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KMSRAJ51-Always Positive Thinker

“तू ना हो निराश कभी मन से” – (KMSRAJ51, KMSRAJ, KMS)

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nursery poem in hindi

बाल शिक्षण – विचार।

Kmsraj51 की कलम से…..

♦ बाल शिक्षण – विचार। ♦

घर में हो शिक्षण या हो वर्ग में,
या किसी अन्य कक्ष भवन में,
उन्मुक्त गगन तल खुले प्रांगण में।

शिक्षण वह, होता है सदा निर्भर,
जैसा है जीवन-वलय चार पहर।
अगर संग है उनकी आलोचना,
सीखें वे दुर्गुण व निंदा-विवेचन।

यदि चहुँ – दिश है शत्रुता-प्रतिशोध,
ग्रहण करते हैं, वे कलह-प्रतिरोध।
परिधि अगर है, व्यंग्य – उपहास का,
ज्ञान लेते वे संकोच, हीन-भाव का।

सम्मुख उनके हो, लज्जा व अविश्वास,
ग्रहण वह करें, दोषी भाव-मनोविकार।
प्रतिदिन के जीवन से मिलता शिक्षण,
जिसके प्रणेता माता पिता, हैं गुरुजन।

जीवन-परिसर में हो अगर प्रोत्साहन,
तो लेते वे सीख सहज आत्म-विश्वास।
परिवेश में है सहिष्णु-सहयोग भाव,
क्षण में संजोते धैर्य शक्ति आत्म-तत्व।

गृह-क्षेत्र में है सत्स्नेह, विनय अनुशंसा सीखें,
प्रेम करें सत्य संग सेवा अहिंसा।
कुटुंब में स्वीकृति-समता के मानक हों,
बाल-वृन्द उज्जवल चरित, सेवा-प्रेरक हों।

♦ प्रो• मीरा भारती जी – पुणे, महाराष्ट्र  ♦

—————

  • “प्रो• मीरा भारती जी“ ने, बहुत ही सरल शब्दों में सुंदर तरीके से इस कविता के माध्यम से बताने की कोशिश की है — शिक्षण व शिक्षा ऐसा हो जिससे मानसिक रूप से हर बच्चा शक्तिशाली बने। मानसिक रूप से हर बच्चा इतना शक्तिशाली बने की जीवन के हर उतार चढ़ाव में मन से स्थिर रहे, उसे कोई भी समस्या विचलित न कर सके। कोई उसकी बुराई करे तो उसके मन पर किसी भी तरह का नकारात्मक असर न पड़े। चाहे घर हो या स्कूल कोशिश यही हो सभी की, की बच्चों को हर जगह सकारात्मक वातावरण मिले। बच्चों को जैसा वातावरण मिलता है बच्चे वैसे ही बनते है, आपके अच्छे व बुरे संस्कार और आदतों का बच्चों के मन पर बहुत असर पड़ता है। बच्चें कच्चे मिट्टी के घड़े के समान होते है, उन्हें जैसे और जिस तरह से ढाला जाये वो ढलते जायेंगे।

—————

यह कविता (बाल शिक्षण – विचार।) “प्रो• मीरा भारती जी” की रचना है। KMSRAJ51.COM — के पाठकों के लिए। आपकी कवितायें सरल शब्दो में दिल की गहराइयों तक उतर कर जीवन बदलने वाली होती है। मुझे पूर्ण विश्वास है आपकी कविताओं और लेख से जनमानस का कल्याण होगा। आपकी कविताओं से नई पीढ़ी को बहुत कुछ सीखने को मिलेगा। आपकी लेखन क्रिया यूं ही चलती रहे।

आपका परिचय आप ही के शब्दों में:—

मेरा नाम मीरा भारती (मीरा मिश्रा/भारती) है। मैंने BRABU Muzaffarpur, Bihar, R.S College में प्राध्यापिका के रूप में 1979 से 2020 तक सक्रिय चिंतन और मनन, अध्यापन कार्य किया, आनलाइन शिक्षण कार्यक्रम से वर्तमान में भी जुड़ी हूं, मेरे द्वारा प्रशिक्षित बच्चे लेखनी का सुंदर उपयोग किया करते हैं। मैंने लगभग 130 कविताएं लिखी है, जिसमें अधिक प्रकाशित हैं, कई आलेख भी, लिखे हैं। दृढ़ संकल्प है, कि लेखन और अध्यापन से, अध्ययन के सामूहिक विस्तारण से समाज कल्याण – कार्य के कर्तृत्व बोध में वृद्धि हो सकती है। अधिक सकारात्मक परिणाम आ सकते हैं।

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“सफलता का सबसे बड़ा सूत्र”(KMSRAJ51)

“स्वयं से वार्तालाप(बातचीत) करके जीवन में आश्चर्यजनक परिवर्तन लाया जा सकता है। ऐसा करके आप अपने भीतर छिपी बुराईयाें(Weakness) काे पहचानते है, और स्वयं काे अच्छा बनने के लिए प्रोत्साहित करते हैं।”

 

“अगर अपने कार्य से आप स्वयं संतुष्ट हैं, ताे फिर अन्य लोग क्या कहते हैं उसकी परवाह ना करें।”~KMSRAj51

 

 

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Filed Under: 2022-KMSRAJ51 की कलम से, हिंदी कविता, हिन्दी-कविता Tagged With: bacchon ki poem, Child education - ideas, nursery poem in hindi, poem for kids in hindi, बाल शिक्षण - विचार

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