• Skip to main content
  • Skip to primary sidebar
  • Skip to footer
  • HOME
  • ABOUT
    • Authors Intro
  • QUOTES
  • POETRY
    • ग़ज़ल व शायरी
  • STORIES
  • निबंध व जीवनी
  • Health Tips
  • CAREER DEVELOPMENT
  • STUDENT PAGE
  • योग व ध्यान

KMSRAJ51-Always Positive Thinker

“तू ना हो निराश कभी मन से” – (KMSRAJ51, KMSRAJ, KMS)

Check out Namecheap’s best Promotions!

Domain & Hosting bundle deals!
You are here: Home / Archives for होली पर गजल

होली पर गजल

रंग पंचमी होली समापन।

Kmsraj51 की कलम से…..

♦ रंग पंचमी होली समापन। ♦

रंग पंचमी को होली का होता समापन,
महापर्व देवताओं को होते समर्पित।
नकारात्मक असर को करता नाश
सकारात्मक सोच का होता विकास।

आसमान में जो लोग गुलाल उड़ाते,
मनवांछित फल वही भक्त पाते हैं।
रखने से व्रत सभी दोष मिट जाए,
रंग पंचमी पर्व जो श्रद्धा से मनाते।

सभी अनिष्ट शक्तियां दूर ही रहती,
विघटन कारी शक्ति पास न आती।
रज – तम गुण दासी रूप में रहती,
सत्तवगुण जीवन में सुख शांति देते।

सगुण ऊपर पर्व विजय का प्रतीक,
आध्यात्मिक विकास करे भलीभूत।
पांच तत्वों का महापर्व देता प्रकाश,
किए धूलिवंदन विष्णु जी पालनहार।

त्रेता युग से चला आ रहा त्यौहार,
सांसारिक करते हैं इस पर विचार!
कृष्ण राधा को लगाते अबीर गुलाल,
लक्ष्मी जी की लाल करने से सत्कार।

तेजो मय ही है पूरा ब्रह्मांड हमारा,
विविध रंगों के घटक से भारी तारा।
गुलाल उड़ाकर देवों को हम पुकारें,
कल्याणकारी शक्ति होती हैं सहारा।

पारिवारिक कष्ट खत्म होवे समर्पण से,
ईश्वर की भक्ति होती है जल अर्पण से।
रंगपंचमी महापर्व मनाएं श्रद्धाभक्ति से,
सकारात्मक ऊर्जा आती ईश शक्ति से।

♦ सुखमंगल सिंह जी – अवध निवासी ♦

—————

— Conclusion —

  • “सुखमंगल सिंह जी“ ने, बहुत ही सरल शब्दों में सुंदर तरीके से इस कविता में समझाने की कोशिश की है — रंग पंचमी का पर्व होली त्योहार के पांच दिन के बाद मनाया जाता है। होली का पर्व चैत्र कृष्ण पक्ष की प्रतिपदा से प्रारंभ हो जाता है और पंचमी तिथि तक चलता है। पंचमी के दिन मनाए जाने के कारण ही रंग पंचमी कहा जाता है। रंग पंचमी पर माता लक्ष्मी और भगवान विष्णु की पूजा करनी चाहिए। लक्ष्मी धन, संपत्ति, ऐश्वर्य की देवी हैं। उनकी पूजा के साथ कनकधका स्तोत्र का पाठ करें। मां लक्ष्मी और श्रीहरि को लाल गुलाल अर्पित करें। इससे परिवार के समृद्धि में वृद्धि होगी। रंग पंचमी के दिन भगवान श्रीकृष्ण और राधारानी की पूजा करें। उन्हें गुलाल चढ़ाएं। ऐसा करने से वैवाहिक जीवन की परेशानी खत्म होंगी। प्रेम संबंध मजबूत होंगे। वैवाहिक जीवन में खुशहाली के लिए पति और पत्नी साथ में पूजा करें।

—————

sukhmangal-singh-ji-kmsraj51.png

यह कविता (रंग पंचमी होली समापन।) “सुखमंगल सिंह जी” की रचना है। KMSRAJ51.COM — के पाठकों के लिए। आपकी कवितायें, व्यंग्य / लेख सरल शब्दो में दिल की गहराइयों तक उतर कर जीवन बदलने वाली होती है। मुझे पूर्ण विश्वास है आपकी कविताओं और लेख से जनमानस का कल्याण होगा। आपकी कविताओं और लेख से आने वाली पीढ़ी के दिलो दिमाग में हिंदी साहित्य के प्रति प्रेम बना रहेगा। आपकी लेखन क्रिया यूं ही चलती रहे, बाबा विश्वनाथ की कृपा से।

अपने विचार Comments कर जरूर बताये, और हमेशा नए Post को अपने ईमेल पर पाने के लिए – ईमेल सब्सक्राइब करें – It’s Free !!

ज़रूर पढ़ें — प्रातः उठ हरि हर को भज।

Please share your comments.

