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KMSRAJ51-Always Positive Thinker

“तू ना हो निराश कभी मन से” – (KMSRAJ51, KMSRAJ, KMS)

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kavi sukhmangal singh

शास्त्र सम्मत गुरु महिमा।

Kmsraj51 की कलम से…..

♦ शास्त्र सम्मत गुरु महिमा। ♦

श्री सद्गुरु देवं, परमानंद, अमर भक्ति अविनाशी।
निर्गुण निर्मूल, स्थूल जगत, काटत शूल भाव भारी॥

हिंदू धर्म एक जगत रहस्यों से परिपूर्ण धर्म है। इस धर्म नें सभी परंपराएं, रीति- रिवाज, सिद्धांत, दर्शन और ज्ञान-विज्ञान के रहस्य को अपने आप में समाहित है। हजारों हजार बरसो की परंपराओं में वैदिक, वैष्णव, शैव, शक्ति, नाथ, संत, स्मार्त, आदि अनेक संप्रदाय के मठ – मंदिर, सिद्धपीठ, ज्योतिर्लिंग और गुफाएं हैं। यह सभी स्थान पुनीत हैं। इन्ही पुनीत स्थानों में ध्यान, तप, भक्ति और क्रिया योग को मत दिया जाता है।

‘विश्वं तद् भद्रं यदवंति देवा:’ (१८.३.२४ अथर्व वेद)
अर्थात देवता जो करते हैं वह हमारे लिए शुभ है।

‘अजं जीवता ब्रहणे देयमाहु:!’ (९.५.७ वही)
जीवित मनुष्य को अपनी आत्मा विश्वास ईश्वरार्पण करनी चाहिए।

‘यदा मागन‌ प्रथमजा ऋतुष्य।’ (९.१०.१५ अथर्ववेद)
सत्य का प्रथम प्रवर्तक परमात्मा भक्त को प्राप्त होता है।

भारत आध्यात्म की राजधानी प्राचीन काल से जी है।
चमत्कारी स्थानों में कुछ नाम इस प्रकार दिए गए हैं।

चमत्कारी स्थानों में कुछ नाम

अमरनाथ का शिवलिंग, अमरनाथ में बाबा की अमर कथा, बाबा अमरनाथ की कहानी, माता ज्वाला देवी, मध्य प्रदेश का काल भैरव, पुरी का चमत्कार मंदिर, मध्य प्रदेश में मैहर माता का मंदिर, केदारनाथ मंदिर, रामेश्वर का मंदिर, श्री राम सेतु के पत्थर, तटोत माता का मंदिर जहां बम का प्रभाव अक्षम हो गया आदि।

गुरु शब्द का अर्थ – गुरु शब्द का अर्थ प्रथम अक्षर गु का अर्थ है अंधकार। और दूसरे अक्षर रु का अर्थ है उसे हटाने वाला अर्थात प्रकाश। इस प्रकार जो अंधकार को हटाकर प्रकाश की ओर प्रेरित करें वह गुरु कहा जाता है। गुरु सच्चा मार्ग दिखाता है। यथार्थ गीता में श्री सद्गुरु देव भगवान की वंदना करते हुए कहा गया है कि —

भवसागर तारण कारण हे, रविनंदन बंधन खंडन से।
शरणागत किंकर मित मने, गुरुदेव दया कर दीन जने॥

—•—

जय सद्गुरु ईश्वर पापक से, भव रोग विकार विनाशक हे।
मन लीन रहे तव श्रीचरणे, गुरुदेव दया कर दीन जने॥

ईश्वर सभी भूत प्राणियों के हृदय में रहता है। वह अनन्य भक्ति के द्वारा प्रत्यक्ष अथवा परोक्ष रूप से सुलभ है। जो महापुरुष परम तत्व को प्राप्त कर लेता है वह स्वयं में ही धर्म ग्रंथ है। भारत में जितने शास्त्र पुराण हैं उनके कुछ नियम बताएं गए हैं। हम सभी का धर्म है कि उन नियमों को पालन करें। गुरु का कार्य है आध्यात्मिक सामाजिक राजनीतिक समस्याओं का निराकरण करना और कराना।

विदुर कहता है कि —

राजन! ये दो प्रकार के पुरुष स्वर्ग से ऊपर स्थान पाते हैं। शक्तिशाली होने पर भी क्षमा करने वाला और निर्धन होने पर भी दान देने वाला। आगे कहता है कि जो बहुत धन विद्या तथा ऐश्वर्य को पाकर इठलाता नहीं, वह पंडित कहलाता है। (पृष्ठ ६,२० विदुर नीति)

गुरु ब्रहमा गुरु विष्णु गुरुर्देवो महेश्वर:।
गुरु साक्षात परम‌् ब्रह्म तस्मै गुरवे नमः॥

ऐसी श्लोक में गुरु को ईश्वर से भी ऊंचा पदवी दी गई। जबकि गुरु ईश्वर के विभिन्न रुपों जैसे – ब्रह्मा, विष्णु, एवं महेश्वर के रूप में स्वीकार्य है।

यही बनाने वाले हैं, यही पालन करता है, और यही संहार भी करते हैं।

जबकि लोक प्रचलन में है कि —

राम कृष्ण सबसे बड़ा
उनहूं तो गुरु कींन्ह।
तीन लोक के वे धनीं
गुरु आज्ञा अधीन॥

गुरु गुढ तत्व जानता है। सभी शास्त्र गुरु तत्व की प्रशंसा करते हैं। संपूर्ण जगत में गुरु के गुणों की व्याख्या विद्यमान है।

संत कबीर लिखते हैं कि —

हरि रुठे गुरु ठौर है,
गुरु रुठे नहीं ठौर।

कहने का तात्पर्य है कि एक बार गुरु रुठ जाए तो कहीं जगह नहीं मिल सकती है। परंतु ईश्वर के रुठ जाने पर सद्गुरु रास्ता बना देता है और धर्म मार्ग पर चलने के लिए प्रेरित करता है।

‘सज्जन अंगीकृत कियो,
ताकों जेहिं निबाहि।
राखि कलंकी कुटिल ससि,
त उ सिव तजत न ताहि॥
(पृष्ठ १७, सुबोध दोहे 47कवि वृंद)

सज्जन पुरुष जिसे अपना लेता है, उसे वह सदा निभाता है।
चंद्रमा को शिव जी कभी त्यागते नहीं, यद्यपि वह कलंकित हैं।

गुरु का कर्तव्य है कि वह अपने भक्तों को सभी शिक्षा में पारंगत करें। यद्यपि गुरु ज्ञान को विकसित करता है। वह धर्म शास्त्रों के अनुसार अस्त्र शास्त्र विद्या में पारंगत करता है। योग साधना और यज्ञ से वातावरण को शुद्ध करने का उपाय करता है।

‘अयं यज्ञो गातुविद् नाथविद् प्रजावित‌्’
(अथर्व वेद ११.१.१५ )
यह यज्ञ मार्गदर्शक, शरणदाता और सुसन्तति दाता है।
यह यज्ञ सारे संसार का केंद्र है तथा –
‘अयं यज्ञो विश्वस्य भुवनस्य नाभि:’!
और आचार्य स्वयं संगम से रहकर शिष्यों को चाहता है।
यथा – आचार्यों ब्रम्हचर्येण ब्रह्मचारिण मिच्छते। (वेदा अमत पृष्ठ 324)
संगृह‌्याभि भूत आ भर। (वही 325)
तेजस्वी शिक्षक ज्ञान संग्रह करके शिशु में भर देता है।

प्राचीन काल में शिक्षक को ही आचार्य अथवा गुरु कहा जाता रहा है। उस काल के लोग 8 वर्ष से 25 वर्ष तक गुरुकुल में रहकर शिक्षा ग्रहण करते थे। शिक्षा प्राप्ति के समय ब्रह्मचर्य का पालन करते थे। सभी वर्गों को शिक्षा का अधिकार होता था।

एक रचना प्रस्तुत है —

ध्वज आरोहण कर रहा,
वाणी में अमृत भर रहा।
ढाढस देता शिशिर सिंधु,
कण कण सिंचित ईश इंदु।
देवर्षि आकर स्वर दिया,
वेदोक्त में ऐसा लिखा।
क्षण विलंब अनर्थ न हो,
पूर्णिमा यह व्यर्थ ना हो।

जिस प्रकार विश्व विष्णु से व्याप्त है। वैसे ही सर्व शास्त्र पुराण आदि 10 अक्षरों से व्याप्त है। यथा —

मन भय जर संत गल,
सहित दश अक्षर इन्हीं सोहिं।
सर्व शास्त्र व्यापित लखौं,
देश्व विष्णु से ज्योंहि॥
(काव्य प्रभाकर, जगन्नाथ प्रसाद जगन्नाथ प्रसाद भानु कवि पृष्ठ 14)

