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KMSRAJ51-Always Positive Thinker

“तू ना हो निराश कभी मन से” – (KMSRAJ51, KMSRAJ, KMS)

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poem on lata mangeshkar

सुरों की मल्लिका को नमन।

Kmsraj51 की कलम से…..

♦ सुरों की मल्लिका को नमन। ♦

सुरों की साज और तेरा काज,
मां शारदे का हाथ और तेरा राज,
समझ न पाएं हम मूढ़ आज,
सहसा दिल पर गिरा गाज,
दिल रो रहा तेरी याद में होकर मगन,
सुरों की मल्लिका को शत-शत नमन॥

स्वर भी जिसका करता गुणगान,
वो कोई और नहीं थी इंसान,
हमारी लता जी थी वो महान,
गायिकी से जिसने बढ़ाया देश का मान,
दिल रो रहा तेरी याद में होकर मगन,
सुरों की मल्लिका को शत-शत नमन॥

कला जगत की तुम थी सिरमौर,
नहीं था तुम्हारा कोई जोर,
लता दीदी तुम थी बेजोड़,
आपके जादू का नहीं था कोई तोड़,
दिल रो रहा तेरी याद में होकर मगन,
सुरों की मल्लिका को शत-शत नमन॥

जिनके गीत से झूमी दुनिया सारी,
तुम लता जी अमिट पहचान हो हमारी,
गाए आपके गीत प्रेरणा देती तुम्हारी,
कोई न कर सकता तुम्हारी बराबरी,
दिल रो रहा तेरी याद में होकर मगन,
सुरों की मल्लिका को शत-शत नमन॥

हमारे दिल की धड़कन हो तुम,
तेरा यूं जाना गम देगा हरदम,
तेरे समर्पण को सजदा करते है हम,
अपूरणीय क्षति से हमारे साथ स्तब्ध है सरगम,
दिल रो रहा तेरी याद में होकर मगन,
सुरों की मल्लिका को शत-शत नमन॥

हमारे दिल की धड़कन हो तुम,
तेरा यूं जाना गम देगा हरदम,
तेरे समर्पण को सजदा करते है हम,
अपूरणीय क्षति से हमारे साथ स्तब्ध है सरगम,
दिल रो रहा तेरी याद में होकर मगन,
सुरों की मल्लिका को शत-शत नमन॥

♦ विवेक कुमार जी – जिला – मुजफ्फरपुर, बिहार ♦

मेरे प्रिय पाठकों आपको सपरिवार बसंत पंचमी की शुभकामनाएं।-KMSRAJ51

—————

• Conclusion •

  • “विवेक कुमार जी“ ने, बहुत ही सरल शब्दों में सुंदर तरीके से समझाने की कोशिश की है — मां शारदे का उन पर था अनमोल वरदान, वीणापाणी मां के सर्वस्व संरचना में अनमोल संरचना थी हमारी लता जी। स्वर भी जिसका करता गुणगान, वो कोई और नहीं थी इंसान, हमारी लता जी थी वो महान, गायिकी से जिसने बढ़ाया देश का मान। कला जगत की तुम थी सिरमौर, नहीं था तुम्हारा कोई जोर, लता दीदी तुम थी बेजोड़। लता मंगेशकर (28 सितंबर 1929 – 6 फ़रवरी 2022) भारत की सबसे लोकप्रिय और आदरणीय गायिका थीं, जिनका छः दशकों का कार्यकाल उपलब्धियों से भरा पड़ा है। हालाँकि लता जी ने लगभग तीस से ज्यादा भाषाओं में फ़िल्मी और गैर-फ़िल्मी गाने गाये हैं लेकिन उनकी पहचान भारतीय सिनेमा में एक पार्श्वगायिका के रूप में रही है।

—————

यह कविता (सुरों की मल्लिका को नमन।) “विवेक कुमार जी” की रचना है। KMSRAJ51.COM — के पाठकों के लिए। आपकी कवितायें/लेख सरल शब्दो में दिल की गहराइयों तक उतर कर जीवन बदलने वाली होती है। मुझे पूर्ण विश्वास है आपकी कविताओं और लेख से जनमानस का कल्याण होगा।

आपका परिचय आप ही के शब्दों में:—

मैं एक शिक्षक हूं। मुजफ्फरपुर जिला, बिहार राज्य का निवासी हूं। शिक्षा से शुरू से लगाव रहा है। लेखन मेरी Hobby है। इस Platform के माध्यम से सुधारात्मक संदेश दे पाऊं, यही अभिलाषा है।

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जैसे शरीर के लिए भोजन जरूरी है वैसे ही मस्तिष्क के लिए भी सकारात्मक ज्ञान और ध्यान रुपी भोजन जरूरी हैं।-KMSRAj51

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“सफलता का सबसे बड़ा सूत्र”(KMSRAJ51)

“स्वयं से वार्तालाप(बातचीत) करके जीवन में आश्चर्यजनक परिवर्तन लाया जा सकता है। ऐसा करके आप अपने भीतर छिपी बुराईयाें(Weakness) काे पहचानते है, और स्वयं काे अच्छा बनने के लिए प्रोत्साहित करते हैं।”

 

“अगर अपने कार्य से आप स्वयं संतुष्ट हैं, ताे फिर अन्य लोग क्या कहते हैं उसकी परवाह ना करें।”~KMSRAj51

 

 

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Filed Under: 2022-KMSRAJ51 की कलम से, हिंदी कविता, हिन्दी-कविता Tagged With: poem on lata mangeshkar, poet vivek kumar poems, suron ki mallika ko naman, vivek kumar poems, लता मंगेशकर पर कविता, सुरों की मल्लिका को नमन, सुरों की मल्लिका पर कविता

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