आप सभी का प्रिय दोस्त

©KMSRAJ51

जैसे शरीर के लिए भोजन जरूरी है वैसे ही मस्तिष्क के लिए भी सकारात्मक ज्ञान और ध्यान रुपी भोजन जरूरी हैं।-KMSRAj51

———– © Best of Luck ®———–

Note:-

यदि आपके पास हिंदी या अंग्रेजी में कोई Article, Inspirational Story, Poetry या जानकारी है जो आप हमारे साथ Share करना चाहते हैं तो कृपया उसे अपनी फोटो के साथ E-mail करें. हमारी ID है: kmsraj51@hotmail.com पसंद आने पर हम उसे आपके नाम और फोटो के साथ यहाँ PUBLISH करेंगे. Thanks!!

“सफलता का सबसे बड़ा सूत्र”(KMSRAJ51)

“स्वयं से वार्तालाप(बातचीत) करके जीवन में आश्चर्यजनक परिवर्तन लाया जा सकता है। ऐसा करके आप अपने भीतर छिपी बुराईयाें(Weakness) काे पहचानते है, और स्वयं काे अच्छा बनने के लिए प्रोत्साहित करते हैं।”

 

“अगर अपने कार्य से आप स्वयं संतुष्ट हैं, ताे फिर अन्य लोग क्या कहते हैं उसकी परवाह ना करें।”~KMSRAj51

 

 

____ अपने विचार Comments कर जरूर बताएं! ____

Filed Under: 2022-KMSRAJ51 की कलम से, सुखमंगल सिंह जी की कविताएं।, हिंदी कविता, हिन्दी-कविता Tagged With: holi poem in hindi, Poem on Rang Panchami in Hindi, poems of sukhmangal singh, poet sukhmangal singh, sukhmangal singh poems, रंग पंचमी - होली समापन, रंग पंचमी पर कविता, रंगपंचमी - कविता, सुखमंगल सिंह की कविताएं, होली कविता, होली पर कविता, होली पर कविता हिंदी में, होली पर कविताएं, होली पर गजल, होली पर रंगबिरंगी मजेदार कविताएं, होली पर लिखी बेहतरीन कविताओं से चुनिंदा अंश

होली।

Kmsraj51 की कलम से…..

♦ होली। ♦

(रंग, विचार, उल्लास)

सृष्टि संसार की अगम होती अति वृष्टि,
सजती संवरती निसर्ग ले पल्लव पुष्प आसंग।
चढ़ते माघ शुक्ल पक्ष पंचमी तिथि विशिष्ट,
बसंत राज का आगमन नव श्रृंगार का अहंग।

नए गुलाबी रंग पल्लव मन को मुग्ध करे,
प्रकृति सौन्दर्य प्रधान के त्रयी रंग कमाल।
कानन अगिन उजार दे टेसू पुहुप समान,
पीली साड़ी ओढ़े प्रमृत सदृश सजी धमाल।

आम्र मंजरी पुकारती गुलाब मालती प्रसून,
भटकते प्रियतम बन अलिमक भृंग समरेख।
विकल हो कोकिला करे कुहू-कुहू की टेर,
प्राणों को उद्वेलित करे फगुआ को देख।

वन वृक्षों की हरीतिमा मन को खींचे अपनी ओर,
आकर्षित करे पल-पल बालें गेहूँ-जौ की और बौर।
पतंगम गुंजन मधुकर कोकिला करे अति शोर,
देखो आया गली-गली रंग धुलिवंदन का अंदोर।

गीत गोविंद धमार की गायन वाद्य नृत्य विभोर,
कामिनी कानन यौवन फूटे उत्साह मस्ती चहुँओर।
प्रीति प्रेम त्याग की द्वेषरहित रहे ये संसार,
अन्न-घी-गुड़-दाव रंग से पितृतर्पण करते चहुँओर।

रंग अबीर गुलाल संग बजे फाग धमार की मृदंग,
धुलेंडी धुरड्डी, धुरखेल धूलिवंदन इसके नाम प्रतिष्ठ।
गीत गायन कर मिटाये कटुता द्वेष सब ये उद्वेग,
पेड़-पौधे, पशु-पक्षी मनुष्य उल्लास इससे यथेष्ट।

मंच (KMSRAJ51.COM) से जुड़े समस्त कवि/कवित्रियों को होलिका दहन एवं होली की शुभकामनायें।

♦ सतीश शेखर श्रीवास्तव `परिमल` जी — जिला–सिंगरौली, मध्य प्रदेश ♦

—————

  • “सतीश शेखर श्रीवास्तव `परिमल`“ जी ने, बहुत ही सरल शब्दों में सुंदर तरीके से समझाने की कोशिश की है — इस समय पतझड़ के बाद नए पतों का वृक्षों पर आना वन वृक्षों की हरीतिमा मन को खींचे अपनी ओर आकर्षित करे पल-पल बालें गेहूँ-जौ की और बौर पतंगम गुंजन मधुकर कोकिला करे अति शोर देखो आया गली-गली रंग धुलिवंदन का अंदोर। होली रंगों का ही नहीं सामाजिक भेदभाव मिटाने एवं सामूहिकता का पर्व भी है। होली बुराई पर अच्छाई के प्रतीक का पर्व भी है। इस बार हम होलिका दहन के साथ कोरोना वायरस का भी दहन करें तो फिर पहले की तरह सौहार्द्र पूर्ण वातावरण में एक-दूसरे से गले मिलते हुए होली मना सकेंगे। होली रंगों का त्योहार है और जीवन में रंग तभी तक हैं, जब तक परिवार-समाज सुरक्षित है।

—————

यह कविता (होली – रंग, विचार, उल्लास।) “सतीश शेखर श्रीवास्तव `परिमल` जी“ की रचना है। KMSRAJ51.COM — के पाठकों के लिए। आपकी कवितायें/लेख सरल शब्दो में दिल की गहराइयों तक उतर कर जीवन बदलने वाली होती है। मुझे पूर्ण विश्वास है आपकी कविताओं और लेख से जनमानस का कल्याण होगा।

—————

अपने विचार Comments कर जरूर बताये, और हमेशा नए Post को अपने ईमेल पर पाने के लिए – ईमेल सब्सक्राइब करें – It’s Free !!

