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आँसू शायरी

मत बहाओ आँसू।

Kmsraj51 की कलम से…..

♦ मत बहाओ आँसू। ♦

मत बहाओ आँसुओं को बेवजह तुम,
मैं तुम्हारे पीर को नव रूप दूँगा।
देश की मिट्टी को है इसकी जरूरत,
रात का जुगनू, सुबह की धूप दूँगा।

दुनियां को अक्षय धन-दौलत दूँगा मैं,
कमजोर कलम को ऐसे ताकत दूँगा मैं।
वेदना को व्यथा को साँसों में भरकर,
खारेपन को ममतामयी सूरत दूँगा मैं।
दुनियां जलेगी जलती रहे अपनी बला से,
हर हाल में हारेंगे तेरी करूणा, कला से।
सियासतदानों, ठेकेदारों, चौधरियों को,
टूटा हुआ आईना संग चेहरा विद्रूप दूंगा।
मत बहाओ…..

दूब को छाले से तेरे इश्क हो जाये,
ओस की बूँदें तुम्हारे चरण धो जाये।
फटी बिवाई की सिसकती राग सुन,
पंखुड़ियां गुलाब की भी रो-रो जाये।
हथेलियों की घिस चुकी हिना को मैं,
रेखाओं को मिटाती नर्म पसीना को मैं।
शब्दों की सम्मान की मय चाशनी में,
डुबोकर जहान को नया स्वरूप दूँगा।
मत बहाओ…..

आँसू वही जो क्रांति की शुरूआत दे,
कलम को शमशीर कर रक्तिम दवात दे।
मौन को मुखरित करे विस्तार दे अनंत,
शोषितों को वंचितों को कर्जमुक्त प्रभात दे।
सड़ी-गली कुरीतियों को परंपराओं को,
नया लिवास दूँगा कर्तव्य, मान्यताओं को।
अर्द्धांगिनी को सर्वांगिनी का हक दिलाकर,
सामाजिकता को सुखद प्रारूप दूँगा।
मत बहाओ…..

♦ शैलेश कुमार मिश्र (शैल) – मधुबनी, बिहार ♦

  • “शैलेश कुमार मिश्र (शैल) जी” ने, बहुत ही सरल शब्दों में सुंदर तरीके से समझाने की कोशिश की है – भावनाओं के समय मन के यूँ उमड़ने – घुमड़ने की प्रक्रिया को समझाने की कोशिश की है। मन से संवाद किया है, आँसू की शक्ति अनंत है इसलिए आँसू की शक्ति को पहचानो और सही समय पर सही तरीके से उपयोग करो। कवि का कहना है आँसू वही जो क्रांति की शुरूआत दे, कलम को शमशीर कर रक्तिम दवात दे। मौन को मुखरित करे विस्तार दे अनंत, शोषितों को वंचितों को कर्जमुक्त प्रभात दे। सड़ी-गली कुरीतियों को परंपराओं को, नया लिवास दूँगा कर्तव्य, मान्यताओं को। अर्द्धांगिनी को सर्वांगिनी का हक दिलाकर, सामाजिकता को सुखद प्रारूप दूँगा।

—•—•—•—

sk-mishra-kmsraj51.png

यह कविता (मत बहाओ आँसू।) “शैलेश कुमार मिश्र (शैल) जी” की रचना है। KMSRAJ51.COM — के पाठकों के लिए। आपने सच्चे मन से देश की सेवा के साथ-साथ एक कवि हृदय को भी बनाये रखा। आपने अपने कवि हृदय को दबाया नहीं। यही तो खासियत है हमारे देश के वीर जवानों की। आपकी कवितायें सरल शब्दों में दिल की गहराइयों तक उतर कर जीवन बदलने वाली होती है। मुझे पूर्ण विश्वास है आपकी कविताओं और लेख से जनमानस का कल्याण होगा।

About Yourself – आपके ही शब्दों में —

  • नाम: शैलेश कुमार मिश्र (शैल)
  • शिक्षा: स्नातकोत्तर (PG Diploma)
  • व्यवसाय: केन्द्रीय पुलिस बल में 2001 से राजपत्रित अधिकारी के रूप में कार्यरत।
  • रुचि: साहित्य-पठन एवं लेखन, खेलकूद, वाद-विवाद, पर्यटन, मंच संचालन इत्यादि।
  • पूर्व प्रकाशन: कविता संग्रह – 4, विभागीय पुस्तक – 2
  • अनुभव: 5 साल प्रशिक्षण का अनुभव, संयुक्त राष्ट्रसंघ में अफ्रीका में शांति सेना का 1 साल का अनुभव।
  • पता: आप ग्राम-चिकना, मधुबनी, बिहार से है।

आपकी लेखनी यूँ ही चलती रहे, जनमानस के कल्याण के लिए। उस अनंत शक्ति की कृपा आप पर बनी रहे। इन्ही शुभकामनाओं के साथ इस लेख को विराम देता हूँ। तहे दिल से KMSRAJ51.COM — के ऑथर फैमिली में आपका स्वागत है। आपका अनुज – कृष्ण मोहन सिंह।

  • जरूर पढ़े: चली जाती है।
  • जरूर पढ़े: अच्छा लगता है।

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जैसे शरीर के लिए भोजन जरूरी है वैसे ही मस्तिष्क के लिए भी सकारात्मक ज्ञान और ध्यान रुपी भोजन जरूरी हैं।-KMSRAj51

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“स्वयं से वार्तालाप(बातचीत) करके जीवन में आश्चर्यजनक परिवर्तन लाया जा सकता है। ऐसा करके आप अपने भीतर छिपी बुराईयाें(Weakness) काे पहचानते है, और स्वयं काे अच्छा बनने के लिए प्रोत्साहित करते हैं।”

 

“अगर अपने कार्य से आप स्वयं संतुष्ट हैं, ताे फिर अन्य लोग क्या कहते हैं उसकी परवाह ना करें।”~KMSRAj51

 

 

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