Kmsraj51 की कलम से…..
♦ तुम प्रहरी को क्या दोगे ? ♦
माँ के चरणों में अपना सारा पूंजी, खेत, घर सौंप दिया।
शील, शुचिता की रक्षा में वो वक्ष, बाहु, धर सौंप दिया।
सोनित का हर एक कतरा, साँस, प्राण, सर सौंप दिया।
सखा – संबंधी, बच्चों का भी धरती अंबर सौंप दिया॥
सीने में अस्मिता आबरू की ज्वाला जिसके धधके।
मिट्टी के इस पागल सुत को, धुत्त नरहरि को क्या दोगे?
दो – चार चवन्नी सिक्के वालों तुम प्रहरी को क्या दोगे?
सरहद का हर एक इंच उसकी माँ की छाती सा है॥
नजर किसी की गंदी, टेढी उठी वो तीर, दरांती सा है।
लक्ष्मण रेखा खींच के वो जलता दीपक बाती सा है।
राष्ट्र रक्षा को पूर्ण समर्पित, उन्मत्त, उत्पाती सा है।
सीमा को संगिनी बनाकर जंगल पर्वत घूम रहा॥
उसका जीवन ही वनवास है, बेर सबुरी को क्या दोगे?
दो चार चवन्नी सिक्के…..
इच्छा अभिलाषाओं की आहूति देकर पीड़ा हरता है।
हर सांस में उच्छवास में जन – गण – मन वो भरता है।
बम गोले के धुएं में नित अंगराता सजता संवरता है।
हिमगिरि सा अविचल अजेय वो महाकाल से लड़ता है॥
बंदूक संग होली और दिवाली सेहरा में मनता।
आँखें भरी हो सागर सा, नीर उस बदरी को क्या दोगे ?
दो चार चवन्नी सिक्के …..
दे सको तो हृदय से बस मान और सम्मान दो।
हर कार्य औ व्यवहार में सच्चाई का अभिमान दो।
मस्जिद से उठे जयकारा, मंदिरों से अजान दो।
मुस्कराता, लहलहाता, एक मुल्क हिंदुस्तान दो॥
इस स्वप्न की आँच में कुछ जल रहे कुछ कट रहे।
कुछ आसमानी हो गए, तुम उस नफरी को क्या दोगे ?
दो चार चवन्नी सिक्के…..
सरहद के सिपाही… जवान को प्रहरी भी कहते हैं।
♦ शैलेश कुमार मिश्र (शैल) – मधुबनी, बिहार ♦
- “शैलेश कुमार मिश्र (शैल) जी” ने, कविता के माध्यम से बहुत ही सुंदर वर्णन किया है – सरहद के सिपाही या यूँ कहे देश के वीर जवानाें के त्याग, बलिदान व दिल में सच्चा प्रेम माँ भारती के लिए और देशवासियो के लिए सदैव खड़े रहना सरहद पर, क्या सर्दी, क्या गर्मी, क्या बारिश भी उन्हें रोक न पाए रक्षा करने से। देश के वीर जवानाें को नमन:।
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यह कविता “शैलेश कुमार मिश्र (शैल) जी” की रचना है। KMSRAJ51.COM — के पाठकों के लिए। आपने सच्चे मन से देश की सेवा के साथ-साथ एक कवि हृदय को भी बनाये रखा। आपने अपने कवि हृदय को दबाया नहीं। यही तो खासियत है हमारे देश के वीर जवानों की। आपकी कवितायें सरल शब्दो में दिल की गहराइयों तक उतर कर जीवन बदलने वाली होती है। मुझे पूर्ण विश्वास है आपकी कविताओं और लेख से जनमानस का कल्याण होगा।
About Yourself – आपके ही शब्दों में —
- नाम: शैलेश कुमार मिश्र (शैल)
- शिक्षा: स्नातकोत्तर (PG Diploma)
- व्यवसाय: केन्द्रीय पुलिस बल में 2001 से राजपत्रित अधिकारी के रूप में कार्यरत।
- रुचि: साहित्य-पठन एवं लेखन, खेलकूद, वाद-विवाद, पर्यटन, मंच संचालन इत्यादि।
- पूर्व प्रकाशन: कविता संग्रह – 4, विभागीय पुस्तक – 2
- अनुभव: 5 साल प्रशिक्षण का अनुभव, संयुक्त राष्ट्रसंघ में अफ्रीका में शांति सेना का 1 साल का अनुभव।
- पता: आप ग्राम-चिकना, मधुबनी, बिहार से है।
आपकी लेखनी यूँ ही चलती रहे, जनमानस के कल्याण के लिए। उस अनंत शक्ति की कृपा आप पर बनी रहे। इन्ही शुभकामनाओं के साथ इस लेख को विराम देता हूँ। तहे दिल से KMSRAJ51.COM — के ऑथर फैमिली में आपका स्वागत है। आपका अनुज – कृष्ण मोहन सिंह।
- जरूर पढ़े: स्वाद बदलना होगा।
- जरूर पढ़े: क्या-क्या देखें।
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