Kmsraj51 की कलम से….. Kaise Sambhav Hai Desh Ka Vikas | कैसे संभव है देश का विकास? ⇒ चिन्तित और उद्विग्न मानस ने… सामाजिक विषमताओं और विकृतियों को लेकर चिन्तित और उद्विग्न … [Read More...] about कैसे संभव है देश का विकास?
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कैसे संभव है देश का विकास?

क्रोध।
Kmsraj51 की कलम से….. Anger | क्रोध। क्रोध को दिल में, थोड़ी जगह क्या दे दी, उसने पूरा हक जमा लिया। पहले बहुत खुश था, अपनी छोटी कुटिया में। उसने धक्का मार कर, बाहर … [Read More...] about क्रोध।

हाल सुनाता परिभाषा।
Kmsraj51 की कलम से….. Haal Sunata Paribhasha | हाल सुनाता परिभाषा। तुमको अपनी व्यथा सुनाता हूं आज, बगैर मेरे समाज के पूर्ण होवे न कोई काज। व्यथा सुनाने के लिए जरूरी नही … [Read More...] about हाल सुनाता परिभाषा।

मजदूर दिवस का इतिहास।
Kmsraj51 की कलम से….. History of Labor Day | मजदूर दिवस का इतिहास। देखो मजदूर दिवस है आया, 1 मई 1886 का दिन याद है आया। अमेरिका का मजदूर सड़कों पर उतर आया, 15-16 घंटे … [Read More...] about मजदूर दिवस का इतिहास।

आँखों ने आँखों से कहा।
Kmsraj51 की कलम से….. Aankhon Ne Aankhon Se Kaha | आँखों ने आँखों से कहा। आँखों ने आँखों से कहा… मौन आँखियों ने अँखियों से, चुप-चुप स्वर में बातें कर ली। प्रेम ने पवित्र … [Read More...] about आँखों ने आँखों से कहा।

परिंदों की प्यास बुझाए।
Kmsraj51 की कलम से….. Parindon Ki Pyas Bujhae | परिंदों की प्यास बुझाए। हम तो है सरकारी स्कूल के प्यारे बच्चें, जुबां से बहुत भोले, दिल के है सच्चे। शिक्षा के संग … [Read More...] about परिंदों की प्यास बुझाए।

पशु बलि।
Kmsraj51 की कलम से….. Animal sacrifice | पशु बलि। Pashu Bli न जाने समाज क्यों, कुछ पिशाचियत पर अड़ता है? बे ज़ुबान निरीह पशुओं की, बलि चढ़ाने पर लड़ता है। देवताओं के नाम … [Read More...] about पशु बलि।

वैशाख की गर्मी।
Kmsraj51 की कलम से….. Hot Summer of Vaishakh | वैशाख की गर्मी। उफ ये गर्मी है बैसाख की, धरती जलती आग सी। उफनती नदियाँ सूख गई, कंठ की हाल ना पूछो। धूप लगे शूल … [Read More...] about वैशाख की गर्मी।

मुलाकात।
Kmsraj51 की कलम से….. Mulaakat | मुलाकात। एकटक निहारता शान्त निरव तन से, गूँजती गर्जन रह-रहकर निभृत संसार में। अचानक उठती लहरों ने आकर, चरण-रज लेकर चले गये हलचल मन आगार … [Read More...] about मुलाकात।

जहरीली जिंदगी।
Kmsraj51 की कलम से….. Toxic Life | जहरीली जिंदगी। कभी हसीं रुकती नहीं थी, अब छुप छुप कर आंसू पीता हूँ, लोग मजे लेंगे दर्द भरी दास्तान सुनकर, किसी को कुछ कहता … [Read More...] about जहरीली जिंदगी।

ये शिरोमणि सिंहासन है।
Kmsraj51 की कलम से….. Ye Shiromani Singhasan Hai | ये शिरोमणि सिंहासन है। ये शिरोमणि सिंहासन है। यह वीरों का आसन है, न किसी का इस पर स्वशासन है। रहा बहुबल नित पद्मासन … [Read More...] about ये शिरोमणि सिंहासन है।

यौवन किसको कहते हैं?
Kmsraj51 की कलम से….. Yauvan Kisko Kahte Hain? | यौवन किसको कहते हैं? यौवन किसको कहते हैं…? सुरम्य पूरन की रात में, उडुओं की बारात में, हमने पूँछा चंदा की चाँदनी … [Read More...] about यौवन किसको कहते हैं?

