• Skip to main content
  • Skip to primary sidebar
  • Skip to footer
  • HOME
  • ABOUT
    • Authors Intro
  • QUOTES
  • POETRY
    • ग़ज़ल व शायरी
  • STORIES
  • निबंध व जीवनी
  • Health Tips
  • CAREER DEVELOPMENT
  • EXAM TIPS
  • योग व ध्यान
  • Privacy Policy
  • CONTACT US
  • Disclaimer

KMSRAJ51-Always Positive Thinker

“तू ना हो निराश कभी मन से” – (KMSRAJ51, KMSRAJ, KMS)

Check out Namecheap’s best Promotions!

You are here: Home / Archives for poem on feelings

poem on feelings

शब्द-माला।

Kmsraj51 की कलम से…..

String of Words | शब्द-माला।

अभिनव रस परिरंभ से,
थरथराते बाला के वेश।
कंपकंपाते अधर पुट,
उड़ते मदहोश से केश।

चूमकर अचानक अभ्र को,
भाग जाना अति दूर।
अनुपम है अणुभा का रूप,
मंजुलता मोहकता से चूर।

अविनीश के हाथों का परस,
पाकर व्याकुल कुछ-कुछ ऊब।
मृणालिनी का जल में जाना,
आकंठ तक डूब।

पुष्करिणी के तन किन्तु,
मन रात-भर शशि में लीन।
शशिकांत की आँखों में,
अलस-हीन निद्रा-विहीन।

स्वप्न का योग सारा,
प्राणों से सबको प्यार।
धन-दौलत है पास मगर,
निछावर कर दूँगा साकार।

विवस्त्र कर कुण्डल से,
देखे विस्मित चरणों का देश।
रहता जहाँ है बसा,
अगुण मानक उज्जवल वेश।

इस पावन पवित्र नीलिमा के,
धरा पर करुँगा तुझको मैं आसीन।
उपवन में भी तुम रहोगी,
अलि कटंक कुसुम विहीन।

अपने लहू के चंड से,
सुलगने न दूँगा अंग।
साथ रहोगी तुम पर,
आँच न आने दूँगा नि:संग।

शब्दों की माला में पिरोकर,
लिखता रहुँगा भाग्य अपना मान।
तुम रहोगी इस अधिलोक में,
बन सरगम की सुरीली तान।

मधुर मुरली की तान वह,
जिसके प्राणवंत विभोर।
डोलती काया तुम्हारी,
मोहक मोहनी होगी तस्वीर।

लोहित की दुर्जय क्षुधा,
दुःसह चाम की प्यास।
छा रही होगी सुर-सरगम,
घर-घर अवनी आकाश।

सुर तुम्हारे जब बजेगें,
ताल-तरंग चूमने की चाह।
आह निकलेगी फिज़ाओं से,
झूमने लगेंगे सब बाग।

करतल जब बजेगी,
चलने लगेंगे आँसुओं के तार।
बज उठेगी विश्व में जब,
निश दिन बोलों की झंकार।

जग तुम्हें घेरकर,
करेगा कलरव चहुँ ओर।
फूलों का उपहार होगा,
मनके-मनके में भरा प्यार।

कुछ दीवानगी में भर कर,
भित्ति हृदय पर उकेर लेंगे।
गीतों के भीतर घुसकर,
तुम्हारी छवि आँखों में उतार लेंगे।

कंठों में जाकर बसोगी,
बिन सरगम गुनगुना लेंगे।
प्राणों में आकर हँसोगी,
हँसकर होंठों पर छा लेंगे।

मैं मुदित हूँगा देखकर,
इन गीतों को वाक्य दूँगा।
रचित शब्द-माला में पिरोये,
अपने सृजन को आकार दूँगा।

♦ सतीश शेखर श्रीवास्तव ‘परिमल‘ जी — जिला–सिंगरौली, मध्य प्रदेश ♦

—————

यह कविता (शब्द-माला।) “सतीश शेखर श्रीवास्तव ‘परिमल’ जी“ की रचना है। KMSRAJ51.COM — के पाठकों के लिए। आपकी कवितायें/लेख/दोहे सरल शब्दो में दिल की गहराइयों तक उतर कर जीवन बदलने वाली होती है। मुझे पूर्ण विश्वास है आपकी कविताओं और लेख से जनमानस का कल्याण होगा।

—————

अपने विचार Comments कर जरूर बताये, और हमेशा नए Post को अपने ईमेल पर पाने के लिए – ईमेल सब्सक्राइब करें – It’s Free !!

Please share your comments.

