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yog karen nirog rahen

योग करें निरोग रहें।

Kmsraj51 की कलम से…..

Yog Karen Nirog Rahen | योग करें निरोग रहें।

Life Yoga for some time, keep everyone completely healthy, some important yoga postures, Surya Namaskar or Tadasana, Dhruvasana or Chakrasana, Sarvangasana or Halasana, Dhanurasana.

जीवन हमारा है अनमोल,
इसका नहीं है कोई तोल।
शिक्षित सुयोग्य होकर भी,
लापरवाही क्यूं करते सभी।

व्यस्त चर्या में सब है मगन,
रोग का सब दे रहे समन।

यदि काया निरोग रखना है,
तो डेली वेज योग करना है।
अपने लिए वक्त निकालिए,
जीवन स्वास्थ्यकर बनाइए।

कुछ समय का जीवन योग,
रखें सबको बिल्कुल निरोग।
योग के कुछ प्रमुख आसन,
सूर्य नमस्कार या ताड़ासन।

ध्रुवासन हो या हो चक्रासन,
सर्वांगासन हो या हलासन।

धनुरासन हो या भुजंगासन,
पद्मासन के संग वज्रासन।
हर आसन का अपना मोल,
धरा का बच्चा बच्चा बोल,
योग हमसब को करना है।

इसके छात्रछाया में रहना है,
अनुलोम विलोम प्राणायाम,
सबके लिए संजीवनी आम।

खुद जुड़े औरों को जोड़े,
योग से कभी मुंह न मोड़ें।
सब मिलकर आज ये कहे,
डेली योग करें निरोग रहें।

♦ विवेक कुमार जी – जिला – मुजफ्फरपुर, बिहार ♦

—————

• Conclusion •

  • “विवेक कुमार जी“ ने, बहुत ही सरल शब्दों में सुंदर तरीके से इस कविता के माध्यम से समझाने की कोशिश की है — कवि ने जीवन को अनमोल बताते हुए इसकी कीमत को समझाया है। शिक्षित और सुयोग्य होने के बावजूद लोग अपने स्वास्थ्य के प्रति लापरवाह रहते हैं। व्यस्त दिनचर्या के बावजूद, स्वास्थ्य को प्राथमिकता देने की आवश्यकता पर जोर दिया गया है। कवि ने सुझाव दिया है कि यदि हम अपनी काया को निरोग रखना चाहते हैं, तो हमें रोजाना योग का अभ्यास करना चाहिए। योग के लिए समय निकालना और इसे अपनी दिनचर्या का हिस्सा बनाना चाहिए ताकि जीवन स्वस्थ और निरोगी बना रहे। कवि ने कुछ प्रमुख योग आसनों का उल्लेख किया है जैसे सूर्य नमस्कार, ताड़ासन, ध्रुवासन, चक्रासन, सर्वांगासन, हलासन, धनुरासन, भुजंगासन, पद्मासन और वज्रासन। हर आसन का अपना महत्व है और वे शरीर को निरोगी बनाए रखने में सहायक होते हैं। इसके अलावा, अनुलोम विलोम प्राणायाम को भी सभी के लिए संजीवनी के रूप में वर्णित किया गया है। कवि ने यह संदेश दिया है कि हमें न केवल खुद योग से जुड़ना चाहिए, बल्कि दूसरों को भी इसके लिए प्रेरित करना चाहिए। अंत में, कवि सबको मिलकर यह संकल्प लेने के लिए प्रेरित करता है कि “हम नियमित रूप से योग करें और निरोग रहें।”

—————

यह कविता (योग करें निरोग रहें।) “विवेक कुमार जी“ की रचना है। KMSRAJ51.COM — के पाठकों के लिए। आपकी कवितायें/लेख सरल शब्दो में दिल की गहराइयों तक उतर कर जीवन बदलने वाली होती है। मुझे पूर्ण विश्वास है आपकी कविताओं और लेख से जनमानस का कल्याण होगा।

आपका परिचय आप ही के शब्दों में:—

मैं एक शिक्षक हूं। मुजफ्फरपुर जिला, बिहार राज्य का निवासी हूं। भोला सिंह हाई स्कूल पुरुषोत्तम, कुरहानी में अभी एक शिक्षक के रूप में कार्यरत हूँ। शिक्षा से शुरू से लगाव रहा है। लेखन मेरी Hobby है। इस Platform के माध्यम से सुधारात्मक संदेश दे पाऊं, यही अभिलाषा है।

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“अगर अपने कार्य से आप स्वयं संतुष्ट हैं, ताे फिर अन्य लोग क्या कहते हैं उसकी परवाह ना करें।”~KMSRAj51

 

 

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Filed Under: 2024-KMSRAJ51 की कलम से, हिंदी कविता, हिन्दी-कविता Tagged With: best poem on yoga in hindi, do yoga stay healthy, kavi vivek kumar poems, poem on yoga, vivek kumar, vivek kumar poems, yog karen nirog rahen, योग करें निरोग रहें, योग करें निरोग रहें - विवेक कुमार, विवेक कुमार, विवेक कुमार जी की कविताएं

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