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“तू ना हो निराश कभी मन से” – (KMSRAJ51, KMSRAJ, KMS)

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hindi diwas essay in hindi

हिंदी भाषा और लिपि।

Kmsraj51 की कलम से…..

♦ हिंदी भाषा और लिपि। ♦

विधा — आलेख।

विश्व की प्राचीन समृद्ध, सरल भाषा होने के साथ-साथ हिंदी हमारी राष्ट्रभाषा भी है। वह दुनिया में हमें सम्मान भी दिलाती है, हिंदी ने हमें विश्व में एक नई पहचान दिलाई है। हिंदी दिवस भारत में हर वर्ष 14 सितंबर को मनाया जाता है भारत की स्वतंत्रता के बाद 14 सितंबर 1949 को संविधान सभा ने एकमत से यह निर्णय लिया – कि हिंदी की खड़ी बोली ही भारत की राजभाषा होगी इस निर्णय को प्रतिपादित महत्व देते हुए हिंदी को हर क्षेत्र में प्रसारित करने के लिए राष्ट्रभाषा प्रचार समिति वर्धा के अनुरोध पर सन 1953 से संपूर्ण भारत में हर वर्ष 14 सितंबर को हिंदी दिवस के रूप में मनाया जाएगा।

हिंदी भाषा विश्व में सबसे ज्यादा बोली जाने वाली दूसरी भाषा है। हिंदी राजभाषा को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी पसंद किया जाने लगा है। इसका एक कारण यह भी है भारतवर्ष की संस्कृति और संस्कारों का प्रतिबिंबित देश है।

आज विश्व के कोने-कोने से विद्यार्थी भारतीय संस्कृति और भाषा को सीखने के लिए आते हैं। भारत जब अंग्रेजों के अधीन था तब भी देश के महामानव और महान नेताओं ने एक राज्य भाषा की आवश्यकता को समझा। उन्होंने आजादी के साथ-साथ हिंदी के प्रचार और प्रसार के लिए भी बहुत महत्वपूर्ण कार्य किये। राष्ट्रभाषा हिंदी को राज भाषा की उपाधि दी है, उन्होंने कहा “राष्ट्रभाषा के बिना राष्ट्र गूंगा होता है” प्रत्येक राष्ट्र की अपनी राष्ट्रभाषा होती है।

राष्ट्रभाषा के जरिए ही हम राष्ट्र की एकता भाईचारे, सौहार्द, सद्भावना जैसे गुण, नागरिक में कर्तव्य का विकास करने में सहायक होता है। इन सभी बातों को ध्यान में रखते हुए भारतीय संविधान सभा ने हिंदी भाषा को देश की राजभाषा के रूप में सावधानिक मर्यादा प्रदान की है।

हिंदी दिवस को बड़े धूमधाम के साथ मनाया जाता है। हिंदी दिवस, हिंदी सप्ताह, हिंदी पखवाड़ा आज कई रूपों में इस कार्यक्रम को मनाने का सिलसिला जारी है। खासकर सरकार के सभी कार्यालय उपक्रमों, निगमों, संस्थानों में यह दिवस बहुत ही उत्साह के साथ मनाया जाता है।

बैंक, रेलवे, तेल कंपनी सरकारी दफ्तर आदि संस्थानों में हिंदी दिवस पर विभिन्न प्रतियोगिताएं आयोजित होती है। भाषण में बड़े-बड़े महानुभावों को आमंत्रित किया जाता है, हिंदी में काम करने वाले कर्मचारियों को पुरस्कार भी दिया जाता है। सरकारी क्षेत्रों में हिंदी को बढ़ावा देने हेतु पूरे सितंबर महीने तक अनेक कार्यक्रमों के माध्यम से हिंदी भाषा के विकास में प्राप्त उपलब्धि को स्मरण किया जाता है।

पूरे भारतवर्ष में हिंदी सर्वाधिक बोली जाती है देश की 80% जनता हिंदी भाषा समझ सकती है। तथा अपने विचार को प्रकट कर सकती है, हिंदी भाषा सहज और सरल है इसे संस्कृत की भगनी भी कहा जाता है। हिंदी भाषा में प्रादेशिक भाषाओं का भी उपयोग किया जाता है। हिंदी भाषा देवनागरी लिपि है, पंजाबी, उड़िया, गुजराती, राजस्थानी आज कई भाषाओं के शब्द देखने को मिलते हैं। सभी भारतवासी को हिंदी भाषा पर गर्व है।

