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KMSRAJ51-Always Positive Thinker

“तू ना हो निराश कभी मन से” – (KMSRAJ51, KMSRAJ, KMS)

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काव्य संग्रह - सुखमंगल सिंह

राष्ट्र भक्त बनाना होगा।

Kmsraj51 की कलम से…..

♦ राष्ट्र भक्त बनाना होगा। ♦

रक्षा सुरक्षा का साजो सामान,
सुरक्षित शस्त्र आगामी रखना।
देश के रक्षक नौजवान हो को,
महत्वपूर्ण सहयोग करना होगा।

अस्त्र – शस्त्र विद्या की बरसा से,
बचने के लिए वंकर बनाना होगा।
आडंबर के भंवरे झाल का भी,
समूल रूप से नष्ट करना होगा।

महा पराक्रमी हिरण्याक्ष का सा,
फिर – फिर बध करना ही होगा।
जयद्रथ जैसी झूठ बोलने वाले,
को भी वैसा ही वध करना होगा।

भूखे प्यासे व्याकुल हो तो उसका,
हमें भरण – पोषण करना होगा।
कोई न भूखा नंगा रहे अपने राष्ट्र में,
विधि पूर्वक व्यवस्था करनी होगी।

देवी – देवताओं की पराक्रम गाथा,
शरणागत वत्सल को सुहाना होगा।
गृहस्थ आश्रम में रहकर सभी को,
गृहस्थ – धर्म अनुसार रहना होगा।

बुद्धिमानों को आवश्यकता अनुसार,
घर और राष्ट्र की सेवा करनी होगी।
सारी समाज को भी आगे आकर,
राष्ट्र भक्ति में योगदान करनी होगी।

गुरुकुल के नियमों में ही अब,
सत्संगी तुमको भी चलना होगा।
शास्त्र विद्या की यादें साथ – साथ,
शस्त्र विद्या का ध्यान करना होगा।

अर्जुन सा श्री कृष्ण का उपदेश,
प्रजाओं ने प्रचार करना होगा।
एकलव्य के धनुर्विद्या का ज्ञान,
शिक्षा साधारण को देनी होगी।

धर्म के अनुसार करता का ध्यान,
सारी समाज को करना होगा।
धर्म के अंदर अनादर करता का,
त्याग समाज को करना होगा।

तीर्थ का सेवन कराकर उसका,
अंतकरण से शुद्ध कराना होगा।
तत्व ज्ञानियों से शिक्षा का ज्ञान,
पास उनके जाकर लेना होगा।

पवित्र कथाओं का चरण बद्ध,
प्रचार – प्रसार भी करना होगा।
प्राकृतिक कोसी बचने के उपाय,
यज्ञ अनुष्ठान सब करना होगा।

♦ सुखमंगल सिंह जी – अवध निवासी ♦

—————

  • “सुखमंगल सिंह जी“ ने, बहुत ही सरल शब्दों में सुंदर तरीके से, कविता के माध्यम से बखूबी समझाने की कोशिश की है – इस कविता में कवि ने बताया है हम सभी को मिलकर ये प्रयास करना है की जो भूखे प्यासे व्याकुल हो तो उसका हमें भरण – पोषण करना होगा। कोई न भूखा नंगा रहे अपने राष्ट्र में विधि पूर्वक व्यवस्था करनी होगी। गृहस्थ आश्रम में रहकर सभी को गृहस्थ – धर्म अनुसार रहना होगा। शास्त्र विद्या के साथ-साथ शस्त्र विद्या का ध्यान करना होगा।

—————

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यह कविता (राष्ट्र भक्त बनाना होगा।) “सुखमंगल सिंह जी” की रचना है। KMSRAJ51.COM — के पाठकों के लिए। आपकी कवितायें / लेख सरल शब्दो में दिल की गहराइयों तक उतर कर जीवन बदलने वाली होती है। मुझे पूर्ण विश्वास है आपकी कविताओं और लेख से जनमानस का कल्याण होगा। आपकी कविताओं और लेख से आने वाली पीढ़ी के दिलो दिमाग में हिंदी साहित्य के प्रति प्रेम बना रहेगा। आपकी लेखन क्रिया यूं ही चलती रहे, बाबा विश्वनाथ की कृपा से।

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जैसे शरीर के लिए भोजन जरूरी है वैसे ही मस्तिष्क के लिए भी सकारात्मक ज्ञान और ध्यान रुपी भोजन जरूरी हैं।-KMSRAj51

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“सफलता का सबसे बड़ा सूत्र”(KMSRAJ51)

