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“तू ना हो निराश कभी मन से” – (KMSRAJ51, KMSRAJ, KMS)

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Poems of Shailesh Kumar Mishra

शस्त्र या शास्त्र।

Kmsraj51 की कलम से…..

♦ शस्त्र या शास्त्र। ♦

यूक्रेन को अब पक्ष नहीं प्रक्षेपास्त्र चाहिये,
बर्बाद बहकती दुनियां को ब्रम्हास्त्र चाहिये।
उन्माद की लहर उठी है सभ्य देशों में,
सबको अपना घर, सुरक्षित राष्ट्र चाहिये।

सब अपना हित साध रहे बारुदी गंध में,
किसी को लाशें किसी को दानपात्र चाहिये।
पश्चिम वालों सीखो कुछ हम हिंदुस्तानी से,
जो सदा कहा है शस्त्र से पहले शास्त्र चाहिये।

♦ सीरी और अलेक्सा। ♦

वर्षों विकास करते रहे लड़ने-मरने के लिए,
चाँद का माथा चूम लाशों पे उतरने के लिए।
जिन हाथों में कलम, किताबें, कंघी होनी थी,
खंजर लिए घूम रहे हैं कत्ल करने के लिए।

जिस यूरोप पे गर्व होता था आज शर्मशार है,
तय करना कठिन है कौन असली गुनाहगार है।
यू एन, सीरी और एलेक्सा सब बेबस हैं आज,
हे ईश्वर! ये कैसा मानवता का बलात्कार है।

सभ्यता का अंत है या मानसिक दिवालियापन,
इंसानियत देख रही है पाषाण युग का आगमन।
मिसाइलों से ये मसले कभी हल नहीं होंगे, भेजो,
शायरों, कवियों को जिनके पास होता प्रेम धन।

♦ शैलेश कुमार मिश्र (शैल) – मधुबनी, बिहार ♦

  • “शैलेश कुमार मिश्र (शैल) जी” ने, बहुत ही सरल शब्दों में सुंदर तरीके से समझाने की कोशिश की है – अत्यधिक घमंड चाहे व्यक्तिगत हो या राष्ट्रीय सदैव ही सर्वनाश का कारण बनता है। अभी जो माहौल रूस यूक्रेन संघर्ष युद्ध का चल रहा है, यह युद्ध पूरी दुनिया के लिए हानिकारक है। संस्कृत का बहुत प्रसिद्ध लघु सूत्र है “अति सर्वत्र वर्जयेत्” जिसका हिंदी शब्दार्थ है कि “अति करने से हमेशा बचना चाहिए”, अति का परिणाम हमेशा हानिकारक होता है। वास्तव में अति किसी भी चीज की अच्छी नही होती। इस सूत्र की जांच-परख हम स्वयं अपने घरों में बैठकर कर सकते हैं, कहीं दूर जाने की आवश्यकता नही। गुड़ की एक छोटी सी ढेली का स्वाद सबको अच्छा लगता है लेकिन उसी गुड़ के एक छोटे से टुकड़े को बड़े टुकड़े में बदल कर उसका रस-पान किया जाय तो वही शरीर में विकार उत्पन करता है। एक गुब्बारे में अगर हम उसकी क्षमता से ज्यादा हवा भरने की कोशिश करेंगे तो परिणाम कोई सुखद नही मिलेगा बल्कि दुःख देने वाला ही मिलेगा। यूक्रेन भी आज इसी “अति” का शिकार हो रहा है।

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यह कविता (शस्त्र या शास्त्र।) “शैलेश कुमार मिश्र (शैल) जी” की रचना है। KMSRAJ51.COM — के पाठकों के लिए। आपने सच्चे मन से देश की सेवा के साथ-साथ एक कवि हृदय को भी बनाये रखा। आपने अपने कवि हृदय को दबाया नहीं। यही तो खासियत है हमारे देश के वीर जवानों की। आपकी कवितायें सरल शब्दों में दिल की गहराइयों तक उतर कर जीवन बदलने वाली होती है। मुझे पूर्ण विश्वास है आपकी कविताओं और लेख से जनमानस का कल्याण होगा।