Please share your comments.

आप सभी का प्रिय दोस्त

©KMSRAJ51

जैसे शरीर के लिए भोजन जरूरी है वैसे ही मस्तिष्क के लिए भी सकारात्मक ज्ञान और ध्यान रुपी भोजन जरूरी हैं।-KMSRAj51

———– © Best of Luck ® ———–

Note:-

यदि आपके पास हिंदी या अंग्रेजी में कोई Article, Inspirational Story, Poetry या जानकारी है जो आप हमारे साथ Share करना चाहते हैं तो कृपया उसे अपनी फोटो के साथ E-mail करें. हमारी ID है: kmsraj51@hotmail.com पसंद आने पर हम उसे आपके नाम और फोटो के साथ यहाँ PUBLISH करेंगे. Thanks!!

“सफलता का सबसे बड़ा सूत्र”(KMSRAJ51)

“स्वयं से वार्तालाप(बातचीत) करके जीवन में आश्चर्यजनक परिवर्तन लाया जा सकता है। ऐसा करके आप अपने भीतर छिपी बुराईयाें(Weakness) काे पहचानते है, और स्वयं काे अच्छा बनने के लिए प्रोत्साहित करते हैं।”

 

“अगर अपने कार्य से आप स्वयं संतुष्ट हैं, ताे फिर अन्य लोग क्या कहते हैं उसकी परवाह ना करें।”~KMSRAj51

 

 

____ अपने विचार Comments कर जरूर बताएं! ____

Filed Under: 2022-KMSRAJ51 की कलम से, हिंदी कविता, हिन्दी-कविता Tagged With: poem on holi in hindi, poet Satish Shekhar Srivastava - Parimal poems, poet Satish Shekhar Srivastava 'Parimal', Satish Shekhar Srivastava poems, कवि‍ताएँ, रंग बिरंगी होली आई रे, सतीश शेखर श्रीवास्तव, सतीश शेखर श्रीवास्तव – परिमल, होली कविता, होली पर कविता, होली पर कविता हिंदी में, होली पर कविताएं, होली पर गजल, होली पर पंक्तियां, होली पर रंगबिरंगी मजेदार कविताएं, होली पर लिखी बेहतरीन कविताओं से चुनिंदा अंश, होली पर साहित्यिक कविता

होली आगे भी आएगी।

Kmsraj51 की कलम से…..

♦ होली आगे भी आएगी। ♦

होली आगे भी आएगी,
गीत नये रचते जाएं।
दुश्मन से नहीं डरना,
जय घोष करते आएं।

अजी गुलामी की जंजीरें,
काटकर बाहर हम आए!
मलेक्षों को पूर्वजों ने सहा,
कैसे – कैसे तुम्हें बताएं।

बदनसीब बस्तियां सारी,
आजादी पर गुलामी भारी।
कच्ची मांस पे मारा मारी,
अस्मत बचाने की दुश्वारी।

जय घोष की करो तैयारी,
होली आई वा की दिवाली।

राह बबूल के कांटो के खारे,
नंगे पांव में गडते सब सारे।
बात-बात पर ठंड गन ठानी,
आशी पर भीस ही थे भारी।

किसका घर अब छूटेगा,
हौसला किसका टूटेगा।
कॉल मुहूर्तं कोसों दूर,
जय घोष पर नहीं छूट।

जय घोष की करो तैयारी,
होली आई वा दीवाली।

हत्या अपहरण और फूट,
भोला झोला पर भी लूट।
दरबार में ही होली मनाते,
खूंटी खुशियां टांगे जाते।

जीवन की बगिया में खड़ी,
च्छोभा अवसादों से भरी।
शासन अंग्रेजों का आया,
कचहरी व सड़क सजाया।

जय घोष की करो तैयारी,
होली आई पड़े ना भारी।

न्याय की उम्मीद जगाया,
मंदिरों पर छापा डलवाया।
राजा ऊपर कस दी नकेल,
चली जनता में फूट के खेल।

हम पर हमी से खेला कीना,
जगिया टैक्स आगे भी लीना।
मलिन घूम के फूट डलवाया,
राजावों के महलों तक आया।

जय घोष की करो तैयारी,
होली में कल्याण की बारी।

जाति पांति का जहर पिलाया,
हीरा मोती अपने घर पहुंचाया।
तब पूर्वजों ने बिगुल बजाया,
आजादी के लिए जान गंवाया।

हम सब सोचे मिली आजादी,
उस पर उसकी पारी – भारी।
वह अपना एजेंट यहां छोड़ा,
लूटा घर और तोड़ा मरोड़ा।

