Kmsraj51 की कलम से…..
ϒ अज्ञानता की निद्रा से जगे। ϒ
Awakening of ignorance
मानव तन अति दुर्लभ और क्षणभंगुर भी है, इसलिए सोचने में समय नष्ट करने की बजाय उस परमात्मा को प्राप्त करने का प्रयास आज और अभी से शुरू कर देना चाहिए। एक बार एक राजा कहीं जा रहा था, उसने एक सफाई कर्मचारी को देखा, राजा को उसकी निर्धनता देखकर दया आ गई। उसने हीरे-मोतियों से जड़ित एक स्वर्ण थाल दिया, ताकि वह उससे धन कमाकर आराम की जिंदगी बिता सके।
कुछ वर्षों के पश्चात राजा ने उस व्यक्ति को पुन: सफाई करते हुए देखा, तो पूछा कि मैंने जो थाल तुम्हें दिया था, वह कहां है?
- जानते तो बहुत है…। ….. जरूर पढ़े।
- उस व्यक्ति ने उत्तर दिया कि आपकी बहुत कृपा है, मैं बहुत समय से उसमें गंदगी डालकर फेंकता रहा हूं।
- राजा यह सुनकर क्रोधित हो गया, उसने अपने सेवकों को आदेश दिया कि इससे थाल लेकर किसी अन्य साधनहीन व्यक्ति को दे दो। इसी तरह परमात्मा भी जीव को मनुष्य तन देता है, लेकिन वह इसे विषय-वासना से गंदा कर देता है और बाद में दुखी होता है।
गोस्वामी तुलसीदास कहते हैं कि – जो जीव मानव तन धारण करने के पश्चात भी भवसागर से पार होने का प्रयत्न नहीं करता, वह कृतघ्न, मंदबुद्धि और आत्महंता है। यदि जीव प्रभु-कृपा का लाभ उठाकर परमात्मा की भक्ति करता है, तो वह सदा के लिए कर्म-बंधनों से मुक्त हो जाता है।
- इंसान इस शरीर रूपी नगर में एक सीमित समय के लिए आया है। इस नगर में वह अकेला नहीं है, बल्कि काम, क्रोध, लोभ, मोह और अहंकार आदि चारे भी इसमें उसके साथ निवास करते हैं। यदि वह इनसे सावधान नहीं रहेगा, तो फिर पश्चाताप के अतिरिक्त कुछ भी हाथ आने वाला नहीं है।
इस संसार में संत – महापुरुष एक पहरेदार का काम करते हैं। जैसे यदि गांव में पहरेदार को जरा भी संशय हो जाता है कि इस गांव में चोरी होने की आशंका है, तो वह उच्च स्वर में आवाज लगाता है। उसकी आवाज सुनकर जो जाग जाते हैं, उनका घर बच जाता है। जो नहीं जागते और यह सोचकर ही सोये रहते हैं कि शोर करना तो इसका काम ही है, वे सूर्योदय होने तक लुट चुके होते हैं।
- हिंदी कहानी – निरंतर प्रयास जरूर पढ़े।
– महापुरुष भी जीव को जगाकर कहते हैं कि किसी भी इंसान के शरीर रूपी घर के अंदर दिन-रात पांच चोर (काम, क्रोध, लोभ, मोह और अहंकार) चोरी करने का प्रयत्न करते रहते हैं, इसलिए उनसे सावधान होने की जरूरत है।
यदि किसी जीव को काम, क्रोध, मद, लोभ, मोह के विकारों ने लूट लिया, तो उसका संपूर्ण जीवन बेकार है, इसलिए महापुरुष बार-बार इंसान को जगाते हैं। इस अज्ञानता की निद्रा से जागकर उस प्रभु रूपी औषधि का प्रयोग करना चाहिए, ताकि इस जीवन को सार्थक बनाया जा सके। मानव तन अति दुर्लभ और क्षणभंगुर भी है, इसलिए सोचने में समय नष्ट करने की बजाय उस परमात्मा को प्राप्त करने का प्रयास आज और अभी से शुरू कर देना चाहिए।
अपने विचार Comments कर जरूर बताये, और हमेशा नए Post को अपने ईमेल पर पाने के लिए – ईमेल सब्सक्राइब करें।
SUBSCRIBE TO KMSRAJ51 VIA EMAIL
सब्सक्राइब करें और पाएं अपडेट सीधे अपने इनबॉक्स में।
Please Share your comments.
कृपया Comments के माध्यम से अपने विचार जरूर बताये।
आप सभी का प्रिय दोस्त
Krishna Mohan Singh(KMS)
Editor in Chief, Founder & CEO
of,, https://kmsraj51.com/
———– © Best of Luck ® ———–
Note:-
यदि आपके पास हिंदी या अंग्रेजी में कोई Article, Inspirational Story, Poetry या जानकारी है जो आप हमारे साथ share करना चाहते हैं तो कृपया उसे अपनी फोटो के साथ E-mail करें. हमारी Id है: kmsraj51@hotmail.com. पसंद आने पर हम उसे आपके नाम और फोटो के साथ यहाँ PUBLISH करेंगे. Thanks!!
“सफलता का सबसे बड़ा सूत्र”(KMSRAJ51)
In English