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भगत सिंह पर कविता

वीर भगत सिंह।

Kmsraj51 की कलम से…..

Veer Bhagat Singh | वीर भगत सिंह।

Bhagat Singh, an Indian revolutionary socialist, who played a significant role in the Indian independence movement.

हे! भारत मां के वीर सपूत शहीद भगत सिंह,
तेरे जैसा, इस धरा पर कोई ना लाल हुआ।

थर्राई थी जमीं भी उन फिरंगियों की,
जब दिल में उनके तेरे ख्याल हुआ।

आज मेरा शत-शत नमन तुझको,
इस दुनिया में लाने वाले पिता-मात को।

तेरे साथ नमन उन साथियों को भी,
जिन्होंने सुबह में बदला गुलामी की रात को।

जिस भारत मां की आत्मा को आजाद किया,
अपनी पूजनीय मां की कोख से जन्म लेकर।

अपनी जिंदगी का फर्ज बखूबी निभाया,
हमें आजादी का उपहार देकर।

भगत सिंह जिस मिट्टी की खुशबू ,
बचपन में ही, तूने अपनी रूह में बस आई।

तेरी उस जन्मस्थली को भी,
तेरी जयंती की लख-लख बधाई।

तेरी जयंती की बधाई,
इस सारे भारत देश को।

शत-शत नमन आज तेरे,
बसंती चोले के वेश को।

♦ सुशीला देवी जी – करनाल, हरियाणा ♦

—————

  • “श्रीमती सुशीला देवी जी“ ने, बहुत ही सरल शब्दों में सुंदर तरीके से इस कविता के माध्यम से समझाने की कोशिश की है — इस कविता में भगत सिंह को भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के वीर सपूत के रूप में सलाम दिया गया है। कविता में भगत सिंह के वीरता, स्वतंत्रता के लिए उनके प्रबल संकल्प, और उनके साथियों के संघर्ष का स्तवन किया गया है। कविता के आखिरी भाग में भगत सिंह की जयंती की बधाई दी गई है और उनके योगदान को सलाम किया गया है। इसके साथ ही, कविता में भगत सिंह के जन्मस्थल को भी याद किया गया है।

—————

यह कविता (वीर भगत सिंह।) “श्रीमती सुशीला देवी जी“ की रचना है। KMSRAJ51.COM — के पाठकों के लिए। आपकी कवितायें सरल शब्दो में दिल की गहराइयों तक उतर कर जीवन बदलने वाली होती है। मुझे पूर्ण विश्वास है आपकी कविताओं और लेख से जनमानस का कल्याण होगा। आपकी लेखन क्रिया यूं ही चलती रहे।

आपका परिचय आप ही के शब्दों में:—

मेरा नाम श्रीमती सुशीला देवी (राष्ट्रीय नवाचारी शिक्षिका व अंतरराष्ट्रीय साहित्यकार) है। शिक्षा — डी•एड, बी•एड, एम•ए•। मैं राजकीय प्राथमिक पाठशाला, ब्लॉक – घरौंडा, जिला – करनाल, में J.B.T.tr. के पद पर कार्यरत हूँ। मेरी कुछ रचनाओं ने टीम मंथन गुजरात के पटल पर भी स्थान पाया है। मेरी रचनाओं में प्रकृति, माँ अम्बे, दिल की पुकार, हिंदी दिवस, वो पुराने दिन, डिजिटल जमाना, नारी, वक्त, नया जमाना, मित्रता दिवस, सोच रे मानव, इन सभी की झलक है।

  • अनेक मंचों से राष्ट्रीय सम्मान।
  • इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड में नाम दर्ज।
  • काव्य श्री सम्मान — 2023
  • “Most Inspiring Women Of The Earth“ – Award 2023
    {International Internship University and Swarn Bharat Parivar}
  • Teacher’s Icon Award — 2023
  • राष्ट्रीय शिक्षा शिल्पी सम्मान — 2021
  • सावित्रीबाई फुले ग्लोबल अचीवर्स अवार्ड — 2022
  • राष्ट्र गौरव सम्मान — 2022
  • गुरु चाणक्य सम्मान 2022 {International Best Global Educator Award 2022, Educator of the Year 2022}
  • राष्ट्रीय गौरव शिक्षक सम्मान 2022 से सम्मानित।
  • अंतरराष्ट्रीय वरिष्ठ लेखिका व सर्वश्रेष्ठ कवयित्री – By — KMSRAJ51.COM
  • अंतरराष्ट्रीय प्रतिभा सम्मान — 2022
  • राष्ट्रीय शिक्षक गौरव सम्मान — 2022
  • राष्ट्रीय स्त्री शक्ति सम्मान — 2022
  • राष्ट्रीय शक्ति संचेतना अवार्ड — 2022
  • साउथ एशिया टीचर एक्सीलेंस अवार्ड — 2022
  • 50 सांझा काव्य-संग्रहों में रचनाएँ प्रकाशित (राष्ट्रीय स्तर पर)।
  • 70 रचनाएँ व 11+ लेख और 1 लघु कथा अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रकाशित (KMSRAJ51.COM)। इनकी 6 कविताएं अब तक विश्व स्तर पर प्रथम और द्वितीय स्थान पा चुकी है, जिनके आधार पर इनको सर्वश्रेष्ठ कवयित्री व पर्यावरण प्रेमी का खिताब व वरिष्ठ लेखिका का खिताब की प्राप्ति हो चुकी है।
  • इनकी अनेक कविताएं व शिक्षाप्रद लेख विभिन्न प्रकार के पटल व पत्र-पत्रिकाओं में प्रकाशित हो रहे हैं।
  • 3 महीने में तीन पुस्तकें प्रकाशित हुए। जिसमें दो काव्य संग्रह “समर्पण भावों का” और “भाव मेरे सतरंगी” और एक लेख संग्रह “एक नजर इन पर भी” प्रकाशित हुए। एक शोध पत्र “आओं, लौट चले पुराने संस्कारों की ओर” प्रकाशित हुआ। इनके लेख और रचनाएं जन-मानस के पटल पर गहरी छाप छोड़ रहे हैं।

