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KMSRAJ51-Always Positive Thinker

“तू ना हो निराश कभी मन से” – (KMSRAJ51, KMSRAJ, KMS)

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Eating & Meditation

बलगम से निजात पाएं।

Kmsraj51 की कलम से…..

♦ बलगम से निजात पाएं। ♦

जाड़े का मौसम आया,
छाती पर बलगम छाया।
बूढ़ा जवान लड़का आया,
दादी मां ने काढ़ा पिलाया।

काढ़ा कैसे उसने बनाया,
उसमें उसने क्या मिलाया।
एक इंच का अदरक लाया,
तेजपात दो पत्ते पकाया।

पत्ते के दो टुकड़ा कर डाला,
साफ पानी में उसे धो डाला।
एक गिलास पानी में उबाला,
आधा पानी बचा, पी डालें।

काढे में कुछ शहद मिलाया,
गुनगुने काढ़े में उसे हिलाया।
धीरे-धीरे उसे उसने हलराया,
शिप शिप – पीने को बताया।

तेजपात बलगम निकालता,
छाती को वह निरोगी बनाता।
कोलेस्टॉल बनने नहीं देता,
यूरिक एसिड को कम करता।

अदरक से इंफेक्शन दूर होता,
मुख के छाले ठीक हो जाता।
शरीर में ताकत व बल लाता,
यह क्रीम नाशक है कहलाता।

शहद बल बुद्धि को तेज करता,
नस के ब्लॉकेज को दूर करता।
काया में अतुलित स्फूर्ति आती,
कामकाज में मन नहीं घबराता।

प्रतिदिन सर्दी में काला बनाएं,
तेजपात – अदरक को पकाएं।
एक गिलास पानी उसमें मिलाएं,
आधा बचे उसे पीने को बचाएं।

सर्दी और बरसात में प्रयोग करें,
अपनी काया इससे निरोध करें।
अपने घर में सबको इसे पिलाएं,
पास पड़ोस में लोगों को बताएं।

♦ सुखमंगल सिंह जी – अवध निवासी ♦

—————

— Conclusion —

  • “सुखमंगल सिंह जी“ ने, बहुत ही सरल शब्दों में सुंदर तरीके से इस कविता में समझाने की कोशिश की है — कड़वा है मगर सत्य है ये जो मौसम चल रहा है कभी ज्यादा सर्दी कभी हल्का गर्म, ऐसे मौसम में अचानक से होने वाले सर्दी, जुकाम और खांसी व बलगम से राहत पाने के लिए काढ़ा बहुत ही लाभकारी है सभी के लिए। इस मौसम में काढ़ा कैसे बनाए कवि ने ये समझने की कोशिश की है, और काढ़ा से होने वाले फायदे को भी बताने की कोशिश की है। काढ़ा वायरल इन्फेक्शन से भी बचता है। इम्यून सिस्टम सही रहता है काढ़ा पिने से।

—————

sukhmangal-singh-ji-kmsraj51.png

यह कविता (बलगम से निजात पाएं।) “सुखमंगल सिंह जी” की रचना है। KMSRAJ51.COM — के पाठकों के लिए। आपकी कवितायें, व्यंग्य / लेख सरल शब्दो में दिल की गहराइयों तक उतर कर जीवन बदलने वाली होती है। मुझे पूर्ण विश्वास है आपकी कविताओं और लेख से जनमानस का कल्याण होगा। आपकी कविताओं और लेख से आने वाली पीढ़ी के दिलो दिमाग में हिंदी साहित्य के प्रति प्रेम बना रहेगा। आपकी लेखन क्रिया यूं ही चलती रहे, बाबा विश्वनाथ की कृपा से।

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ज़रूर पढ़ें — प्रातः उठ हरि हर को भज।

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जैसे शरीर के लिए भोजन जरूरी है वैसे ही मस्तिष्क के लिए भी सकारात्मक ज्ञान और ध्यान रुपी भोजन जरूरी हैं।-KMSRAj51

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Note:-

यदि आपके पास हिंदी या अंग्रेजी में कोई Article, Inspirational Story, Poetry या जानकारी है जो आप हमारे साथ Share करना चाहते हैं तो कृपया उसे अपनी फोटो के साथ E-mail करें. हमारी ID है: kmsraj51@hotmail.com पसंद आने पर हम उसे आपके नाम और फोटो के साथ यहाँ PUBLISH करेंगे. Thanks!!

