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“तू ना हो निराश कभी मन से” – (KMSRAJ51, KMSRAJ, KMS)

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Biography of Piyush Goel

अद्वितीय – पाँच तरीके से लिखी गई विश्व प्रसिद्ध पाँच पुस्तकें।

Kmsraj51 की कलम से…..

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ϒ अद्वितीय – पाँच तरीके से लिखी गई विश्व प्रसिद्ध पाँच पुस्तकें। ϒ

किसी भी इंसान के मन में बहुत सारी सुषुप्त(साेई हुई या शिथिल अवस्था) शक्तियां हाेती हैं। जिस भी इंसान ने अपने इन्हीं साेई हुई शक्तियों काे जगा लिया ताे वह अद्वितीय कार्य कर देता है- पीयूष गोयल की तरह।

  • दुनिया में एक से एक कलाकार मौजूद है जिनकी प्रतिभा देखकर लोग चमत्कार समझने लगते है। ऐसे ही एक कलाकार ने पांच तरह की पुस्तकों को लिखकर चौका दिया है। लेखक पीयूष गोयल ने उल्टे अक्षरों में गीता, सुई से मधुशाला, मेंहंदी से गीतांजलि, कार्बन पेपर से पंचतंत्र के साथ ही कील से पीयूष वाणी लिख डाली। पीयूष की इन किताबों को देखकर हर कोई हतप्रभ है।कला और दक्षता की कोई सीमा नहीं होती,रोज नई उपलब्‍धियां प्रकाश में आती रहती हैं, ऐसा ही दिलचस्‍प कारनामा किया है श्रीमती रविकांता एवं डॉ. दवेंद्र कुमार गोयल के बेटे पीयूष गोयल ने। उसने पंच प्रचलित पुस्‍तकें पंच तरीके से लिख डाली हैं।
  • इनमें अध्‍यात्‍म दर्शन और कर्मफल संस्‍कृति को व्‍यापक और सहजता के साथ जनग्राही बनाने वाली भागवत गीता भी शामिल है।४९ वर्षीय पीयूष गोयल अपने धुन में रमकर कुछ अलग करने में जुटे कि शब्दों को उल्टा लिखने में लग गए। इस धुन में ऐसे रमे कि कई अलग-अलग सामग्री से कई पुस्तकें लिख दीं।
  • डिप्लोमा इन मैकेनिकल इंजीनियरिंग का पढ़ाई करने वाले पीयूष गोयल का २००० में एक्सीडेंट हो गया था। उन्हें इस हादसे से उबरने में करीब नौ माह  लग गए।  इस दौरान उन्होंने श्रीमद्भभगवद गीता को अपने जीवन में उतार लिया। जब वे ठीक हुए तो कुछ अलग करने की जिजीविषा पाले वे शब्दों को उल्टा (मिरर शैली) लिखने का प्रयास करने लगे। फिर अभ्यास ऐसा बना कि उन्होंने कई किताबें लिख दीं। गोयल की लिखीं पुस्तकें पढ़ने के लिए आपको दर्पण का सहारा लेना पड़ेगा। उल्टे लिखे अक्षर दर्पण में सीधे दिखाई देंगे और आप आसानी से उसे पढ़ लेंगे।
  • पीयूष गोयल बताते हैं कि कुछ लोगों ने कहा कि आपकी लिखी किताबें पढ़ने के लिए शीशे की जरूरत होगी। कुछ ऐसा करें कि दर्पण की जरूरत न पड़े। इस पर पीयूष गोयल ने सुई से मधुशाला लिख दी।
  • हरिवंश राय बच्चन की पुस्तक ‘मधुशाला’ को सुई से मिरर इमेज में लिखने में करीब ढाई माह का समय लगा। गोयल की मानें तो यह सुई से लिखी ‘मधुशाला’ दुनिया की अब तक की पहली ऐसी पुस्तक है जो मिरर इमेज व सुई से लिखी गई है।

♥ उल्‍टे अक्षरों से लिख गई श्रीमत-भागवत गीता (Shrimat Bhagwat Gita) ♥

Rare Bhagwat Gita-kmsraj51

  • आप इस भाषा को देखेंगे तो एकबारगी भौचक्के रह जायेंगे। आपको समझ में नहीं आयेगा कि यह किताब किस भाषा शैली में लिखी हुई है। पर आप जैसे ही दर्पण ( शीशे‌ ) के सामने पहुंचेंगे तो यह किताब खुद-ब-खुद बोलने लगेगी। सारे अक्षर सीधे नजर आयेंगे। इस मिरर इमेज किताब को पीयूष गोयल ने लिखा है। मिलनसार पीयूष गोयल मिरर इमेज की भाषा शैली में कई किताबें लिख चुके हैं।

