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KMSRAJ51-Always Positive Thinker

“तू ना हो निराश कभी मन से” – (KMSRAJ51, KMSRAJ, KMS)

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birth anniversary of Sardar Vallabhbhai Patel

सरदार वल्लभभाई पटेल।

Kmsraj51 की कलम से…..

♦ सरदार वल्लभभाई पटेल। ♦

सन 1857 में जन्म लिया,
किसान परिवार के घर का लाल।
चमत्कारी बालक था, भूपटल को किया निहाल,
अपना करतब दिखला राष्ट्र का किया कल्याण।

समाज सुधार का बीड़ा उठाकर,
किया देश का उद्धार।
जिन्हें जग पुकारता लौह पुरुष महान,
जिसकी महानता के हम करते गुणगान।

मिशाल देता जग समान,
राजनीति के प्रबुद्ध महान।
देश कर रहा उनका जयगान,
अग्रणी भूमिका निभा थामा था कमान।

बने देश के अभिमान,
जिसपर जनवासियों को है गुमान।
देशप्रेम की पराकाष्ठा है महान,
उस महात्मन को कोटिबद्ध प्रणाम।

♦ विवेक कुमार जी – जिला – मुजफ्फरपुर, बिहार ♦

—————

• Conclusion •

  • “विवेक कुमार जी“ ने, बहुत ही सरल शब्दों में सुंदर तरीके से समझाने की कोशिश की है — राष्ट्रीय एकता दिवस 2014 से हर साल 31 अक्टूबर को सरदार वल्लभ भाई पटेल जी के जयंती के उपलक्ष्य में मनाया जाता है। सरदार वल्लभ भाई पटेल जी के द्वारा देश की एकता के लिए किए गए योगदान को याद करते हुए राष्ट्रीय एकता दिवस हर भारतीय दिल से मनाता है। देश की एकता के लिए सरदार वल्लभ भाई पटेल जी के द्वारा किए गए कार्य को समझाया है।

—————

यह कविता (सरदार वल्लभभाई पटेल।) “विवेक कुमार जी” की रचना है। KMSRAJ51.COM — के पाठकों के लिए। आपकी कवितायें/लेख सरल शब्दो में दिल की गहराइयों तक उतर कर जीवन बदलने वाली होती है। मुझे पूर्ण विश्वास है आपकी कविताओं और लेख से जनमानस का कल्याण होगा।

आपका परिचय आप ही के शब्दों में:—

मैं एक शिक्षक हूं। मुजफ्फरपुर जिला, बिहार राज्य का निवासी हूं। शिक्षा से शुरू से लगाव रहा है। लेखन मेरी Hobby है। इस Platform के माध्यम से सुधारात्मक संदेश दे पाऊं, यही अभिलाषा है।

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जैसे शरीर के लिए भोजन जरूरी है वैसे ही मस्तिष्क के लिए भी सकारात्मक ज्ञान और ध्यान रुपी भोजन जरूरी हैं।-KMSRAj51

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“सफलता का सबसे बड़ा सूत्र”(KMSRAJ51)

“स्वयं से वार्तालाप(बातचीत) करके जीवन में आश्चर्यजनक परिवर्तन लाया जा सकता है। ऐसा करके आप अपने भीतर छिपी बुराईयाें(Weakness) काे पहचानते है, और स्वयं काे अच्छा बनने के लिए प्रोत्साहित करते हैं।”

 

“अगर अपने कार्य से आप स्वयं संतुष्ट हैं, ताे फिर अन्य लोग क्या कहते हैं उसकी परवाह ना करें।”~KMSRAj51

 

 

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Filed Under: 2021-KMSRAJ51 की कलम से, विवेक कुमार जी की कविताएं।, हिंदी कविता, हिन्दी-कविता Tagged With: author vivek kumar, birth anniversary of Sardar Vallabhbhai Patel, national unity day, poem on national unity day, poem on Sardar Vallabhbhai Patel, poet vivek kumar, vivek kumar poems, विवेक कुमार जी की कविताएं, सरदार वल्लभभाई पटेल पर कविता

राष्ट्रीय एकता दिवस।

Kmsraj51 की कलम से…..

