Kmsraj51 की कलम से…..
तब हिंदी ने ही जगाया हमे…
[आप सब को 14 सितंबर यानी हिंदी दिवस की शुभ कामनाएं…]
जब हम गुलाम थे,
विश्व में गुम नाम थे,
मिट गयी थी हमारी पहचान,
तब हिंदी ने ही जगाया हमे…
हम कौन थे?
कैसा था अदीत हमारा?
हम क्यों गुलाम हुए,
ये हिंदी ने ही बताया हमे…
कहीं मंदिर मस्जिद का झगड़ा था,
कोई मांग रहे थे खालीस्तान,
पानी पर भी विवाद था,
हिंदी ने ही एक बनाया हमे…
जिन से हमने आजादी पाई,
भाषा उनकी ही अपनाई,
सोचो कैसे आजाद हैं हम?
ये अब तक समझ न आया हमे…
Post share by- कुलदीप ठाकुर
http://www.kuldeepkikavita.blogspot.in/
मैं कुलदीप ठाकुर जी का बहुत आभारी हूँ , हिंदी दिवस Quotes share करने के लिये॥
Note::-
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Kuldeepsingh Thakur says
आज मैं बहुत प्रसन्न हूं कि हिंदी दिवस पर आप ने मेरी कविता का चयन किया, ये मेरे लिये बहुत हर्ष की बात है। मैं हमेशा ही आशावादी रहता हूं। जो मुझे नहीं मिला वो मेरा भाग्य है। जो मैंने पाया है। वो मेरे माता पिता का त्याग या मेरा अपना प्रिश्रम है।
kmsraj51 says
कुलदीप जी,,
हृदय काे छुने वाली आपकी रचनावाें के ळिए हमेशा स्वागत है॥
Kmsraj51
Kuldeepsingh Thakur says
सुंदर प्रस्तुति…
दिनांक 15/09/2014 की नयी पुरानी हलचल पर आप की रचना भी लिंक की गयी है…
हलचल में आप भी सादर आमंत्रित है…
हलचल में शामिल की गयी सभी रचनाओं पर अपनी प्रतिकृयाएं दें…
सादर…
कुलदीप ठाकुर
kmsraj51 says
मुझे भी खुशी हाेगी॥