** देश की पहली बेटी जिसे गूगल ने बिठाया सिर आंखों पर **
भले ही कुछ लोगों में बेटियों के प्रति मानसिकता नहीं बदली हो, लेकिन इसमें कोई दोराए नहीं कि बेटियों ने ही देश का नाम रोशन किया है। एक ऐसी ही बेटी है जिन्होंने करिश्मा कर दिखाया है। 15 साल की उम्र में सृष्टि गूगल साइंस फेयर में टॉप-15 में जगह बनाने वाली पहली भारतीय छात्रा हैं। उनकी इस कामयाबी पर ना केवल पूरे देश को नाज है बल्कि इस बेटी ने लड़के और लड़कियों के प्रति भेदभाव रखने वालों को भी करारा जवाब दिया है।देश में जहां बेटियों के लिए कई लोगों की सोच नहीं बदली वहीं मोहली की इस बेटी ने वो कर दिखाया जिस पर पूरे देश को नाज है। सृष्टि ने गूगल साइंस फेयर-2013 में दुनिया के 15 प्रतिभाशाली छात्रों में शामिल हुईं। ये पहला मौका था जब देश की किसी बेटी ने यह मुकाम हासिल किया।
एक तकनीक ने हासिल कराया ये मुकामपंजाब में मोहाली के मिलेनियम स्कूल की 11वीं कक्षा की छात्रा सृष्टि अस्थाना को भी शायद नहीं पता था कि डिटर्जेंट वॉटर को ग्रीन टेक्नीक से ट्रीट करने का उसका प्रोजेक्ट उसे यह मुकाम दिलाएगा। सृष्टि को इस रिसर्च के बारे में तब ख्याल आया जब वो स्कूल ट्रिप के दौरान लुधियाना के टेक्सटाइल इंडस्ट्रीज गईं और वहां पर डाई वॉटर से पर्यावरण को हो रहे नुकसान को देखा।
वैज्ञानिक बनने का है सपनावहीं से इंडस्ट्रियल वेस्ट से निकले बेकार डिटर्जेंट वॉटर को इको-फ्रेंडली विकल्प के रूप में बदलने के लिए ग्रीन सॉल्यूशन का विचार शुरू हुआ। पंजाब पुलिस के आईजी एसके अस्थाना की बेटी सृष्टि बड़ी होकर वैज्ञानिक बनना चाहती है।
एक साल दिन-रात मेहनत करने पर मिली सफलतासृष्टि ने इस प्रोजेक्ट को चुनौती के तौर पर लिया उसने सैकड़ों रिसर्च पेपर पढ़े, अपने टीचर्स की मदद ली साथ ही कई-कई घंटे लैब में बिताए। करीब एक साल तक दिन-रात मेहनत के बाद आखिरकार उसे अपने प्रोजेक्ट में सफलता मिली। जैसे ही सृष्टि को स्कूल से खबर मिली कि गूगल साइंस फेयर शुरू होने वाला है तो उन्होंने ऑन लाइन फॉर्म जमा कर दिया। इस प्रतियोगिता में 13 से 18 साल तक के स्टूडेंट्स ने हिस्सा लिया।
अब सपना आईआईटियन बनने का
15 साल की सृष्टि ने अपने पैरेंट्स और टीचर्स के सपोर्ट से इस मुकाम को हासिल किया है। उनके पैर भले ही जमीन पर हैं लेकिन इरादे आसमान पर। सृष्टि ने इससे पहले भी कई बड़ी उपलब्धियां हासिल की हैं वो पिछले साल एनटीएसई स्कॉलर बनीं तो एक गर्ल चाइल्ड को अडॉप्ट किया। कोचिंग इंस्टीट्यूट से उसे 20 हजार रुपये स्कॉलरशिप मिलती है जिससे वो एक और गर्ल चाइल्ड की पढ़ाई स्पॉन्सर करेगी। सृष्टि की सपना अब आईआईटियन बनने का है। सृष्टि ने आज ना सिर्फ अपने माता-पिता बल्कि पूरे देश का नाम रोशन किया है।
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