About Yourself – आपके ही शब्दों में —

  • नाम: शैलेश कुमार मिश्र (शैल)
  • शिक्षा: स्नातकोत्तर (PG Diploma)
  • व्यवसाय: केन्द्रीय पुलिस बल में 2001 से राजपत्रित अधिकारी के रूप में कार्यरत।
  • रुचि: साहित्य-पठन एवं लेखन, खेलकूद, वाद-विवाद, पर्यटन, मंच संचालन इत्यादि।
  • पूर्व प्रकाशन: कविता संग्रह – 4, विभागीय पुस्तक – 2
  • अनुभव: 5 साल प्रशिक्षण का अनुभव, संयुक्त राष्ट्रसंघ में अफ्रीका में शांति सेना का 1 साल का अनुभव।
  • पता: आप ग्राम-चिकना, मधुबनी, बिहार से है।

आपकी लेखनी यूँ ही चलती रहे, जनमानस के कल्याण के लिए। उस अनंत शक्ति की कृपा आप पर बनी रहे। इन्ही शुभकामनाओं के साथ इस लेख को विराम देता हूँ। तहे दिल से KMSRAJ51.COM — के ऑथर फैमिली में आपका स्वागत है। आपका अनुज – कृष्ण मोहन सिंह।

  • जरूर पढ़े: चली जाती है।
  • जरूर पढ़े: अच्छा लगता है।

—————

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आप सभी का प्रिय दोस्त

©KMSRAJ51

जैसे शरीर के लिए भोजन जरूरी है वैसे ही मस्तिष्क के लिए भी सकारात्मक ज्ञान और ध्यान रुपी भोजन जरूरी हैं।-KMSRAj51

———– © Best of Luck ®———–

Note:-

यदि आपके पास हिंदी या अंग्रेजी में कोई Article, Inspirational Story, Poetry या जानकारी है जो आप हमारे साथ Share करना चाहते हैं तो कृपया उसे अपनी फोटो के साथ E-mail करें. हमारी ID है: kmsraj51@hotmail.com पसंद आने पर हम उसे आपके नाम और फोटो के साथ यहाँ PUBLISH करेंगे. Thanks!!

“सफलता का सबसे बड़ा सूत्र”(KMSRAJ51)

“स्वयं से वार्तालाप(बातचीत) करके जीवन में आश्चर्यजनक परिवर्तन लाया जा सकता है। ऐसा करके आप अपने भीतर छिपी बुराईयाें(Weakness) काे पहचानते है, और स्वयं काे अच्छा बनने के लिए प्रोत्साहित करते हैं।”

 

“अगर अपने कार्य से आप स्वयं संतुष्ट हैं, ताे फिर अन्य लोग क्या कहते हैं उसकी परवाह ना करें।”~KMSRAj51

 

 

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कच्चा मकान।

Kmsraj51 की कलम से…..

♦ कच्चा मकान। ♦

वो शख्स परेशान है मेरी उड़ान से,
गहरी है जिसकी दोस्ती उस आसमान से।
घर तो उनका बड़ा है शानदार महलों सा,
परिंदे क्यूँ खुश हैं मेरे कच्चे मकान से।

उसे ये भी शिकायत है मैं हँसता बहुत हूँ,
बगावत की बू आती है मेरे बयान से।
साजिशें बहुत करता है मेरा सर झुकाने की,
पर हार जाता है वो मेरी ईमान से।

कागज की कश्ती भला कब तक लड़ेगी,
उफनती दरिया से गरजते तूफान से।
यही सोचकर तो छोड़ दी सब कुछ मैने,
एक अना नहीं जाती हमारे दरम्यान से।

सुर्खियों से इतर कभी देखिये बुनियाद भी,
वाकिफ नहीं हैं आप मेरी दास्तान से।
तेज रोशनी में साहिब भूल गए हैं शायद,
हीरा भी निकलता है कोयले की खान से।