शास्त्रों में माता-पिता गुरु आचार्य और अतिथि, इसको देव तुल्य माना गया है। उपनिषदों में कहा गया है कि—

मातृ देवोभाव:
पितृ देवो भव:
आचार्य देवो भव:
अतिथि देवो भव:

यानी माता पिता तथा गुरु और आचार्य इस संसार में प्रत्यक्ष चार देव रूप हैं। इनका स्थान क्रमानुसार बताया गया है।

कथन में कदाचित आता है कि शास्त्र अध्ययन में नारी को वंचित किया गया है तो यहां वाल्मीकि आश्रम में लव कुश के साथ आत्रेयी नामक स्त्री ने भी शिक्षा ग्रहण की तो कैसे कहा जा सकता है कि स्त्रियों को शास्त्र पढ़ने से वंचित किया गया था।

पुराणों में स्त्रियों के बारे में कहा गया — पुराणों में सुजाता, प्रमद्वरा, रहु, कद्योत, आदि की कथाएं भी वर्णित हैं।

कहा गया है कि आश्रमों में बालक और बालिका एक साथ पढ़ते थे। उनका विवाह उचित समय पर होता था। गुरुकुल में शास्त्र और शस्त्र की शिक्षा भी दी जाती थी, साथ ही साथ वेदों का भी अध्ययन कराया जाता था।

सद्गुरु की खोज में कवि अखा — अहमदाबाद के जेतलपुर गांव का विक्रम संवत 1604 या 1653 में पैदा हुए इनके बारे में लिखा गया है। ‘ज्ञाति से सुनार, कुल धर्म से वैष्णव, विद्या व्यासंग से वेदांती, और नयसर्गिक रसिका के कवि था।’ ( पृ० ४, अखा की हिंदी कविता)

सद्गुरु की खोज में जमीन जागीर बेचकर एक कमरा सुरक्षित छोड़कर सतगुरु की खोज में निकल पड़ा। (वही पृष्ठ 5)

अखा पर एक रचना प्रस्तुत करता हूं —

पर्याप्त द्रव्य लेकर, आस पास खोजा।
मन नहीं माना, दूर यात्रा धामों में चला।
साधुओं की जमात की, तीर्थों में घूम रहा।
भजन कीर्तन करता, मन भजन में रमाते।

घुमा गोकुल, गोकुलनाथ शरण पहुंचा।
संप्रदाय में करूं साधना, सिद्धि की आस लिए वेदना।
श्री गोकुलनाथजी वैष्णवी दीक्षा, ब्रह्म संबंध की मिली भिक्षा।
भांति – भांति परिचित हुआ, मिली भक्ति में मस्ती।

तत्व ज्ञान की जिज्ञासा, शांति की मन में लिए आशा।
शांति फिर भी नहीं मिली, काशी जाने की उपजी जिज्ञासा।
मणिकर्णिका घाट पर पहुंचा, छोटे आश्रम में क्षमता देखा।
संत देव देख मन में जिज्ञासा, यही ब्रह्म ज्ञानी मीटावेंगे निराशा।

मधुर वाणी का रसपान हुआ, झंकृत वाणी गुण गान किया।
दीवार की ओट में रात्रि बिताया, यही मेरे गुरु हैं कहकर आया।
मानसी दीक्षा लिया और चला, ब्रह्मानंद को जपता रहा।
निज गुरु फिर मान लिया, ब्रह्मानंद सरस्वती से ज्ञान लिया।

स्पष्ट नाम निर्देशित नहीं किया, गुरु के कृपा ने जीवन जिया।
(स्वरचित रचना साभार पृष्ठ 5 से 10 तक अखा की हिंदी कविता)

——♦——

गुरु रूप गोस्वामी तुलसीदास ग्रंथावली में वर्णित कुछ पंक्तियां —

भवानी शंकरौ वंदे श्रद्धा विश्वास रूपिणौ।

—♥—

वंदे बोधगम्यं नित्यं गुरुं शंकर रुपिणं।

—♥—

वंदे विशुद्ध विज्ञानौ कवीश्वर कपीश्वरौ।

—♥—

वंदेहं तमशेषकारण, परं रामाख्यमीशं हरि।

——♦——

भक्तवर सूरदास के सुबोध पद से वंदना प्रस्तुत है —

चरण कमल बंदौं हरि राई।
जाकी कृपा पंगु गिरि लंघै,
आंध र कों सब कुछ दरसाई।
बहिरो सुनै मूक पुनि बोलैं,
रंक चले सिर छत्र धराई।

सूरदास स्वामी करुणामय, बार बार बंदौं तेहि पाई।।

गुरु ज्ञान को देने वाला है गुरु सम्मान को दिलाने वाला है गुरु महान है। गुरु ज्ञाता होता है। गुरु सर्वदाता होता है। गुरु देवताओं से साक्षात्कार कराता है। गुरु समाज में उन्नति दिलाता है। गुरु उन्नति के मार्ग पर ले जाता है। इसलिए मनुष्य जाति को सद्गुरु की शरण में रहना चाहिए। सद्गुरु सर्व ज्ञाता होता है।

♦ सुखमंगल सिंह जी – अवध निवासी ♦

—————

— Conclusion —

  • “सुखमंगल सिंह जी“ ने, बहुत ही सरल शब्दों में सुंदर तरीके से इस लेख में समझाने की कोशिश की है — प्राचीन काल में शिक्षक को ही आचार्य अथवा गुरु कहा जाता रहा है। उस काल के लोग 8 वर्ष से 25 वर्ष तक गुरुकुल में रहकर शिक्षा ग्रहण करते थे। शिक्षा प्राप्ति के समय ब्रह्मचर्य का पालन करते थे। सभी वर्गों को शिक्षा का अधिकार होता था। इस संसार में प्रथम गुरु तो माँ ही हैं। गुरु हमें जिंदगी में एक जिम्मेदार और अच्छा इंसान बनाने में हमारी सहायता करते हैं। वही हमें जीवन जीने का असली तरीका सिखाते हैं; और वही हमें जीवन के राह पर ता-उम्र सही मार्ग पर चलने के लिए प्रेरित करते हैं। गुरु हमें अंधकार भरे जीवन से निकालकर प्रकाश की ओर ले जाते हैं। गुरु एक दीपक की भांति होता है जो अपने शिष्यों के जीवन को प्रकार से भर देते हैं। विद्यार्थी जीवन में गुरु की महत्वपूर्ण भूमिका होती है।

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यह लेख (शास्त्र सम्मत गुरु महिमा।) “सुखमंगल सिंह जी” की रचना है। KMSRAJ51.COM — के पाठकों के लिए। आपकी कवितायें, व्यंग्य / लेख सरल शब्दो में दिल की गहराइयों तक उतर कर जीवन बदलने वाली होती है। मुझे पूर्ण विश्वास है आपकी कविताओं और लेख से जनमानस का कल्याण होगा। आपकी कविताओं और लेख से आने वाली पीढ़ी के दिलो दिमाग में हिंदी साहित्य के प्रति प्रेम बना रहेगा। आपकी लेखन क्रिया यूं ही चलती रहे, बाबा विश्वनाथ की कृपा से।

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जैसे शरीर के लिए भोजन जरूरी है वैसे ही मस्तिष्क के लिए भी सकारात्मक ज्ञान और ध्यान रुपी भोजन जरूरी हैं।-KMSRAj51

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“सफलता का सबसे बड़ा सूत्र”(KMSRAJ51)

“स्वयं से वार्तालाप(बातचीत) करके जीवन में आश्चर्यजनक परिवर्तन लाया जा सकता है। ऐसा करके आप अपने भीतर छिपी बुराईयाें(Weakness) काे पहचानते है, और स्वयं काे अच्छा बनने के लिए प्रोत्साहित करते हैं।”

 

“अगर अपने कार्य से आप स्वयं संतुष्ट हैं, ताे फिर अन्य लोग क्या कहते हैं उसकी परवाह ना करें।”~KMSRAj51

 

 

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Filed Under: 2022-KMSRAJ51 की कलम से, हिन्दी साहित्य Tagged With: kavi sukhmangal singh, poet sukhmangal singh, sukhmangal singh article, अमृतमयी जीवन देता गुरु, गुरु का वंदन, गुरु पूर्णिमा – इतिहास और महत्व, गुरु पूर्णिमा का क्या अर्थ है?, गुरु पूर्णिमा की शुरुआत किसने की थी?, गुरु पूर्णिमा स्टेटस इन हिंदी, शास्त्र सम्मत गुरु महिमा, सुख मंगल सिंह

भीमराव अंबेडकर।

Kmsraj51 की कलम से…..

