Kmsraj51 की कलम से…..
♦ भक्त की अभिलाषा। ♦
खुशी से वास्ता नहीं,
मुश्किलों से गहरा लगाव है।
मेरी जिंदगी कभी तपती दोपहरी,
कभी घनी छांव है।
अपनों ने दिए बेहिसाब दर्द,
मेरी कराहती वेदना की अपनी घाव है।
शब्द हुए अपाहिज,
दर्द से लथपथ पांव है।
रूह तक झुलस चूका हूं,
अपनों ने जलाए वही अलाव है।
पतझड़ के मौसम में जुर्रत नहीं,
बहार की ख्वाइश कैसे करूं।
आंखें नम हैं मेरी हे प्रभु,
लव पे तबस्सुम की ख्वाइस कैसे करूं।
इतना आसान नहीं मेरे लिए,
गुजरी बातों को भूल जाएं।
जिस राह पर चलूं मेरे प्रभु,
मेरे हिस्से में कंकड़।
अपनों के लिए फूल बन जाए।
एक स्वर गूंजता मार दूंगा,
क्यूं यही शोर सब ओर है।
समाज भ्रष्ट या फिर कमजोर है,
हे शिवशम्भू, कृष्णकन्हैया,
मां लक्ष्मी, चित्रगुप्त,।
मैं हूं निर्बल,,,
अब मेरी भी विनती सुन लो,
मंदिर-मंदिर माथा टेका,
पर कहीं भी मिली नहीं।
तुम्हारे दर्शन बिन प्रभु,
लगता है मन कहीं नहीं।
आश लगाए बैठा हूं,
माता, जगत पिता संग आयेगी,
बहुतेरे भक्त हैं तेरे,
दुःख हर कर, गले जरूर लगाएगी।
♦ भोला शरण प्रसाद जी – सेक्टर – 150/नोएडा – उत्तर प्रदेश ♦
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- “भोला शरण प्रसाद जी“ ने, बहुत ही सरल शब्दों में सुंदर तरीके से इस लेख के माध्यम से समझाने की कोशिश की है — एक सच्चा भक्त सदैव ही मानव कल्याण के लिए प्रभु से प्रार्थना करता है, वह अपने लिए कभी भी कुछ नहीं मांगता है। वह सदैव ही सभी के लिए सुख ही सुख की कामना करता है प्रभु से, चाहे दुनिया वाले या उसके अपने कितना भी उसे तकलीफ़ दे। मानव जीवन में उतार-चढ़ाव तो लगा ही रहता है, इसका मतलब ये नहीं की अपनी स्वार्थ सिद्धि के लिए किसी को भी तकलीफ़ दिया जाएं। एक बात सदैव ही याद रखें – विकर्म का फल सदैव ही तकलीफ़ देने वाला ही होगा, अच्छे कर्मों का फल देर से भले ही मिले लेकिन आपके लिए सुखदायी होता है। इसलिए अच्छे कर्म करे, मानवता को शर्मशार करने वाले कोई भी कर्म ना करें।
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यह कविता (भक्त की अभिलाषा।) “भोला शरण प्रसाद जी” की रचना है। KMSRAJ51.COM — के पाठकों के लिए। आपकी लेख/कवितायें सरल शब्दो में दिल की गहराइयों तक उतर कर जीवन बदलने वाली होती है। मुझे पूर्ण विश्वास है आपकी कविताओं और लेख से जनमानस का कल्याण होगा। आपकी लेखन क्रिया यूं ही चलती रहे।
आपका परिचय आप ही के शब्दों में:—
मैं भोला शरण प्रसाद बी. एस. सी. (बायो), एम. ए. अंग्रेजी, एम. एड. हूं। पहले केन्द्रीय विघालय में कार्यरत था। मेरी कई रचनाऍं विघालय पत्रिका एंव बाहर की भी पत्रिका में छप चूकी है। मैं अंग्रेजी एंव हिन्दी दोनों में अपनी रचनाऍं एंव कविताऍं लिखना पसन्द करता हूं। देश भक्ति की कविताऍं अधिक लिखता हूं। मैं कोलकाता संतजेवियर कालेज से बी. एड. किया एंव महर्षि दयानन्द विश्वविघालय रोहतक से एम. एड. किया। मैं उर्दू भी जानता हूं। मैं मैट्रीकुलेशन मुजफ्फरपुर से, आई. एस. सी. एंव बी. एस. सी. हाजीपुर (बिहार विश्वविघालय) बी. ए. (अंग्रेजी), एम. ए. (अंग्रेजी) बिहार विश्वविघालय मुजफ्फरपुर से किया। शिक्षा से शुरू से लगाव रहा है। लेखन मेरी Hobby है। इस Platform के माध्यम से सुधारात्मक संदेश दे पाऊं, यही अभिलाषा है।
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