डॉ भीमराव अम्बेडकर।
Kmsraj51 की कलम से….. Dr. Bhimrao Ambedkar | डॉ भीमराव अम्बेडकर। बुद्धि से तेज, विचारों से श्रेष्ठ, ज्ञान में ज्ञानी। सहनशीलता की मिशाल, जला दी जिसने अलख ज्ञान की, आओ … [Read More...] about डॉ भीमराव अम्बेडकर।

ज्ञानसेनी।
Kmsraj51 की कलम से….. GyanaSeni | ज्ञानसेनी। "ज्ञानसेनी" अधरों का पुष्प, उम्मीदों का सूरज, करें संकट दूर रघुवर, ज्ञानसेनी सजाया है। रिश्तों का मिठास, हैं स्वप्नों … [Read More...] about ज्ञानसेनी।

कोरोना भारतीय सेनेटाइजेशन को समझता था।
Kmsraj51 की कलम से….. Corona Understand Indian Sanitization | कोरोना भारतीय सेनेटाइजेशन को समझता था। भारतीय सेनेटाइजेशन को समझता था, लेकिन कुछ दूसरों के पल्ले नहीं पड़ता … [Read More...] about कोरोना भारतीय सेनेटाइजेशन को समझता था।

विवेक और विचार।
Kmsraj51 की कलम से….. Vivek Aur Vichar | विवेक और विचार। पंचायत नहीं विचारों में स्वतंत्रता लाएं, विवेक कल्याण कारक होता है। रीति - रिवाज, शास्त्र - नियम … [Read More...] about विवेक और विचार।

अनुरागी लालिमा कपोलों पर।
Kmsraj51 की कलम से….. Anuragi Lalima Kapolon Par | अनुरागी लालिमा कपोलों पर। अनुरागी लालिमा कपोलों पर, छटा इंद्रधनुषी-सी खिल गई। प्रफुल्लित तरुणी की शायद, कुमारत्व से … [Read More...] about अनुरागी लालिमा कपोलों पर।

मतलबी दुनिया।
Kmsraj51 की कलम से….. Matlabi Duniya | मतलबी दुनिया। बड़ी अदब से झुक कर, दुआ मांगता था अपने लिए। लोगों की बेरुखी इतनी बढ़ी, कम हो गई दुआएं मेरे लिए। मैं मुस्कुराना भूल … [Read More...] about मतलबी दुनिया।

ऑनलाइन पाँव पसारो।
Kmsraj51 की कलम से….. Spread Your Feet Online | ऑनलाइन पाँव पसारो। जमा न पाया पांव धरा पर, पर उड़ते आकाश। घास उखाड़ने कूबत नहीं, धरा धर्म फैलाने की आस। पवन की पूजा करते … [Read More...] about ऑनलाइन पाँव पसारो।

बारिश और किसान।
Kmsraj51 की कलम से….. Rain and Farmer | बारिश और किसान। बारिश और किसान का बहुत गहरा संबंध है। बारिश के बिना किसान की फसल तैयार नहीं होती है, किसान मिट्टी से सोना उत्पन्न करने … [Read More...] about बारिश और किसान।

हनुमान जन्मोत्सव।
Kmsraj51 की कलम से….. Hanuman Janmotsav | हनुमान जन्मोत्सव। प्रकट दिवस हनुमान जी का आया आज। श्रीराम का बन भक्त सबके सँवारे काज॥ माँ वैष्णों का तो ये तो है राज … [Read More...] about हनुमान जन्मोत्सव।

हनुमान जन्मोत्सव।
Kmsraj51 की कलम से….. Hanuman Janmotsav | हनुमान जन्मोत्सव। चैत्र शुक्ल पूर्णिमा तिथि, जन्में वीर बलवान हनुमान है। केसरी पिता जिनके, माँ अंजनी के लाल है। आया … [Read More...] about हनुमान जन्मोत्सव।

हस्पताल की।
Kmsraj51 की कलम से….. Hospital | हस्पताल की। उदासी में उगती हर सुबह यहां की, उदासी में डूबती हर सांझ और रात। उदासी में ही बीतता है दिन भी सारा, बीमार बेटे के देख कर … [Read More...] about हस्पताल की।

समर्पण।
Kmsraj51 की कलम से….. Samarpan | समर्पण। जब रोते हुए आए संसार में, कलेजे का टुकड़ा समझ, माँ ने गोद में उठाया। माँ ने चलना सिखाया, नया जीवन दिया। सासु माँ भी कम नहीं, … [Read More...] about समर्पण।

मन खोज रही कस्तूरी।
Kmsraj51 की कलम से….. Man Khoj Rahii Kasturi | मन खोज रही कस्तूरी। महक रही नस-नस में रजनीगंधा, मन वन – वन खोज रही कस्तूरी। पिपासित उर को न तृप्त कर पाती, प्यासी – प्यासी … [Read More...] about मन खोज रही कस्तूरी।

विज्ञान और ज्ञान की जंग।
Kmsraj51 की कलम से….. War of Science and Knowledge | विज्ञान और ज्ञान की जंग। विज्ञान और ज्ञान की जंग मानव समाज में बहुत पुरानी है। भारतीय पौराणिक कथाओं को पढ़े तो सुरों - … [Read More...] about विज्ञान और ज्ञान की जंग।

आखिर हँसी लौट ही आई!
Kmsraj51 की कलम से….. Aakhir Hansi Laut Hee Aai | आखिर हँसी लौट ही आई! हर समय चेहरे पर मुस्कान लिए वो सभी को खुशी बांटती फिरती। पर ये क्या? आज उसकी हँसी पर किसने ग्रहण … [Read More...] about आखिर हँसी लौट ही आई!

