Kmsraj51 की कलम से…..
Let Hindi Be Our Only Language | एकमात्र हिंदी ही हमारी भाषा हो।
हिंदी ही एकमात्र ऐसी भाषा है जो हमारे पूरे भारत में बोली और समझी जाती है। चाहे हमारे बच्चे कितनी भी अंग्रेजी या किसी और भाषा को सीख ले परंतु वार्तालाप तो हिंदी में ही करते हैं। क्योंकि हमारी जड़े तो हिंदी में ही हैं, जो बात हमारी मातृभाषा में है वह बात किसी और भाषा में कहां? हमारे सिनेमा जगत को ही देख लीजिए हिंदी भाषा में अलग-अलग राज्यों में हजारों फिल्में बनती है। क्योंकि सिनेमा जगत को यह बात अच्छे से पता है कि अगर फिल्म को सुपरहिट करना है तो हिंदी एकमात्र ऐसी भाषा है जो उनकी फिल्म को आगे ले जाएगी। जिसे परिवार के सभी सदस्य सुन सकते हैं, बोल सकते हैं, लिख सकते हैं। फिर दूसरी भाषा क्यों?
मेरा मकसद किसी दूसरी भाषा को गलत बताना नहीं है। बस अपनी भाषा के बारे में अवगत कराना है। विदेशों में हिंदी को पढ़ाने-लिखाने की कक्षाएं लगती हैं। बहुत सारे विदेशी लोग भारत में सिर्फ और सिर्फ हिंदी सीखने के लिए ही आते हैं और भारतीय संस्कृति को अपना रहे हैं। जब अमेरिका से डोनाल्ड ट्रंप भारत आए थे तो उन्होंने नमस्ते! बोल कर सबके दिलों में अलग पहचान बना ली थी।
हिंदी भाषा का रुतबा है…
यह हमारी हिंदी भाषा का रुतबा है कि अमेरिका के लोग भी इसे सम्मान के साथ बोलते हैं। वह किसी और भाषा में कहां है। अखबार हो या टीवी जगत हो हर स्थान पर हिंदी छाई रहती है। हमारे देश माननीय प्रधानमंत्री जी भी हमेशा अपने भाषण हिंदी भाषा में देते हैं। उसी का नतीजा है कि उनका इतना रूतबा है। हिंदी आम बोलचाल की भाषा है, जिसे पढ़ें लिखे लोग तो समझते हैं। आम नागरिक भी आसानी से समझ जाता है।
यह ऐसी भाषा है जो सभी भाषाओं के शब्दों को आसानी से अपने अंदर समा लेती है जैसे टी वी, रेल हजारों ऐसे हैं विदेशी शब्द है जो हिंदी में आए हुए हैं। हमारी हिंदी भाषा भी माँ की तरह जो सबका मान-सम्मान कर देती है और हमेशा करती रहेगी।
मां की ममता की प्यारी है,
प्राचीन से भी प्राचीन है।
समाया जिसने प्यार सबके लिए,
वह हमारी हिंदी भाषा,
विदेशों तक जिसका डंका बाजे।
हमें गर्व है हिंदी भाषा पर…
अगर हर जगह हिंदी भाषा का प्रयोग होने लगा तो इससे आम नागरिक को बहुत फायदा होगा। ग्रामीण क्षेत्रों के लोग भी आसानी से अपनी बात को हर क्षेत्र तक पहुंचा सकतें हैं। ग्रामीण क्षेत्रों में हिंदी भाषा का ही प्रयोग होता है। उनकी पहुंच भी हर जगह हो जाएगी। इसलिए हिंदी भाषा की प्रसिद्धि दिनों-दिन बढ़ती जा रही है। भारत देश में ही नहीं अपितु विदेशों में भी हिंदी का परचम लहरा रहा है। हमारे देश के प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी भी हर जगह पर हिंदी भाषा का ही प्रयोग करते हैं। हमें गर्व है कि दुनिया का बड़ा हिस्सा हिंदी भाषा का प्रयोग करता है।
♦ सीमा रंगा इन्द्रा जी – हरियाणा ♦