जय घोष की करो तैयारी,
होली आई अब की बारी।

उनके रास्तों को है बदलना,
समझ लो लोग हमें सुधारना।
ये सब हमको हैं भर माते,
शिक्षा के नाम पर लूट मचाते।

यह अपनी झोली भरते जाते,
सब जगह पेट्रोल पंप खुलवाते।
खेत में बबूल की कोशिश करते,
शब्द वाणी में गुलामी समझाते।

जय घोष की करो तैयारी,
होली हो या दिवाली प्यारी।

पिज्जा – बर्गर हमें खिलाते,
बीमारी हमारे घर दे जाते।
कदाचित फैक्ट्री वही चलाते,
मरीज बनाकर लूटते जाते।

फैशन शो के शहर बस आते,
रंग बिरंगी दृश्य दिखाती।
आतंकियों से भी हाथ मिलाते,
अपनी अपनी में हमें लड़वाते।

जय घोष की करो तैयारी,
होली आई सब कोई है भाई।

ऊर्जा अपनी बचा के रखना,
तिलक – आजाद नहीं भूलना।
जय घोष में आगे भी करना,
शरीर निरोगी हमको रखना।

चारु तरफ से सनक सवार,
कोरोना वायरस का प्रचार।
मास्क लगाकर चल ना यार,
दो गज की दूरी में ही प्यार।

जय घोष का भी करूं प्रचार,
होली आई है पावन त्यौहार।

♦ सुखमंगल सिंह जी – अवध निवासी ♦

—————

— Conclusion —

  • “सुखमंगल सिंह जी“ ने, बहुत ही सरल शब्दों में सुंदर तरीके से इस कविता में समझाने की कोशिश की है — पहले मलेक्षों को पूर्वजों ने सहा, फिर अंग्रेजो को भी सहा, आज भी कुछ गद्दार है जिन्हें सह रहे है सभी आखिर क्यों ? कब तक समझ आएगा सभी को ? कवि कहते है जय घोष की करो तैयारी, चाहे होली आई या दीवाली। 2000 वर्षों से लुटते आ रहे है सभी। अब भी समय है संभल जाओ नहीं तो ना ही होली/दीवाली मना पाओगे। पिज्जा – बर्गर जैसे गन्दी चीजे हमें खिलाते, बीमारी हमारे घर दे जाते। कदाचित फैक्ट्री वही चलाते फिर मरीज बनाकर हमे लूटते जाते। फैशन शो के शहर बस आते, फैशन के नाम पर भी हमे लूट ले जाते रंग बिरंगी दृश्य दिखाती ये फैशन शो। आतंकियों से भी हाथ मिलाते है ये अपनी अपनी में हमें लड़वाते। अब भी समय है संभल जाओ नहीं तो अपने घर व देश से भगाया जाएगा हमें। जय घोष का भी करूं प्रचार, होली आई है पावन त्यौहार।

—————

sukhmangal-singh-ji-kmsraj51.png

यह कविता (होली आगे भी आएगी।) “सुखमंगल सिंह जी” की रचना है। KMSRAJ51.COM — के पाठकों के लिए। आपकी कवितायें, व्यंग्य / लेख सरल शब्दो में दिल की गहराइयों तक उतर कर जीवन बदलने वाली होती है। मुझे पूर्ण विश्वास है आपकी कविताओं और लेख से जनमानस का कल्याण होगा। आपकी कविताओं और लेख से आने वाली पीढ़ी के दिलो दिमाग में हिंदी साहित्य के प्रति प्रेम बना रहेगा। आपकी लेखन क्रिया यूं ही चलती रहे, बाबा विश्वनाथ की कृपा से।

अपने विचार Comments कर जरूर बताये, और हमेशा नए Post को अपने ईमेल पर पाने के लिए – ईमेल सब्सक्राइब करें – It’s Free !!

ज़रूर पढ़ें — प्रातः उठ हरि हर को भज।

Please share your comments.

आप सभी का प्रिय दोस्त

©KMSRAJ51

जैसे शरीर के लिए भोजन जरूरी है वैसे ही मस्तिष्क के लिए भी सकारात्मक ज्ञान और ध्यान रुपी भोजन जरूरी हैं।-KMSRAj51

———– © Best of Luck ®———–

Note:-

यदि आपके पास हिंदी या अंग्रेजी में कोई Article, Inspirational Story, Poetry या जानकारी है जो आप हमारे साथ Share करना चाहते हैं तो कृपया उसे अपनी फोटो के साथ E-mail करें. हमारी ID है: kmsraj51@hotmail.com पसंद आने पर हम उसे आपके नाम और फोटो के साथ यहाँ PUBLISH करेंगे. Thanks!!