♦ पूनम गुप्ता जी – भोपाल, मध्य प्रदेश ♦

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  • “पूनम गुप्ता जी“ ने, बहुत ही सरल शब्दों में सुंदर तरीके से इस कविता के माध्यम से समझाने की कोशिश की है — हिंदी ने हमें एक नई पहचान दिलाई है, यह संपूर्ण विश्व में बोली जाने वाली प्रमुख भाषाओं में से एक है। हिंदी विश्व की सबसे प्राचीन, सरल और समृद्ध भाषाओं में से एक है। हिंदी संवैधानिक तौर पर राष्ट्रभाषा नहीं बन पाई, लेकिन हम भारतीय हिंदी को ही अपनी राष्ट्रभाषा मानते हैं। पूरे भारतवर्ष में हिंदी सर्वाधिक बोली जाती है देश की 80% जनता हिंदी भाषा समझ सकती है। तथा अपने विचार को प्रकट कर सकती है, हिंदी भाषा सहज और सरल है इसे संस्कृत की भगनी भी कहा जाता है। हिंदी भाषा में प्रादेशिक भाषाओं का भी उपयोग किया जाता है। हिंदी भाषा देवनागरी लिपि है, पंजाबी, उड़िया, गुजराती, राजस्थानी आज कई भाषाओं के शब्द देखने को मिलते हैं। सभी भारतवासी को हिंदी भाषा पर गर्व है।

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यह लेख (हिंदी भाषा और लिपि।) “पूनम गुप्ता जी” की रचना है। KMSRAJ51.COM — के पाठकों के लिए। आपकी लेख/कवितायें सरल शब्दो में दिल की गहराइयों तक उतर कर जीवन बदलने वाली होती है। मुझे पूर्ण विश्वास है आपकी कविताओं और लेख से जनमानस का कल्याण होगा। आपकी लेखन क्रिया यूं ही चलती रहे।

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जैसे शरीर के लिए भोजन जरूरी है वैसे ही मस्तिष्क के लिए भी सकारात्मक ज्ञान और ध्यान रुपी भोजन जरूरी हैं।-KMSRAj51

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“स्वयं से वार्तालाप(बातचीत) करके जीवन में आश्चर्यजनक परिवर्तन लाया जा सकता है। ऐसा करके आप अपने भीतर छिपी बुराईयाें(Weakness) काे पहचानते है, और स्वयं काे अच्छा बनने के लिए प्रोत्साहित करते हैं।”

 

“अगर अपने कार्य से आप स्वयं संतुष्ट हैं, ताे फिर अन्य लोग क्या कहते हैं उसकी परवाह ना करें।”~KMSRAj51

 

 

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हिंदी दिवस की शुभकामनाएं।

Kmsraj51 की कलम से…..

CYMT-KMSRAJ51-4

ϒ हिंदी के सिंहासन पर। ϒ

मेरे प्यारे दोस्तों व प्यारे पाठकों आप सभी काे हिंदी दिवस की शुभकामनाएं।

हिन्दी दिवस प्रत्येक वर्ष 14 सितम्बर को मनाया जाता है।

14 सितंबर 1949 को संविधान सभा ने एक मत से यह निर्णय लिया कि हिन्दी ही भारत की राजभाषा होगी।

kmsraj51-hindi-diwas-14-sep

हिन्दी दूर है हिन्दूस्तान से, नाम के लिये है राष्ट्र भाषा।
शायद हम भूल गये हैं, राष्ट्र भाषा की परिभाषा।

अरब में सुनाई देती है अरबी, बोलते हैं जापान में जापानी।
चाइना में चाइनीज़, इरान में इरानी, नहीं बोलते हैं हिन्दी हिन्दूस्तानी।

जहाँ हिन्दी बोली जाती है, वो बहुत कम ही स्थान है।
हिन्दी के सिंहासन पर, अंग्रेजी विराजमान है।

दूध पीते बच्चों को, अंग्रेजी यहां सिखाते हैं।
हिन्दी सीख कर क्या बनेगा, बच्चों को समझाते हैं।

भारतीयों के मुख पर तो, अंग्रेजी ही छाई है।
हिन्दी के शब्दों की तो बस केवल परछाई है।

हिन्दी का निज देश में, हो रहा अपमान है।
हिन्दी के सिंहासन पर, अन्ग्रेजी विराजमान है।

हमारी जननी आज घर से, बहुत दूर हो गयी है।
वेदनायें है दिल में उसके, उदास बैठी रो रही है।

उम्मीद है उसे बहुत जल्द, भारतेंदू कोई आयेगा।
उसे अपने घर ले जाकर, खोया सम्मान दिलायेगा।

शुक्ल प्रशाद और गुप्त, पुकारती कई नाम है।
हिन्दी के सिंहासन पर, अंग्रेजी विराजमान है।

पुरा हुआ मैकाले का स्वप्न, बहुत ही आसानी से।
लगता है भारतीय अंग्रेज रूचि विचार और वाणी से।