♦ भीमराव अंबेडकर। ♦

गूंज उठा आर्यव्रत का जन जन,
उनके पद चिन्हों पर बढा कदम।
अंबेडकर का हम करें स्मरण,
बाबा भीमराव जी को करें नमन।

जिसने किया रांची में था अनशन,
मराठों जैसे लगने वाले थे एकदम।
भाव भरा था हिंदू का उनके तन मन,
हम हिंदुस्तानी हैं करें उन्हें नमन।

रमा और सविता ने निभाया साथ,
अंबेडकर ने किया दो था व्याह।
75 बरसो में हम सब पढ़ लिए पाठ,
छुआछूत पर हुआ कुठाराघात।

दारू वाला क्यों नहीं पीता उनकी बात,
जिससे होने वाला देश का उद्धार।
एक पीढी तक ही चाहते थे आरक्षण,
दूसरी बार सभी हो जाएंगे सवर्ण?

वेद उपनिषद हिंदुत्व का हिस्सा माना,
मनुस्मृति में उलझ कर बौद्ध के बाना।
प्रजातंत्र में बौद्ध की ले ली सौगात,
भीमराव का साथ दिए साहू महाराज।

उच्च शिक्षा ग्रहण करने साहू भेजे,
महाराज कोल्हापुर के से सम्राट।
गरीबों को ऊपर उठाना सरकारी काम,
मोदी और योगी ने दिया अन्न दान।

कांग्रेसी, गांधी दियो अछूत को हरिजन नाम,
विरोध में उतरे भीमराव अंबेडकर नंगे पांव।
कांग्रेस उन्हें रक्षा कमेटी में सलाहकार बनाया,
फिर भी अंबेडकर ने बौद्ध धर्म अपनाया।

सुदेश कानून व्यवस्था के बनाए गए प्रथम मंत्री,
कानून का पालन कराने के लिए उतरे मानों संत्री।
कानून बनाने के उद्देश्य पर राजेंद्र बाबू का साथ,
भीमराव अंबेडकर ने भी अपने स्तर से किया प्रयास।

हम सभी हिंदुस्तानी हैं करें उन्हें हमेशा याद,
गूंज उठा है आर्यावर्त में कानून का राज।
मध्य प्रदेश की धरती पर कीचड़ से खिला गुलाब,
पूरा देश बाबा अंबेडकर को कह रहा सावास।

♦ सुखमंगल सिंह जी – अवध निवासी ♦

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— Conclusion —

  • “सुखमंगल सिंह जी“ ने, बहुत ही सरल शब्दों में सुंदर तरीके से इस कविता में समझाने की कोशिश की है — उच्च शिक्षा ग्रहण करने के लिए साहू जी महाराज कोल्हापुर के सम्राट ने विदेश भेजे। गरीबों को ऊपर उठाना सरकारी काम, मोदी और योगी ने दिया अन्न दान। सत्ता के लोभ में नेताओं ने जात पात की रूढ़ भावना को अभी तक खींचते आ रहे है। जिस कारण अमीर और अमीर व गरीब और गरीब होता चला जा रहा हैं। इस जातिगत आरक्षण के कारण एकता और भाईचारा ख़त्म हो गया हैं। संविधान में तो इस भेद भाव को मिटाने की बात की गई है। जबकि संविधान में आरक्षण का प्रावधान मात्र 10 साल तक प्रभावी रखने के निर्देश संविधान निर्माताओं ने दिए थे। लेखक का मानना है कि संसार में मात्र दो ही जातियां हैं, एक स्त्री और दूसरी पुरुष। जो प्रकृति ने सृष्टि संचालन के उद्देश्य से अपना सहयोग करने के लिए बनाई है। बाकी सब मानव मस्तिष्क की खुराफत है।

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यह कविता (भीमराव अंबेडकर।) “सुखमंगल सिंह जी” की रचना है। KMSRAJ51.COM — के पाठकों के लिए। आपकी कवितायें, व्यंग्य / लेख सरल शब्दो में दिल की गहराइयों तक उतर कर जीवन बदलने वाली होती है। मुझे पूर्ण विश्वास है आपकी कविताओं और लेख से जनमानस का कल्याण होगा। आपकी कविताओं और लेख से आने वाली पीढ़ी के दिलो दिमाग में हिंदी साहित्य के प्रति प्रेम बना रहेगा। आपकी लेखन क्रिया यूं ही चलती रहे, बाबा विश्वनाथ की कृपा से।

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Filed Under: 2022-KMSRAJ51 की कलम से, सुखमंगल सिंह जी की कविताएं।, हिंदी कविता, हिन्दी-कविता Tagged With: Dr Bhimrao Ambedkar Poem In Hindi, kavi sukhmangal singh, Poem On Dr Br Ambedkar In Hindi, poet sukhmangal singh, sushila devi poems, अंबेडकर जयंती पर कविता, डॉ भीमराव अंबेडकर पर कविता, बाबा साहब अम्बेडकर जी पर कविता, बाबा साहेब को नमन, भीमराव अंबेडकर, भीमराव अम्बेडकर पर कविता, सुखमंगल सिंह की कविताएं, हिन्दी कविता : डॉ. भीमराव अंबेडकर

योगी आदित्यनाथ की सरकार।

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♦ योगी आदित्यनाथ की सरकार। ♦

“योगी आदित्यनाथ जी की 2022 की सरकार”
योगी जी ने अधिकारियों को अपना पैगाम सुनाया।
उत्तर प्रदेश में सुशासन कायम रखने पर ध्यान लगाया।
केंद्र सरकार के प्राप्त पत्र का उत्तर जल्द देना होगा,
अधिकारी को ज्ञापन पर तय सीमा में निर्णय लेना होगा॥

दुबारा संन 2022 में मुखिया प्रदेश का जनता ने बनाया,
15 करोड़ जरुरतमंद ने आगे राशन वितरण में पाया।
गरीब कल्याण अन्न योजना केंद्र ने सितम्बर तक बढ़ाया।
मोदी सरकार 80 करोड़ गरीबों में अन्न दान कराने वाले हैं,
मार्च 2022 के बाद भी इसी योजना को बढ़ाने वाले हैं॥

पिछड़ा प्रदेश सब, उत्तर प्रदेश अब भी नहीं कहा जाएगा,
योगी के शासन काल में भ्रष्टाचारी – गुंडा थर्रा जाएगा।
उत्तर प्रदेश को उत्तम प्रदेश बनाने का योगी ने संकल्प लिया,
काशी मथुरा विंध्य और अयोध्या धाम का लोकार्पण किया॥

अयोध्या धाम को योगी ने इंद्रलोक की तरह जगमगाया,
तीर्थराज प्रयाग कुम्भ पर्व दुनियां में महान बनवाया।
आदिशक्ति भगवती दुर्गा के दरबार में शीश झुकाया है,
गोरखपुर के गोरखनाथ पीठ का साधु विंध्य दरबार में आया॥

योगी आदित्यनाथ जी का यह विजय का पथ प्रदर्शित करता,
चित्रकूट के रामपथ का स्वागत आभार प्रकट करने वाला चलता।
सुशासन दुबारा लाने में बुलडोजर के साथ समझाएगा,
उत्तर प्रदेश को उत्तम प्रदेश बनाने में मोदी मिशन चलाएगा॥

गांव गांव कोने-कोने में विधायक अब से भेजे जाएंगे,
भ्रष्टाचार पर प्रहार – कानून व्यवस्था में सुधार करेंगे।
केंद्र – प्रदेश की मंगलकारी योजना धरातल पर उतारेंगे,
आगे और सुधार करने की योजना पर विचार विमर्श करेंगे॥

विभाग ने रिक्त पद को भरने का नया एलान किया,
मुख्यमंत्री ने भर्ती प्रक्रिया में तेजी लाने का निर्देश दिया।
किसान को हो रहे नुकसान से बचाने के कदम उठाएंगे,
गन्ना किसानों को 14 दिन में मूल्य का भुगतान कराएंगे॥

किसान मंडी को और सुलभ बनाने का कदम उठाएंगे,
किसान के अन्न का उचित मूल्य मिले योजनाएं लाएंगे।
सुविधा शुल्क लेने वाले लोगों पर अंकुश लगाएंगे?
ट्रांसफर पोस्टिंग में भ्रष्टाचार करने से अंकुश लगाएंगे॥

एम एस ए ई उत्पाद पर और अधिक प्रचार कर आएंगे,
उत्पादन का समुचित मूल्य दिलाने की योजना बनाएंगे।
स्टार्ट टप मैं बैंकों की अड़ंगेबाजी से लोगों को बचाएंगे,
वरुणा और गोमती कारीडोर के ऊपर ध्यान लाएंगे?

