Kmsraj51 की कलम से…..
♦ पान के पत्ते के फायदे। ♦
पान क्या है?
पान को नागबल्ली, श्रीवाटी, अम्लवाटी, अम्लरसा भी कहते है। बहुत साल पहले से पान का इस्तेमाल व्यवहार, मुंह-शुद्धि, सुगन्धि एवं रूचिवृद्धि के साथ-साथ पूजा-पाठ आदि शुभ कार्यों और उत्सव में किया जा रहा है। इसकी लता कोमल होती है जो फैलती है। इसके तने चिकने, मजबूत, छोटी जड़ के सहारे ऊपर चढ़ने वाले होते हैं। इसके पत्ते पीपल के पत्तों के समान बड़े और चौड़े होते हैं। पान के पत्तों का रंग हरा होता है। बनारस में होने वाला पान सबसे उत्तम माना जाता है।
- मुँह के छालों के लिए पान के पत्तों के रस में शहद मिलाकर लगाने से लाभ होता है, यह प्रयोग दिन में दो-तीन बार किया जा सकता है।
- घाव के ऊपर पान के पत्ते को गर्म करके बांधें तो सूजन और दर्द शीघ्र ही ठीक होकर घाव भी ठीक हो जाता है।
- शरीर में होने वाली पित्ती होने पर, एक चम्मच फिटकरी को थोड़े से पानी में डालें, तीन खाने वाले पान के पत्ते लें। फिटकरी वाले पानी में मिलाकर इन पत्तों को पीस लें। इस मिश्रण को पित्ती के चिकत्तों पर लेप करें, लाभ होगा।
- मोच आने पर पान के पत्ते पर सरसों का तेल लगाकर गर्म करें , फिर इसे मोच पर बांधें शीघ्र लाभ होगा।
- पान खाने से पाचन क्रिया सही रहता है। सैलिवरी ग्लैंड को सक्रिय करके लार बनाने का कार्य करता है। जो खाने को छोटे-छोटे टुकड़ो में तोड़ता है। जिसे कब्ज की समस्या हो उसे पान की पत्ती, चबाने से काफी फायदा मिलता है।
- यहां तक की पान के पत्ते खाने से गैस्ट्रिक अल्सर में भी काफी फायदा मिलता।
- पान के पत्ते खाने से भूख भी बढ़ता है। जिसे भूख कम लगती है उसे पान के पत्ते जरूर खाने चाहीये।
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