• Skip to main content
  • Skip to primary sidebar
  • Skip to footer
  • HOME
  • ABOUT
    • Authors Intro
  • QUOTES
  • POETRY
    • ग़ज़ल व शायरी
  • STORIES
  • निबंध व जीवनी
  • Health Tips
  • CAREER DEVELOPMENT
  • EXAM TIPS
  • योग व ध्यान
  • Privacy Policy
  • CONTACT US
  • Disclaimer

KMSRAJ51-Always Positive Thinker

“तू ना हो निराश कभी मन से” – (KMSRAJ51, KMSRAJ, KMS)

Check out Namecheap’s best Promotions!

You are here: Home / Archives for कृष्ण लीला – डॉ• जय महलवाल

कृष्ण लीला - डॉ• जय महलवाल

कृष्ण लीला।

Kmsraj51 की कलम से…..

Krishna Leela | कृष्ण लीला।

कैसे – कैसे लीला रचाता है,
नटखट कान्हा देखो कैसे मुस्कुराता है।
पैरों में घुंघरू बांध देखो कैसे इतराता है,
गोपियों को देखो कैसे,
प्यारी – प्यारी मुरली सुनाता है।

मुरली की धुन पर देखो,
गोपियों को कैसे-कैसे नचाता है।
सिर पर देखो कैसे,
प्यारा सा मोर पंख लगाता है।
दूध दही का इतना दीवाना,
देखो कैसे-कैसे मटकी फोड़ने आता है।

वृंदावन की गलियां देखो,
कैसे – कैसे अपने भक्तों का मन बहलाता है।
अपने मैया से करता है इतना प्यार,
उसकी डांट खाने से देखो,
बिल्कुल भी नहीं घबराता है।
नटखट कान्हा देखो,
कैसे – कैसे अपनी लीला रचाता है।

गोवर्धन पर्वत को देखो कैसे,
अपनी उंगली पर उठाता है।
अपनी बाल लीला से देखो,
कैसे पूतना को हराता है।
देखो इस संसार में कैसे
अपनी लीला रचाता है।

कंस मामा का वध करके,
देखो सारे लोगों को कैसे,
उसके अत्याचारों से बचाता है।
अर्जुन का सारथी बन के,
देखो कैसे महाभारत के,
युद्ध में कौरवों को हराता है।

कैसे-कैसे देखो दुनिया को,
गीता का उपदेश पढाता है।
कृष्ण कन्हैया देखो,
कैसे-कैसे अपनी लीला रचाता है।
आज सारा जग देखो कैसे,
जन्माष्टमी धूमधाम से मानता है।

♦ लेफ्टिनेंट (डॉ•) जयचंद महलवाल जी  – बिलासपुर, हिमाचल प्रदेश ♦

—————

  • “श्री लेफ्टिनेंट (डॉ•) जयचंद महलवाल जी“ ने, बहुत ही सरल शब्दों में सुंदर तरीके से इस कविता के माध्यम से समझाने की कोशिश की है — कविता में कान्हा (श्रीकृष्ण) की बाल लीलाओं के वर्णन के साथ, उनके भक्ति और लोगों के प्रति उनकी अनुराग भावना को प्रकट करते हुए लिखा गया है। कान्हा के अद्भुत और मनमोहक व्यवहार का चित्रण किया गया है, जो उनके भक्तों को खुशी और प्रेम में लिपटा देता है। काव्य में उनकी आलोकिक शक्तियों और लीलाओं का अद्वितीय चित्रण किया गया है, जिससे उनका दिव्य और भगवान के रूप में अवतरण का महत्व प्रकट होता है। इसके अलावा, काव्य में भक्ति, प्रेम, और धार्मिक संदेश को भी दर्शाया गया है, जिससे यह कविता भगवान के जन्म दिन (जन्माष्टमी) के उपलक्ष्य में धूमधाम से मनाने की भावना को प्रकट करती है।

—————

यह कविता (कृष्ण लीला।) “श्री लेफ्टिनेंट (डॉ•) जयचंद महलवाल जी“ की रचना है। KMSRAJ51.COM — के पाठकों के लिए। आपकी कवितायें, लघु कथा, सरल शब्दो में दिल की गहराइयों तक उतर कर जीवन बदलने वाली होती है। मुझे पूर्ण विश्वास है आपकी कविताओं और लेख से जनमानस का कल्याण होगा। आपकी लेखन क्रिया यूं ही चलती रहे।

आपका परिचय आप ही के शब्दों में:—

मेरा नाम लेफ्टिनेंट (डॉ•) जयचंद महलवाल है। साहित्यिक नाम — डॉ• जय अनजान है। माता का नाम — श्रीमती कमला देवी महलवाल और पिता का नाम — श्री सुंदर राम महलवाल है। शिक्षा — पी• एच• डी•(गणित), एम• फिल•, बी• एड•। व्यवसाय — सहायक प्रोफेसर। धर्म पत्नी — श्रीमती संतोष महलवाल और संतान – शानवी एवम् रिशित।

