♥ तुमसे जुदा होकर…। ♥
Separated from you
तुमसे जुदा होकर जैसे मैं
वो कश्ती जिसका टूट गया लंगर
तुमसे जुदा हो मैं नदी वो
जो सूख गई बिन पहुँचे समंदर
तुमसे दूर होकर जैसे
सौ रातों का अंधेरा मेरे अंदर
तुमसे दूर हूँ मैं तो
मन वीरान खंडहर
तुम से दूर होकर जैसे मैं
खुशियों से हो गयी बंजर
तुमसे जुदा होकर जैसे मैं
वो कश्ती जिसका टूट गया लंगर
तुमसे जुदा होकर
मेरा मुस्काना एक झूठ सरासर
दुनिया के झूमते जंगल की
मैं एक बियाबान कन्दर
तुमसे जुदा होकर जैसे मैं
वो कश्ती जिसका टूट गया लंगर
🎈🏞🎈आज के जनरेशन को अच्छे ज्ञान, ध्यान व योग तथा आध्यात्मिक ज्ञान एवं अच्छे संस्कार की अत्यंत जरूरत है। तभी उनका जीवन सुखी, शांतिमय व तृप्त तथा सफल होगा।☆KMSRAJ51
❤️❤️🌹🌹Happy Valentine's Day🌹🌹
Post By: Madhu -writer at film writer’s association Mumbai
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