प्रोफ़ार्मिंग से ऊपर परिणाम लोकप्रिय और बनाएंगे,
छोटे – छोटे उद्योगों की खड़ी समस्या को सुलझाएंगे।
प्रीपेड बिजली के मीटर पर आगे भी काम चलाएंगे,
बिजली चोरी रोकने के प्रदेश में कठोर कदम उठाएंगे॥

राष्ट्रीय शिक्षा नीति उत्तर प्रदेश में भी अपनाएंगे,
गुरुकुल की पढ़ाई पर जनता का ध्यान आकर्षित करेंगे।
विद्यालयों गीता का पाठ पढ़ाने की व्यवस्था करेंगे?
प्रदेश की जनता में राष्ट्र प्रेम के लिए जागरुक करेंगे॥

अधूरा पड़ा कार्य प्रगति पर लाने का प्रयास करेंगे,
मेडिकल के क्षेत्र पर उत्तर प्रदेश में फोकस करेंगे।
स्वास्थ बीमा के कल्याणकारी मुहिम आगे भी चलेंगे,
जनता जनार्दन को लाभ पहुंचाने के कठिन प्रयास करेंगे॥

उत्तर प्रदेश में स्थिति अवैध अतिक्रमण ढाए जाएंगे,
नाला नाली और तालाब मुक्त करवाए जाएंगे।
सड़कों की किनारे बने अवैध निर्माण गिराए जाएंगे,
नदी और तालाब को साफ-सुथरा बनाये जाएंगे॥

उत्तर प्रदेश में स्थित अवैध अतिक्रमण ढाए जाएंगे,
नाला नाली और तालाब मुक्त करवाए जाएंगे।
सड़कों की किनारे बने अवैध निर्माण गिराए जाएंगे,
नदी और तालाब को साफ-सुथरा बनाये जाएंगे॥

♦ सुखमंगल सिंह जी – अवध निवासी ♦

—————

— Conclusion —

  • “सुखमंगल सिंह जी“ ने, बहुत ही सरल शब्दों में सुंदर तरीके से इस कविता में समझाने की कोशिश की है — फिर से उत्तर प्रदेश की जनता ने अपने प्रिय मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी के कार्यों और उत्तर प्रदेश के पूर्ण विकास के लिए उनपर अपना भरोसा दिखाया। पूर्ण बहुमत से फिर से एकबार अपना मुख्यमंत्री चुना। प्रिय मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी जनता के विश्वास को बनाये रखने के लिए दिन रात एक कर उत्तर प्रदेश का सम्पूर्ण विकास करेंगे, सभी को अपने मुख्यमंत्री पर विश्वास हैं। दुष्टों का होगा संहार, युवाओं को मिलेगा रोजगार, चारों तरफ होगा सुरक्षा का माहौल। किसानों को भी उनका पूर्ण हक़ मिलेगा समय से, उनके लिए केंद्र व राज्य सरकार की योजनाओ का पूरा लाभ मिलेगा। शिक्षा के लिए काफी कुछ अच्छा किया जायेगा योगी सरकार में। प्रिय मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी पुनः अपनी प्रिय परिवार उत्तर प्रदेश के विकास के लिए कार्य करना शुरू कर दिया है। अब उत्तर प्रदेश पिछड़ा प्रदेश नहीं कहलायेगा।

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sukhmangal-singh-ji-kmsraj51.png

यह कविता (योगी आदित्यनाथ की सरकार।) “सुखमंगल सिंह जी” की रचना है। KMSRAJ51.COM — के पाठकों के लिए। आपकी कवितायें, व्यंग्य / लेख सरल शब्दो में दिल की गहराइयों तक उतर कर जीवन बदलने वाली होती है। मुझे पूर्ण विश्वास है आपकी कविताओं और लेख से जनमानस का कल्याण होगा। आपकी कविताओं और लेख से आने वाली पीढ़ी के दिलो दिमाग में हिंदी साहित्य के प्रति प्रेम बना रहेगा। आपकी लेखन क्रिया यूं ही चलती रहे, बाबा विश्वनाथ की कृपा से।

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ज़रूर पढ़ें — प्रातः उठ हरि हर को भज।

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“सफलता का सबसे बड़ा सूत्र”(KMSRAJ51)

“स्वयं से वार्तालाप(बातचीत) करके जीवन में आश्चर्यजनक परिवर्तन लाया जा सकता है। ऐसा करके आप अपने भीतर छिपी बुराईयाें(Weakness) काे पहचानते है, और स्वयं काे अच्छा बनने के लिए प्रोत्साहित करते हैं।”

 

“अगर अपने कार्य से आप स्वयं संतुष्ट हैं, ताे फिर अन्य लोग क्या कहते हैं उसकी परवाह ना करें।”~KMSRAj51

 

 

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कविता।

Kmsraj51 की कलम से…..

♦ कविता। ♦

सृजन करताओंं में कविता,
मार्गदर्शक बनकर आती।
नवीन द्वार खोल कर वह,
मुखोटा हटाके लहराती।

साहित्य में नव अभिव्यक्ति,
चिंतन शीलता की शक्ति।
गतिशील चलती कविता,
सत्ता से बढ़कर कविता?

कविता भी एक औजार,
समाज पर केन्द्रित विचार!
जीवन में खुशियां निखार,
प्रकृति छवि के बीच विचार।

तानाशाह पर है तलवार,
युग चेतना का संवाहक!
रूढ़ सिद्धांतो पर प्रहार,
करती है सच का प्रचार।

कविता को पोस्टर ना मानो,
जो दीवारों पर टांगे जाए!
खुद के स्वार्थ के वास्ते ही
जहां तहां लिख चिपका दें।

नवीन साहित्य सृजन करती,
अनियंत्रित – नियंत्रण करती।
संस्कृति उत्थान का आधार,
मानवता की रक्षक प्रचार।

सूर्य की किरणों सा अहसास,
रसानुभूती की लिए प्रबलता!
प्रेम की भाषा का शब्द उद्धार,
नवीन मुकाम का करती चुनाव।

इसमें भावना कल्पना के महत्व,
सरलता की होती है प्रधानता।
अनुभूतियां का सृजन मिश्रण,
सच्चाई से स्वागत चिंतन चित्रण।

यथार्थ को प्रकट करती कविता,
चिंता से ऊपर उठकर यह आती।
बौद्धिकता जीवन में सुख भरती,
निरंतर कविता आगे बढ़ती रहती।

♦ सुखमंगल सिंह जी – अवध निवासी ♦

—————

— Conclusion —

  • “सुखमंगल सिंह जी“ ने, बहुत ही सरल शब्दों में सुंदर तरीके से इस कविता में समझाने की कोशिश की है — कविता दिल की एक सच्ची अनुभूति है, जो एक कवि के हृदय की गहराई से निकली हुई कृति है। भाव स्वरूप कविता तो होता है जीवन का एक प्रवाह, जो सदैव ही प्रेरित करता है कार्यशील होने के लिए। हृदय की गहराई से निकली हुई कृति में न तो होती उसमें कोई भी बनावट, होती बस दिल के उदगारों की सजावट है। याद रखें – केवल शब्दों को लयबद्ध करना ही नही काफी होता है, सार्थक अर्थ के बिना तो शब्दों के संग नाइंसाफी होता है। गहरे अर्थ लिए हुए शब्दों का इक आईना होती है कविता, जिसमें अति सुंदर भाव के साथ-साथ होता हर शब्द का मायना है। ये कविता प्रेम का गहरा समुद्र है, दरिया इश्क का भी, जिसमें करुणा, जज्बात का अहसास, मरहम होता अश्क का भी। कहते है इंसान जब भी इसमें खो जाए तो हर शह में ही कविता गुनगुनाए, फिर जज्बातों की कलम से सदैव ही ह्रदय पर भाव अंकित करता जाए।

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यह कविता (कविता।) “सुखमंगल सिंह जी” की रचना है। KMSRAJ51.COM — के पाठकों के लिए। आपकी कवितायें, व्यंग्य / लेख सरल शब्दो में दिल की गहराइयों तक उतर कर जीवन बदलने वाली होती है। मुझे पूर्ण विश्वास है आपकी कविताओं और लेख से जनमानस का कल्याण होगा। आपकी कविताओं और लेख से आने वाली पीढ़ी के दिलो दिमाग में हिंदी साहित्य के प्रति प्रेम बना रहेगा। आपकी लेखन क्रिया यूं ही चलती रहे, बाबा विश्वनाथ की कृपा से।

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“सफलता का सबसे बड़ा सूत्र”(KMSRAJ51)

“स्वयं से वार्तालाप(बातचीत) करके जीवन में आश्चर्यजनक परिवर्तन लाया जा सकता है। ऐसा करके आप अपने भीतर छिपी बुराईयाें(Weakness) काे पहचानते है, और स्वयं काे अच्छा बनने के लिए प्रोत्साहित करते हैं।”

 

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2021 में अफगानिस्तान पर एक नजर।

Kmsraj51 की कलम से…..

