Kmsraj51 की कलम से…..
♦ छठी मैया का व्रत। ♦
आओ मिलकर सूर्य भक्ति में,
छठ की अलख जगायें।
करें वंदना चार दिनों तक,
दो दिन नमक न खाएं।
अस्ताचलगामी सूर्य देव को,
अर्घ्य प्रथम चढ़ाएं।
होते सवेरे दूसरे दिन फिर,
जाकर सूरज को मनाए।
कद्दू – लौकी के दूसरे दिन,
पूरी – खीर साथ में खाएं।
चना दाल अथवा गेहूं आटा,
हाथ से पीस के पकाएं।
पंचमी तिथि पर सायंकाल में,
सूर्य अर्घ्य देने जाएं।
चावल – गुड़ से बनी हुई खीर,
प्रसाद रूप में पाएं।
अन्य भक्तों में प्रसाद बांट कर,
‘खरना’ पर्व मनायें।
सायंकल, षष्टी तिथि, अस्ताचल,
सूर्य को अर्घ्य देने जाएं।
विविध पकवान और ऋतु फल से,
सूर्य की डलिया सजाएं।
धूपबत्ती कुमकुम देसी घी के दीप से,
भगवान सूर्य को मनायें।
सप्तमी तिथि के उषाकाल में अर्घ्य,
सूर्य देव को देकर आयें।
उगते सूरज की किरणों के संग में,
छठ की गीत सुनायें।
विविध कामना छठ से होती पूरी,
मईया कभी न रखती अधूरी।
पुत्र कामना के लिए जो व्रत करते,
छठ कृपा होती, मनौती पूरी।
कन्याकुमारी व्रत ना उठाएं,
इसको लीजिए मान।
अनादि काल से ही सूर्य देव ने,
आकर देते हैं वरदान।
व्रत किया था आदिशक्ति ने,
पाया आदि गणेश।
तेरी व्रत लीला में है पराल्प,
ना जाने कोई अल्पज्ञ।
देवी कुन्ती सूर्य उपासना की,
मिला दानवीर कर्ण।
सूर्य उपासना – छठ की पूजा,
लीजिए पांचों मान।
जिस जिस ने पूजा सूर्य देव को,
किया उनका कल्याण।
♦ सुखमंगल सिंह जी – अवध निवासी ♦
—————
— Conclusion —
- “सुखमंगल सिंह जी“ ने, बहुत ही सरल शब्दों में सुंदर तरीके से इस कविता में समझाने की कोशिश की है — छठी मैया का व्रत को कैसे करना है? छठी मैया का व्रत करने से अनादि काल से ही लोगों को सूर्यदेव से मन चाहा फल मिलता आया है। समय समय पर जिस किसी ने भी सच्चे मन से छठी मैया का व्रत रख कर सूर्य देव की आराधना की है उसे जरूर मनोवांछित फल मिलता है। इस व्रत को कुवारी कन्या नहीं रख सकती। जिस जिस ने पूजा सच्चे मन से सूर्य देव को किया उनका कल्याण सूर्य देव ने। आओ मिलकर सूर्य भक्ति में छठ की अलख जगायें। करें वंदना चार दिनों तक, दो दिन नमक न खाएं। अस्ताचलगामी सूर्य देव को अर्घ्य प्रथम चढ़ाएं। होते सवेरे दूसरे दिन फिर जाकर सूरज को मनाए।
—————
यह कविता (छठी मैया का व्रत।) “सुखमंगल सिंह जी” की रचना है। KMSRAJ51.COM — के पाठकों के लिए। आपकी कवितायें, व्यंग्य / लेख सरल शब्दो में दिल की गहराइयों तक उतर कर जीवन बदलने वाली होती है। मुझे पूर्ण विश्वास है आपकी कविताओं और लेख से जनमानस का कल्याण होगा। आपकी कविताओं और लेख से आने वाली पीढ़ी के दिलो दिमाग में हिंदी साहित्य के प्रति प्रेम बना रहेगा। आपकी लेखन क्रिया यूं ही चलती रहे, बाबा विश्वनाथ की कृपा से।
अपने विचार Comments कर जरूर बताये, और हमेशा नए Post को अपने ईमेल पर पाने के लिए – ईमेल सब्सक्राइब करें – It’s Free !!
ज़रूर पढ़ें — प्रातः उठ हरि हर को भज।
Please share your comments.
आप सभी का प्रिय दोस्त
©KMSRAJ51
———– © Best of Luck ®———–
Note:-
यदि आपके पास हिंदी या अंग्रेजी में कोई Article, Inspirational Story, Poetry या जानकारी है जो आप हमारे साथ Share करना चाहते हैं तो कृपया उसे अपनी फोटो के साथ E-mail करें. हमारी ID है: kmsraj51@hotmail.com पसंद आने पर हम उसे आपके नाम और फोटो के साथ यहाँ PUBLISH करेंगे. Thanks!!
“सफलता का सबसे बड़ा सूत्र”(KMSRAJ51)