Kmsraj51 की कलम से…..
Shilp-Dharm | शिल्प-धर्म।
अनुकर्ष निर्जन वन पूनम,
पृथुल भूधर प्रदेश विशाल थे।
स्निग्ध हरीरी अमृता भूषित-पथ,
आरण्य सारंग-अमंद बिखरे थे।
लपेट दिव्य भूषण कौन्तेय के,
प्रदर्श-सहस लावण्य लहर से।
मुक्त-कुंतल लहरा रही थी,
रत्नगर्भा को उतुङ्ग महाविल से।
शिल्प-धर्म पर मैं जाता था,
निःसंग वन-वाटिका तमस् में।
यकायक दृष्टिगत हुई अभ्र को,
मराल कंधर संक्षिप्त कपाल में।
कामदग्धा अपूर्व सुंदरी,
उस पर मुरली लिये कर कमल में।
चीर रही थी नितांत निर्जन वन को,
भर रही सरगम के मधुर-स्वर में।
किल्लोल रही तरंगें रश्मियों से,
ढुलक रहे घनरस कमलिनी में।
अगुरु युवता थिरक रही थी,
निहार-कणों-सा सुर पवन में।
पुकार कहा मैनें; कौन? बंसी बजा रहा,
कहा प्रकृति ने सौंदर्य चिर हमी-से।
घनेरी स्वयं दमक-भास मैं करती,
प्रकाशित अधिलोक मैं तुम्हीं-से।
अनखिली यौवन का मधु मैं,
मदहोश रसीली नई-नवेली।
सरस तरुणी का नयन-मद,
दृष्टि लेखन की अलबेली।
कोमल मंजरी किसलय कली हूँ मैं,
मैं फुनगियों पर पड़ी मिहिका रज।
सुमन-सारंग पर थिरकती फिरती हूँ,
प्रेममय भृंगी-पतंगा बन समज।
प्रणय-वेदना के सिवा न दुःख,
यहाँ पुरातन क्षेम की लालिमा है।
इस वापिका में नित राजहंस के,
आसङ्ग टहलती आनंदित हँसनी है।
जोड़ पंख अभिलाषा अभिराम,
आई इस आनन्द भुवन माया में।
पी लो आज अधर-रस जी-भर,
कल दहन होगी तेरी पिण्ड-काया में।
युवता तश्नगी आकर्षण प्रेम,
सत्यतः नवयौवना मधुमय है।
इन चक्षुओं में विवुध-मधु भरा,
रसीले रदों में मद – संचय है।
देखा है मैनें इन दिनों में,
मादकता भरी है हिमकणों में।
सारंगों की मुस्कान प्रगट थी,
निर्मल शून्य सुनहला पुष्करणों में।
आनंदित हिलोर लेती कनक किरणें,
झिलमिल-झिलमिल झलक रही सर में।
शिल्प-धर्म पर मैं जाता था,
निःसंग वन-वाटिका तमस् में।
♦ सतीश शेखर श्रीवास्तव ‘परिमल‘ जी — जिला–सिंगरौली, मध्य प्रदेश ♦
—————
यह कविता (शिल्प-धर्म।) “सतीश शेखर श्रीवास्तव ‘परिमल’ जी“ की रचना है। KMSRAJ51.COM — के पाठकों के लिए। आपकी कवितायें/लेख/दोहे सरल शब्दो में दिल की गहराइयों तक उतर कर जीवन बदलने वाली होती है। मुझे पूर्ण विश्वास है आपकी कविताओं और लेख से जनमानस का कल्याण होगा।
—————
अपने विचार Comments कर जरूर बताये, और हमेशा नए Post को अपने ईमेल पर पाने के लिए – ईमेल सब्सक्राइब करें – It’s Free !!
Please share your comments.
आप सभी का प्रिय दोस्त
©KMSRAJ51
———– © Best of Luck ®———–
Note:-
यदि आपके पास हिंदी या अंग्रेजी में कोई Article, Inspirational Story, Poetry, Quotes, Shayari etc. या जानकारी है जो आप हमारे साथ Share करना चाहते हैं तो कृपया उसे अपनी फोटो के साथ E-mail करें. हमारी ID है: kmsraj51@hotmail.com पसंद आने पर हम उसे आपके नाम और फोटो के साथ यहाँ PUBLISH करेंगे. Thanks!!
“सफलता का सबसे बड़ा सूत्र”(KMSRAJ51)
____ अपने विचार Comments कर जरूर बताएं ____