♦ शैलेश कुमार मिश्र (शैल) – मधुबनी, बिहार ♦

  • “शैलेश कुमार मिश्र (शैल) जी” ने, बहुत ही सरल शब्दों में सुंदर तरीके से समझाने की कोशिश की है – इस संसार में छोटी से छोटी चीज़ भी समय आने पर बड़े काम की होती है। जहां सुई की जरूरत है वहां तलवार काम नही आती। अहंकार इतना भी न करे की आपका अहंकार आपको ही अंत में ले डूबे। समय और प्रकृति में इतना ताकत है की कोयले को भी हीरे में परिवर्तित कर देता है। इसलिए अपने धन और दौलत या शक्ति का ज्यादा दिखावा व अहंकार न करें। अपने अंदर के इंसानियत को न मारे, अपने अंदर के दया व करुणा को बाहर आने दे। जहां तक हो सके एक दूसरे की मदद करे सदैव।

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यह कविता (कच्चा मकान।) “शैलेश कुमार मिश्र (शैल) जी” की रचना है। KMSRAJ51.COM — के पाठकों के लिए। आपने सच्चे मन से देश की सेवा के साथ-साथ एक कवि हृदय को भी बनाये रखा। आपने अपने कवि हृदय को दबाया नहीं। यही तो खासियत है हमारे देश के वीर जवानों की। आपकी कवितायें सरल शब्दों में दिल की गहराइयों तक उतर कर जीवन बदलने वाली होती है। मुझे पूर्ण विश्वास है आपकी कविताओं और लेख से जनमानस का कल्याण होगा।

About Yourself – आपके ही शब्दों में —

  • नाम: शैलेश कुमार मिश्र (शैल)
  • शिक्षा: स्नातकोत्तर (PG Diploma)
  • व्यवसाय: केन्द्रीय पुलिस बल में 2001 से राजपत्रित अधिकारी के रूप में कार्यरत।
  • रुचि: साहित्य-पठन एवं लेखन, खेलकूद, वाद-विवाद, पर्यटन, मंच संचालन इत्यादि।
  • पूर्व प्रकाशन: कविता संग्रह – 4, विभागीय पुस्तक – 2
  • अनुभव: 5 साल प्रशिक्षण का अनुभव, संयुक्त राष्ट्रसंघ में अफ्रीका में शांति सेना का 1 साल का अनुभव।
  • पता: आप ग्राम-चिकना, मधुबनी, बिहार से है।

आपकी लेखनी यूँ ही चलती रहे, जनमानस के कल्याण के लिए। उस अनंत शक्ति की कृपा आप पर बनी रहे। इन्ही शुभकामनाओं के साथ इस लेख को विराम देता हूँ। तहे दिल से KMSRAJ51.COM — के ऑथर फैमिली में आपका स्वागत है। आपका अनुज – कृष्ण मोहन सिंह।

  • जरूर पढ़े: चली जाती है।
  • जरूर पढ़े: अच्छा लगता है।

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आप सभी का प्रिय दोस्त

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जैसे शरीर के लिए भोजन जरूरी है वैसे ही मस्तिष्क के लिए भी सकारात्मक ज्ञान और ध्यान रुपी भोजन जरूरी हैं।-KMSRAj51

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“सफलता का सबसे बड़ा सूत्र”(KMSRAJ51)

“स्वयं से वार्तालाप(बातचीत) करके जीवन में आश्चर्यजनक परिवर्तन लाया जा सकता है। ऐसा करके आप अपने भीतर छिपी बुराईयाें(Weakness) काे पहचानते है, और स्वयं काे अच्छा बनने के लिए प्रोत्साहित करते हैं।”

 

“अगर अपने कार्य से आप स्वयं संतुष्ट हैं, ताे फिर अन्य लोग क्या कहते हैं उसकी परवाह ना करें।”~KMSRAj51

 

 

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शुक्रिया 2021

Kmsraj51 की कलम से…..

♦ शुक्रिया 2021 ♦

शुक्रिया 2021 दुनियां की आँखें खोलने के लिए।
दुश्वारियों की कसौटी पर दम-खम तौलने के लिए।
अपनों को और स्वप्नों को खोने के बाद भी जिंदा हैं।
डंके की चोट पर सीना ठोककर ये सच बोलने के लिए।
शुक्रिया …….

