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Teacher’s Day and Guru Vandana | शिक्षक दिवस एवं गुरु वंदना।
गुरुवर जैसा नहीं कोई पुज्य,
नहीं है कोई दूजा महान।
गोविंद से पहले करता हूं,
शिक्षक का गुणगान।
गुरु की नजरों में होता है,
कृष्ण – सुदामा एक समान।
आप सा ना कोई इस धरती पर,
आपके पास है ज्ञान का खान।
देकर गुरुवर प्रकाश आपने,
अंधकार से बचा लिया।
धन्य हो गया जीवन,
स्वागत करने का जो मौका दे दिया।
शिक्षक दिवस का दिन है बड़ा महान,
आपके आशीष से, उज्जवल हुआ सारा जहान।
गुरु की चरणों में है चारो धाम,
आपकी चरणों में ” भोला ” का कोटि कोटि प्रणाम।
गुरु-शिष्य का नाता देखो, पिता-पुत्र से कहीं महान,
गुरु ही देते सबको अनुपम वो सकल ज्ञान।
गुरु ही पथ प्रदर्शक,
गुरु से है सबका स्वाभिमान।
अभियंता, नायक, अधिकारी,
डाक्टर हो या हो फिर कर्मचारी।
शिक्षक हैं सबका निर्माता,
ये कैसी बिडम्बना है,
सबके आगे शिक्षक अपना सिर झुकाता।
गुरु कृपा से विकसित हुआ संसार,
राम- कृष्ण भी गए शरण में,
वो भी समझे, गुरु बिना जीवन न संसार।
माँ सरस्वती, भगवान चित्रगुप्त से पहले,
नमन करता हूँ गुरु चरणों में।
मैं अज्ञानी कुछ न मांगू, कुछ न जानूँ,
हाथ रख दो गुरुवर अपना,
जब शीश झुकाएं तेरी चरणों में।
♦ भोला शरण प्रसाद जी – सेक्टर – 150 / नोएडा – उत्तर प्रदेश ♦
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- “भोला शरण प्रसाद जी“ ने, बहुत ही सरल शब्दों में सुंदर तरीके से इस कविता के माध्यम से समझाने की कोशिश की है — इस कविता में गुरु के महत्व को महत्वपूर्ण रूप से प्रकट किया गया है। गुरु को ज्ञान का स्रोत और जीवन का मार्गदर्शक माना गया है। यह कविता गुरु पूर्णिमा और शिक्षक दिवस के अवसर पर गुरुजी के प्रति श्रद्धाभाव और आभार व्यक्त करने का प्रयास है। गुरु-शिष्य के रिश्ते को पिता-पुत्र के समान महत्वपूर्ण माना गया है और शिक्षक को समाज के निर्माता के रूप में दर्शाया गया है। कविता के अंत में कवि अपने गुरु के चरणों में अपना सिर झुकाते हुए गुरुजी के प्रति अपनी आभार व्यक्त करते हैं।
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यह कविता (शिक्षक दिवस एवं गुरु वंदना।) “भोला शरण प्रसाद जी” की रचना है। KMSRAJ51.COM — के पाठकों के लिए। आपकी लेख/कवितायें सरल शब्दो में दिल की गहराइयों तक उतर कर जीवन बदलने वाली होती है। मुझे पूर्ण विश्वास है आपकी कविताओं और लेख से जनमानस का कल्याण होगा। आपकी लेखन क्रिया यूं ही चलती रहे।
आपका परिचय आप ही के शब्दों में:—
मैं भोला शरण प्रसाद बी. एस. सी. (बायो), एम. ए. अंग्रेजी, एम. एड. हूं। पहले केन्द्रीय विघालय में कार्यरत था। मेरी कई रचनाऍं विघालय पत्रिका एंव बाहर की भी पत्रिका में छप चूकी है। मैं अंग्रेजी एंव हिन्दी दोनों में अपनी रचनाऍं एंव कविताऍं लिखना पसन्द करता हूं। देश भक्ति की कविताऍं अधिक लिखता हूं। मैं कोलकाता संतजेवियर कालेज से बी. एड. किया एंव महर्षि दयानन्द विश्वविघालय रोहतक से एम. एड. किया। मैं उर्दू भी जानता हूं। मैं मैट्रीकुलेशन मुजफ्फरपुर से, आई. एस. सी. एंव बी. एस. सी. हाजीपुर (बिहार विश्वविघालय) बी. ए. (अंग्रेजी), एम. ए. (अंग्रेजी) बिहार विश्वविघालय मुजफ्फरपुर से किया। शिक्षा से शुरू से लगाव रहा है। लेखन मेरी Hobby है। इस Platform के माध्यम से सुधारात्मक संदेश दे पाऊं, यही अभिलाषा है।
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