“स्वयं से वार्तालाप(बातचीत) करके जीवन में आश्चर्यजनक परिवर्तन लाया जा सकता है। ऐसा करके आप अपने भीतर छिपी बुराईयाें(Weakness) काे पहचानते है, और स्वयं काे अच्छा बनने के लिए प्रोत्साहित करते हैं।”

 

“अगर अपने कार्य से आप स्वयं संतुष्ट हैं, ताे फिर अन्य लोग क्या कहते हैं उसकी परवाह ना करें।”~KMSRAj51

 

 

 

 

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Filed Under: 2021-KMSRAJ51 की कलम से, सुखमंगल सिंह जी की कविताये।, हिंदी कविता, हिन्दी साहित्य, हिन्दी-कविता Tagged With: heart touching patriotic poem in hindi, kavi sukhmangal singh poems, Patriotic Poems in Hindi, poem on nation in hindi, Sukhmangal Singh, एक भारत श्रेष्ठ भारत पर कविता, कवि सुखमंगल सिंह, कवि सुखमंगल सिंह की कवितायें, कविता शायरी, काव्य संग्रह - सुखमंगल सिंह, जोश भर देने वाली देशभक्ति कविता, दिल हिंदी में स्वतंत्रता दिवस पर दिल को छू लेने भाषण, देश के विकास पर कविता, देश के सिपाही पर कविता, देश प्रेम पर कविता इन हिंदी, देशभक्ति कविता, देशभक्ति शायरी कविता, बच्चों के लिए पोयम, भारत के विकास पर कविता, भारत पर कविता, राष्ट्र भक्त बनाना होगा, लेखक सुखमंगल सिंह, वीरता पर आधारित कविता, सुखमंगल सिंह, सुखमंगल सिंह जी की कविताये।, सैनिकों पर हिंदी में देशभक्ति कविता, स्वतंत्रता पर कविता हिंदी में, हिंदी कविता बच्चों के लिए

होली गांव-गांव घुमावत।

Kmsraj51 की कलम से…..

CYMT-KMSRAJ51-4

♦ होली गांव-गांव घुमावत। ♦

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होली गांव-गांव घुमावत।
मऊगी लॉ ठी लेकर धावत।
होली में क्या-क्या सुनावत।
घर की घर नहीं पता बतावत।

पास पड़ोसी बोलने नहीं आवत।
घर में ही मऊगी आग लगावत।
सुबह सुबह उठ कर नहलावत।
पाउडर इत्र से शरीर महकावत।

काम आदमी ना कर पावत।
कुकुर से काम कर आवत?
माल पुरुष फेंकने जावत।
आदमी औरत रार मचावत।

पाप लगती जो कुकुरु छुहात।
घर अपनी वही कुत्ता पालन।
कुत्ता समाज में एक दिन बोला।
बिस्तर पर रात भर हमने खेला।

रात भर मुझको नींद नहीं आई।
कुत्ते ने समाज में गुहार लगाई।
समाजी बोले सुन कुत्ते मेरे भाई।
तू छोटे धतूरे की ले लो दवाई।

पहली रोटी गाय को खिलाया जाता।
जूठी रोटी कुकुर फिर बाद में पाता।
कुकुर जबकि बिस्तर पर है सोता।
आओ रे आदमी चौकी पर होता।

गलती मंच से कवियों की हो जाए।
तो उन्हें माफ करना बहन और भाई।
कवि मंडली मौसम हिसाब से आई।
बन ठन कर अपनी कविता है लाई।

दूल्हा दुल्हन की हो रही है लड़ाई।
दुल्हन दूल्हा छोड़ स्टेशन से पराई।
पुलिस दुल्हन के गांव में जब धाई।
पड़ोसी निकला फेरारी सुना भाई।

मुल्तानी हीरोइन सुल्तानपुर आई।
भारतीय परिधान में थी वह छाई।
बोला खुशीराम आपने पेट दिखाई।
थाना में फरियाद को लेकर धाईं।

हीरोइन अपने पर उतर आई।
फिल्मों में अर्धांगिनी बनी दिखाइ।
अंग प्रदर्शन की ना पूछो भाई।
माझी शरीर कपड़े से ढकी लाई।

होली गांव गांव घुमावत।
कुछ अपनी बात सुनावत।
औरो की मिलती दावत।
आवत हुड़दंग माचावत।

♦ सुखमंगल सिंह जी – अवध निवासी ♦

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  • “सुखमंगल सिंह जी“ ने, बहुत ही सरल शब्दों में सुंदर तरीके से बखूबी समझाने की कोशिश की है – आजकल के होली में क्या-क्या हो रहा है लोग कैसे-कैसे होली खेल रहे हैं, और किसकी क्या जगह है आज समाज में। किसका किसके प्रति कैसा व्यवहार हैं।

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