आप सभी का प्रिय दोस्त

©KMSRAJ51

जैसे शरीर के लिए भोजन जरूरी है वैसे ही मस्तिष्क के लिए भी सकारात्मक ज्ञान और ध्यान रुपी भोजन जरूरी हैं।-KMSRAj51

———– © Best of Luck ®———–

Note:-

यदि आपके पास हिंदी या अंग्रेजी में कोई Article, Inspirational Story, Poetry, Quotes, Shayari etc. या जानकारी है जो आप हमारे साथ Share करना चाहते हैं तो कृपया उसे अपनी फोटो के साथ E-mail करें. हमारी ID है: kmsraj51@hotmail.com पसंद आने पर हम उसे आपके नाम और फोटो के साथ यहाँ PUBLISH करेंगे. Thanks!!

“सफलता का सबसे बड़ा सूत्र”(KMSRAJ51)

“स्वयं से वार्तालाप(बातचीत) करके जीवन में आश्चर्यजनक परिवर्तन लाया जा सकता है। ऐसा करके आप अपने भीतर छिपी बुराईयाें(Weakness) काे पहचानते है, और स्वयं काे अच्छा बनने के लिए प्रोत्साहित करते हैं।”

 

“अगर अपने कार्य से आप स्वयं संतुष्ट हैं, ताे फिर अन्य लोग क्या कहते हैं उसकी परवाह ना करें।”~KMSRAj51

 

 

____ अपने विचार Comments कर जरूर बताएं ____

Filed Under: 2023-KMSRAJ51 की कलम से, हिंदी कविता, हिन्दी-कविता Tagged With: Heart Touching दिल को छूने वाली बातें, Hindi Poems, poem on feelings, Satish Shekhar Srivastava 'Parimal', दिल को छूने वाली बातें Status, मन की बात पर कविता, मन की भावना शायरी, मन की भावनाओं पर कविता इन हिंदी, शब्द-माला, शब्द-माला - सतीश शेखर श्रीवास्तव परिमल, सतीश शेखर श्रीवास्तव - परिमल, हिंदी पोयम्स

मेरे जज्बात।

Kmsraj51 की कलम से…..

♦ मेरे जज्बात। ♦

जो किसी की उन्नति में रुकावट लाये।
उस राह पर न कभी चले॥

वो लफ्ज़ न निकले जुबां से।
जो किसी को भी खले॥

ए दिल!
ले चल उस जगह मुझें तू।
जहाँ बस खुशियाँ ही पलें॥

जहाँ मेरी मेहनत के आगे।
मेरा हर गम स्वतः ही पिघले॥

मेरे हुनर उस ऊँचाई पर ले चल।
रहना नही मायूसियों के अम्बर तले॥

दिल को न रख कभी मासूम इतना।
कि हर कोई इसको ही छलें॥

ए दिल!
उस जहां में आ चलते हैं।
तेरी मुस्कान ही फूले-फले॥

तेरी मेहनत के आगे बस।
रोशनी के दीये ही जले॥

तेरे बेख़ौफ हौसलों के सामने।
हर चिंता स्वयं ही टले॥

जज्बा रख अपने कर्म का इतना।
चंचल मन व्यथित करे भले॥

तेरे सपनों की उड़ान दूर तलक जाए।
सफलता के गगन तले॥

♦ सुशीला देवी जी – करनाल, हरियाणा ♦

—————

  • “श्रीमती सुशीला देवी जी“ ने, बहुत ही सरल शब्दों में सुंदर तरीके से इस कविता के माध्यम से समझाने की कोशिश की है — हर इंसान के कर्म ऐसे होने चाहिए की उसके कर्म की वजह से कभी भी किसी को कोई परेशानी न हो, किसी को कोई दुख ना पहुंचे। जहां तक हो सके तो हर किसी का भला ही करे, अगर किसी का भला ना कर सके तो बुरा बिलकुल भी ना करे। एक बात याद रखे — “Karma Always Return”, जैसा करेंगे वैसा ही आपको वापस मिलेगा। इसलिए सदैव ही अच्छा कर्म करे, सबका भला करते चले।

—————

यह कविता (मेरे जज्बात।) “श्रीमती सुशीला देवी जी“ की रचना है। KMSRAJ51.COM — के पाठकों के लिए। आपकी कवितायें सरल शब्दो में दिल की गहराइयों तक उतर कर जीवन बदलने वाली होती है। मुझे पूर्ण विश्वास है आपकी कविताओं और लेख से जनमानस का कल्याण होगा। आपकी लेखन क्रिया यूं ही चलती रहे।