♦ 2021 में अफगानिस्तान पर एक नजर। ♦

अमेरिका की सेना को वहां से अपने वतन जाते ही,
तालीबानी, अफगानिस्तान पर धावा बोल दिया।
अपने जंग को बुलंदी पर ले जाने के लिए,
तालिबान ने भारत के बनाए हेरात में बाध,

‘सलमा बाध’ पर नापाक हमला किया।
मुकाबले में अफगान सैनिकों ने हथियार डाल दिया।
भारत – अफगानिस्तान मैत्री की पहचान है सलमा बाध,
अफगानी हजारों परिवारों को बिजली मिलती बाध बनने से।

लगभग 2000 एकड़ खेती का जल प्रबंध करता है सलमा बाध,
तालीबानी हमले का पाकिस्तानी आतंकियों ने साथ दिया।
सरकारी मीडिया पर भी हमला करता है, तालिबान,
अलकायदा और पाकिस्तान आतंकी का काम।

जुम्मे की नमाज के समय में मीडिया निदेशक,
‘दावा खान’ को मार गिराया,
उनके फिराक में रहे तालिबानी।
औरत और बच्चों को भी निशाना बनाया।
मई 20, 2021 को और उन्मत्त होकर सामने आया।

निदेशक की हत्या से दुखी हो, आम जनता आगे आई।
दर्जनों नगर शहर में तालीबानी मार डाला।
अफगानी सेना हवाई जहाज से बम बरसाया,
हवाई हमले से तालिबानी बंकर नष्ट किया।
इस हमले में सैकड़ों तालीबानी, हालात किया,
तालिबान ने 50 को घायल व दर्जनों नागरिकों को मारा।

अमेरिकी सेना ने कतर स्थित मध्य कमान से 8 अगस्त को मोर्चा संभाला,
राष्ट्रपति के आदेश पर जवानों ने बांबर से बम बरपाया।
जिसमें अलकायदा के लगभग 200 आतंकी घटनास्थल पर ढेर हुए,
अमेरिका ने कहा ‘अफगान हमने छोड़ा है, तालिबान नहीं छोड़ेंगे।’

बी – 52, एसी ३० बम बरसक विमान की मदद से तालिबानी बंकर नष्ट किया,
अमरीकी हस्तक्षेप से तालीबान का भारी मात्रा में गोला बारुद नष्ट हुआ।
अपने देश की हालत देख अफ़ग़ान विदेश मंत्री हनीफ ने,
एस .जयशंकर भारतीय विदेश मंत्री से बात किया।

अगस्त 2021 में सुरक्षा परिषद के अध्यक्ष जी के ,
समक्ष अफगान को लेकर बाद उठाने की अपील की।
भारत और अफ़गान के लोगों में एक नई उम्मीद जगी,
संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद संघ ने, संघर्ष पर चिंता व्यक्ति किया।

पेंटागन के प्रवक्ता जान किर्बी ने पाकिस्तानी,
सेना प्रमुख बाजवा से बात किया,
अमेरिकी रक्षा मंत्री डायड आस्टीन भी,
अफगान सुरक्षा स्थिति पर चिंता व्यक्त करते कहा।

पाकिस्तान प्रयोजीत सुरक्षित पनाहगार,
असुरक्षा और अस्थिरता का कारण बना,
तालिबान को पाकिस्तान ही सुरक्षित,
पनाहगार देकर मदद कर रहा है।

संयुक्त राष्ट्र विश्व निकाय की मानवीय संस्थान,
बिगड़ते हालात पर चिंता व्यक्त किया,
अपर महासचिव मार्टिन ग्रिफिथ्स ने कहा,
अफगानी बच्चे, माताएं पुरुष मुश्किल में हैं।

संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद संघ ने चिंता व्यक्त करते हुए,
संघर्ष विराम करने को कहा !
वहां डर के माहौल में जीना पड़ रहा,
और महिलाओं के अस्तित्व का खतरा बना हुआ है।

♦ सुखमंगल सिंह जी – अवध निवासी ♦

—————

  • “सुखमंगल सिंह जी“ ने, बहुत ही सरल शब्दों में सुंदर तरीके से इस लेख में — वर्तमान समय में तालिबान के लड़ाकों या यूँ कहे इंसानियत के दुश्मन आतंकवादियों का अफ़गान के ज़मीन पर ज़ुल्म, लूटपाट, क्रूरता, हत्या, व आधारभूत संरचना के तहस नहस को दर्शाया हैं।

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यह लेख (2021 में अफगानिस्तान पर एक नजर।) “सुखमंगल सिंह जी” की रचना है। KMSRAJ51.COM — के पाठकों के लिए। आपकी कवितायें / लेख सरल शब्दो में दिल की गहराइयों तक उतर कर जीवन बदलने वाली होती है। मुझे पूर्ण विश्वास है आपकी कविताओं और लेख से जनमानस का कल्याण होगा। आपकी कविताओं और लेख से आने वाली पीढ़ी के दिलो दिमाग में हिंदी साहित्य के प्रति प्रेम बना रहेगा। आपकी लेखन क्रिया यूं ही चलती रहे, बाबा विश्वनाथ की कृपा से।

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ज़रूर पढ़ें: अफगानी – दुर्दशा।

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खड़ा हो रहा है अफगानी।

Kmsraj51 की कलम से…..

♦ खड़ा हो रहा है अफगानी। ♦

अफगान के पांच जिलों से तालिबानियों को खदेड़ दिया,
काबुल में, अमरीकी इनामी हक्कानी तालिबान से जा मिला।

अहमद मसूद के बुलावे पर, खालिद अमीरी आया,
अफ़गान के पंजशीर घाटी में आकर मसूद से मिला।

पंजशीर से अफगानी राष्ट्रभक्त मिलकर,
अफगान के चार जिले को तालिबान से मुक्त करा लिया।

पंजशीर के शूरवीरो ने ‘अंद्राब’ से देश विरोधियों को पकड़ा,
जिसमें दो तालिबानी सहीत वहां चार पाकिस्तानी मिला।

मोस्ट वांटेड अमेरिका के सैंतीस करोड़ का इनामी,
तालिबान का सुरक्षा इंचार्ज सामने आया – खलील हक्कानी।

‘खिंजन’ जिला को भी पंजशीर के बहादुरों ने आजाद कराया,
उधर तालिबानियों ने बुजुर्ग व्यक्ति के ऊपर कोड़ा बरपाया।

पूर्व राष्ट्रपति अशरफ गनी करजई का सगा भाई,
हशमत गनी करजई ने तालिबानी से जा मिला।

बेल्जियम का हवाई जहाज काबुल के एयर वेश से वापस गया,
बेल्जियम के नागरिक हवाई अड्डे के खराब स्थिति से नहीं आये।

पूर्व राष्ट्रपति अफगान से भागकर यू• ए• ई• में शरण ली,
जिसने अफगानी की आवाम को भी धोखा दी।

और एक विमान काबुल से नागरिकों को लेकर भारत आया,
हिंडन एयर बेस गाजियाबाद पर सुरक्षित पहुंचाया।

पंजशीर पर तालिबान ने धावा बोलकर चढ़ाई का असफल प्रयास किया,
जो पंजशीर के आगे घुटने टेक दिए, दर्जनों तालिबानी मारे गये।

♦ सुखमंगल सिंह जी – अवध निवासी ♦

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  • “सुखमंगल सिंह जी“ ने, बहुत ही सरल शब्दों में सुंदर तरीके से इस कविता में — वर्तमान समय में तालिबान के लड़ाकों या यूँ कहे इंसानियत के दुश्मन आतंकवादियों का अफ़गान के पंजशीर घाटी से अफगानिस्तान के पूर्व उपराष्ट्रपति अमरुल्ला सालेह के नेतृत्व में डटकर तालिबान के लड़ाकों का सामना कर रहे हैं।

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यह कविता (खड़ा हो रहा है अफगानी।) “सुखमंगल सिंह जी” की रचना है। KMSRAJ51.COM — के पाठकों के लिए। आपकी कवितायें / लेख सरल शब्दो में दिल की गहराइयों तक उतर कर जीवन बदलने वाली होती है। मुझे पूर्ण विश्वास है आपकी कविताओं और लेख से जनमानस का कल्याण होगा। आपकी कविताओं और लेख से आने वाली पीढ़ी के दिलो दिमाग में हिंदी साहित्य के प्रति प्रेम बना रहेगा। आपकी लेखन क्रिया यूं ही चलती रहे, बाबा विश्वनाथ की कृपा से।

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“स्वयं से वार्तालाप(बातचीत) करके जीवन में आश्चर्यजनक परिवर्तन लाया जा सकता है। ऐसा करके आप अपने भीतर छिपी बुराईयाें(Weakness) काे पहचानते है, और स्वयं काे अच्छा बनने के लिए प्रोत्साहित करते हैं।”

 

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कल्याण सिंह।

Kmsraj51 की कलम से…..

