• Skip to main content
  • Skip to primary sidebar
  • Skip to footer
  • HOME
  • ABOUT
    • Authors Intro
  • QUOTES
  • POETRY
    • ग़ज़ल व शायरी
  • STORIES
  • निबंध व जीवनी
  • Health Tips
  • CAREER DEVELOPMENT
  • STUDENT PAGE
  • योग व ध्यान

KMSRAJ51-Always Positive Thinker

“तू ना हो निराश कभी मन से” – (KMSRAJ51, KMSRAJ, KMS)

Check out Namecheap’s best Promotions!

Domain & Hosting bundle deals!
You are here: Home / Archives for माता बगलामुखी देवी – पीताम्बरा देवी

माता बगलामुखी देवी - पीताम्बरा देवी

माँ पीताम्बरा स्तुति।

Kmsraj51 की कलम से…..

♦ माँ पीताम्बरा स्तुति। ♦

नमो नमो महाविद्या वरदानी, नमो नमो पीताम्बरा दयाला,
क्षण में स्तम्भन करे मैया, सुमिरन करे अरिकुल काला।

नमो नमो बगला भवानी, नमो नमो पीताम्बरा कल्याणी,
भक्त वत्सला शत्रु नाशनी, नमो नमो महाविद्या वरदानी॥१॥

अमृत सुधा बीच तुम्हारा, मणि मंडित रतन आसन प्यारा,
कनक सिंहासन पर आसीना, पीताम्बरा अति दिव्य नवीना।

स्वर्णाभूषण सुंदर धारे, चंद्र मुकुट सिर पर सिंगारे,
त्रयी नेत्र द्विज भुजा मृणाला, मुद्गर पाश धरे कराला॥२॥

सदा करे भैरव सेवकाई, सिद्ध कार्य सब विघ्न नसाई,
तुम निराश की सदा सहाई, तुम अकिंचन अरिकुल धारा।

तुम काली तारा भुवनेश्वरी, भैरवी त्रिपुर सुन्दरी वेशी,
छिन्नमस्ता धूमा मातंगी, महा गायत्री तुम बगुला रंगी॥३॥

सकल शक्तियाँ तुममें साजे, ह्लीं बीज के मध्य बिराजे,
दुष्ट स्तम्भन अरिकुल कीलन, मारण वशीकरण आकर्षण सम्मोहन।

दुष्टोच्चातन की कारक माता, अरि जिह्वा कीलय संघाता,
साधक की विपत्ति की त्राता, नमो नमो महामाया प्रख्याता॥४॥

मुद्गर लिये अति भारी, प्रेतासन पर किये सवारी,
तीनो: लोक दस दिश भवानी, तह तुम बिचरहु हित कल्याणी।

सोचे जो अरि अरिष्ट जन को, बुद्धि नशावय कीलय तन को,
हाथ पाँव बाँधैव तुम ताके, हनहु जिह्वा बीच मुद्गर बाके॥५॥

जब संकट चोरों पर आवे, रण में रिपुओं से घिर जावे,
अनल अनिल विप्लव घहरावे, वाद-विवाद न निर्णय पावे।

मूठ अभिचारण संकट आदि, आपत्ति राजभीति सन्निकट,
ध्यान करत सब कष्ट नसावे, ग्रह भूत – प्रेम न बाधा आवे॥६॥

सुमिरन करत राजद्वार बंध जावे, सभा बीच स्तम्भन छावे,
नाग सर्प वृश्चिक आदि भयंकर, खल विहंग भागहि सब तत्पर।

सर्व रोग की नाशन हारी, अरिकुल मूलोच्चाटन कारी,
स्त्री – पुरुष राज सम्मोहक, नमो नमो पीताम्बर सोहक॥७॥

सदा तुमको कुबेर मनावे, श्री समृद्धि सुयस गुण गावे,
शक्ति – शौर्य की तुमहि विधाता, दु:ख-दारिद्र विनाशक माता।

यश ऐश्वर्य की ऋद्धि-सिद्धि दाता, शत्रु नाशिनी विजय प्रदाता
बगुलामुखी नमो कल्याणी, नमो नमो पीता महारानी॥८॥

तुमको जो सुमिरै चित्त लाई, योग क्षेम से तुम करो सहाई,
विपत्ति जन की तुरत निवारो, अयाधि-व्याधि संकट सब टारो।

पूजा जप विधि नहि जानत तोरी, अर्थ न आखर करहुँ निहोरी,
हाथ जोड़ शरणागत मैं आया, करहुँ दया तुम माता पीताम्बरा॥९॥

तुम्हीं जग में केवल मोर सहारा, हरहुँ संकट करहुँ निवारा,
नमो नमो बगुलामुखी माता, नमो नमो पीताम्बरा सुखदाता।

