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KMSRAJ51-Always Positive Thinker

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चरण स्पर्श

चरण स्पर्श।

Kmsraj51 की कलम से…..

♦ चरण स्पर्श। ♦

पिता ही ईश्वर समान होता है,
वह जगत में महान होता है।
चरण अपने पिता का जो छूता है,
वह व्यक्ति सदैव धनवान होता है।

माता सृष्टि की रचना करती है,
गर्भ में नौ माह अपने पालती है।
जो व्यक्ति मां का चरण छूता है,
वह व्यक्ति शक्तिहीन नहीं होता है।

बहन छोटी हो या बड़ी उसका,
भाई जो उसका सम्मान करता है।
मुख्य समय में उसका चरण छूता,
वह भाई कभी चरित्रहीन नहीं होता है।

गुरु सृष्टि में बड़ा महान होता है,
गुरु बहुत आध्यात्मिक होता है।
उनमें सूक्ष्म ज्ञान का भंडार होता है,
गुरु गोविंद तक पहुंचाता कर्ता है।

जो व्यक्ति गुरु का चरण छूता है,
वह कभी भी ज्ञानहीन नहीं होता है।
चरण स्पर्श की महिमा बड़ी निराली
वहीं करती सृष्टि की रखवाली है।

चरण स्पर्श से संस्कार पलता है,
संस्कार में संस्कृति विकास होता।
संस्कृति से ही यह संसार चलता है,
संसार में समाज का विकास होता है।

♦ सुखमंगल सिंह जी – अवध निवासी ♦

—————

— Conclusion —

  • “सुखमंगल सिंह जी“ ने, बहुत ही सरल शब्दों में सुंदर तरीके से इस कविता में समझाने की कोशिश की है — कड़वा है मगर सत्य है, इस संसार में पिता ही ईश्वर समान होता है, जो इंसान चरण अपने पिता का छूता है, वह व्यक्ति सदैव ही धनवान होता है। माता सृष्टि की रचना करती है, गर्भ में अपने नौ माह वह पालती है, जो भी व्यक्ति मां का चरण छूता है, वह कभी भी शक्तिहीन नहीं होता है। बहन छोटी हो या बड़ी जो भाई उसका सदैव सम्मान करता है। मुख्य समय में उसका चरण छूता, वह भाई कभी भी जीवन में चरित्रहीन नहीं होता है। गुरु सृष्टि में बड़ा महान होता है, उनमें अद्भुत ज्ञान का भंडार होता है, सच्चा गुरु सदैव ही गोविंद तक पहुंचने का मार्ग सरल करता है। जो भी व्यक्ति गुरु का चरण छूता है, वह कभी भी ज्ञानहीन नहीं होता है। अपने भारत देश में प्राचीन काल से ही चरण स्पर्श की महिमा बड़ी निराली, वहीं करती सृष्टि की रखवाली है। चरण स्पर्श से संस्कार पलता है, संस्कार में संस्कृति का विकास होता। संस्कृति से ही यह संसार चलता है, संसार में समाज का विकास होता है।

—————

sukhmangal-singh-ji-kmsraj51.png

यह कविता (चरण स्पर्श।) “सुखमंगल सिंह जी” की रचना है। KMSRAJ51.COM — के पाठकों के लिए। आपकी कवितायें, व्यंग्य / लेख सरल शब्दो में दिल की गहराइयों तक उतर कर जीवन बदलने वाली होती है। मुझे पूर्ण विश्वास है आपकी कविताओं और लेख से जनमानस का कल्याण होगा। आपकी कविताओं और लेख से आने वाली पीढ़ी के दिलो दिमाग में हिंदी साहित्य के प्रति प्रेम बना रहेगा। आपकी लेखन क्रिया यूं ही चलती रहे, बाबा विश्वनाथ की कृपा से।

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“सफलता का सबसे बड़ा सूत्र”(KMSRAJ51)

“स्वयं से वार्तालाप(बातचीत) करके जीवन में आश्चर्यजनक परिवर्तन लाया जा सकता है। ऐसा करके आप अपने भीतर छिपी बुराईयाें(Weakness) काे पहचानते है, और स्वयं काे अच्छा बनने के लिए प्रोत्साहित करते हैं।”

 

“अगर अपने कार्य से आप स्वयं संतुष्ट हैं, ताे फिर अन्य लोग क्या कहते हैं उसकी परवाह ना करें।”~KMSRAj51

 

 

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Filed Under: 2022-KMSRAJ51 की कलम से, सुखमंगल सिंह जी की कविताएं।, हिंदी कविता, हिन्दी-कविता Tagged With: author sukhmangal singh, Hindi Poems, poem in hindi, poet sukhmangal singh, sukhmangal singh poems, चरण स्पर्श, संस्कार, संस्कृति, सुखमंगल सिंह

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