“सफलता का सबसे बड़ा सूत्र”(KMSRAJ51)

“स्वयं से वार्तालाप(बातचीत) करके जीवन में आश्चर्यजनक परिवर्तन लाया जा सकता है। ऐसा करके आप अपने भीतर छिपी बुराईयाें(Weakness) काे पहचानते है, और स्वयं काे अच्छा बनने के लिए प्रोत्साहित करते हैं।”

 

“अगर अपने कार्य से आप स्वयं संतुष्ट हैं, ताे फिर अन्य लोग क्या कहते हैं उसकी परवाह ना करें।”~KMSRAj51

 

 

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बड़ा दिन २५ दिसंबर – खानपान कर ध्यान!

Kmsraj51 की कलम से…..

♦ बड़ा दिन २५ दिसंबर – खानपान कर ध्यान! ♦

बड़ा दिन आए तो रखो छोटे दिन पर भी ध्यान,
जिसमें होते शुभ कामना के पूर्व नियम विधान।
नियम और कानून के बदलाव से बनते हैं काम,
खान पान के जीवन में रखना पड़ता है ध्यान।

चना बाजरा की रोटी मानव को बनाता बलवान,
पिज्जा – बर्गर खाने से पेट रोगी लीवर ट्रांसप्लांट।
घी मक्खन खाने से ज्ञानी और रहोगे बुद्धिमान,
केक आदि खाने से लीवर हो जाएगा बेजान।

दही और बेसन मिलाकर बृहस्पति का पकवान,
गुरु बृहस्पति खुश होगे तो हो जाओगे महान।
प्राचीन परंपरा में वैज्ञानिक खानपान का विधान,
संस्कार और आध्यात्म का उसमें होता था ज्ञान।

मनमानी पर अंकुश होता, लोग होते थे गुणवान,
नियम संयम से खान पान के जीवन में सुख धाम।
छोटा बड़ा सभी मिलकर करते सबका सम्मान,
ज्ञान और आध्यात्मिक बल से देश मेरा महान।

यीशु के प्रेम विज्ञान के दिन गिरजाघरों में गान,
वक्ता को फादर कह कर-कर के करते सम्मान।
सनातन धर्मी मानते हैं फादर एक है मान,
इसको कृपा निधान कहते करता है कल्याण।

♦ सुखमंगल सिंह जी – अवध निवासी ♦

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— Conclusion —

  • “सुखमंगल सिंह जी“ ने, बहुत ही सरल शब्दों में सुंदर तरीके से इस कविता में समझाने की कोशिश की है — कड़वा है मगर सत्य है “चना बाजरा की रोटी मानव को बनाता बलवान, पिज्जा – बर्गर खाने से पेट रोगी लीवर ट्रांसप्लांट। इसलिए घी व मक्खन खाने से ज्ञानी और रहोगे बुद्धिमान, केक आदि खाने से लीवर हो जाएगा बेजान। समय से पहले हो जायेगा राम नाम सत्य तुम्हारा। इसलिए अपना खानपान सुधारों, अपनाओ सादा जीवन उच्च विचार, सादा भोजन उच्च विचार, सादा जीवन उच्च व्यवहार। अगर रहना है निरोग तो अपनाओ योग। योगी जीवन सबसे सुन्दर जीवन। करें योग रहे निरोग, आओ हम सब मिलकर करें ये संकल्प इस संसार को सुखमय बनाये। सभी तरह के फ़ास्ट फ़ूड का करें पूर्ण रूप से त्याग, तभी तुम पावोगे – निरोगी काया, सुखमय जीवन। सादा और स्वस्थ भोजन खाने की आदत डालो। ज्ञान, ध्यान और योग को अपने जीवन का अटूट अंग बना लो, तभी रहोगे स्वस्थ और मस्त। अपना व अपनों का जीवन सुखमय बनाएं, खुद भी और अपनों को सादा और स्वस्थ भोजन खाने की आदत डलवाये।

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