कर पाना। इस तरह की और भी बहुत सारी समस्याएं थी, लेकिन अभी “तेरी रोशनी बिखराती किरणों ने उजियारा भर दिया। जन-जन के दिलों के अंदर ऊर्जा का संचार कर दिया। छंट गया अब सब अंधकार धुंध, कोहरे, बरसात का। ये सब चमत्कार है तेरे आने की करामात का।” पचहत्तर करोड़ लोगों ने भी तुझें एक साथ नमस्कार किया। नमन को स्वीकार कर तूनें अपनी रहमत को बरसा ही दिया।
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यह कविता (सूर्य देव! आओ तुम्हारा स्वागत है।) “श्रीमती सुशीला देवी जी” की रचना है। KMSRAJ51.COM — के पाठकों के लिए। आपकी कवितायें सरल शब्दो में दिल की गहराइयों तक उतर कर जीवन बदलने वाली होती है। मुझे पूर्ण विश्वास है आपकी कविताओं और लेख से जनमानस का कल्याण होगा। आपकी लेखन क्रिया यूं ही चलती रहे।
आपका परिचय आप ही के शब्दों में:—
मेरा नाम श्रीमती सुशीला देवी है। मैं राजकीय प्राथमिक पाठशाला, ब्लॉक – घरौंडा, जिला – करनाल, में J.B.T.tr. के पद पर कार्यरत हूँ। मैं “विश्व कविता पाठ“ के पटल की सदस्य हूँ। मेरी कुछ रचनाओं ने टीम मंथन गुजरात के पटल पर भी स्थान पाया है। मेरी रचनाओं में प्रकृति, माँ अम्बे, दिल की पुकार, हिंदी दिवस, वो पुराने दिन, डिजिटल जमाना, नारी, वक्त, नया जमाना, मित्रता दिवस, सोच रे मानव, इन सभी की झलक है।
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“सफलता का सबसे बड़ा सूत्र”(KMSRAJ51)
The best poem.. Sun.. And sun light..
सुशीला जी द्वारा लिखित बहुत सुंदर एवम सरल अभिवायक्ति है। मैं भी अपनी कुछ रचनाएं यहां प्रेषित करना चाहती हूं
Dr kusum dogra
Pathankot Punjab
kusamdogra57@gmail.com
londonkidzee06@gmail.com
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