  • रुचियां — लेखक, समीक्षक, आलोचक, लघुकथा, फीचर डेस्क, भ्रमण, कथाकार, व्यंग्यात्मक लेख।
  • लेखन भाषाएं — हिंदी, पहाड़ी (कहलूरी, कांगड़ी, मंडयाली) अंग्रेजी।
  • लिखित रचनाएं — हिंदी(50), पहाड़ी(50), अंग्रेजी(10)।
  • प्रेरणा स्त्रोत — माता एवम हालात।
  • पदभार निर्वहन — कार्यकारिणी सदस्य कल्याण कला मंच बिलासपुर, लेखक संघ बिलासपुर, सह सचिव राष्ट्रीय कवि संगम बिलासपुर इकाई, ज्वाइंट फाइनेंस सेक्रेटरी हिमाचल मलखंभ एसोसिएशन, सदस्य मंजूषा सहायता केंद्र।
  • सम्मान प्राप्त — श्रेष्ठ रचनाकार(देवभूमि हिम साहित्य मंच) — 2022
  • कल्याण शरद शिरोमणि सम्मान(कल्याण कला मंच) — 2022
  • काले बाबा उत्कृष्ट लेखक सम्मान — 2022
  • व्यास गौरव सम्मान — 2022
  • रक्त सेवा सम्मान (नेहा मानव सोसायटी)।
  • शारदा साहित्य संगम सम्मान — 2022
  • विशेष — 17 बार रक्तदान।
  • देश, प्रदेश के अग्रणी समाचार पत्रों एवम पत्रिकाओं में रचनाएं प्रकाशित।

अपने विचार Comments कर जरूर बताये, और हमेशा नए Post को अपने ईमेल पर पाने के लिए – ईमेल सब्सक्राइब करें – It’s Free !!

Please share your comments.

आप सभी का प्रिय दोस्त

©KMSRAJ51

जैसे शरीर के लिए भोजन जरूरी है वैसे ही मस्तिष्क के लिए भी सकारात्मक ज्ञान और ध्यान रुपी भोजन जरूरी हैं।-KMSRAj51

———– © Best of Luck ®———–

Note:-

यदि आपके पास हिंदी या अंग्रेजी में कोई Article, Inspirational Story, Poetry, Quotes, Shayari, etc. या जानकारी है जो आप हमारे साथ Share करना चाहते हैं तो कृपया उसे अपनी फोटो के साथ E-mail करें. हमारी ID है: kmsraj51@hotmail.com पसंद आने पर हम उसे आपके नाम और फोटो के साथ यहाँ PUBLISH करेंगे. Thanks!!

“सफलता का सबसे बड़ा सूत्र”(KMSRAJ51)

“स्वयं से वार्तालाप(बातचीत) करके जीवन में आश्चर्यजनक परिवर्तन लाया जा सकता है। ऐसा करके आप अपने भीतर छिपी बुराईयाें(Weakness) काे पहचानते है, और स्वयं काे अच्छा बनने के लिए प्रोत्साहित करते हैं।”

 

“अगर अपने कार्य से आप स्वयं संतुष्ट हैं, ताे फिर अन्य लोग क्या कहते हैं उसकी परवाह ना करें।”~KMSRAj51

 

 

____ अपने विचार Comments कर जरूर बताएं! ____

Filed Under: 2023-KMSRAJ51 की कलम से, हिंदी कविता, हिन्दी-कविता Tagged With: Dr. Jai Mahalwal, poem on krishna janmashtami in hindi, कान्हा पर कविता, कान्हा पर शायरी, कृष्ण जन्म पर कविता, कृष्ण लीला, कृष्ण लीला - डॉ• जय महलवाल, कृष्ण सौंदर्य पर कविता, डॉ• जय महलवाल, नटखट कृष्ण शायरी, बाल कृष्ण पर कविता

Primary Sidebar

Recent Posts

  • देश भक्ति देख तुम्हारी।
  • दर्द – ए – कश्मीर।
  • ऑपरेशन सिंदूर।
  • संघर्ष है कहानी हर जीवन की।
  • हमारा क्या कसूर।
  • टूटता विश्वास।
  • मोबाइल फोन का असर।
  • चाह नव वर्ष की।
  • व्यवस्था ही हुई अब लंगड़ी है।
  • माँ बाप।
  • सास बहू।
  • अखंड।
  • अगर साथ होते तुम हमारे।
  • हिमाचल की राजधानी “शिमला”।
  • खुशी नहीं मिलती।
  • मैं हूँ जीभ।
  • मुहब्बत के नशे की लत।

KMSRAJ51: Motivational Speaker

https://www.youtube.com/watch?v=0XYeLGPGmII

BEST OF KMSRAJ51.COM

देश भक्ति देख तुम्हारी।

दर्द – ए – कश्मीर।

ऑपरेशन सिंदूर।

संघर्ष है कहानी हर जीवन की।

हमारा क्या कसूर।

टूटता विश्वास।

मोबाइल फोन का असर।

चाह नव वर्ष की।

व्यवस्था ही हुई अब लंगड़ी है।

माँ बाप।

सास बहू।

Footer

Protected by Copyscape

KMSRAJ51

DMCA.com Protection Status

Disclaimer

Copyright © 2013 - 2025 KMSRAJ51.COM - All Rights Reserved. KMSRAJ51® is a registered trademark.