♦ राष्ट्रीय एकता दिवस। ♦

“राष्ट्रहित में आत्मानुभूति”

एकल व्यक्तित्व धारक, कृषक पुत्र,
भाव में अन्नदाता सम जो रहें।
काल आपदा प्लेग को कर पराभूत,
आते पुनः भरत जन – सेवा में, सहज।
भावी वह…… सेवा मंत्र संगी…… ॥

अद्भुत प्रतिमा हैं एकता मूर्ति,
सच्चे सपूत माँ भारती के,
समर्पित आम जन को, सर्वस्व जिनका।
मात्र वह हैं लौह – पुरूष नहीं, स्वर्ण मना,
निर्माता भारत सह – अस्तित्व के…॥

राजनीति की सदा एकत्व की,
एकाकार जो हर स्वदेश जन,
से, हैं संरक्षक संत जो समरस,
भारत के, अरूचि जिन्हें, सदा॥

महत् आकांक्षा से, सरल सहज,
‘रहनि’ जिनकी, सच्चे सरदार।
वह ‘बारदोली सत्याग्रह’ के, कर,
आत्म – दान, दिया हर रंग स्वदेश को।
अंतर्धान हुआ समेकन – कर्ता॥

♦ प्रो• मीरा भारती जी – पुणे, महाराष्ट्र  ♦

—————

  • “प्रो• मीरा भारती जी“ ने, बहुत ही सरल शब्दों में सुंदर तरीके से इस कविता के माध्यम से बताने की कोशिश की है — राष्ट्रीय एकता दिवस 2014 से हर साल 31 अक्टूबर को सरदार वल्लभ भाई पटेल जी के जयंती के उपलक्ष्य में मनाया जाता है। सरदार वल्लभ भाई पटेल जी के द्वारा देश की एकता के लिए किए गए योगदान को याद करते हुए राष्ट्रीय एकता दिवस हर भारतीय दिल से मनाता है। देश की एकता के लिए सरदार वल्लभ भाई पटेल जी के द्वारा किए गए कार्य को समझाया है।

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यह कविता (राष्ट्रीय एकता दिवस।) “प्रो• मीरा भारती जी” की रचना है। KMSRAJ51.COM — के पाठकों के लिए। आपकी कवितायें सरल शब्दो में दिल की गहराइयों तक उतर कर जीवन बदलने वाली होती है। मुझे पूर्ण विश्वास है आपकी कविताओं और लेख से जनमानस का कल्याण होगा। आपकी कविताओं से नई पीढ़ी को बहुत कुछ सीखने को मिलेगा। आपकी लेखन क्रिया यूं ही चलती रहे।

आपका परिचय आप ही के शब्दों में:—

मेरा नाम मीरा भारती (मीरा मिश्रा/भारती) है। मैंने BRABU Muzaffarpur, Bihar, R.S College में प्राध्यापिका के रूप में 1979 से 2020 तक सक्रिय चिंतन और मनन, अध्यापन कार्य किया, आनलाइन शिक्षण कार्यक्रम से वर्तमान में भी जुड़ी हूं, मेरे द्वारा प्रशिक्षित बच्चे लेखनी का सुंदर उपयोग किया करते हैं। मैंने लगभग 130 कविताएं लिखी है, जिसमें अधिक प्रकाशित हैं, कई आलेख भी, लिखे हैं। दृढ़ संकल्प है, कि लेखन और अध्यापन से, अध्ययन के सामूहिक विस्तारण से समाज कल्याण – कार्य के कर्तृत्व बोध में वृद्धि हो सकती है। अधिक सकारात्मक परिणाम आ सकते हैं।

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