Kmsraj51 की कलम से…..
Apni Anjuri Mein Bhar Bhar | अपनी अंजुरी में भर-भर।
तीतर के झुंड पर,
फेंकना न कोई पत्थर।
प्रीति का सन्देश भेजा।
हर गली हर गाँव को।
धुप उतरी हो कड़ी तो,
कोशिशों से छाँव दो।
कल ये नव गीत मुखर हो,
हर चौकट आँगन में घर-घर।
तीतरों के झुंड पर,
धैर्य और साहस के बूते।
हर विपत्ति को दूर भगायें,
हो उल्लास भरा मन प्रतिपल।
आलस्य फटकने कभी न पाये।
सब को खातिर खुशियां बाटें,
हम अपनी अंजुरी में भर-भर।
♦ सुख मंगल सिंह जी – अवध निवासी ♦
—————
— Conclusion —
- “सुख मंगल सिंह जी“ ने, बहुत ही सरल शब्दों में सुंदर तरीके से इस कविता में समझाने की कोशिश की है — प्रआलस्य कभी भी आप पर सवार ना हो, सदैव अच्छे कर्म करते रहे अपने जीवन में। सभी जीवों से प्रेम करें, इस धरा व प्रकृति पर सभी जीवों का बराबर का हक़ है, उन्हें भी सुकून से जीने दे। सभी से निस्वार्थ प्रेम व स्नेह बनाये रखे, किसी के भी प्रति मन में बैर ना पाले। सदैव ही अपने कर्म व बोल से खुशिया बांटते चलो।
—————
यह कविता (अपनी अंजुरी में भर-भर।) “सुख मंगल सिंह जी” की रचना है। KMSRAJ51.COM — के पाठकों के लिए। आपकी कवितायें, व्यंग्य / लेख सरल शब्दो में दिल की गहराइयों तक उतर कर जीवन बदलने वाली होती है। मुझे पूर्ण विश्वास है आपकी कविताओं और लेख से जनमानस का कल्याण होगा। आपकी कविताओं और लेख से आने वाली पीढ़ी के दिलो दिमाग में हिंदी साहित्य के प्रति प्रेम बना रहेगा। आपकी लेखन क्रिया यूं ही चलती रहे, बाबा विश्वनाथ की कृपा से।
अपने विचार Comments कर जरूर बताये, और हमेशा नए Post को अपने ईमेल पर पाने के लिए – ईमेल सब्सक्राइब करें – It’s Free !!
ज़रूर पढ़ें — प्रातः उठ हरि हर को भज।
Please share your comments.
आप सभी का प्रिय दोस्त
©KMSRAJ51
———– © Best of Luck ®———–
Note:-
यदि आपके पास हिंदी या अंग्रेजी में कोई Article, Inspirational Story, Poetry, Quotes, Shayari Etc. या जानकारी है जो आप हमारे साथ Share करना चाहते हैं तो कृपया उसे अपनी फोटो के साथ E-mail करें. हमारी ID है: kmsraj51@hotmail.com पसंद आने पर हम उसे आपके नाम और फोटो के साथ यहाँ PUBLISH करेंगे. Thanks!!
“सफलता का सबसे बड़ा सूत्र”(KMSRAJ51)
____ अपने विचार Comments कर जरूर बताएं! ____