आपका परिचय आप ही के शब्दों में:—

मेरा नाम श्रीमती सुशीला देवी है। मैं राजकीय प्राथमिक पाठशाला, ब्लॉक – घरौंडा, जिला – करनाल, में J.B.T.tr. के पद पर कार्यरत हूँ। मैं “विश्व कविता पाठ“ के पटल की सदस्य हूँ। मेरी कुछ रचनाओं ने टीम मंथन गुजरात के पटल पर भी स्थान पाया है। मेरी रचनाओं में प्रकृति, माँ अम्बे, दिल की पुकार, हिंदी दिवस, वो पुराने दिन, डिजिटल जमाना, नारी, वक्त, नया जमाना, मित्रता दिवस, सोच रे मानव, इन सभी की झलक है।

अपने विचार Comments कर जरूर बताये, और हमेशा नए Post को अपने ईमेल पर पाने के लिए – ईमेल सब्सक्राइब करें – It’s Free !!

Please share your comments.

आप सभी का प्रिय दोस्त

©KMSRAJ51

जैसे शरीर के लिए भोजन जरूरी है वैसे ही मस्तिष्क के लिए भी सकारात्मक ज्ञान और ध्यान रुपी भोजन जरूरी हैं।-KMSRAj51

———– © Best of Luck ®———–

Note:-

यदि आपके पास हिंदी या अंग्रेजी में कोई Article, Inspirational Story, Poetry या जानकारी है जो आप हमारे साथ Share करना चाहते हैं तो कृपया उसे अपनी फोटो के साथ E-mail करें. हमारी IDहै:kmsraj51@hotmail.comपसंद आने पर हम उसे आपके नाम और फोटो के साथ यहाँ PUBLISH करेंगे. Thanks!!

“सफलता का सबसे बड़ा सूत्र”(KMSRAJ51)

“स्वयं से वार्तालाप(बातचीत) करके जीवन में आश्चर्यजनक परिवर्तन लाया जा सकता है। ऐसा करके आप अपने भीतर छिपी बुराईयाें(Weakness) काे पहचानते है, और स्वयं काे अच्छा बनने के लिए प्रोत्साहित करते हैं।”

 

“अगर अपने कार्य से आप स्वयं संतुष्ट हैं, ताे फिर अन्य लोग क्या कहते हैं उसकी परवाह ना करें।”~KMSRAj51

 

 

____ अपने विचार Comments कर जरूर बताएं! ____

Filed Under: 2022-KMSRAJ51 की कलम से, सुशीला देवी जी की कविताएं।, हिंदी कविता, हिन्दी-कविता Tagged With: famous poems about feelings, poem on feelings, sushila devi poems, कवयित्री सुशीला देवी, कवयित्री सुशीला देवी की कविताएं, जज्बात दो लाइन शायरी, जज्बात पर कविता, जज्बात शायरी, जज्बात शायरी इन हिंदी, सुशीला देवी, सुशीला देवी की कविताएं

Primary Sidebar

Recent Posts

  • देश भक्ति देख तुम्हारी।
  • दर्द – ए – कश्मीर।
  • ऑपरेशन सिंदूर।
  • संघर्ष है कहानी हर जीवन की।
  • हमारा क्या कसूर।
  • टूटता विश्वास।
  • मोबाइल फोन का असर।
  • चाह नव वर्ष की।
  • व्यवस्था ही हुई अब लंगड़ी है।
  • माँ बाप।
  • सास बहू।
  • अखंड।
  • अगर साथ होते तुम हमारे।
  • हिमाचल की राजधानी “शिमला”।
  • खुशी नहीं मिलती।
  • मैं हूँ जीभ।
  • मुहब्बत के नशे की लत।

KMSRAJ51: Motivational Speaker

https://www.youtube.com/watch?v=0XYeLGPGmII

BEST OF KMSRAJ51.COM

देश भक्ति देख तुम्हारी।

दर्द – ए – कश्मीर।

ऑपरेशन सिंदूर।

संघर्ष है कहानी हर जीवन की।

हमारा क्या कसूर।

टूटता विश्वास।

मोबाइल फोन का असर।

चाह नव वर्ष की।

व्यवस्था ही हुई अब लंगड़ी है।

माँ बाप।

सास बहू।

Footer

Protected by Copyscape

KMSRAJ51

DMCA.com Protection Status

Disclaimer

Copyright © 2013 - 2025 KMSRAJ51.COM - All Rights Reserved. KMSRAJ51® is a registered trademark.