• Skip to main content
  • Skip to primary sidebar
  • Skip to footer
  • HOME
  • ABOUT
    • Authors Intro
  • QUOTES
  • POETRY
    • ग़ज़ल व शायरी
  • STORIES
  • निबंध व जीवनी
  • Health Tips
  • CAREER DEVELOPMENT
  • STUDENT PAGE
  • योग व ध्यान

KMSRAJ51-Always Positive Thinker

“तू ना हो निराश कभी मन से” – (KMSRAJ51, KMSRAJ, KMS)

Check out Namecheap’s best Promotions!

You are here: Home / Archives for short english poems

short english poems

मेरा ईश्वर से विश्वास उठने ही लगा था कि।

Kmsraj51 की कलम से…..

♦ मेरा ईश्वर से विश्वास उठने ही लगा था कि। ♦

बचपन से सुनती आयी हूँ कि –
पत्ता भी नहीं हिलता ‘उसकी ‘ ( प्रभु की )
मर्ज़ी के बिना ….
फिर भी इंसान रह नहीं पाता अपनी
ख़ुदगर्ज़ी के बिना…
वर्तमान दौर में ये अटूट विश्वास
हिलने लगा था।

‘रब’ है ही नहीं, ऐसा ही लगने लगा था।
सारे मीडिया यंत्र दहाड़ रहे हैं,
मृत्यु के मंजर पर गला फाड़ रहे हैं।

अब लोग ईश्वर की मर्ज़ी से
या आयु पूरी होने पर नहीं मरते।
ईश्वर उनके प्राण नहीं हरते।
अब तो ख़ुदा कोई नया आ गया है,
जिसे विप्लव मौत का बहुत भा गया है।

ये भी सुना था और पढ़ा था बचपन से:
‘हर सौ वर्ष में एक महामारी फैलती है धरा पर-
जो निगल लेती है असंख्य ज़िंदगियाँ’।
और वसुन्धरा का हरापन –
जैसे चेचक, हैज़ा, टीबी इत्यादि।

कुछ अतीत की हैं महामारियाँ,
सभी प्राणघातक बीमारियाँ –
असंख्य जानें चली जातीं थीं।
फिर टीके बनते थे,
जो बच जाते थे उनको लगते थे।

फिर से वही दौर आ गया है-
फ़र्क़ ये है कि पहले टी वी नाम का
मूर्ख बक्सा नहीं था – इसलिए
जिन्हें वो रोग हो गया वे रोग से मर जाते थे।

कम से कम बाक़ी अफ़वाहों और भय से,
से बच कर सुरक्षित रह जाते थे।

जनसंख्या हज़ारों में थी – सैंकड़ों मरते थे।
जब जनसंख्या लाखों में हो गयी तो हज़ारों मर गये।
अब करोड़ों में है तो लाखों मर रहे हैं,
पर अब आविष्कारों के दुरुपयोग से।

रोगी रोग से और निरोगी रोग के भय,
से मर रहे हैं/ जो बचे हैं वो भी डर रहे हैं।
ईश्वर की भूमिका तो समाप्त हो चली है।
नये ईश्वर से अब ये सौग़ात ए मौत मिली है।

अब सबकी मृत्यु का ज़िम्मेदार या तो ‘प्रभु
कोरोना’ है या फिर देवी असुविधाएं या देवी दुर्व्यवस्थाएँ।

न उम्र न कोई अन्य रोग न लापरवाही,
कुछ बुद्धिजीवी यही चर्चा रोज़ कर लेते हैं।
एक दूसरे को चिन्ता की डोज़ दे कर,
कुछ देर सरकारों को कोस लेते हैं।

संवेदनशीलता दिखाने का सबसे सरल,
और टिकाऊ तरीक़ा है बुद्धिविलास।
और फिर सामर्थ्य अनुसार वाणी विलास,
बहुत से गुरू, शिक्षक सकारात्मक ज्ञान देते हैं।

गिलास आधा ख़ाली है के स्थान पर गिलास,
आधा भरा है ऐसा कहना सिखलाते हैं।

ताकि सकारात्मकता आये,
तो समाचार- कोविड से इतने **** मर गये ,
इसके स्थान पर इतने ***** बच गये।
क्यों नहीं कह सकते ?