♦ कल्याण सिंह। ♦

राम मंदिर आंदोलन के बड़े चेहरे के रूप में कल्याण सिंह का नाम रोशन किया जाएगा। जबकि राम मंदिर आंदोलन में लालकृष्ण आडवाणी, अटल बिहारी वाजपेयी और कल्याण सिंह की मुख्य भूमिका थी। पूरे देश के लोगों ने इस आंदोलन में अपनी भागीदारी दर्ज कराई।

उत्तर प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी के पहले मुख्यमंत्री के रूप में जून 24, 1991 में कल्याण सिंह ने शपथ ली। उन्होंने पहली बार मुख्यमंत्री बनने पर मंत्रिमंडल के साथ सीधे अयोध्या पहुंचकर राम लला का कैबिनेट के साथ दर्शन – पूजन किया और शपथ ली कि हम राम जन्म भूमि अपने जीते जी बनाने का पूरा प्रयास करूंगा।

जन्म व देहावसान।

कल्याण सिंह का जन्म 5 जनवरी सन 1932 में, अलीगढ़ में अतरौली तहसील के महोली नाम गांव के एक किसान परिवार में हुआ था। उन्होंने अपनी शिक्षा दीक्षा काल में ही संग परिवार से अपना नाता जोड लिया। उनका देहावसान लखनऊ के पी• जी• आई• में शनिवार 21 अगस्त 2021 को हुआ। कल्याण सिंह का 89 वर्ष का कार्य-काल खुशी और गम से भरा हुआ था, संघर्षों से लड़ते हुए आगे बढ़ते रहे। उत्तर प्रदेश के पूर्वी क्षेत्र में उन्हें जननायक के रूप में स्वीकारा गया।

मुख्यमंत्री के रूप में।

वह उत्तर प्रदेश में दो बार मुख्यमंत्री के रूप में शासन सत्ता की बाग डोर, उनके हाथ में जनता ने दी। कल्याण सिंह – दिल से राजनीति करने वाले नेताओं में से एक प्रमुख भूमिका निभाई। कल्याण सिंह के समय भी विरोधी लाबी बयान बाजी करती रही और वह उसका जवाब अपनी तरह से लोगों को दिया।

विश्व हिंदू परिषद और राम जन्म भूमि यज्ञ समिति द्वारा सामने जो 89 – 90 ई• के दौरान जब आंदोलन तेज बारिश अक्टूबर 1990 को कार सेवा करने की घोषणा हो गई। मंदिर मुक्ति घोषणा से जनता दल और भाजपा के बीच खटास पैदा हो गया।

राम मंदिर — कार सेवा आंदोलन।

उधर मुख्यमंत्री उत्तर प्रदेश के मुलायम सिंह यादव जी थे उन्होंने पुरजोर धन से कार सेवा रोकने की अपनी घोषणा कर दी। उन्होंने एलान किया कि अयोध्या में परिंदा भी पर नहीं मार सकता। जगह जगह पूरी उत्तर प्रदेश में बैरी गेटिंग कर दी गई। राम मंदिर के लिए सभा पर रोक लगा दिया गया।

मीटिंग करने वालों को गिरफ्तार किया जाने लगा। उस समय अटल बिहारी वाजपेयी के नेतृत्व में मुरली मनोहर जोशी, कल्याण सिंह आदि लोग प्रमुख रुप से कार्य कर रहे थे। कल्याण सिंह मंदिर के पक्ष में थे इसलिए उन्होंने आर-पार का शंखनाद कर दिया।

प्रदेश की सड़कों पर नारे लगने लगे ” कल्याण सिंह कल्याण करो, मंदिर का निर्माण कार्य शुरू करो। ” कल्याण सिंह ‘कल्याण करो मंदिर का निर्माण करो’ उत्तर प्रदेश ही नहीं संपूर्ण भारत से राम भक्तों का आना अयोध्या जी तरफ कूच करना पुरजोर तरह से शुरु यद्यपि इसके पहले भी पूरे देश के राम लला की दर्शन के लिए लोगों का आना जाना लगा रहता था।

राम भक्त झुंड के झुंड दक्षिणी भारत से भी आते और दर्शन करके संकल्प ले कर कि “हम अयोध्या फिर आएंगे मंदिर यही बनाएंगे।” का संकल्प ले कर अपने प्रदेश चले जाते थे।

बैठक राष्ट्रीय कार्यकारिणी की।

सन 1989 – 90 के दौरान हमारी एक बैठक राष्ट्रीय कार्यकारिणी की अयोध्या में हुई थी, जिसमें हमने देखा कि आए वो यही कहते हुए दर्शन पूजन के बाद जाते थे। उन्हीं दिनों सड़क पर नारे लग रहे थे, मुलायम सिंह ने कल्याण सिंह को हिंदू नेता के रुप में उभरता हुआ देखकर उन्हें गिरफ्तार करवा लिया।

अयोध्या में कार सेवकों के ऊपर गोलिया चलवा दी। सरकारी आंकड़े के अनुसार बहुत ही कम कार सेवक मारे गए दिखाया गया। जबकि हजारों की संख्या में कार सेवक मारे गए, आम जनता का कहना है कि सरयू नदी की धारा लाल हो कर बह रही थी।

क्रांतिकारी फैसले।

जनता में भारी आक्रोश था, लोग मुलायम सिंह की सत्ता व राजनीति से नाराज थे। चुनाव हुआ और 1991 कल्याण सिंह सत्ता में आए। कल्याण सिंह फैसलों के लिए काफी चर्चित हुए। उन्होंने जोत बही के रूप में किसानों का न सिर्फ उनकी जमीन का स्थाई मूल दस्तावेज उपलब्ध कराया बल्कि विरासत की समय सीमा तय करनी जैसे क्रांतिकारी फैसले भी लिए।

अयोध्या नहीं, कार सेवकों के ऊपर गोली न चलने और ढांचा को यथा स्थिति मैं बनाए रखने का संकल्प लिया था सुरक्षा देने का शपथ पत्र न्यायालय को भी दिया था, इसलिए उन्होंने अंत में मंदिर का ढांचा देने के बाद पूरी जिम्मेदारी अपने ऊपर ले लिया।

अधिक प्रभावी रूप में।

कल्याण सिंह मंडल – कमंडल से अधिक प्रभावी थे। हिंदू के कभी वह प्रमुख चेहरा के रूप में जाने जाते थे। अजीब पिछड़ी जात की पहचान थे। भारतीय जनता पार्टी में आरक्षण की नीति कैसे लागू हो इसके रणनीतिकार भी थे। पिछड़ी जात की आरक्षण दिलाने के माहिती थे। कल्याण सिंह मैं का अहंकार भी हो गया था। उसी अहंकार के कारण उन्होंने पार्टी के भीष्म पितामह कहे जाने वाले अटल जी से टकरा गए।

वह ईमानदार सिद्धांत वादी, मुद्दों पर आने वाले और जनता की नब्ज पकड़ने वाले मुख्यमंत्री के रूप में जाने जाते थे। राम मंदिर का ढांचा देखने के बाद उनको अपनी सरकार के बर्खास्त होने का दंश झेलना पड़ा, परंतु कार सेवकों के ऊपर गोली ने चलाने की वजह से उन्हें किसी भी प्रकार का सरकार जाने का मलाल नहीं था।

कारसेवक वापस आए — पर गोली नहीं चलवाऊंगा।

अजय ध्यानी 6 दिसंबर 1992 को जब मंदिर का ढांचा गिरा उस समय प्रधानमंत्री भारत सरकार माननीय P. V. Narasimha Rao जी थे। दिल्ली से गृहमंत्री यशवी चौहान का फोन आया था। प्रधानमंत्री के निजी सचिव ने Faizabad के कमिश्नर से फोन करके केंद्रीय बलों को बढ़ाने के बात कही थी।