नहीं जानेंगे अगर हम अपनी भाषा, अपना इतिहास क्या जानेंगे।
अपनी संस्कृति सभ्यता, को कैसे हम मानेंगे।

प्रेमचन्द को हम भूल गये, शैक्सपियर का ध्यान है।
हिन्दी के सिंहासन पर, अंग्रेजी विराजमान है।

हिन्दी हमारी जननी है, इस के महत्व को जानो।
छिपा है इस में अलौकिक ज्ञान, उस ज्ञान को पहचानो।

सूर तुलसी ने इसे संवारा मीरा ने किया शृंगार।
देवों की भाषा है ये, अलौकिक है इस का संसार।

अनन्त है इस का सागर, इस में लिखे वेद पुराण है।
हिन्दी के सिंहासन पर, अंग्रेजी विराजमान है।

राष्ट्र की प्रगति के लिये, हिन्दी को अपनाना होगा।
हिन्दी देश की बिन्दी है, सब को ये समझाना होगा।

वो दिन न जाने कब आयेगा, जब हिन्दी होगी हर मुख पर।
हिन्दी सब की भाषा होगी, रहेंगे सब मिल-झुलकर।

वो दिन अब आने वाला है, ये मेरा ऐलान है।
हिन्दी के सिंहासन पर, अंग्रेजी विराजमान है।

© कुलदीप ठाकुर ~ रोहरू, हिमाचल प्रदेश ®

Blog of Kuldeep : kuldeepkikavita.blogspot.in/

Kuldeep Thakur

कृपा करना मां हाटेशवरी रक्षा करना सदा मेरी। मेरा ये नशवर जीवन, महकाए सदा औरों का उपवन, हृदय में रहे सदा देश प्रेम, करूं सदा मैं काम नेक, फूल हूं या शूल हूं मैं, मैं खुद भी नहीं जानता। मेरा देश हिंदूस्तान है जो सभ्यता सब से महान है, दिखाती है गीता पथ, ये मिला मुझे वर्दान है। मुझे वेदों का उपहार मिला है, मां हाटेशवरी से प्यार मिला है, मेरे आदर्श श्री राम हैं, कंठ में शिव नाम है, विवेका नंद का धर्म है मेरा, यही मेरी पहचान है।

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Krishna Mohan Singh(KMS)
Head Editor, Founder & CEO
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जैसे शरीर के लिए भोजन जरूरी है वैसे ही मस्तिष्क के लिए भी सकारात्मक ज्ञान और ध्यान रुपी भोजन जरूरी हैं। ~ कृष्ण मोहन सिंह(KMS)

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– कुछ उपयोगी पोस्ट सफल जीवन से संबंधित –

* विचारों की शक्ति-(The Power of Thoughts)

* अपनी आदतों को कैसे बदलें।

∗ निश्चित सफलता के २१ सूत्र।

* क्या करें – क्या ना करें।

∗ जीवन परिवर्तक 51 सकारात्मक Quotes of KMSRAJ51

* विचारों का स्तर श्रेष्ठ व पवित्र हो।

* अच्छी आदतें कैसे डालें।

* KMSRAJ51 के महान विचार हिंदी में।

* खुश रहने के तरीके हिन्दी में।

* अपनी खुद की किस्मत बनाओ।

* सकारात्‍मक सोच है जीवन का सक्‍सेस मंत्र 

* चांदी की छड़ी।

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In English

Amazing changes the conversation yourself can be brought tolife by. By doing this you Recognize hidden within the buraiyaensolar radiation, and encourage good solar radiation to becomethemselves.

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तब हिंदी ने ही जगाया हमे…..

Kmsraj51 की कलम से…..

CYMT-Kmsraj51

तब हिंदी ने ही जगाया हमे…

[आप सब को 14 सितंबर यानी हिंदी दिवस की शुभ कामनाएं…]

जब हम गुलाम थे,
विश्व में गुम नाम थे,
मिट गयी थी हमारी पहचान,
तब हिंदी ने ही  जगाया हमे…

हम कौन थे?
कैसा था अदीत हमारा?
हम क्यों गुलाम हुए,
ये हिंदी ने ही  बताया हमे…

कहीं मंदिर मस्जिद का झगड़ा था,
कोई मांग रहे थे  खालीस्तान,
पानी पर  भी विवाद था,
हिंदी ने ही  एक बनाया हमे…

जिन से हमने आजादी पाई,
भाषा उनकी ही अपनाई,
सोचो  कैसे आजाद हैं हम?
ये अब तक समझ न आया हमे…

Post share by- कुलदीप ठाकुर

Kuldeep Thakur

http://www.kuldeepkikavita.blogspot.in/

 मैं कुलदीप ठाकुर जी का बहुत आभारी हूँ , हिंदी दिवस Quotes share करने के लिये॥

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