Kmsraj51 की कलम से…..
ϒ प्रथम गुरु माता। ϒ
प्रथम गुरु माता – Pratham Guru Mata
महर्षि वेदव्यास जी के अनुसार …..


माँ है तो श्री है, आधार है क्योंकि,
प्रकृति, धरती एक माँ का ही तो प्रकार है।
माँ है तो आसक्ति है क्योंकि,
माँ में ही तो असीम शक्ति है।
माँ है तो त्याग है, बलिदान हैं क्योंकि,
माँ में सिमटा एक बच्चे का पूरा जहान है।
माँ वो है जो खुद मिटकर एक बच्चे को बनाती है
क्योंकि – पत्थर पर पिसकर ही हिना रंग लाती है।
माँ है तो परिवार है, संस्कार है, क्योंकि,
केवल माँ में ही तो ममता है, प्यार है, दुलार है।
माँ है तो जन्म है, बचपन है, लोरी है क्योंकि,
माँ की ममता एक रेशम की डोरी है।
माँ है तो कृष्ण है, राम है, बलराम भी है क्योंकि,
माँ के बिना असम्भव इन्सान तो क्या भगवान भी है।
माँ है तो दादी है, नानी है और,
एक बालक के बिना, माँ भी एक अधूरी कहानी है।


विदुषी शर्मा जी के लिए मेरे विचार:
♣ 🙂 “विदुषी शर्मा जी” ने बहुत ही सरल शब्दों में माँ के गुणों और प्यार का मनोरम वर्णन किया है। हर एक शब्द में अलाैकिक सार भरा हैं। जाे हर एक शब्द पर विचार सागर-मंथन कर हृदयसात करने योग्य हैं। माँ के गुण और प्यार सागर के गहराई से भी ज्यादा हैं। सरल शब्दाे में हाेते हुँये भी हृदयसात करने योग्य हैं। जाे भी इंसान गहराई से हर शब्दाे का सार समझकर आत्मसात करें, उसका जीवन धन्य हाे जायें।
जरूर पढ़े: दिल से कागज में उतर ही जाती है।
जरूर पढ़े: हम दोनों की दो-दो आंखें।
♥⇔♥
अपने विचार Comments कर जरूर बताये, और हमेशा नए Post को अपने ईमेल पर पाने के लिए – ईमेल सब्सक्राइब करें।
Please share your comments.
आप सभी का प्रिय दोस्त
©KMSRAJ51
———– © Best of Luck ® ———–
Note:-
यदि आपके पास हिंदी या अंग्रेजी में कोई Article, Inspirational Story, Poetry या जानकारी है जो आप हमारे साथ share करना चाहते हैं तो कृपया उसे अपनी फोटो के साथ E-mail करें. हमारी Id है: kmsraj51@hotmail.com. पसंद आने पर हम उसे आपके नाम और फोटो के साथ यहाँ PUBLISH करेंगे. Thanks!!
“सफलता का सबसे बड़ा सूत्र”(KMSRAJ51)