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KMSRAJ51-Always Positive Thinker

“तू ना हो निराश कभी मन से” – (KMSRAJ51, KMSRAJ, KMS)

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poem on dharti in hindi

बस भी करो अब।

Kmsraj51 की कलम से…..

♦ बस भी करो अब। ♦

रक्त – रंजित इस धरा को यारो, अब तो धुल जाने दो।
अंतरराष्ट्रीय कूटनीति का राज, अब तो खुल जाने दो।

परे समझ के आज हुआ है, सच जनता को समझाना।
क्यों चाहते विश्व धुरंधर, परमाणु जंग में जग ले जाना?

जल उठेगा जर्रा – जर्रा, उग न सकेगा अन्न का दाना।
हिरोसिमा और नागाशाकी, दुनियां पूरी को न बनाना।

मोह ममता की हदें तोड़कर, चाहते हैं निर्मम बन जाना?
हथियारों के व्यवसाय से, क्यों चाहते हैं जग को चलाना?

स्वार्थ, सनक या शक्ति परीक्षण, चाहते क्या गुल खिलाना?
साम्राज्यवाद या सीमा संरक्षण, आखिर चाहते क्या जताना?

दूषित हवा से धूमिल गगन, क्यों चाहते हैं प्रदूषण फैलाना?
नई पीढ़ी को क्यों चाहते हैं, जहरीला गैसीय जहर खिलाना?

लूली – लंगड़ी संताने होगी, मानव मंद बुद्धि और रोगी होगा।
कुरूप से बनमानुष पैदा होंगे, जीएगा वही जो योगी होगा।

बन्द करो यह हथियारी तमाशा, सबको शान्ति से जीने दो।
परमाणु विनाश का विष मत बांटो, प्रेम पीयूष को पीने दो।

बस भी करो अब हुआ बहुतेरा, होश में आकर रहम करो।
नफरतों के बॉक्से खाली करो, उनमें मोहब्त की मेहर भरो।

♦ हेमराज ठाकुर जी – जिला – मण्डी, हिमाचल प्रदेश ♦

—————

  • “हेमराज ठाकुर जी“ ने, बहुत ही सरल शब्दों में सुंदर तरीके से समझाने की कोशिश की है — जिस तरह से इस समय दुनिया का माहौल चल रहा है, अगर सभी एक दूसरे के ऊपर बम और मिसाइल यूँ ही दागते के लिए आमादा हो गए और दाग दिया तो जल उठेगा जर्रा – जर्रा, उग न सकेगा अन्न का दाना। हिरोसिमा और नागाशाकी, दुनियां पूरी को न बनाना। नहीं तो रोने के आलावा कुछ भी ना बचेगा। दूषित हवा से धूमिल गगन को क्यों चाहते हैं प्रदूषण फैलाना? नई पीढ़ी को क्यों चाहते हैं, जहरीला गैसीय जहर खिलाना?

—————

यह कविता (बस भी करो अब।) “हेमराज ठाकुर जी“ की रचना है। KMSRAJ51.COM — के पाठकों के लिए। आपकी कवितायें/लेख सरल शब्दो में दिल की गहराइयों तक उतर कर जीवन बदलने वाली होती है। मुझे पूर्ण विश्वास है आपकी कविताओं और लेख से जनमानस का कल्याण होगा।

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“अगर अपने कार्य से आप स्वयं संतुष्ट हैं, ताे फिर अन्य लोग क्या कहते हैं उसकी परवाह ना करें।”~KMSRAj51

 

 

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