अर्थात् गिलास आधा भरा है ये क्यों नहीं कह सकते ?
आख़िर बचने वाले मरने वालों से तो ज़्यादा हैं न।

ये भी कहेंगे- पर अभी नहीं-
कोविड ख़त्म होने के बाद अपने भाषणों में,
हाई – फ़ाई होटल के कमरों में ‘मोटिवेशनल स्पीच’ में
ये दौर जब चला जायेगा-

तब सकारात्मक संदेशों के वृक्ष पर,
उदाहरणों का बौर आयेगा।
जिनका स्रोत इस नकारात्मकता से ही तो आयेगा।
तब ये सबको बहुत भायेगा।

ख़ैर – मुझे इस राजनीति में नहीं पड़ना,
बस भरोसा भगवान पर कैसे लौटा ये है कहना।
तो – मुझे भी लगने लगा था कि
ईश्वर नाम की कोई सत्ता नहीं है अब।

पड़ोस के एक वृद्ध के बारे में पता चला तब,
कि वे क़रीब एक साल से मृत्यु की गोद में पल रहे हैं –
और अभी तक यमराज को छल रहे हैं-
आयु अस्सी के आसपास है।

प्राणघातक रोग से ग्रस्त हैं,
घर के लोग भी अब उनसे त्रस्त हैं।

कोरोना पॉजिटिव भी हो गये थे,
अपने आप नेगेटिव भी हो गये।
हॉस्पिटल वो जा नहीं सकते,
डॉ ० घर पर आ नहीं सकते।

जाँच रिपोर्ट के अनुसार उन्हें न दवा
बचा सकती है न दुआ।
पर वो अब तक बचे हुए हैं।
परिवार पर बोझ से लदे हुए हैं।
अपनों की ही ज़िल्लत सह रहे हैं।

जिन्हें खिलाया था गोद में वही,
‘कब मरेंगे ‘ मुँह पर कह रहे हैं।

ये बात मैंने अपनी एक मित्र को बतायी,
उसने भी मुझे एक ऐसी ही घटना बतायी।
धीरे – धीरे मुझे ऐसे बहुत से लोग मिले,
जो अनेकों रोगों से थे घिरे।

महीनों से कटे वृक्ष की तरह बिस्तर पर थे गिरे-
पर प्रभु कोविड भी कुछ न कर सके।
तब कहीं जा कर मेरा खोया विश्वास लौट आया।
और फिर मैंने ईश्वर की मर्ज़ी को सर नवाया 🙏🏼
ईश्वर की सत्ता पर भरोसा जताया।

♦ वेदस्मृति ‘कृती’ जी – पुणे, महाराष्ट्र ♦

—————

  • “वेदस्मृति ‘कृती’ जी“ ने, बिलकुल ही सरल शब्दों में समझाने की कोशिश की हैं – कोरोना महामारी के आने से कैसे इंसानी जीवन अस्त व्यस्त हो गया है। कैसे इंसान के अंदर से इंसानियत खत्म हो गया। कोई भी किसी की भी मदद नहीं कर रहा है। रोगी रोग से और निरोगी रोग के भय से मर रहे हैं, जो बचे हैं वो भी डर रहे हैं।

—————

यह कविता/आर्टिकल (मेरा ईश्वर से विश्वास उठने ही लगा था कि।) ” वेदस्मृति ‘कृती’ जी “ की रचना है। KMSRAJ51.COM — के पाठकों के लिए। आपकी कवितायें सरल शब्दो में दिल की गहराइयों तक उतर कर जीवन बदलने वाली होती है। मुझे पूर्ण विश्वास है आपकी कविताओं और लेख से जनमानस का कल्याण होगा। आपकी लेखन क्रिया यूँ ही चलती रहे जनमानस के कल्याण के लिए।

साहित्यिक नाम : वेदस्मृति ‘कृती’
शिक्षा : एम. ए. ( अँग्रेजी साहित्य )
बी.एड. ( फ़िज़िकल )
आई आई टी . शिक्षिका ( प्राइवेट कोचिंग क्लासेज़)
लेखिका, कहानीकार, कवियित्री, समीक्षक, ( सभी विधाओं में लेखन ) अनुवादक. समाज सेविका।

अध्यक्ष : “सिद्धि एक उम्मीद महिला साहित्यिक समूह”
प्रदेश अध्यक्ष : अखिल भारतीय साहित्य सदन ( महाराष्ट्र इकाई )
राष्ट्रीय आंचलिक साहित्य संस्थान बिहार प्रान्त की महिला प्रकोष्ठ,
श्री संस्था चैरिटेबल ट्रस्ट : प्रदेश प्रतिनिधि ( महाराष्ट्र )
अंतर्राष्ट्रीय हिंदी परिषद में – सह संगठन मंत्री, मुंबई ज़िला, महाराष्ट्र
हिन्दी और अँग्रेजी दोनों विधाओं में स्वतंत्र लेखन।

अनेक प्रतिष्ठित हिन्दी/अँग्रेजी पत्र – पत्रिकाओं में नियमित रचनाएँ प्रकाशित।

—————

अपने विचार Comments कर जरूर बताये, और हमेशा नए Post को अपने ईमेल पर पाने के लिए – ईमेल सब्सक्राइब करें – It’s Free !!