ब्रह्मचारिणी माता।
Kmsraj51 की कलम से….. Brahmacharini Mata | ब्रह्मचारिणी माता। "ब्रह्मचारिणी" लाल रंग अति प्रिय माता को, चीनी का भोग लगाते हैं। तप की चारणी ब्रह्मचारिणी में तप से ध्यान … [Read More...] about ब्रह्मचारिणी माता।

हमारा बिहार।
Kmsraj51 की कलम से….. Our Bihar | हमारा बिहार। आर्यावर्त की जान, जो है हिंद की पहचान, आर्यभट्ट की धरती पर, बस एक ही नाम, बिहार बिहार बिहार, हमारा बिहार। कुंवर से जिनकी … [Read More...] about हमारा बिहार।

शहीद दिवस।
Kmsraj51 की कलम से….. Shaheed Diwas | शहीद दिवस। सुखदेव, राजगुरु और भगत सिंह को फंदे पर लटकाया था। 23 मार्च के दिन को इसी लिए ही शहीद दिवस मनाया था। भारत मां के इन लालों … [Read More...] about शहीद दिवस।

स्वागत विक्रम संवत 2080
Kmsraj51 की कलम से….. Welcome Vikram Samvat 2080 | स्वागत विक्रम संवत 2080 भगवान चित्रगुप्त अवतरित हुए आज ही के दिन, चित्र से बना चैत्र, बदला साल वो दिन। नए साल में … [Read More...] about स्वागत विक्रम संवत 2080

नव संवत्सर आया है।
Kmsraj51 की कलम से….. Nav Sanvatsar Aaya Hai | नव संवत्सर आया है। आओ रे भैया, आओ री बहना, नव संवत्सर आया है। हमारे पुरखों ने भारत में, नया साल यहीं से मनाया है। ब्रह्मा … [Read More...] about नव संवत्सर आया है।

वैरागी जीवन।
Kmsraj51 की कलम से….. Vairagi Jeevan | वैरागी जीवन। बोये थे मैनें संदल के बन, काँटे बिखरे राहों में बने बबूल। घायल करते पग-पग पर, बिखरे हुए बिसैले शूल। दूर-दूर तक फैले … [Read More...] about वैरागी जीवन।

मेरी कविता।
Kmsraj51 की कलम से….. Meri Kavita | मेरी कविता। हर अक्षरों में रचा-बसा लेखन का धाता, हर शब्दों की परिभाषा सृजन का दाता। मैं कवि हूँ और तुम मेरी कविता, वीरान मरुस्थल-सा … [Read More...] about मेरी कविता।

प्रकृति के रंग।
Kmsraj51 की कलम से….. Prakriti Ke Rang | प्रकृति के रंग। फिर से वही मौसम आया, जिसने प्रकृति को खुशनुमा बनाया। सतरंगी रंगों की छटा बिखेरी है इस कदर, जिसे देख नई नवेली … [Read More...] about प्रकृति के रंग।

फिर भी चलती साथ-साथ वो हमेशा।
Kmsraj51 की कलम से….. Phir Bhi Chalti Saath-Saath Wo Hamesha | फिर भी चलती साथ-साथ वो हमेशा। गुथे हुए हैं प्राणों से कुछ, निर्वाक वैरागी से पतझड़। खलती हैं मुझको तुम्हारी … [Read More...] about फिर भी चलती साथ-साथ वो हमेशा।

यह डूबती सांझ।
Kmsraj51 की कलम से….. Yah Doobati Sanjh | यह डूबती सांझ। यह डूबती सांझ देखो, लेके, घना अंधेरा आएगी। दिन भर की आपाधापी से, हमे मुक्ति दिलाएगी। यह बात सच है कि यह, दैनिक … [Read More...] about यह डूबती सांझ।

10th Foundation Day of KMSRAJ51
Kmsraj51 की कलम से….. 10th Foundation Day of KMSRAJ51 | KMSRAJ51 का 10वां स्थापना दिवस 10th Anniversary of KMSRAJ51 दिल से निकलती एक चिंगारी देखते ही देखते कब वट वृक्ष का … [Read More...] about 10th Foundation Day of KMSRAJ51

प्रकृति और होरी।
Kmsraj51 की कलम से….. Prakriti and Hori (Holi) | प्रकृति और होरी। आकंठ अखंड उद्गार में, बहता कण-कण विराग। तिनका-तिनका तृण पल्लवी कुसुमित हो मुस्कुराय। दृग दिवस काल … [Read More...] about प्रकृति और होरी।