“सफलता का सबसे बड़ा सूत्र”(KMSRAJ51)

“स्वयं से वार्तालाप(बातचीत) करके जीवन में आश्चर्यजनक परिवर्तन लाया जा सकता है। ऐसा करके आप अपने भीतर छिपी बुराईयाें(Weakness) काे पहचानते है, और स्वयं काे अच्छा बनने के लिए प्रोत्साहित करते हैं।”

 

“अगर अपने कार्य से आप स्वयं संतुष्ट हैं, ताे फिर अन्य लोग क्या कहते हैं उसकी परवाह ना करें।”~KMSRAj51

 

 

____ अपने विचार Comments कर जरूर बताएं! ____

Filed Under: 2022-KMSRAJ51 की कलम से, सुखमंगल सिंह जी की कविताएं।, हिंदी कविता, हिन्दी-कविता Tagged With: holi poem in hindi, poems of sukhmangal singh, poet sukhmangal singh, sukhmangal singh poems, सुखमंगल सिंह की कविताएं, होली कविता, होली पर कविता, होली पर कविता हिंदी में, होली पर कविताएं, होली पर गजल, होली पर रंगबिरंगी मजेदार कविताएं, होली पर लिखी बेहतरीन कविताओं से चुनिंदा अंश

दिलों की मेलजोली यही है सच्ची होली।

Kmsraj51 की कलम से…..

♦ दिलों की मेलजोली यही है सच्ची होली। ♦

जीवन के बयार में, उड़ रही प्रेम की बोली,
लोग हो गए सेल्फिस वेल्फिस, तंग हो गई टोली।
नहीं रहा अब नाज और नखरा, कैद हो गई बोली,
बदल रही फिज़ा, खो रही दोस्तों की खोली।
प्यार के दो मीठे बोल के लिए, तरस रही आली,
दिल से दिलों की टोली, यही है सच्ची होली,
दिलों की मेलजोली यही है सच्ची होली।

जीवन पथ पर अग्रसर संघर्ष रूपी पथिक को,
न खाने की फुर्सत ही है, न अपनों के लिए वक्त।
इस आपाधापी ने संबंधों में घोला विष,
प्यार ने छोड़ी राह, कड़वाहटों ने दामन थामा।
साल भर के गीले शिकवे मिटाती, रंगों की लाली।
दिल से दिलों की टोली यही है सच्ची होली,
दिलों की मेलजोली यही है सच्ची होली।

रिश्तों में आई दरार भरती हमारी, रंगों की थाली,
हर चेहरे पर रंग चढ़ाती, खासियत है इसकी निराली।
हर सूखे चेहरे पर लाती, मुस्कान की लाली,
बड़ी निराली बड़ी सुहानी खुशियों की हमझोली।
दिल के ढीले तारों को कसकर, शरगम बजाती ताली,
दिल से दिलों की टोली यही है सच्ची होली,
दिलों की मेलजोली यही है सच्ची होली।

सादगी और विश्वास का प्रतीक है हमारी होली,
रंगों से रंग मिलकर, दोस्तों दुश्मन भी गले मिल जाते है।
का पावन संदेश जन जन तक फैलती,
भाईचारे संग दिलों का संगम, यही है इसकी बोली।
अनोखा अनूठा विश्वास से भरा है हमारी होली।
दिल से दिलों की टोली यही है सच्ची होली,
दिलों की मेलजोली यही है सच्ची होली।

♦ विवेक कुमार जी – जिला – मुजफ्फरपुर, बिहार ♦

मेरे प्रिय पाठकों सपरिवार तहे दिल से होली महापर्व की शुभकामनाएं।–KMSRAJ51

—————

• Conclusion •

  • “विवेक कुमार जी“ ने, बहुत ही सरल शब्दों में सुंदर तरीके से समझाने की कोशिश की है — होली रंगों का ही नहीं सामाजिक भेदभाव मिटाने एवं सामूहिकता का पर्व भी है। होली बुराई पर अच्छाई के प्रतीक का पर्व भी है। इस बार हम होलिका दहन के साथ कोरोना वायरस का भी दहन करें तो फिर पहले की तरह सौहार्द्र पूर्ण वातावरण में एक-दूसरे से गले मिलते हुए होली मना सकेंगे। होली रंगों का त्योहार है और जीवन में रंग तभी तक हैं, जब तक परिवार-समाज सुरक्षित है।

—————

यह कविता (दिलों की मेलजोली यही है सच्ची होली।) “विवेक कुमार जी” की रचना है। KMSRAJ51.COM — के पाठकों के लिए। आपकी कवितायें/लेख सरल शब्दो में दिल की गहराइयों तक उतर कर जीवन बदलने वाली होती है। मुझे पूर्ण विश्वास है आपकी कविताओं और लेख से जनमानस का कल्याण होगा।

आपका परिचय आप ही के शब्दों में:—

मैं एक शिक्षक हूं। मुजफ्फरपुर जिला, बिहार राज्य का निवासी हूं। शिक्षा से शुरू से लगाव रहा है। लेखन मेरी Hobby है। इस Platform के माध्यम से सुधारात्मक संदेश दे पाऊं, यही अभिलाषा है।

अपने विचार Comments कर जरूर बताये, और हमेशा नए Post को अपने ईमेल पर पाने के लिए – ईमेल सब्सक्राइब करें – It’s Free !!

Please share your comments.