उस समय उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री कल्याण सिंह ने कहा था कि कार सेवक वापस आए पर गोली नहीं चलवाऊंगा। मंदिर का ढांचा गिरने से Narasimha राव जी और कल्याण सिंह जी आहत हो गए। लोगों को विश्वास ही नहीं था कि कार सेवक मंदिर का ढांचा ढहा देंगे।

देश दुनिया से आए हुए कार सेवक पूरी अयोध्या और आसपास के जिलों में पहले से आये हुए थे, कहां जाता है कि वह ढांचा तक पहुंचने का प्रयास कर रहे थे। केंद्रीय रिजर्व पुलिस और स्थानीय पुलिस कार सेवकों को नियंत्रित करने भी लगी हुई थी।

हुजूम हनुमानगढ़ी की तरफ बढ़ रहा था कि एक व्यक्ति आया और वहां पर मौजूद बस को बड़ी तेजी के साथ लेकर सारे बंधनों को तोड़ते हुए मंदिर के पास पहुंचा। कल्याण सिंह जी सन 2002 के चुनाव से पार्टी छोड़ देने की वजह से भारतीय जनता पार्टी को बारी नुकसान उठाना पड़ा।

प्रभु श्री राम का जन्म स्थान पर भव्य और दिव्य मंदिर निर्माण।

लेकिन वह 2004 में पुनः पार्टी में शामिल होने की घोषणा की। कल्याण सिंह जी का कहना था हमें जीवन में कुछ और नहीं चाहिए हमारी भगवान राम से अगाध श्रद्धा भक्ति है। उन्हें पूरा विश्वास था कि प्रभु श्री राम का जन्म स्थान पर भव्य और दिव्य मंदिर निर्माण एक दिन अवश्य होगा।

कल्याण सिंह को कठोर शासक और दिल के नरम नेता के रूप में जाना पहचाना जाता रहेगा।

विश्व हिंदू परिषद की कोई ऐसी योजना हो तो उन्हें बताना चाहिए ऐसा कल्याण सिंह का मानना था। इसलिए उन्हें इस बात का हमेशा दुःख कराता था हमे धोखे में रखा गया। सन 2004 में कल्याण सिंह फिर भाजपा में शामिल हुए परंतु 2009 में उन्होंने फिर पार्टी छोड़ दिया और निर्दलीय सांसद के रूप में एटा जिले से चुनाव मैदान में उतर आए।

♦ सुखमंगल सिंह जी – अवध निवासी ♦

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  • “सुखमंगल सिंह जी“ ने, बहुत ही सरल शब्दों में सुंदर तरीके से इस लेख के माध्यम से कल्याण सिंह जी के जीवन व उनके कार्यकाल पर प्रकाश डाला है। मुख्य रूप से उन्हें श्री राम जन्म स्थान मंदिर के महत्वपूर्ण फैसले के लिए सदैव ही याद किया जायेगा।

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यह लेख (कल्याण सिंह।) “सुखमंगल सिंह जी” की रचना है। KMSRAJ51.COM — के पाठकों के लिए। आपकी कवितायें / लेख सरल शब्दो में दिल की गहराइयों तक उतर कर जीवन बदलने वाली होती है। मुझे पूर्ण विश्वास है आपकी कविताओं और लेख से जनमानस का कल्याण होगा। आपकी कविताओं और लेख से आने वाली पीढ़ी के दिलो दिमाग में हिंदी साहित्य के प्रति प्रेम बना रहेगा। आपकी लेखन क्रिया यूं ही चलती रहे, बाबा विश्वनाथ की कृपा से।

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“सफलता का सबसे बड़ा सूत्र”(KMSRAJ51)

“स्वयं से वार्तालाप(बातचीत) करके जीवन में आश्चर्यजनक परिवर्तन लाया जा सकता है। ऐसा करके आप अपने भीतर छिपी बुराईयाें(Weakness) काे पहचानते है, और स्वयं काे अच्छा बनने के लिए प्रोत्साहित करते हैं।”

 

“अगर अपने कार्य से आप स्वयं संतुष्ट हैं, ताे फिर अन्य लोग क्या कहते हैं उसकी परवाह ना करें।”~KMSRAj51

 

 

 

 

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अफगान में तालीबानी।

Kmsraj51 की कलम से…..

♦ अफगान में तालीबानी। ♦

ऑफगान शासन में 1992 से 2001 तालिबान कायम रहा,
पाकिस्तान ने तालिबान का जन्म भी अफ़गान तालिबान से हुआ।
अफगान पर पंजशेर घाटी छोड़ कर – कब्जा लिया,
अफगान और पाकिस्तानी, तालिबान एक सिक्के के दो पहलू॥

कहते तो है कि इसमें शियाओं की फ़ौज अधिक होती,
जिसने गजनी चौक से अपनी बहनों को लुटते हुए देखी थी।
शिया हजारा नेता अब्दुल अली मजारी की प्रतिमा तोड़ा,
वतन के लिए लड़ने वाली महिला गवर्नर सलीमा मजारी को बंधक बना लिया॥

ऐसा मंजर वहां छाने लगा है, लगता देखकर इंसानियत भूल गया है,
जलालाबाद से आम जनता पर गोलियां बरसा कर मारा जा रहा॥

अफगान के गजनी चौक पर कभी हिंदू लड़कियां नीलाम होती,
आम सड़क पर आज मुस्लिम लड़कियों की बोली लगती।
कहते है ईश्वर की जुबान में आवाज नहीं होती है,
कहा ढाने वालों पर दुखी बौछार खड़ी होती है॥

काबुल हवाई अड्डे के बाहर जुटी भीड़ पर आतंकियों ने फायर किया,
जिसमे कई पत्रकार और आम आदमी घायल हुआ।
अफगान में चारों तरफ महिलाओं के पोस्टर पर कालिख लीपी,
अमेरिका का साथ देने वाले लोगों के मुंह पर कालीख पोती॥

तालिबान के खिलाफ पंज शेरघाटी से जनता सड़क पर उतरी,
उधर अमेरिकी हथियारों का जखीरा तालिबान के हाथ पड़ी।
कुंदूर एयरपोर्ट पर अमेरिकी गाड़ियों का जखीरा इकट्ठा किया,
टैंक टॉप ड्रोन विमान आदि सभी को तालिबान हथिया लिया॥

उधर पाकिस्तान – तालिबान आतंकियों को जेल से छोड़ रहा,
पांच बरस से बंद आतंकी महमूद रसूल को छोड़ दिया!
पाकिस्तानी विशेषज्ञों का कहना यह है कि पाकिस्तान में भी,
यही आतंकी गुट लंबे समय से पाक में पाकिस्तान से लग रहा था॥

अफगान के अजेय पंज शेरघाटी से, अमरूल्लाह सालेह ने बिगुल बजाया।
कार्यवाहक राष्ट्रपति गनी के विदेश, भाग जाने के बाद, खुद को बताया॥

अफगानी सुरक्षा एजेंसी के दफ्तर में, तालिबानियों ने तोड़फोड़ मचाया।
हथियारों के बल पर दफ्तर और घरों में लूट पाट मचाया,
बच्चियों के साथ बर्बरता की कोशिश करते सामने आया॥

तालीबानी शासक जब अपना पूरा शासन चलाएंगे,
अफगान में शरिया क़ानून थोपने वाले सख्त कानून लाएंगे।
हत्या के दोषियों को सार्वजनिक रुप से फांसी पर लटकाएंगे,
आरोपियों के अंग – भंग करने का नजारा देखने में आएंगे॥

पुरुषों में दाढ़ी रखना अनिवार्य कर दिया जाएगा,
महिलाओं को बुर्के में ढक कर पूरा शरीर रखनी होगी।
10 साल से ऊपर की बच्चियों को स्कूल जाने पर रोक होगा,
मानवाधिकार का सरेआम उल्लंघन होता दिखेगा?