Please share your comments.

आप सभी का प्रिय दोस्त

©KMSRAJ51

जैसे शरीर के लिए भोजन जरूरी है वैसे ही मस्तिष्क के लिए भी सकारात्मक ज्ञान और ध्यान रुपी भोजन जरूरी हैं।-KMSRAj51

———– © Best of Luck ® ———–

Note:-

यदि आपके पास हिंदी या अंग्रेजी में कोई Article, Inspirational Story, Poetry या जानकारी है जो आप हमारे साथ share करना चाहते हैं तो कृपया उसे अपनी फोटो के साथ E-mail करें. हमारी Id है: kmsraj51@hotmail.com. पसंद आने पर हम उसे आपके नाम और फोटो के साथ यहाँ PUBLISH करेंगे. Thanks!!

cymt-kmsraj51

“सफलता का सबसे बड़ा सूत्र”(KMSRAJ51)

“स्वयं से वार्तालाप(बातचीत) करके जीवन में आश्चर्यजनक परिवर्तन लाया जा सकता है। ऐसा करके आप अपने भीतर छिपी बुराईयाें(Weakness) काे पहचानते है, और स्वयं काे अच्छा बनने के लिए प्रोत्साहित करते हैं।”

 

“अगर अपने कार्य से आप स्वयं संतुष्ट हैं, ताे फिर अन्य लोग क्या कहते हैं उसकी परवाह ना करें।”~KMSRAj51

 

 

 

 

____Copyright ©Kmsraj51.com  All Rights Reserved.____

Filed Under: 2021-KMSRAJ51 की कलम से, वेदस्मृति ‘कृती’ जी की कविताये।, वेदस्मृति ‘कृती’ जी की रचनाएँ, हिन्दी साहित्य Tagged With: bacchon ki poem, bacchon ki poem english mein, English Poetry or Poems, Grass To Grace, grass to grace poem, Poem, poem in hindi, poem in hindi motivational, poems-poetry, Poetry, poetry by VEDSMRITI "KRITEE", poetry in english, self motivation poem hindi, short english poems, short poems in hindi, Vedsmriti - Kritee, vedsmriti kritee poems, भगवान में विश्वास, मोटिवेशनल कविता हिंदी में, वेद स्मृति कृती poems, वेदस्मृति ‘कृती’, वेदस्मृति ‘कृती’ जी की कविताये

Today’s Technology

Kmsraj51 की कलम से…..

♦ Today’s Technology ♦

I have seen people
blaming today’s technology
For spoiling their health n children

They say vehemently
All revolutionary creations are
Responsible for this destruction

They argue for hours
To describe the negative effects
Of wireless new age electronic gadgets

How our dependency
On these unavoidable devices
Is making us lazy and emotionless

But the truth is
Except weapons no contraptions
Is made with ill intentions

Enormous amount of
Hard-work has been invested
By some kind hearted geniuses

They worked consistently
And diligently all their life
To serve human beings by their visions

Our own inability
In handling these devices
Is the root cause of all the crises

Our addiction to technology
Will make this boon a curse
So no point to blame inventions

Our command over it
Can make us free from all stress
And will keep it at our services

♦ Vedsmriti ‘Kritee’ Ji – Pune, Maharashtra ♦

—————

  • ” Vedsmriti ‘Kritee’ Ji “ Describe In very simple words – I have seen people, blaming today’s technology, for spoiling their health n children, They say vehemently, all revolutionary creations are, Responsible for this destruction. But the truth is except weapons no contraptions is made with ill intentions. Enormous amount of Hard-work has been invested by some kind hearted geniuses. They worked consistently And diligently all their life to serve human beings by their visions. Our own inability In handling these devices Is the root cause of all the crises. “Our addiction to technology, Will make this boon a curse. So no point to blame inventions.”

—————

This poem (Today’s Technology) is Written by ” Vedsmriti ‘Kritee’ Ji “ for – KMSRAJ51.COM readers. Your poems are life-changing by getting down to the depths of the heart in simple words. I have full faith that your poems and articles will benefit the public. May your writing activity continue like this for the welfare of the people.

