Kmsraj51 की कलम से…..
♦ युवा और नशा। ♦
तना सीना, तनी ग्रीवा, लगे अच्छी युवाओं की।
शिथिल कंधे, मुँदी आँखें, नहीं भातीं युवाओं की।
घुसे हैं देश में दुश्मन, तुम्हारा मार्ग भटकाने,
समय से पूर्व ही तुमको, नशे की नींद सुलवाने।
मिले जो मुफ़्त में भी तो, सदा कहना नशे को ना,
बड़ा अनमोल है जीवन, नशे में न खो देना।
क़तारें ख़ूब लंबी हैं, नशे के सरगनाओं की।
सफल साज़िश न हो पाये, भयंकर योजनाओं की।
तना सीना, तनी ग्रीवा, लगे अच्छी युवाओं की।
शिथिल कंधे, मुँदी आँखें, नहीं भातीं युवाओं की।
तुम्हीं तो देश का कल हो, तुम्हीं हो देश की गरिमा,
रचो इतिहास ऐसा तुम, बढ़े जो देश की महिमा।
तुम्हीं को नींव रखनी है, नशे से मुक्त भारत की,
करे जो बात गाँजे की, सजा दो इस जहालत की।
जगाओ चेतना अपनी, दिशा बदलो हवाओं की।
नशे के घोल में डूबी, नशीली इन फ़िज़ाओं की।
तना सीना, तनी ग्रीवा, लगे अच्छी युवाओं की।
शिथिल कंधे, मुँदी आँखें, नहीं भातीं युवाओं की।
नशे के रास्तों से तुम, न नाता जोड़ कर आना,
पिता ने लाड़ से पाला, न रोता छोड़ कर जाना।
शपथ लो आज ही तुम सब, अलख घर – घर जलानी है,
पुनः शेखर भगत सिंह सी, तुम्हें लिखनी कहानी है।
तुम्हीं तो प्राण हो माँ के, कली हो भावनाओं की।
पिता का मान, मन्नत हो, रखो लज्जा दुआओं की।
तना सीना, तनी ग्रीवा, लगे अच्छी युवाओं की।
शिथिल कंधे, मुँदी आँखें, नहीं भातीं युवाओं की।
♦ वेदस्मृति ‘कृती’ जी – पुणे, महाराष्ट्र ♦
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- “वेदस्मृति ‘कृती’ जी“ ने, बिलकुल ही सरल शब्दों का प्रयोग करते हुए समझाने की कोशिश की हैं — आज की युवा पीढ़ी किस तरह नशा के गर्त में धसती जा रही है, नशे में धुत युवक किसी को भी अच्छे नहीं लगते। नशे के आदी युवक का कोई भविष्य नहीं होता। तना सीना, तनी ग्रीवा, लगे अच्छी युवाओं की। शिथिल कंधे, मुँदी आँखें, नहीं भातीं युवाओं की। इसलिए नशा छोड़े और एक सुन्दर भविष्य के निर्माण में सहयोगी बने। आप युवाओं पर ही भारत का भविष्य निर्भर है, यूँ ही नशे की दीवानी – उड़े जवानी वाले युवक न बनो।
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यह कविता (युवा और नशा।) ” वेदस्मृति ‘कृती’ जी “ की रचना है। KMSRAJ51.COM — के पाठकों के लिए। आपकी कवितायें/गीत/दोहे/लेख सरल शब्दों में दिल की गहराइयों तक उतर कर जीवन बदलने वाली होती है। मुझे पूर्ण विश्वास है आपकी दोहे/कविताओं और लेख से आने वाली नई पीढ़ी और जनमानस का कल्याण होगा। आपकी लेखन क्रिया यूँ ही चलती रहे जनमानस के कल्याण के लिए।
साहित्यिक नाम : वेदस्मृति ‘कृती’
शिक्षा : एम. ए. ( अँग्रेजी साहित्य )
बी.एड. ( फ़िज़िकल )
आई आई टी . शिक्षिका ( प्राइवेट कोचिंग क्लासेज़)
लेखिका, कहानीकार, कवियित्री, समीक्षक, ( सभी विधाओं में लेखन ) अनुवादक. समाज सेविका।
अध्यक्ष : “सिद्धि एक उम्मीद महिला साहित्यिक समूह”
प्रदेश अध्यक्ष : अखिल भारतीय साहित्य सदन ( महाराष्ट्र इकाई )
राष्ट्रीय आंचलिक साहित्य संस्थान बिहार प्रान्त की महिला प्रकोष्ठ,
श्री संस्था चैरिटेबल ट्रस्ट : प्रदेश प्रतिनिधि ( महाराष्ट्र )
अंतर्राष्ट्रीय हिंदी परिषद में – सह संगठन मंत्री, मुंबई ज़िला, महाराष्ट्र
हिन्दी और अँग्रेजी दोनों विधाओं में स्वतंत्र लेखन।
अनेक प्रतिष्ठित हिन्दी/अँग्रेजी पत्र – पत्रिकाओं में नियमित रचनाएँ प्रकाशित।
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वेदस्मृति कृती says
समाज में तेज़ी जड़ें फैला रही नशे की लत के सन्दर्भ में लिखी मेरी रचना को प्रकाशित करने के लिये सह्रदय आभार आ. कृष्ण मोहन जी का
kmsraj51 says
Tahedilse Thanks for your valuable support and feedback ke liye Ji.