पाकिस्तानी जो आज खुश हो रहे उनको भी दंश सहना होगा,
उनको अपनी देश में भी सरिया का पालन करना होगा।
गरीबों की शोषण के खिलाफ जनता को लड़ना होगा,
अपनी वतन की हिफाजत के लिए सबको मिलकर बढ़ना होगा॥

कौन अच्छे शिया सुन्नी समुदाय इस पर विचार करना होगा,
कठोर रुढ़िवादी रुख को अपनाने वालों को बदलना होगा।
दुनिया में हो शांति कायम, इस पर मिलकर काम करना होगा,
विश्व बंधुत्व हो कायम, के लिए सबको मिल आगे बढ़ना होगा॥

♦ सुखमंगल सिंह जी – अवध निवासी ♦

—————

  • “सुखमंगल सिंह जी“ ने, बहुत ही सरल शब्दों में सुंदर तरीके से इस कविता में — वर्तमान समय में तालिबान के लड़ाकों या यूँ कहे इंसानियत के दुश्मन आतंकवादियों द्वारा अफगानिस्तान पर कब्जा और उनकी बर्बरता लूट, बलात्कार, हत्या, और खून खराबा को दर्शाया है।

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यह कविता (अफगान में तालीबानी।) “सुखमंगल सिंह जी” की रचना है। KMSRAJ51.COM — के पाठकों के लिए। आपकी कवितायें / लेख सरल शब्दो में दिल की गहराइयों तक उतर कर जीवन बदलने वाली होती है। मुझे पूर्ण विश्वास है आपकी कविताओं और लेख से जनमानस का कल्याण होगा। आपकी कविताओं और लेख से आने वाली पीढ़ी के दिलो दिमाग में हिंदी साहित्य के प्रति प्रेम बना रहेगा। आपकी लेखन क्रिया यूं ही चलती रहे, बाबा विश्वनाथ की कृपा से।

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ज़रूर पढ़ें: अफगानी – दुर्दशा।

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आधुनिक हिंदी के दिशा नायक निराला।

Kmsraj51 की कलम से…..

♦ आधुनिक हिंदी के दिशा नायक निराला। ♦

निराला जी के संबंध में कोई स्वतंत्र समीक्षा पुस्तक नहीं लिखी मिली।
समीक्षात्मक मूल्यांकन करने वाले प्रमुख आलोचक पंडित राम चंद्र शुक्ल और नंद दुलारे वाजपेयी जी ही रहे।

निराला जी के काव्य वैशिष्ट्य और उपलब्धियों पर समीक्षा विचार छायावादी की भांति की गई।

नंद दुलारे वाजपेयी जी सुमित्रानंदन पंत को पसंद करते थे, पंडित शुक्ल या अन्य कवि उन्हें काव्य की कृतियों में वैसा नहीं भाते हैं।
फिर भी कवि की अभिव्यंजन पद्धति से समीक्षा प्रारंभ किया, निराला जी के नाद सौंदर्य पर और अधिक ध्यान दिया।

उनकी प्रगीत मुक्तको में संगीतात्मकाता पाया,
उन्होंने संगीत को काव्य के निकट लाने का प्रयास किया।
उनकी पद्य योजना पहुंच में जटिल दिखाई देती है,
समस्त पद विन्यास कवि की कार्यशैली की विशेषता है॥

काव्य में विषम चरण छंदों का प्रयोग,
काव्य की तीसरी विशेषता रही है।
काव्य दृष्टि से शुक्ला नहीं यह स्वीकारा,
बहु स्पर्श नी प्रतिभा निराला मौजूद है।
शैली और सामाजिक मूल्यों के क्षेत्र में,
निराला आदर्श मान्यता बंधन नहीं स्वीकार किया॥

उनके भाषा में व्यवस्था की कमी और पद योजना का अर्थ व्यंजन दुर्बल माना।
फिर भी उनकी विद्रोही भावना और जगत के विविध प्रस्तुत रूपों आदि को लेकर चलने वाली काव्य प्रतिभा के महत्व को, उदासीन भाव से ही सही स्वीकार किया।

निराला जी के काव्य वैशिष्ट्य और काव्य प्रतिभा की तरफ वाजपेयी ने जगत का ध्यान आकृष्ट किया।
विश्लेषण और मूल्यांकन में आलोचक की कठिनाई को वाजपेयी जी ने शुरुआत में ही कह दिया।

कवि के व्यक्तित्व और उसके निर्माण में ऐसी सूक्ष्म शब्दों का प्रयोग मिलता है,
जिसका विश्लेषण हिंदी की वर्तमान धारणा ने विशेष कठिन क्रिया वाजपेयी जी ने बताया।

पंडित नंद दुलारे जी की समीक्षा अनुसार निराला जी, हिंदी काव्य की प्रथम दार्शनिक कभी और सचेत कलाकार हैं।

निराला जी के विकास के मूल में भावना की अपेक्षा बुद्धि तत्व की प्रधानता है।
जो उनके स्वछंद छंदो, से दिखाई पड़ता है।
उनके काव्य में परंपरा के प्रति, गहरा विद्रोह झलकता है।

छंदोबद्ध संगीतात्मक रचनाओं के द्वारा, निराला जी के काव्य का दूसरा चरण शुरू होता है। बौद्धिकता पर नियंत्रण, भावना युक्त रचना, कला सृष्टि का स्वरुप देने में समर्थ हैं।

निराला जी के काव्य के विकास का तीसरा चरण, गीतिका काव्यों में परिलक्षित होता है। काव्य में विराट बौद्धिक चित्रों के स्थान पर रम्मय आकृतियां अधिक मिलती है।

ऐसा परिवर्तन, निराला के काव्य में, बुद्धि तत्व के कलात्मक परिपक्वता की दिशा में आगे ले जाना है।

शुक्ल जी की मत का खंडन करते हुए, पंडित नंद दुलारे वाजपेयी जी ने कहा।

सार्थक शब्द सृष्टि, प्राढ़ सशक्त पद विन्यास और संगीतात्मकता, निराला जी की हिंदी कविता को प्रमुख देन बताया। शब्द संगीत परखने और व्यवहार में लाने,
में निराला जी आधुनिक हिंदी के दिशा नायक हैं बताया।
— ( साभार हिं. सा. का बृहद इतिहास )

♦ सुखमंगल सिंह जी – अवध निवासी ♦

—————

  • “सुखमंगल सिंह जी“ ने, बहुत ही सरल शब्दों में सुंदर तरीके से इस Article में समझाने की कोशिश की है की, “पंडित नंद दुलारे वाजपेयी जी ने कहा — सार्थक शब्द सृष्टि, प्राढ़ सशक्त पद विन्यास और संगीतात्मकता, निराला जी की हिंदी कविता को प्रमुख देन बताया। शब्द संगीत परखने और व्यवहार में लाने में निराला जी आधुनिक हिंदी के दिशा नायक हैं बताया।”

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यह लेख (आधुनिक हिंदी के दिशा नायक निराला।) “सुखमंगल सिंह जी” की रचना है। KMSRAJ51.COM — के पाठकों के लिए। आपकी कवितायें / लेख सरल शब्दो में दिल की गहराइयों तक उतर कर जीवन बदलने वाली होती है। मुझे पूर्ण विश्वास है आपकी कविताओं और लेख से जनमानस का कल्याण होगा। आपकी कविताओं और लेख से आने वाली पीढ़ी के दिलो दिमाग में हिंदी साहित्य के प्रति प्रेम बना रहेगा। आपकी लेखन क्रिया यूं ही चलती रहे, बाबा विश्वनाथ की कृपा से।

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ज़रूर पढ़ें: पृथु का प्रादुर्भाव।

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अफगानी – दुर्दशा।

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♦ अफगानी – दुर्दशा। ♦

दुनिया सारी मौन खड़ी,
तालिबानी – अफ़गान चढे!
माता – बच्चे – बहना सारी,
दहशत के माहौल में है पड़े।

अफरा-तफरी चारों तरफ,
अफगान के नागरिकों काे,
बुरे समय में नामी हस्तियां,
काबुल छोड़कर भाग रही।

महिला मेकर सारा करीमी,
फिल्मी मेकर जान बचाने की,
दुनिया से गुहार लगाने लगी,
कौन करेगा मदद दुखी सभी।

अफगानी है, के साथ वहां,
दुर्व्यवहार किया जा रहा!
मदद करो – मदद करो मेरी,
चारों तरफ हाहाकार मचा।

मानवता सारी नो – नो चुकी,
अफगानी लड़कियां दिखी।
तालिबानी सेना लडाके उनको,
उठा, उठा कर लेकर जा रहे।

मनमानी करते हैं उनके साथ,
बच्चियां बिल्कुल यही कह रहीं।
विरोध गर उनका कोई करता,
उनकी आंखे वह सब नोच रहे।

नन्हें – नन्नी बच्चे भूखे – प्यासे,
दूध पीने के लिए वह नहीं पा रहे।
उनकी जान बचेगी अथवा नहीं,
आगे बढ़कर कोई नहीं आ रहा।

अफ़गानी बैंक में भारी खड़ी,
पैसा आया था अपना पाने को!
हाथ खड़ा कर दिए बैंक सभी,
दिल थाम सारी जनता खड़ी।

भाग रहा था सारा समाज हित,
अपनी अपनी जान बचाने को!
कुछ अमरीकी विमान पर चढ़े,
लापरवाही, से गिर धरा मर गए।

नागरिकों को नहीं बचाने वाला है?
अफगानी सेना नतमस्तक वाली।
पहले ही तालीबानी अवस्था देखी,
उनका अत्याचार जनता थी सहती।

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