हम अपनी संस्कृतियों का सम्मान भूल गए थे।
अपनी धरती की सरहद, आसमान भूल गए थे।
बेलगाम उड़ने लगे थे पतंग सा पछिया हवा में।
प्रकृति का भी है घर-आंगन, दालान भूल गए थे।
अपनी हद में ज़द में मिलकर लड़ने भिड़ने की।
और अपना घर, अपना अंतर टटोलने के लिए।
शुक्रिया …….

आगे की क्या दशा-दिशा हो, नीयति, नीति हो।
किसका कितना प्रतिकार हो किससे प्रीति हो।
मानवता शर्मशार हुई पर इंसानियत ने माना।
वही विकास है जिसमें प्रकृति की स्वीकृति हो।
“आपदा में मत अवसर ढ़ूंढ़ो, जियो और जीने दो”।
जहर घोलकर जाते जाते शहद घोलने के लिए।
शुक्रिया …….

♦ शैलेश कुमार मिश्र (शैल) – मधुबनी, बिहार ♦

  • “शैलेश कुमार मिश्र (शैल) जी” ने, बहुत ही सरल शब्दों में सुंदर तरीके से समझाने की कोशिश की है – भावनाओं के समय मन के यूँ उमड़ने – घुमड़ने की प्रक्रिया बीते वर्ष ने बहुत कुछ सीखा दिया, शुक्रिया 2021 दुनियां की आँखें खोलने के लिए। दुश्वारियों की कसौटी पर दम-खम तौलने के लिए। अपनों को और स्वप्नों को खोने के बाद भी जिंदा हैं। डंके की चोट पर सीना ठोककर ये सच बोलने के लिए। शुक्रिया ……. सारे गीले शिकवे भूलकर गले से गले मिलकर नया साल मनाया जाये। बिते वर्ष कई सारे सीख देकर गया। जितने दिन की ज़िन्दगी है, ज्ञान, ध्यान, योग के साथ-साथ सभी से प्रेम पूर्वक मिलजुल कर बिताया जाए। ना किसी को हम सताए, ना कोई दुःख दे। सभी मिलजुल कर सबके अच्छे स्वास्थ्य के लिए प्रार्थना करें।

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यह कविता (शुक्रिया 2021) “शैलेश कुमार मिश्र (शैल) जी” की रचना है। KMSRAJ51.COM — के पाठकों के लिए। आपने सच्चे मन से देश की सेवा के साथ-साथ एक कवि हृदय को भी बनाये रखा। आपने अपने कवि हृदय को दबाया नहीं। यही तो खासियत है हमारे देश के वीर जवानों की। आपकी कवितायें सरल शब्दों में दिल की गहराइयों तक उतर कर जीवन बदलने वाली होती है। मुझे पूर्ण विश्वास है आपकी कविताओं और लेख से जनमानस का कल्याण होगा।

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  • नाम: शैलेश कुमार मिश्र (शैल)
  • शिक्षा: स्नातकोत्तर (PG Diploma)
  • व्यवसाय: केन्द्रीय पुलिस बल में 2001 से राजपत्रित अधिकारी के रूप में कार्यरत।
  • रुचि: साहित्य-पठन एवं लेखन, खेलकूद, वाद-विवाद, पर्यटन, मंच संचालन इत्यादि।
  • पूर्व प्रकाशन: कविता संग्रह – 4, विभागीय पुस्तक – 2
  • अनुभव: 5 साल प्रशिक्षण का अनुभव, संयुक्त राष्ट्रसंघ में अफ्रीका में शांति सेना का 1 साल का अनुभव।
  • पता: आप ग्राम-चिकना, मधुबनी, बिहार से है।

आपकी लेखनी यूँ ही चलती रहे, जनमानस के कल्याण के लिए। उस अनंत शक्ति की कृपा आप पर बनी रहे। इन्ही शुभकामनाओं के साथ इस लेख को विराम देता हूँ। तहे दिल से KMSRAJ51.COM — के ऑथर फैमिली में आपका स्वागत है। आपका अनुज – कृष्ण मोहन सिंह।

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