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- “श्रीमती सीमा रंगा इन्द्रा जी“ ने, बहुत ही सरल शब्दों में सुंदर तरीके से इस लेख के माध्यम से समझाने की कोशिश की है — इस लेख में हिंदी भाषा के महत्व को बताया गया है। लेखिका के अनुसार, हिंदी हमारे देश भारत में एकमात्र भाषा है जो पूरे देश में बोली और समझी जाती है। हिंदी भाषा का महत्व यहाँ पर उजागर किया गया है कि चाहे कोई भी अन्य भाषा सीख ले, लेकिन वार्तालाप को हम हिंदी में ही करते हैं क्योंकि हमारी मातृभाषा हिंदी है। हिंदी के माध्यम से हमारा संवाद हमारी संस्कृति और भाषा के साथ जुड़ा रहता है। हिंदी भाषा विश्वभर में अपना महत्व साबित कर चुकी है, खासकर सिनेमा जगत में। हिंदी में बनी फिल्में विभिन्न राज्यों में प्रसिद्ध होती हैं और हिंदी भाषा का प्रयोग किया जाता है। हिंदी भाषा का प्रचार और प्रसार बढ़ाने से हमारे देश का संवाद और सम्पूर्ण समाज में समृद्धि हो सकती है। प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी ने इसलिए हिंदी के महत्व को स्थापित किया और यह संदेश दिया कि हमें अपनी भाषा का सम्मान करना चाहिए।
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यह लेख (एकमात्र हिंदी ही हमारी भाषा हो।) “श्रीमती सीमा रंगा इन्द्रा जी“ की रचना है। KMSRAJ51.COM — के पाठकों के लिए। आपकी लेख, कवितायें व कहानी सरल शब्दो में दिल की गहराइयों तक उतर कर जीवन बदलने वाली होती है। मुझे पूर्ण विश्वास है आपकी कविताओं, कहानी और लेख से जनमानस का कल्याण होगा। आपकी लेखन क्रिया यूं ही चलती रहे।
आपका परिचय आप ही के शब्दों में:—
मेरा नाम सीमा रंगा इंद्रा है। मेरी शिक्षा बी एड, एम. ए. हिंदी। व्यवसाय – लेखिका, प्रेरक वक्ता व कवयित्री। प्रकाशन – सतरंगी कविताएं, देश के विभिन्न पत्र-पत्रिकाओं में कविताएं व लेख, दैनिक भास्कर, दैनिक भास्कर बाल पत्रिका, अमर उजाला, संडे रिपोर्टर, दिव्य शक्ति टाइम्स ऑफ़ डेजर्ट, कोल्डफीरर, प्रवासी संदेश, वूमेन एक्सप्रेस, इंदौर समाचार लोकांतर, वूमेन एक्सप्रेस सीमांत रक्षक युगपक्ष, रेड हैंडेड, मालवा हेराल्ड, टीम मंथन, उत्कर्ष मेल काव्य संगम पत्रिका, मातृत्व पत्रिका, कोलकाता से प्रकाशित दैनिक पत्रिका, सुभाषित पत्रिका शब्दों की आत्मा पत्रिका, अकोदिया सम्राट दिव्या पंचायत, खबर वाहिनी, समतावादी मासिक पत्रिका, सर्वण दर्पण पत्रिका, मेरी कलम पूजा पत्रिका, सुवासित पत्रिका, 249 कविता के लेखक कहानियां प्रकाशित देश के अलग-अलग समाचार पत्रों में समय-समय पर।
सम्मान पत्र -180 ऑनलाइन सम्मान पत्र, चार बार BSF से सम्मानित, डॉक्टर भीमराव अंबेडकर सोसायटी से सम्मानित, नेहरू युवा केंद्र बाड़मेर से सम्मानित, शुभम संस्थान और विश्वास सेवा संस्थान द्वारा सम्मानित, प्रज्ञा क्लासेस बाड़मेर द्वारा, आकाशवाणी से लगातार काव्य पाठ, सम्मानित, बीएसएफ में वेलफेयर के कार्यों को सुचारु रुप से चलाने हेतु सम्मानित। गोल्डन बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड, प्रेसिडेंट ग्लोबल चेकर अवार्ड।
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