♥ सुई से लिखी मधुशाला (Madhushala) ♥

Rare Madhushala-kmsraj51

  • पीयूष गोयल ने एक ऐसा कारनामा कर दिखाया है कि देखने वालों आँखें खुली रह जाएगी और न देखने वालों के लिए एक स्पर्श मात्र ही बहुत है। पीयूष गोयल ने पूछने पर बताया कि सुई से पुस्तक लिखने का विचार क्यों आया ? अक्सर मुझ से ये पूछा जाता था कि आपकी पुस्तकों को पढ़ने के लिए शीशे की जरूरत पड़ती है। पढ़ना उसके साथ शीशा, आखिर बहुत सोच समझने के बाद एक विचार दिमाग में आया क्यों न सूई से कुछ लिखा जाये सो मैंने सूई से स्वर्गीय श्री हरिवंशराय बच्चन जी की विश्व प्रसिद्ध पुस्तक ऽमधुशालाऽ को करीब २ से ढाई महीने में पूरा किया। यह पुस्तक भी मिरर इमेज में लिखी गयी है और इसको पढ़ने लिए शीशे की जरूरत नहीं पड़ेगी क्योंकि रिवर्स में पेज पर शब्दों के इतने प्यारे मोतियों जैसे पृष्ठों को गुंथा गया है, जिसको पढ़ने में आसानी रहती हैं और यह सूई से लिखी ‘मधुशाला’ दुनिया की अब तक की पहली ऐसी पुस्तक है जो मिरर इमेज व सूई से लिखी गई है।

♥ मेंहदी कोन से लिखी गई गीतांजलि (Gitanjali) ♥

Rare Gitanjali-kmsraj51

  • पीयूष गोयल ने एक और नया कारनामा कर दिखाया है उन्होंने १९१३ के साहित्य के नोबेल पुरस्कार विजेता रविन्द्रनाथ टैगोर की विश्व प्रसिद्ध कृति ‘गीतांजलि’ को ‘मेंहदी के कोन’ से लिखा है। उन्होंने ८ जुलाई २०१२ को मेंहदी से गीतांजलि लिखनी शुरू की और सभी १०३ अध्याय ५ अगस्त २०१२ को पूरे कर दिए। इसको लिखने में १७ कोन तथा दो नोट बुक प्रयोग में आई हैं। पीयूष ने श्री दुर्गा सप्त शती, अवधी में सुन्दरकांड, आरती संग्रह, हिंदी व अंग्रेजी दोनों भाषाओं में श्री साईं सत्चरित्र भी लिख चुके हैं। ‘रामचरितमानस’ ( दोहे, सोरठा और चौपाई ) को भी लिख चुके हैं।

♥ कील से लिखी ‘पीयूष वाणी’ (Piyush Vani) ♥

Piyush Vani-kmsraj51

  • अब पीयूष गोयल ने अपनी ही लिखी पुस्तक ‘पीयूष वाणी’ को कील से ए-फोर साइज की एल्युमिनियम शीट पर लिखा है। पीयूष ने पूछने पर बताया कि कील से क्यों लिखा है ? तो उन्होंने बताया कि वे इससे पहले दुनिया की पहली सुई से स्वर्गीय श्री हरिवंशराय बच्चन जी की विश्व प्रसिद्ध पुस्तक ‘मधुशाला’ को लिख चुके हैं। तो उन्हें विचार आया कि क्यों न कील से भी प्रयास किया जाये सो उन्होंने ए-फोर साइज के एल्युमिनियम शीट पर भी लिख डाला।

♥ कार्बन पेपर की मदद से लिखी ‘पंचतंत्र’ ♥

Carbon paper written ‘Panchatantra’ 

Rare Panchatantra-kmsraj51

  • गहन अध्ययन के बाद पीयूष ने कार्बन पेपर की सहायता से आचार्य विष्णुशर्मा द्वारा लिखी ‘पंचतंत्र’ के सभी ( पाँच तंत्र, ४१ कथा ) को लिखा है। पीयूष गोयल ने कार्बन पेपर को (जिस पर लिखना है) के नीचे उल्टा करके लिखा जिससे पेपर के दूसरी और शब्द सीधे दिखाई देंगे यानी पेज के एक तरफ शब्द मिरर इमेज में और दूसरी तरफ सीधे।

♥ जीवन परिचय (Biography of Piyush Goel) ♥

  • पीयूष गोयल का जन्म १० फ़रवरी १९६७ को माता रविकांता एवं डॉ. दवेंद्र कुमार गोयल के घर हुआ। पीयूष २००३ से कुछ न कुछ लिखते आ रहे हैं श्रीमदभगवदगीता (हिन्दी व अंग्रेज़ी), श्री दुर्गा सप्त सत्ती (संस्कृत), श्रीसांई सतचरित्र (हिन्दी व अंग्रेज़ी), श्री सुंदरकांड, चालीसा संग्रह, सुईं से मधुशाला, मेहंदी से गीतांजलि (रबींद्रनाथ टैगोर कृत), कील से “पीयूष वाणी” एवं कार्बन पेपर से “पंचतंत्र” (विष्णु शर्मा कृत)।