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भगत सिंह।

Kmsraj51 की कलम से…..

♦ भगत सिंह। ♦

भरी जवानी, हुई सगाई, देश प्रेम के खातिर ठुकराई थी।
एसेंबली हाल में जाने खातिर, धर्म छोड़ दाढ़ी बनवाई थी।
जान हथेली में लेकर जिसने, स्वतंत्रता की कसम खाई थी।
उस शहीद भगत की लोगों ने, हल्की सी कहानी सुनाई थी।

उस स्वतन्त्रता के महा कुम्भ में, तब बलिदानी रूहें नहाई थी।
छोटी बड़ी हर शहादत ने, मां भारती को आजादी दिलाई थी।
फांसी के फंदे पर हंसते – हंसते, काय जिसने लटकाई थी।
उस शहीद भगत की लोगों ने, हल्की सी कहानी सुनाई थी।

शोक हुआ जब इतिहास के पन्नों में, गाथा इनकी छुपाई थी।
जिनकी पीठ पर भारत मां ने, जीती आजादी की लड़ाई थी।
जंग – ए – आजादी के दरिया में कूद, जिसने प्यास बुझाई थी।
उस शहीद भगत की लोगों ने, हल्की सी कहानी सुनाई थी।

किसे मालूम था भारत भगत को, यूं चन्द वर्षों में भुलाएगा?
आजादी के नायकों की जगह, आक्रांताओं को पढ़ाएगा।
फिरंगी फितरत में डूब जमाना, भाई से भाई को लड़ाएगा।
सच को झूठ और झूठ को सच, कहकर सत्य को छुपाएगा।

जैसी पढ़ाई, वैसी ही आजमाई, जमाना भी तो आजमाएगा।
क्या सीखेगा जग जब स्कूलों में, छल-छद्म ही पढ़ आएगा?
जब मानव मानव का बैरी बन, स्वार्थ पर स्वार्थ अपनाएगा।
सच को झूठ और झूठ को सच, कहकर सत्य को छुपाएगा।

भारत मां के इस वीर सपूत का, इतिहास जो सामने लाएगा।
मां भारती के श्री चरणों में वह, निज श्रद्धा सुमन चढ़ाएगा।
सभ्यता – संस्कृति और बलिदान छुपाकर, भारत पछताएगा।
सच को झूठ और झूठ को सच, कहकर सत्य को छुपाएगा।

♦ हेमराज ठाकुर जी – जिला मण्डी, हिमाचल प्रदेश ♦

—————

  • “हेमराज ठाकुर जी“ ने, बहुत ही सरल शब्दों में सुंदर तरीके से समझाने की कोशिश की है — क्या आप जानते है, जिसकी भरी जवानी में हुई सगाई, देश प्रेम के खातिर ठुकराई थी, ओ कौन थे जिन्होंने एसेंबली हाल में जाने खातिर, धर्म छोड़ दाढ़ी बनवाई थी। जान हथेली में लेकर जिसने, स्वतंत्रता की कसम खाई थी। उस अमर शहीद भगत सिंह जी की लोगों ने, हल्की सी कहानी क्यों सुनाई थी। उस स्वतन्त्रता के महा कुम्भ में, तब सभी बलिदानी रूहें नहाई थी, छोटी बड़ी हर शहादत ने, मां भारती को तब आजादी दिलाई थी। फांसी के फंदे पर हंसते – हंसते, काय जिसने लटकाई थी, आखिर उस शहीद भगत की लोगों ने, हल्की सी कहानी क्यों सुनाई थी। क्या आपने कभी ये जानने की कोशिश की? शोक हुआ जब इतिहास के पन्नों में, क्यों गाथा इनकी छुपाई थी। जिनकी पीठ पर भारत मां ने, जीती आजादी की लड़ाई थी। जंग – ए – आजादी के दरिया में कूद, जिसने प्यास बुझाई थी। आखिर क्यों उस शहीद भगत की लोगों ने, हल्की सी ही कहानी सुनाई थी।

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यह लेख (भगत सिंह।) “हेमराज ठाकुर जी” की रचना है। KMSRAJ51.COM — के पाठकों के लिए। आपकी कवितायें/लेख सरल शब्दो में दिल की गहराइयों तक उतर कर जीवन बदलने वाली होती है। मुझे पूर्ण विश्वास है आपकी कविताओं और लेख से जनमानस का कल्याण होगा।

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