सौम्य रूप धर बनती माता, सुख सम्पत्ति सुयश की दाता,
रौद्र रूप धर शत्रु संहारो, अरिकुल जिह्वा में मुद्गर मारो॥१०॥

नमो नमो महाविद्या आगारा, आदि सुंदरी शक्ति अपारा,
अरिकुल भंजक विपत्ति की त्राता, दया करो पीताम्बरी माता।

ऋद्धि-सिद्धि की दाता महारानी, अरिकुल समूल की तुम काल
मेरी सब बाधा हरो माँ, पीताम्बरे बगले माँ तत्काल॥११॥

♦ सतीश शेखर श्रीवास्तव ‘परिमल‘ जी — जिला–सिंगरौली, मध्य प्रदेश ♦

—————

यह कविता (माँ पीताम्बरा स्तुति।) “सतीश शेखर श्रीवास्तव ‘परिमल’ जी“ की रचना है। KMSRAJ51.COM — के पाठकों के लिए। आपकी कवितायें/लेख सरल शब्दो में दिल की गहराइयों तक उतर कर जीवन बदलने वाली होती है। मुझे पूर्ण विश्वास है आपकी कविताओं और लेख से जनमानस का कल्याण होगा।

—————

अपने विचार Comments कर जरूर बताये, और हमेशा नए Post को अपने ईमेल पर पाने के लिए – ईमेल सब्सक्राइब करें – It’s Free !!

Please share your comments.

आप सभी का प्रिय दोस्त

©KMSRAJ51

जैसे शरीर के लिए भोजन जरूरी है वैसे ही मस्तिष्क के लिए भी सकारात्मक ज्ञान और ध्यान रुपी भोजन जरूरी हैं।-KMSRAj51

———– © Best of Luck ®———–

Note:-

यदि आपके पास हिंदी या अंग्रेजी में कोई Article, Inspirational Story, Poetry, Quotes, Shayari etc. या जानकारी है जो आप हमारे साथ Share करना चाहते हैं तो कृपया उसे अपनी फोटो के साथ E-mail करें. हमारी ID है: kmsraj51@hotmail.com पसंद आने पर हम उसे आपके नाम और फोटो के साथ यहाँ PUBLISH करेंगे. Thanks!!

“सफलता का सबसे बड़ा सूत्र”(KMSRAJ51)

“स्वयं से वार्तालाप(बातचीत) करके जीवन में आश्चर्यजनक परिवर्तन लाया जा सकता है। ऐसा करके आप अपने भीतर छिपी बुराईयाें(Weakness) काे पहचानते है, और स्वयं काे अच्छा बनने के लिए प्रोत्साहित करते हैं।”

 

“अगर अपने कार्य से आप स्वयं संतुष्ट हैं, ताे फिर अन्य लोग क्या कहते हैं उसकी परवाह ना करें।”~KMSRAj51

 

 

____ अपने विचार Comments कर जरूर बताएं ____

Filed Under: 2022-KMSRAJ51 की कलम से, हिंदी कविता, हिन्दी-कविता Tagged With: Maa Baglamukhi Stuti, maa pitambara stuti, Mata Baglamukhi Stuti in hindi, Poems of Satish Shekhar Srivastava Parmal, Satish Shekhar Srivastava Parmal, माँ पीताम्बरा स्तुति, माँ पीताम्बरा स्तुति - सतीश शेखर श्रीवास्तव परिमल, माँ बगलामुखी स्तुति, माता बगलामुखी देवी - पीताम्बरा देवी, माता श्री बगलामुखी की स्तुति, श्री बगलामुखी स्तुति, सतीश शेखर श्रीवास्तव - परिमल

Primary Sidebar

Recent Posts

  • गंगा माँ।
  • पछतावा।
  • बोलता पेड़।
  • लोहारी नहीं डूबा।
  • दर्दे दिल।
  • आया तूफान।
  • सफर।
  • बेजार।
  • ओ माझी रे।
  • इक प्रयास।
  • इक प्रयास।
  • स्त्री।
  • जागो अब तो जागो।
  • मंत्र को गुप्त क्यों रखा जाता है?
  • यही हमारा नारा है।
  • बल के लिए।
  • आन बान आउर शान बा।

KMSRAJ51: Motivational Speaker

https://www.youtube.com/watch?v=0XYeLGPGmII

BEST OF KMSRAJ51.COM

गंगा माँ।

पछतावा।

बोलता पेड़।

लोहारी नहीं डूबा।

दर्दे दिल।

आया तूफान।

सफर।

बेजार।

ओ माझी रे।

इक प्रयास।

इक प्रयास।

Audiobooks Now

AudiobooksNow - Digital Audiobooks for Less

Affiliate Marketing Network

HD – Camera

Free Domain Privacy

Footer

Protected by Copyscape

KMSRAJ51

DMCA.com Protection Status

Copyright © 2013 - 2023 KMSRAJ51.COM - All Rights Reserved. KMSRAJ51® is a registered trademark.