आप सभी का प्रिय दोस्त

©KMSRAJ51

जैसे शरीर के लिए भोजन जरूरी है वैसे ही मस्तिष्क के लिए भी सकारात्मक ज्ञान और ध्यान रुपी भोजन जरूरी हैं।-KMSRAj51

———– © Best of Luck ®———–

Note:-

यदि आपके पास हिंदी या अंग्रेजी में कोई Article, Inspirational Story, Poetry या जानकारी है जो आप हमारे साथ Share करना चाहते हैं तो कृपया उसे अपनी फोटो के साथ E-mail करें. हमारी ID है: kmsraj51@hotmail.com पसंद आने पर हम उसे आपके नाम और फोटो के साथ यहाँ PUBLISH करेंगे. Thanks!!

“सफलता का सबसे बड़ा सूत्र”(KMSRAJ51)

“स्वयं से वार्तालाप(बातचीत) करके जीवन में आश्चर्यजनक परिवर्तन लाया जा सकता है। ऐसा करके आप अपने भीतर छिपी बुराईयाें(Weakness) काे पहचानते है, और स्वयं काे अच्छा बनने के लिए प्रोत्साहित करते हैं।”

 

“अगर अपने कार्य से आप स्वयं संतुष्ट हैं, ताे फिर अन्य लोग क्या कहते हैं उसकी परवाह ना करें।”~KMSRAj51

 

 

____ अपने विचार Comments कर जरूर बताएं! ____

Filed Under: 2022-KMSRAJ51 की कलम से, हिंदी कविता, हिन्दी-कविता Tagged With: poet vivek kumar, vivek kumar poems, कवि‍ताएँ, रंग बिरंगी होली आई रे, विवेक कुमार, विवेक कुमार की कविताएं, होली पर कविता, होली पर कविता हिंदी में, होली पर गजल, होली पर पंक्तियां, होली पर साहित्यिक कविता

होलिका दहन।

Kmsraj51 की कलम से…..

♦ होलिका दहन। ♦

होलिका दहन (छोटी होली)

हवाएं जब भी बहना,
देश की संस्कृत में रहना।
पर्वत आये अथवा घाटी,
गांव शहर वा नव परिपाटी।

वैदिक सिद्धांतों में चलना,
सबका तुम कल्याण करना।
रंगीन रास्ते भी आएंगे,
फुसलाकर वहां ले जाएंगे।

माया को उल्लंघन कर जाते,
संसार सागर से भी तर जाते।
साधक के साधना गर पल्लवित,
पापों से मुक्ति और त्रिगुणातीत।

पक्षपात रहित वह हो जाता,
जब भक्ति मार्ग में रम जाता।
जो घृणा – द्वेष करता रहता,
परमात्मा को प्राप्त नहीं होता।

भक्त प्रहलाद विष्णु में रमता,
असुराधिपति मात्र हाथ मलता।
हिरण्यकश्यप विष्णु से जलता,
भगवान से घोर शत्रुता करता।

प्रह्लाद पिता पर नहीं चलता,
विष्णु भक्ति में तत्पर रहता।
दानव पुत्र मात्र दानव न होता,
धर्मात्मा पुत्र धर्म परायण ही!

विष्णु कृपा से प्रहलाद हुआ महान,
उसकी हत्या का पिता किया प्लान!
दानव निज बहन को दिया यह काम,
शाल होलिका ने मिली एक वरदान।

भक्त प्रहलाद की कयाधु है माता,
विष्णु जी थे उसकी भाग्य विधाता।
जब माता ने मन से प्रभु को पुकारा,
तब प्रहलाद बचे होलिका हुई स्वाहा।

आग से बचाने में साल दिखाती करामात,
जिसे ब्रह्मा ने होलिका को दिया वर के साथ।
छल छद्म में उसने प्रहलाद को लिया गोद में,
भली-भांति बर्बरता के थी वह आगोश में।

लोक दिखाओ कार्य से ईश्वर होता रूस्ट,
ध्रुव प्रहलाद सूर तुलसी मीरा में दी प्रभु भक्ति।
जब विशाल अलाव में होलिका संग प्रहलाद को देखा,
हवा को तत्काल बुलावा विष्णु जी ने भेजा।

हवा के संग – संग शीतलता भी वहां तभी आईं,
देवलोक की अप्सराओं ने भी मधुरिम गीत सुनाई!
होलिका के ऊपर से शाल प्रहलाद के ऊपर ऊढ़ाई,
वही होलिका को जलाकर प्रहलाद की जान बचाई।

हिरण्यकश्यप शिव का करता था बड़ा तप,
भगवान शिव की प्रसन्नता से मिला उसको एक वर।
नाय आकाश नहीं पाताल में मारा जाएगा!
उसे ना ही जानवर ना ही मानव मार पाएगा।

आशूरा अधिपति हिरण्यकश्यप को मारने,
नरसिंह रूप में भगवान विष्णु प्रकट होकर आए।
प्राप्त वर को ध्यान में रखकर संहारक बन ढाये,
नरसिंह रूपी नाखून प्रहार कर नव जीवन में पहुंचाएं।

