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कलयुग के प्रथम गुरु

आदि शंकराचार्य कलयुग के प्रथम गुरु।

Kmsraj51 की कलम से…..

♦ आदि शंकराचार्य कलयुग के प्रथम गुरु। ♦

कलयुग में साक्षात शिव रूप में अवतरित हुए,
गुरु आदि शंकराचार्य।
दूर किया मानव के भाती – भाती कलशों को,
आदि शंकराचार्य की तरह आंख मूंदकर,
हठ और तर्क नहीं करते॥

वे शास्त्रीय ढंग से शास्त्र प्रमाण युक्त बातें करते,
सत्य रूप अनुभव और अनुभूतियों से संदेश लोक में देते।
शिव के वैभव और शिष्टता को संसार में,
मुक्त कंठ से बदला आने वाले॥

कलयुग में अवतार लेने वाले सिद्ध गुरुओं में से एक,
आचार्यों में अद्वितीय है आदि शंकराचार्य।
सर्वज्ञान संपन्न महा पंडित जी आदि शंकराचार्य,
ब्रह्मा अनुभूति में रमण करने वाले ब्रह्म ज्ञानी॥

विभिन्न शक्तियों सिद्धियों से युक्त सिद्ध पुरुष शंकराचार्य,
आचार्यों की तरह साधारण पुरुष नहीं थे आदि शंकराचार्य।
असत्य बाद से दूर सत्यवादी थे आदि शंकराचार्य,
बुद्धि वाद या भ्रांति वाद से अलग अनुभूति वादी आदि शंकराचार्य॥

यथार्थवादी गुणों से भरपूर संपन्न आदि शंकराचार्य,
आचार्यों की भांत संकुचित होकर,
देवताओं की निंदा कभी नहीं किया है शंकराचार्य॥

शिव की जितनी उपासना किया उन्होंने,
उतनी ही जगदंबा, विष्णु, नरसिंह स्वामी आदि देवताओं की।
शिवानंद लहरी नामक ग्रंथ की अद्भुत ढंग से लिखा,
अद्वितीय शैली की रचना कर रहस्य ज्ञान को व्यक्त किया॥

जिस प्रकार ज्ञानी को ज्ञानी ही पहचान सकता,
सर्वोत्तम को जिस प्रकार सर्वोत्तम ही पहचानता।
उसी तरह महा ज्ञानी सर्वोत्तम महागुरु आदि शंकराचार्य,
देवाधिदेव शिव शंकर स्वरूप है आदि शंकराचार्य॥

♦ सुखमंगल सिंह जी – अवध निवासी ♦

—————

  • “सुखमंगल सिंह जी“ ने, बहुत ही सरल शब्दों में सुंदर तरीके से इस कविता में कवि ने, आदि शंकराचार्य जी के गुणों, शक्तियों और कार्यों को समझाने की कोशिश की है। आदि शंकराचार्य जी कलयुग के प्रथम गुरु है।

—————

sukhmangal-singh-ji-kmsraj51.png

यह कविता (आदि शंकराचार्य कलयुग के प्रथम गुरु।) “सुखमंगल सिंह जी” की रचना है। KMSRAJ51.COM — के पाठकों के लिए। आपकी कवितायें / लेख सरल शब्दो में दिल की गहराइयों तक उतर कर जीवन बदलने वाली होती है। मुझे पूर्ण विश्वास है आपकी कविताओं और लेख से जनमानस का कल्याण होगा। आपकी कविताओं और लेख से आने वाली पीढ़ी के दिलो दिमाग में हिंदी साहित्य के प्रति प्रेम बना रहेगा। आपकी लेखन क्रिया यूं ही चलती रहे, बाबा विश्वनाथ की कृपा से।

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