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Wo Masti Bhari Barsaat | वो मस्ती भरी बरसात।

वो मस्ती भरी बरसात
अब कहां
जिसमें आनंद होता
था बेपनाह।
बेफ्रिक हो कर
खड्डों में नहाते
रास्ते में आए पानी
तो कागज की किस्तियां
भी बहाते।
पानी के डैम बनाना
फिर पानी छोड़कर
आंनद भी खूब लेना।
झूला झूलने पींगे डालते
फिर झूल झूल कर
मस्ती भरे गीत गाते।
अब न वैसा बचपन रहा
न ही वैसी बरसात
जिसमें हर रोज़ दिखती
थी कोई नई शरारत।
खेतों से छलियां चुराते
छुप छुप कर फिर
उन्हें खाते।
किसी आंगन में
कहीं ककड़ी देखते
उसे चुराकर ही सांस भरते।
अब तो पानी की जगह
दलदल आता
दिन रात बड़ा है डराता।
वो मस्ती भरी बरसात
अब कहां।
♦ विनोद वर्मा जी / (मझियाठ बलदवाड़ा) जिला – मंडी – हिमाचल प्रदेश ♦
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- “विनोद वर्मा जी“ ने, बहुत ही सरल शब्दों में सुंदर तरीके से इस कविता के माध्यम से समझाने की कोशिश की है — यह कविता बचपन की बीती हुई मासूम, मस्ती भरी बारिश की यादों को संजोती है। कवि उन दिनों की बारिश को याद करता है, जब बरसात केवल पानी नहीं, बल्कि खुशियों और शरारतों की सौगात लेकर आती थी। कविता में बताया गया है कि पहले बच्चे बेफिक्र होकर खड्डों में नहाते, कागज की नावें बहाते, पानी से डैम बनाते, और पिंग झूला डालकर गीत गाते थे। खेतों से चुपके से छलियां चुराना, किसी के आंगन से ककड़ी उठाना, और फिर छुपकर खाना, ये सब बचपन की मासूम शरारतें थीं। लेकिन अब न वो बचपन रहा, न वैसी बरसात। आज की बारिश में मस्ती की जगह डर और दलदल है। अब बरसात का आनंद खो गया है, और बचपन की वो खुली, निश्छल दुनिया कहीं पीछे छूट गई है। कुल मिलाकर, यह कविता एक नॉस्टेल्जिक भाव को उजागर करती है — बचपन की बारिश की मस्ती, आज की यथार्थपूर्ण स्थिति में एक मीठी कड़वाहट के साथ याद आती है।
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यह कविता (वो मस्ती भरी बरसात।) “विनोद वर्मा जी” की रचना है। KMSRAJ51.COM — के पाठकों के लिए। आपकी लेख/कवितायें सरल शब्दों में दिल की गहराइयों तक उतर कर जीवन बदलने वाली होती है। मुझे पूर्ण विश्वास है आपकी कविताओं और लेख से जनमानस का कल्याण होगा। आपकी लेखन क्रिया यूं ही चलती रहे।
आपका परिचय आप ही के शब्दों में:—
मेरा नाम विनोद कुमार है, रचनाकार के रुप में विनोद वर्मा। माता का नाम श्री मती सत्या देवी और पिता का नाम श्री माघु राम है। पत्नी श्री मती प्रवीना कुमारी, बेटे सुशांत वर्मा, आयुष वर्मा। शिक्षा – बी. एस. सी., बी.एड., एम.काम., व्यवसाय – प्राध्यापक वाणिज्य, लेखन भाषाएँ – हिंदी, पहाड़ी तथा अंग्रेजी। लिखित रचनाएँ – कविता 20, लेख 08, पदभार – सहायक सचिव हिमाचल प्रदेश स्कूल प्रवक्ता संघ मंडी हिमाचल प्रदेश।
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