Kmsraj51 की कलम से…..
♦ जीवन – संग्राम। ♦
है जीवन में संग्राम बहुत,
लड़ते इनसे जाओ।
संग्राम बीज आराम भी है,
सोकर नहीं बिताओ।
जीवन के सुख दुख दो पहलू,
इनसे ना घबराओ।
सुख के खातिर बिछावना को,
नित्य बिछाते जाओ।
विजय बिछावना कर्मयोग का,
करतब समझ दिखाओ।
पेट के खातिर लोक समाज में,
कर्मयोग को अपनाओ।
लड़ाईया लड़ने की खातिर तुम,
खुद को तैयार करो।
जीवन एक संग्राम कठिन लेकिन,
पुरुषार्थ अपना दिखलाओ।
कभी पैदल और कभी गाड़ी से,
बाट गुजर जाएंगे।
कभी कंक्रीट, कभी वृक्ष छांव में,
सोकर बीत जाएंगे।
बचपन लड़कपन में बीत गया,
जवानी घर बिताएंगे।
लोरी जिन्हें पहले गाकर सुनाया,
आंख बुढ़ापे में दिखाएंगे।
कब से बच्चे – बच्चे वाले हो गए,
पता नहीं कर पाएंगे।
माता पिता, नाना नानी के अलावा,
दूसरा नहीं दिखाएंगे।
सोच-सोच कर नीद नहीं आएगी,
पूरी रात बिताएंगे।
फिर भी सच का पता नहीं चलेगा,
कर कुछ नहीं पाएंगे।
बड़का छोटका – छोटका बड़का,
कहते ही रह जाएंगे।
रिश्ते सारे सपने जैसे शहरों में गुम,
होकर खोते जाएंगे।
कभी कभी मिलेगी पुआ – मिठाई,
पर अभागे सो जाएंगे।
विविध तरह से यह जीवन चलता,
जिसे देख इठलाएंगे।
यह जीवन सतरंगी विरासत पर,
बेरहम धक्के खाएंगे।
जीवन ऐसो आराम में गुजरे फिर,
पैर पकड़ हिलाएंगे।
♦ सुखमंगल सिंह जी – अवध निवासी ♦
—————
— Conclusion —
- “सुखमंगल सिंह जी“ ने, बहुत ही सरल शब्दों में सुंदर तरीके से इस कविता में समझाने की कोशिश की है — मानव जीवन एक कड़वा संग्राम है यहां आराम भी है, दुःख भी है, सुख भी है, आत्म आनंद भी है। मौसम की तरह सुख दुःख आते जाते रहते है मानव जीवन में। लेकिन मेरा अनुभव कहता है की यह सुख और दुःख का सृजन मनुष्य का मन करता है। जिस मनुष्य का मन व आत्मशक्ति मजबूत हो वह मानव हर परिस्थिति में एक समान रहता है, चाहे दुःख हो या सुख। हमे अपने आप को मानसिक रूप से इतना मजबूत बनाना है की कोई भी परिस्थिति हमे बिचलित ना कर सके। हर एक मनुष्य आत्मा के अंदर अनंत शक्तियां, सुषुप्त अवस्था में निहित है, बस जरूरत है इन शक्तियों को जागृत कर, सही समय पर, सही जगह उपयोग करने की। किसी भी शक्ति के उपयोग में समय और जगह का उच्च स्थान होता है। सही समय व सही जगह पर उपयुक्त शक्ति का उपयोग करने पर हर कार्य सफलता पूर्वक पूर्ण हो। इस संसार में ऐसी कोई भी समस्या नहीं है जिसका समाधान ना हो। बस जरूरत है अपने नज़रिये को बदलने का। आपका सकारात्मक नजरिया आपके उज्ज्वल भविष्य का निर्माण करेगा।
—————
यह कविता (जीवन – संग्राम।) “सुखमंगल सिंह जी” की रचना है। KMSRAJ51.COM — के पाठकों के लिए। आपकी कवितायें, व्यंग्य / लेख सरल शब्दो में दिल की गहराइयों तक उतर कर जीवन बदलने वाली होती है। मुझे पूर्ण विश्वास है आपकी कविताओं और लेख से जनमानस का कल्याण होगा। आपकी कविताओं और लेख से आने वाली पीढ़ी के दिलो दिमाग में हिंदी साहित्य के प्रति प्रेम बना रहेगा। आपकी लेखन क्रिया यूं ही चलती रहे, बाबा विश्वनाथ की कृपा से।
अपने विचार Comments कर जरूर बताये, और हमेशा नए Post को अपने ईमेल पर पाने के लिए – ईमेल सब्सक्राइब करें – It’s Free !!
ज़रूर पढ़ें — प्रातः उठ हरि हर को भज।
Please share your comments.
आप सभी का प्रिय दोस्त
©KMSRAJ51
———– © Best of Luck ®———–
Note:-
यदि आपके पास हिंदी या अंग्रेजी में कोई Article, Inspirational Story, Poetry या जानकारी है जो आप हमारे साथ Share करना चाहते हैं तो कृपया उसे अपनी फोटो के साथ E-mail करें. हमारी ID है: kmsraj51@hotmail.com पसंद आने पर हम उसे आपके नाम और फोटो के साथ यहाँ PUBLISH करेंगे. Thanks!!
“सफलता का सबसे बड़ा सूत्र”(KMSRAJ51)