Brief introduction of Poet
__________________
Name : Vedsmriti Gour
Name for publication : Vedsmriti ‘Kritee’
Education : M. A. English litrature
B. Ed. ( Physical )
Diploma in Information Technology
Teacher : Private coaching classes, Freelance writer, poet, critic, translator, lyricist, social – worker.
Adhyaksh : ‘Siddhi Ek Sahityik Samooh’
State Head : ‘Akhil Bhartiya Sahitya Sadan’ ( Maharashtra )
Mahila Prakoshtth : ‘Rashtriya Aanchalik Sahitya Sansthan Bihar Prant’.
Sah Sangthan Mantri : ‘Antarrashtriya Hindi Parishad Mahila Prakoshtth, Mumbai, Maharashtra.
Representative ( Maharashtra ) : Shri Sanstha Charitable Trust
Write in both the languages – Hindi & English

—————

Please share your comments.

आप सभी का प्रिय दोस्त

©KMSRAJ51

जैसे शरीर के लिए भोजन जरूरी है वैसे ही मस्तिष्क के लिए भी सकारात्मक ज्ञान और ध्यान रुपी भोजन जरूरी हैं।-KMSRAj51

———– © Best of Luck ® ———–

Note:-

यदि आपके पास हिंदी या अंग्रेजी में कोई Article, Inspirational Story, Poetry या जानकारी है जो आप हमारे साथ share करना चाहते हैं तो कृपया उसे अपनी फोटो के साथ E-mail करें. हमारी Id है: kmsraj51@hotmail.com. पसंद आने पर हम उसे आपके नाम और फोटो के साथ यहाँ PUBLISH करेंगे. Thanks!!

cymt-kmsraj51

“सफलता का सबसे बड़ा सूत्र”(KMSRAJ51)

“स्वयं से वार्तालाप(बातचीत) करके जीवन में आश्चर्यजनक परिवर्तन लाया जा सकता है। ऐसा करके आप अपने भीतर छिपी बुराईयाें(Weakness) काे पहचानते है, और स्वयं काे अच्छा बनने के लिए प्रोत्साहित करते हैं।”

 

“अगर अपने कार्य से आप स्वयं संतुष्ट हैं, ताे फिर अन्य लोग क्या कहते हैं उसकी परवाह ना करें।”~KMSRAj51

 

 

____Copyright ©Kmsraj51.com  All Rights Reserved.____

Filed Under: 2021-KMSRAJ51 की कलम से, English Poetry - Poems, VEDSMRITI "KRITEE" - English Poetry, वेदस्मृति ‘कृती’ जी की कविताये। Tagged With: beautiful poems about life, famous poems about technology, how to write a poem using technology, poem about technology in education, poems, poems on today technology in english, Poetry, poetry by VEDSMRITI "KRITEE", short easy poems, short english poems, short poem in english, short poems about life, short poems about life by famous poets, small poem in english, teaching poetry with technology, Vedsmriti - Kritee

Primary Sidebar

Recent Posts

  • ब्रह्मचारिणी माता।
  • हमारा बिहार।
  • शहीद दिवस।
  • स्वागत विक्रम संवत 2080
  • नव संवत्सर आया है।
  • वैरागी जीवन।
  • मेरी कविता।
  • प्रकृति के रंग।
  • फिर भी चलती साथ-साथ वो हमेशा।
  • यह डूबती सांझ।
  • 10th Foundation Day of KMSRAJ51
  • प्रकृति और होरी।
  • तुम से ही।
  • होली के रंग खुशियों के संग।
  • आओ खेले पुरानी होली।
  • हे नारी तू।
  • रस आनन्द इस होली में।

KMSRAJ51: Motivational Speaker

https://www.youtube.com/watch?v=0XYeLGPGmII

BEST OF KMSRAJ51.COM

ब्रह्मचारिणी माता।

हमारा बिहार।

शहीद दिवस।

स्वागत विक्रम संवत 2080

नव संवत्सर आया है।

वैरागी जीवन।

मेरी कविता।

प्रकृति के रंग।

फिर भी चलती साथ-साथ वो हमेशा।

यह डूबती सांझ।

10th Foundation Day of KMSRAJ51

Audiobooks Now

AudiobooksNow - Digital Audiobooks for Less

Affiliate Marketing Network

HD – Camera

Free Domain Privacy

Footer

Protected by Copyscape

KMSRAJ51

DMCA.com Protection Status

Copyright © 2013 - 2023 KMSRAJ51.COM - All Rights Reserved. KMSRAJ51® is a registered trademark.