Kmsraj51 की कलम से…..
♦ मां के नौ रूप। ♦
विधा : भक्ति।
नवरात्रों के पावन पर्व पर मां को याद करते हैं,
उनके नौ रुपों का हम बखान करते हैं॥
पहली शैलपुत्री हैं तो दूसरी है ब्रह्माचारिणी,
भवसागर से सब लोगों को पार उतारनी॥
तीनों लोक मैया की जय जयकार करते हैं,
नवरात्रों के पावन पर्व पर मां को याद करते हैं॥
उनके नौ रुपों………
तीसरी चंद्रघंटा, चौथी कूष्माण्डा का रुप निराला है,
भक्त जनों की हर विपदा को मां ने टाला हैं॥
सभी भक्त जन मां के स्वरूप का श्रृंगार करते हैं,
नवरात्रों के पावन पर्व पर मां को याद करते हैं॥
उनके नौ रुपों………
पांचवीं स्कंदमाता, छठी कात्यायनी का भवन निराला है,
सारे भक्तो को प्यार करे सबकी बुरी नजरो से टाला है॥
मां के भवन में जाकर भक्त जन उनका श्रृंगार करते हैं,
नवरात्रों के पावन पर्व पर मां को याद करते हैं॥
उनके नौ रुपों………
सातवीं कालरात्रि, आठवीं महागौरी की पूजा करो सारे,
एकपल भी न लगाएं पापी दुष्टजनो को खड्ग से संहारे॥
जो सच्चे मन से मां को सुमरे उनके भाग जाग जाते हैं,
नवरात्रों के पावन पर्व पर मां को याद करते हैं॥
उनके नौ रुपों………
नवीं सिद्धिदात्री मां को सच्चे मन से जिसने धाया है,
मन के मन्दिर में मां का दरबार सजाया है॥
मां के सभी नौ रूप बड़े प्यारे- प्यारे लगते हैं,
नवरात्रों के पावन पर्व पर मां को याद करते हैं॥
उनके नौ रुपों का हम बखान करते हैं।
हम बखान करते हैं………
♦ विजयलक्ष्मी जी – झज्जर, हरियाणा ♦
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- “विजयलक्ष्मी जी“ ने, बिलकुल ही सरल शब्दों का प्रयोग करते हुए; इस कविता के माध्यम से समझाने की कोशिश की हैं — आज हम बात कर रहे हैं हमारे देश के सनातन धर्म (हिन्दू धर्म) द्वारा मनाये जाने वाले नवरात्रि त्यौहार की, इस त्यौहार को बहुत ही धूमधाम से मनाया जाता है। नवरात्रि में लोग 9 दिन व्रत रखते हैं और आखिरी दिन मां की पूजा करके नौ कन्याओं को भोजन कराते हैं। यह त्यौहार अलग-अलग जगह पर अलग-अलग तरीके से मनाया जाता है। काफी जगह इस दिन लोग गरबा और डांडिया भी खेलते हैं। यह त्यौहार असत्य पर सत्य की जीत को दर्शाता है। हिन्दू मान्यताओं के अनुसार नवरात्रि साल में दो बार मनाया जाता है। नवरात्रि नौ दिनों के लिए निरंतर चलता है जिसमे देवी माँ के अलग-अलग स्वरूपों की लोग भक्ति और निष्ठा के साथ पूजा करते है। भारत में नवरात्रि अलग-अलग राज्यों में विभिन्न तरीको और विधियों के संग मनाई जाती है।
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यह कविता (मां के नौ रूप।) “विजयलक्ष्मी जी“ की रचना है। KMSRAJ51.COM — के पाठकों के लिए। आपकी कवितायें सरल शब्दो में दिल की गहराइयों तक उतर कर जीवन बदलने वाली होती है। मुझे पूर्ण विश्वास है आपकी कविताओं और लेख से जनमानस का कल्याण होगा। आपकी लेखन क्रिया यूं ही चलती रहे।
आपका परिचय आप ही के शब्दों में:—
मेरा नाम विजयलक्ष्मी है। मैं राजकीय प्राथमिक कन्या विद्यालय, छारा – 2, ब्लॉक – बहादुरगढ़, जिला – झज्जर, हरियाणा में मुख्य शिक्षिका पद पर कार्यरत हूँ। मैं पढ़ाने के साथ-साथ समाज सेवा, व समय-समय पर “बेटी बचाओ – बेटी पढ़ाओ” और भ्रूण हत्या पर Parents मीटिंग लेकर उनको समझाती हूँ। स्कूल शिक्षा में सुधार करते हुए बच्चों में मानसिक मजबूती को बढ़ावा देना। कोविड – 19 महामारी में भी बच्चों को व्हाट्सएप ग्रुप से पढ़ाना, वीडियो और वर्क शीट बनाकर भेजना, प्रश्नोत्तरी कराना, बच्चों को साप्ताहिक प्रतियोगिता कराकर सर्टिफिकेट देना। Dance Classes प्रतियोगिता का Online आयोजन कराना। स्वच्छ भारत अभियान के तहत विद्यालय स्तर पर कार्य करना। इन सभी कार्यों के लिए शिक्षा विभाग और प्रशासनिक अधिकारी द्वारा और कई Society द्वारा बार-बार सम्मानित किया गया।
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