♦ सुखमंगल सिंह जी – अवध निवासी ♦

—————

— Conclusion —

  • “सुखमंगल सिंह जी“ ने, बहुत ही सरल शब्दों में सुंदर तरीके से इस कविता में समझाने की कोशिश की है — भक्त प्रह्लाद की विष्णु भक्ति व हिरण्यकश्यप के अहंकार को कविता के रूप में बताया हैं। होली रंगों का ही नहीं सामाजिक भेदभाव मिटाने एवं सामूहिकता का पर्व भी है। होली बुराई पर अच्छाई के प्रतीक का पर्व भी है। इस बार हम होलिका दहन के साथ कोरोना वायरस का भी दहन करें तो फिर पहले की तरह सौहार्द्र पूर्ण वातावरण में एक-दूसरे से गले मिलते हुए होली मना सकेंगे। होली रंगों का त्योहार है और जीवन में रंग तभी तक हैं, जब तक परिवार-समाज सुरक्षित है।

—————

sukhmangal-singh-ji-kmsraj51.png

यह कविता (होलिका दहन।) “सुखमंगल सिंह जी” की रचना है। KMSRAJ51.COM — के पाठकों के लिए। आपकी कवितायें, व्यंग्य / लेख सरल शब्दो में दिल की गहराइयों तक उतर कर जीवन बदलने वाली होती है। मुझे पूर्ण विश्वास है आपकी कविताओं और लेख से जनमानस का कल्याण होगा। आपकी कविताओं और लेख से आने वाली पीढ़ी के दिलो दिमाग में हिंदी साहित्य के प्रति प्रेम बना रहेगा। आपकी लेखन क्रिया यूं ही चलती रहे, बाबा विश्वनाथ की कृपा से।

अपने विचार Comments कर जरूर बताये, और हमेशा नए Post को अपने ईमेल पर पाने के लिए – ईमेल सब्सक्राइब करें – It’s Free !!

ज़रूर पढ़ें — प्रातः उठ हरि हर को भज।

Please share your comments.

आप सभी का प्रिय दोस्त

©KMSRAJ51

जैसे शरीर के लिए भोजन जरूरी है वैसे ही मस्तिष्क के लिए भी सकारात्मक ज्ञान और ध्यान रुपी भोजन जरूरी हैं।-KMSRAj51

———– © Best of Luck ®———–

Note:-

यदि आपके पास हिंदी या अंग्रेजी में कोई Article, Inspirational Story, Poetry या जानकारी है जो आप हमारे साथ Share करना चाहते हैं तो कृपया उसे अपनी फोटो के साथ E-mail करें. हमारी ID है: kmsraj51@hotmail.com पसंद आने पर हम उसे आपके नाम और फोटो के साथ यहाँ PUBLISH करेंगे. Thanks!!

“सफलता का सबसे बड़ा सूत्र”(KMSRAJ51)

“स्वयं से वार्तालाप(बातचीत) करके जीवन में आश्चर्यजनक परिवर्तन लाया जा सकता है। ऐसा करके आप अपने भीतर छिपी बुराईयाें(Weakness) काे पहचानते है, और स्वयं काे अच्छा बनने के लिए प्रोत्साहित करते हैं।”

 

“अगर अपने कार्य से आप स्वयं संतुष्ट हैं, ताे फिर अन्य लोग क्या कहते हैं उसकी परवाह ना करें।”~KMSRAj51

 

 

____ अपने विचार Comments कर जरूर बताएं! ____

Filed Under: 2022-KMSRAJ51 की कलम से, सुखमंगल सिंह जी की कविताएं।, हिंदी कविता, हिन्दी-कविता Tagged With: author sukhmangal singh, poem on holi in hindi, poet sukhmangal singh, sukhmangal singh poems, कवि‍ताएँ, रंग बिरंगी होली आई रे, सुखमंगल सिंह की कविताएं, होलिका दहन, होलिका दहन -छोटी होली, होलिका दहन पर कविता, होली पर कविता, होली पर कविता हिंदी में, होली पर गजल, होली पर पंक्तियां, होली पर साहित्यिक कविता

रंग बिरंगी होली आई रे।

Kmsraj51 की कलम से…..

♦ रंग बिरंगी होली आई रे। ♦

चल पड़ी मतवालों की ये टोली,
सबके होंठों पर सजी इक प्यारी बोली।
लो फिर से सजेगी रंगों की टोली,
प्रीति प्रेम की राह बनेगी होली।

होली के यंत्र-करण कई है,
संग जोड़ने वाले संबंध कई है।

रंग बिरंगे गर्द गुबारों से,
फिर से गुलालों की झड़ियों वाली है।
फिर से संवरेगी रंगों की हमजोली,
प्रीति प्रेम की स्रोत बनेगी होली।

कब तक रुष्ट रहोगे तुम सबसे,
कुछ तो बोलो क्यों हो गुमसुम तुम।

तुमको रंग लगाने में जाएगी गुम,
कटुता के कारावास से निकलो,
बन जाओ अब तो हमजोली।
फिर सजधज के आई रंगों की टोली,
प्रीति प्रेम की साधन बनेगी ये होली।

अंतस् में नहीं वंचना किसी के,
उत्तङ्ग बहुत है आत्मबल सबका।
होली के रंग बिरंगे कंगना,
उर पावन ब्रम्हद्रव से सजना।

अंत:सार भी निर्मल हो पूरा,
आनन अगर है परमप्रिय बोली।
फिर श्रृंगारित होती रंगों की होली,
प्रीति प्रेम की उर्मि बनेगी होली।

निकल पड़ी अलमस्तों की ये टोली,
सबकी जिह्वा पर इक ही बोली।
फिर बन-ठन कर आई रंगों की होली,
प्रीति प्रेम की निर्झर-सी बनेगी ये होली।

