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Preet Ki Reet – Holi | प्रीत की रीत – होली।
प्रीत की झंकार है होली,
संधि की टंकार है होली।
केवल रंगो का खेल नहीं,
संस्कारों का त्यौहार है होली।
नेह का अंबार है होली,
स्नेह का शृंगार है होली।
भेदभाव का खेल नहीं,
आदर, सत्कार है होली।
अहंकार का संघार है होली,
विजय की हुंकार है होली।
होली पर्व अंह पर जय का,
धर्म – कर्म का संचार है होली।
है राधा की प्रीत में होली,
है मीरा के संगीत में होली।
होली के रंग रंगीन प्रेम से,
बुरे पर भले की जीत है होली।
♦ नंदिता माजी शर्मा – मुंबई, महाराष्ट्र ♦
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- “नंदिता माजी शर्मा जी“ ने, बहुत ही सरल शब्दों में सुंदर तरीके से इस कविता में समझाने की कोशिश की है — आत्मिक प्रेम, निस्वार्थ स्नेह, करुणा व मानवता का पवित्र महापर्व होली हैं। अपने सम्पूर्ण विकारों को अग्नि को समर्पित कर एक अच्छे व सच्चे योगी जैसे पवित्र जीवन के नियमों के अनुसार जीवन जीना ही सच्ची होली हैं। याद रहे मलिन मन क्या जाने इस होली का उत्सव? पावनता तो जरूरी है। तन के रंगने से नहीं, मन के रंगे बिन, होली सबकी अधूरी है। मौसम के बदलाव की, नव फसलों के उगाव की, यह धुरी है। संस्कृति, सभ्यता और संस्कारों की, होली की क्रीड़ा पूरी है। बहन, भाई, मां, बेटी, पत्नी, पिता को, होली के रंग ही लहदे हैं। प्रेम है सब में, पर रूप अनेक है, यही तो रिश्तों के ओहदे हैं। अहंकार का नाश कर, सद्गुणों को धारण करने का महापर्व है होली।
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यह कविता (प्रीत की रीत – होली।) “नंदिता माजी शर्मा जी” की रचना है। KMSRAJ51.COM — के पाठकों के लिए। आपकी मुक्तक/कवितायें/गीत/दोहे/लेख/आलेख सरल शब्दों में दिल की गहराइयों तक उतर कर जीवन बदलने वाली होती है। मुझे पूर्ण विश्वास है आपकी दोहे/कविताओं और लेख से आने वाली नई पीढ़ी और जनमानस का कल्याण होगा। आपकी लेखन क्रिया यूँ ही चलती रहे जनमानस के कल्याण के लिए।
नाम – नंदिता माजी शर्मा
साहित्यिक नाम : नंदिता “आनंदिता”
लेखिका/डिजीटल अलंकरणकर्ता/कवियत्री/समाज सेविका
संस्थापक/अध्यक्ष — कर्मा फाऊंडेशन
राष्ट्रीय सह-अध्यक्ष — साहित्य संगम संस्थान (पंजीकृत साहित्यिक संस्था)
अलंकरण प्रमुख — साहित्योदय(पंजीकृत साहित्यिक संस्था)
अलंकरण अधिकारी — अंतरराष्ट्रीय शब्द सृजन
प्रदेश कार्यकारी अध्यक्ष — साहित्य संगम संस्थान, (महाराष्ट्र इकाई)
जिला प्रभारी — एन.जी.टी.ओ
मीडिया प्रभारी — महाराष्ट्र शब्दाक्षर
मुख्य संपादक — दोहा संगम ( मासिक ई पत्रिका )
प्रधान संपादक — वंदिता ( मासिक ई पत्रिका )
मुख्य संपादक — महाराष्ट्र मल्हार ( मासिक ई पत्रिका )
प्रधान संपादक — आह्लाद मासिक ई-पत्रिका
प्रधान संपादक — अविचल प्रभा मासिक ई-पत्रिका
कई विधाओं में लेखन।
अनेक ई-पत्रिकाओं का सफल संपादन।
विभिन्न साहित्यिक मंचो और गोष्ठियों से ‘श्रेष्ठ रचनाकार’ ‘सर्वश्रेष्ठ रचनाकार’ इत्यादि अनेक सम्मान प्राप्त।
हिंदी एवं अंग्रेजी दोनों ही भाषाओं में स्वतंत्र लेखन।
०६ साझा – संग्रह ‘गोल्डन बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में दर्ज।
अनावृत संचालन हेतु लन्दन बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में नाम दर्ज।
०१ साझा – संग्रह इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में दर्ज।
०१ दिव्याक्षर ब्रेल साझा – संग्रह वर्ल्ड रिकॉर्ड में दर्ज।
हिंदी अकादमी, मुंबई द्वारा साहित्य भूषण सम्मान २०२३ से सम्मानित।
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