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करवा चौथ व्रत की कहानी

चौथ के चाँद।

Kmsraj51 की कलम से…..

♦ चौथ के चाँद। ♦

प्रिय चौथ के चाँद,

हर वर्ष की भांति इस वर्ष भी मैं आपका तहे दिल से धन्यवाद प्रदान करती हूं। कि कार्तिक माह की चतुर्थी को यदि उषा की स्वर्णिम किरणे जीवन के अनंत रूपों की पर्याय हैं। तो निशाकर की शीतलता और पवित्र किरणें एक बार फिर मेरे जीवन में प्रेम का उदय कर रही है। तो इसलिए एक बार फिर से तहे दिल से धन्यवाद प्रदान करती हूं।

अब आप यह प्रश्न मत उठाना कि पहले क्या जीवन में प्रेम नहीं था। प्रेम था, प्रेम है, प्रेम रहेगा। लेकिन आप की उपस्थिति में मुझे मेरा चाँद अति प्रिय लगता है। आप तो जानते ही हैं ना कि एक स्त्री का जीवन कितना भागदौड़ वाला होता है। अगर पूरे वर्ष में से एक दिन वह इत्मीनान से अपने चाँद का दीदार करना चाहती है। तो उसके लिए आपकी उपस्थिति अति आवश्यक है। परस्पर विश्वास, त्याग और समर्पण को आप की शीतल छाया में और भी मजबूती मिलती है। और हां सुनो देह की सुंदरता को तो सभी निहारते हैं।

लेकिन आज तो मेरी रूह नवयौवन के भाँति श्रृंगार कर फिर से दुल्हन जो बनती है उसके लिए आपका शुक्रिया। ना जाने पूरे वर्ष कितने ही ऐसे पूरे और अधूरे वादे होते हैं जो प्रेम की रंगीन छाया में पलना चाहते हैं।

लेकिन किन्ही कारणों वश वह पूरे नहीं हो पाते हैं ऐसे ही कुछ पूरे ओर अधूरे वादों को मैं आज आपकी चांदनी किरणों से बांधकर अपने चाँद के समक्ष उर में समाहित कर उन्हें समर्पण की दहलीज़ पर रखूंगी। और विश्वास की रंगीन मौली में बांधकर उन्हें मन की चौखट पर नजरबट्टू के साथ टाँग दूँगी ताकि उसे किसी की भी नजर न लगे। औऱ हाँ जब सूर्योदय से लेकर चंद्रोदय तक मेरे निर्जल व्रत को जब आप कि शीतल छाया में मेरा चाँद मेरे अधरों को अमृत रूपी जल से तृप्त करता है तो वो वह मात्र मेरी प्यास ही तृप्त नहीं करता करता अपितु मेरी आत्मा तक को संतृप्त कर देता है।

जिस प्रकार मेहंदी का अर्थ “रंग” नहीं “रचना” होता है ठीक उसी प्रकार करवाचौथ सिर्फ एक साधारण व्रत न होकर सृष्टि की सर्वोत्तम रचनाओं को एक करने का पवित्र बंधन होता है।

जो अपने सुहाग की लंबी उम्र के लिए प्रतिपल कामना करता है।
हे चौथ! के चांद बस आपसे यही कामना है आप अपना स्नेह व प्यार सभी करवाओ पर बनाये रखे और सप्त-पदी के संकल्प को सात जन्मों के साथ वाले इस अनुष्ठान को पूरा करना का सभी को सामर्थ्य प्रदान करे।

बस एक अंतिम बात थोड़ा जल्दी निकल आना॥
॥ शुभ करवा चौथ ॥

♦ कविता पाल जी – नई दिल्ली ♦

—————

  • “कविता पाल जी“ ने, बिलकुल ही सरल शब्दों का प्रयोग करते हुए उदाहरण के माध्यम से समझाने की कोशिश की हैं — स्त्री (नारी) और प्रकृति अनंत ऊर्जा से संपन्न है। स्त्री की गोद में उत्थान और पालन होता है नई पीढ़ी का। पति-पत्नी के पवित्र रिश्ते को और अधिक मजबूती देने वाले पर्व करवा चौथ के बारे में विस्तार से बताया है। तेरी चंद्र कलाओं से भी सुंदर, सजने का इनका सलीका होगा। चाँद और नारी के गुणों व पति के प्यार संग सोलह श्रृंगार का सुंदर मधुर वर्णन किया है। पति-पत्नी एक दूसरे के पूरक होते है इसलिए संगनी का आधार, पिया का गुरुर, बनाता संबंध मजबूत। एक दूसरे का कर सम्मान, अर्धनारीश्वर यही कराता भान, जीवन संगनी के प्यार से संघर्षमय जीवन, हो जाता आसान।

—————

यह लेख (चौथ के चाँद।) ” कविता पाल जी “ की रचना है। KMSRAJ51.COM — के पाठकों के लिए। आपकी कवितायें/गीत/दोहे/लेख सरल शब्दों में दिल की गहराइयों तक उतर कर जीवन बदलने वाली होती है। मुझे पूर्ण विश्वास है आपकी दोहे/कविताओं और लेख से आने वाली नई पीढ़ी और जनमानस का कल्याण होगा। आपकी लेखन क्रिया यूँ ही चलती रहे जनमानस के कल्याण के लिए, माता रानी की कृपा से।

नाम : कविता पाल
शिक्षा : पुस्तकालय विज्ञान में D.LIS, B.LIS, और M.LIS
PG Diploma in YOGA.

शौक : अध्यापन, लेखन, समाज सेवा द्वारा महिलाओं की स्थिति में जागरूकता लाना।

— अपने बारे में कुछ शब्द साहित्यिक गतिविधियां काव्य लेखन, गद्य लेखन एवं फेसबुक के विभिन्न साहित्यिक समूहों में सक्रिय सहभागिता रहती है अतः सक्रिय लेखक सम्मान एवं पुरस्कार भी प्राप्त हुए हैं।
— मेरे द्वारा फेसबुक पर अनमोल अल्फाज नामक पेज का संचालन भी किया जाता है। जिसका एकमात्र उद्देश्य समाज में मेरी कविताओं द्वारा महिलाओं एवं अन्य क्षेत्र में जागरूकता का कार्य करना है।

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