मंच (KMSRAJ51.COM) से जुड़े समस्त कवि/कवित्रियों को होलिका दहन एवं होली की शुभकामनायें।

♦ सतीश शेखर श्रीवास्तव `परिमल` जी — जिला–सिंगरौली, मध्य प्रदेश ♦

—————

  • “सतीश शेखर श्रीवास्तव `परिमल`“ जी ने, बहुत ही सरल शब्दों में सुंदर तरीके से समझाने की कोशिश की है — होली रंगों का ही नहीं सामाजिक भेदभाव मिटाने एवं सामूहिकता का पर्व भी है। होली बुराई पर अच्छाई के प्रतीक का पर्व भी है। इस बार हम होलिका दहन के साथ कोरोना वायरस का भी दहन करें तो फिर पहले की तरह सौहार्द्र पूर्ण वातावरण में एक-दूसरे से गले मिलते हुए होली मना सकेंगे। होली रंगों का त्योहार है और जीवन में रंग तभी तक हैं, जब तक परिवार-समाज सुरक्षित है।

—————

यह कविता (रंग बिरंगी होली आई रे।) “सतीश शेखर श्रीवास्तव `परिमल` जी“ की रचना है। KMSRAJ51.COM — के पाठकों के लिए। आपकी कवितायें/लेख सरल शब्दो में दिल की गहराइयों तक उतर कर जीवन बदलने वाली होती है। मुझे पूर्ण विश्वास है आपकी कविताओं और लेख से जनमानस का कल्याण होगा।

—————

अपने विचार Comments कर जरूर बताये, और हमेशा नए Post को अपने ईमेल पर पाने के लिए – ईमेल सब्सक्राइब करें – It’s Free !!

Please share your comments.

आप सभी का प्रिय दोस्त

©KMSRAJ51

जैसे शरीर के लिए भोजन जरूरी है वैसे ही मस्तिष्क के लिए भी सकारात्मक ज्ञान और ध्यान रुपी भोजन जरूरी हैं।-KMSRAj51

———– © Best of Luck ® ———–

Note:-

यदि आपके पास हिंदी या अंग्रेजी में कोई Article, Inspirational Story, Poetry या जानकारी है जो आप हमारे साथ Share करना चाहते हैं तो कृपया उसे अपनी फोटो के साथ E-mail करें. हमारी ID है: kmsraj51@hotmail.com पसंद आने पर हम उसे आपके नाम और फोटो के साथ यहाँ PUBLISH करेंगे. Thanks!!

“सफलता का सबसे बड़ा सूत्र”(KMSRAJ51)

“स्वयं से वार्तालाप(बातचीत) करके जीवन में आश्चर्यजनक परिवर्तन लाया जा सकता है। ऐसा करके आप अपने भीतर छिपी बुराईयाें(Weakness) काे पहचानते है, और स्वयं काे अच्छा बनने के लिए प्रोत्साहित करते हैं।”

 

“अगर अपने कार्य से आप स्वयं संतुष्ट हैं, ताे फिर अन्य लोग क्या कहते हैं उसकी परवाह ना करें।”~KMSRAj51

 

 

____ अपने विचार Comments कर जरूर बताएं! ____

Filed Under: 2022-KMSRAJ51 की कलम से, हिंदी कविता, हिन्दी-कविता Tagged With: poem on holi in hindi, poet Satish Shekhar Srivastava 'Parimal', Satish Shekhar Srivastava poems, कवि‍ताएँ, रंग बिरंगी होली आई रे, सतीश शेखर श्रीवास्तव, सतीश शेखर श्रीवास्तव - परिमल, होली पर कविता, होली पर कविता हिंदी में, होली पर गजल, होली पर पंक्तियां, होली पर साहित्यिक कविता

Primary Sidebar

Recent Posts

  • लोहारी नहीं डूबा।
  • दर्दे दिल।
  • आया तूफान।
  • सफर।
  • बेजार।
  • ओ माझी रे।
  • इक प्रयास।
  • इक प्रयास।
  • स्त्री।
  • जागो अब तो जागो।
  • मंत्र को गुप्त क्यों रखा जाता है?
  • यही हमारा नारा है।
  • बल के लिए।
  • आन बान आउर शान बा।
  • सैनिक का सैनिक।
  • आज आजादी है हमको मिली तो।
  • हो जाओ तैयार।

KMSRAJ51: Motivational Speaker

https://www.youtube.com/watch?v=0XYeLGPGmII

BEST OF KMSRAJ51.COM

लोहारी नहीं डूबा।

दर्दे दिल।

आया तूफान।

सफर।

बेजार।

ओ माझी रे।

इक प्रयास।

इक प्रयास।

स्त्री।

जागो अब तो जागो।

मंत्र को गुप्त क्यों रखा जाता है?

Audiobooks Now

AudiobooksNow - Digital Audiobooks for Less

Affiliate Marketing Network

HD – Camera

Free Domain Privacy

Footer

Protected by Copyscape

KMSRAJ51

DMCA.com Protection Status

Copyright © 2013 - 2023 KMSRAJ51.COM - All Rights Reserved. KMSRAJ51® is a registered trademark.