Kmsraj51 की कलम से…..
♦ बेटियाँ। ♦
संस्कार, संस्कृति, तहजीब और हया है।
कैसे मैं बताऊँ कि बेटियाँ क्या-क्या है॥
बेटियाँ हर घर का श्रृंगार है, सम्मान है।
बेटियाँ हर बाप का भाग्योदय अभिमान है।
माँ के लबों की पाक दुवा, आईना, पहचान है।
भाई की रक्षा कवच बहनों की सखी, जान है।
संबंधों की संजीदगी, संजीवनी दवा है।
कैसे मैं बताऊँ…..
सर्दियों के सुबह की गुनगुनाती धूप जैसी।
गर्मियों में कंठ को तर करती जल की घूंट जैसी।
पतझड़ के बाद आयी कोंपलों के रूप जैसी।
चहचहाती व्योम वन में कोयलों के कूक जैसी।
सहचरी, संबल, पाथेय, धूप में छाया है।
कैसे मैं बताऊँ…..
वीणा के तंतु से निकली हुई झंकार सी।
भोर की ताजी सिहकती मलयानिल बयार सी।
पूजा की सजी थाली, संदल, रोली, हार सी।
सहरा में गिरती सावन की पहली फुहार सी।
पूर्णिमा के चाँद की लहरों पे धवल छटा है।
कैसे मैं बताऊँ…..
झरनों की रवानगी, संगीतमय प्रवाह है।
इन्द्रधनुषी रंग, आभा, देवत्व की पनाह है।
धैर्य, त्याग, सहनशक्ति, समंदर अथाह है।
वसुधा पे सुधा की स्वामिनी, गवाह है।
मेरी, टेरेसा, कल्पना, लता, इंदिरा है।
कैसे मैं बताऊँ…..
शायर के ताजातरीन गजल के लिखावट सी।
रामायण की चौपाई, कुरान के आयत सी।
वो लगती कभी साध्वी के तप व इबादत सी।
सीने पे सो जाए तो – मक्के की जियारत सी।
खुदा सा उसे शब्दों में बांधना अधूरा है।
कैसे मैं बताऊँ…..
है दौड़ती रहती हृदय में वो लहू बनकर।
रूह की गहराइयों में पाक आरजू बनकर।
दुश्वारियों में, दर्द में, शांतिदूत सकूं बनकर।
आबरू रख लेती है रिश्तों की आंसू बनकर।
पाप धोती गंगा, सबा, बाग – ए – वफा है।
कैसे मैं बताऊँ…..
मत मारो इन्हें कोख में ही, हे असुर मानव।
इनका ना इनमें हाथ है कोई कसूर मानव।
त्याग दो ये कुकृत्य, नापाक क्रूर, दस्तूर मानव।
यही हैं सृष्टि, जीवन, आनंद भरपूर मानव।
इंसानियत को इन्होंने दूध – खून से सींचा है।
कैसे मैं बताऊँ…..
♦ शैलेश कुमार मिश्र (शैल) – मधुबनी, बिहार ♦
- “शैलेश कुमार मिश्र (शैल) जी” ने, बहुत ही सरल शब्दों में सुंदर वर्णन किया है – बेटियों के गुणों और त्याग को कविता के माध्यम से समझाया है।
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यह कविता “शैलेश कुमार मिश्र (शैल) जी” की रचना है। KMSRAJ51.COM — के पाठकों के लिए। आपने सच्चे मन से देश की सेवा के साथ-साथ एक कवि हृदय को भी बनाये रखा। आपने अपने कवि हृदय को दबाया नहीं। यही तो खासियत है हमारे देश के वीर जवानों की। आपकी कवितायें सरल शब्दो में दिल की गहराइयों तक उतर कर जीवन बदलने वाली होती है। मुझे पूर्ण विश्वास है आपकी कविताओं और लेख से जनमानस का कल्याण होगा।
About Yourself – आपके ही शब्दों में —
- नाम: शैलेश कुमार मिश्र (शैल)
- शिक्षा: स्नातकोत्तर (PG Diploma)
- व्यवसाय: केन्द्रीय पुलिस बल में 2001 से राजपत्रित अधिकारी के रूप में कार्यरत।
- रुचि: साहित्य-पठन एवं लेखन, खेलकूद, वाद-विवाद, पर्यटन, मंच संचालन इत्यादि।
- पूर्व प्रकाशन: कविता संग्रह – 4, विभागीय पुस्तक – 2
- अनुभव: 5 साल प्रशिक्षण का अनुभव, संयुक्त राष्ट्रसंघ में अफ्रीका में शांति सेना का 1 साल का अनुभव।
- पता: आप ग्राम-चिकना, मधुबनी, बिहार से है।
आपकी लेखनी यूँ ही चलती रहे, जनमानस के कल्याण के लिए। उस अनंत शक्ति की कृपा आप पर बनी रहे। इन्ही शुभकामनाओं के साथ इस लेख को विराम देता हूँ। तहे दिल से KMSRAJ51.COM — के ऑथर फैमिली में आपका स्वागत है। आपका अनुज – कृष्ण मोहन सिंह।
- जरूर पढ़े: स्वाद बदलना होगा।
- जरूर पढ़े: क्या-क्या देखें।
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