नर न निराश करो मन को।
नर न निराश करो मन को॥

कुछ काम करो, कुछ काम करो।
जग में रहकर कुछ नाम करो॥

  • इन लाइनों से प्रेरणा लेकर पले बढे है पीयूष गोयल पेशे से डिप्लोमा यांत्रिक इंजिनियर है और एक बहुराष्ट्रीय कम्पनी में कार्यरत हैं। इन सबके अलावा पीयूष गोयल दुनिया की पहली मिरर इमेज पुस्तक श्रीमदभागवत गीता के रचनाकार हैं। पीयूष गोयल ने सभी १८ अध्याय ७०० श्लोक अनुवाद सहित हिंदी व अंग्रेज़ी दोनों भाषाओं में लिखा है। पीयूष गोयल ने इसके अलावा दुनिया की पहली सुई से मधुशाला भी लिखी है। पीयूष गोयल की ३ पुस्तकें प्रकशित हो चुकी हैं। पीयूष गोयल संग्रह के भी शौक़ीन हैं, उनके पास प्रथम दिवश आवरण, पेन संग्रह, विश्व प्रसिद्ध लोगो के ऑटोग्राफ़ संग्रह भी हैं। इस के आलावा संस्कृत में श्री दुर्गा सत्सती, अवधीमें सुन्दरकाण्ड, हिंदी व अंग्रेज़ी में श्रीसाईं चरित्र भी लिख चुके हैं।

Piyush_Goel-2-KMSRAJ51jpg

© पीयूष गोयल ∇ गाजियाबाद, उत्तर प्रदेश ®

Piyush Goel
    पीयूष गोयल।

हम दिल से आभारी हैं ‘पीयूष गोयल जी” के अद्वितीय लेखन काे साझा करने के लिए।

‘पीयूष गोयल जी” के लिए मेरे विचार: 

♣ “पीयूष गोयल जी” के “अद्वितीय लेखन” ने मेरे इस Quotes …”समस्याएँ हमारी बुद्धि काे पूर्ण विकसित बनाती हैं और हमारी बहुत सारी सुषुप्त(साेई हुई या शिथिल) शक्तियों काे जगाने का कार्य करती हैं।”~Kmsraj51 ….. काे सिद्ध(Proved)कर दिया।

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© आप सभी का प्रिय दोस्त ®

Krishna Mohan Singh(KMS)
Head Editor, Founder & CEO
of,,  http://kmsraj51.com/

जैसे शरीर के लिए भोजन जरूरी है वैसे ही मस्तिष्क के लिए भी सकारात्मक ज्ञान और ध्यान रुपी भोजन जरूरी हैं। ~ कृष्ण मोहन सिंह(KMS)

 ~Kmsraj51

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– कुछ उपयोगी पोस्ट सफल जीवन से संबंधित –

* विचारों की शक्ति-(The Power of Thoughts)

∗ निश्चित सफलता के २१ सूत्र।

* क्या करें – क्या ना करें।

∗ जीवन परिवर्तक 51 सकारात्मक Quotes of KMSRAJ51

* विचारों का स्तर श्रेष्ठ व पवित्र हो।

* अच्छी आदतें कैसे डालें।

* KMSRAJ51 के महान विचार हिंदी में।

* खुश रहने के तरीके हिन्दी में।

* अपनी खुद की किस्मत बनाओ।

* सकारात्‍मक सोच है जीवन का सक्‍सेस मंत्र 

* चांदी की छड़ी।

kmsraj51- C Y M T

“सफलता का सबसे बड़ा सूत्र”(KMSRAJ51)

“स्वयं से वार्तालाप(बातचीत) करके जीवन में आश्चर्यजनक परिवर्तन लाया जा सकता है। ऐसा करके आप अपने भीतर छिपी बुराईयाें(Weakness) काे पहचानते है, और स्वयं काे अच्छा बनने के लिए प्रोत्सािहत करते हैं।”

In English

Amazing changes the conversation yourself can be brought tolife by. By doing this you Recognize hidden within the buraiyaensolar radiation, and encourage good solar radiation to becomethemselves.

 ~KMSRAJ51 (“तू ना हो निराश कभी मन से” किताब से)

“अगर अपने कार्य से आप स्वयं संतुष्ट हैं, ताे फिर अन्य लोग क्या कहते हैं उसकी परवाह ना करें।”

~KMSRAJ51

 

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