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KMSRAJ51-Always Positive Thinker

“तू ना हो निराश कभी मन से” – (KMSRAJ51, KMSRAJ, KMS)

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How to prepare for the board exams

बोर्ड परीक्षा की तैयारी।

Kmsraj51 की कलम से…..

CYMT-KMSRAJ51-4

ϒ बोर्ड परीक्षा की तैयारी। ϒ

कुछ छात्रों में बोर्ड परीक्षा को लेकर एक अजीब सा डर रहता है। पूरी तैयारी के बावजूद भी उन्हें मुश्किलें आती हैं। बोर्ड परीक्षा के लिए अच्छी तैयारी के अलावा जरूरी है कि इसे पूर्ण रूप से नियोजित बनाएँ।

व्यवस्थित रूप से की गई पढ़ाई द्वारा कोई भी विद्यार्थी परीक्षा में अच्छे अंक प्राप्त कर सकता है। यह आवश्यक है कि पहले अपेक्षाकृत आसान अध्यायों का अध्ययन करके, उसके पश्चात उत्तीर्ण होने के लिए न्यूनतम अंक प्राप्त कर सकें। तत्पश्चात अपेक्षाकृत कठिन अध्यायों की ओर जाना चाहिए। परीक्षा में अच्छे अंकों से उत्तीर्ण होने के लिए निम्न बिंदुओं पर ध्यान देना आवश्यक है…..

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  • हमेशा लिखकर याद करें। इससे गलतियों की संभावना कम होगी।
  • रटकर याद करने से बचें। इससे आशंका पूरी तरह नहीं समाप्त होती है। किसी भी विषय के मूल को पहले समझने का प्रयास करें।
  • कुछ छात्रों में बोर्ड परीक्षा को लेकर एक अजीब सा डर रहता है। पूरी तैयारी के बावजूद भी उन्हें मुश्किलें आती हैं। बोर्ड परीक्षा के लिए अच्छी तैयारी के अलावा जरूरी है कि इसे पूर्ण रूप से नियोजित बनाएँ।
  • समय-समय पर अपने पाठ को दोहराते रहें और प्रतिदिन इसके लिए कम से कम आधे घंटे का समय निकालें।
  • सैंपल पेपर में से पहले उन प्रश्नों को छाँटकर निकाल लें, जिसके उत्तर आपको नहीं आ रहे हैं।
  • अंकों के प्रश्न हल करते वक्त हमेशा फार्मूला लिखें, उसके बाद प्रश्न को इस फार्मूले के आधार पर हल करें।
  • हल हो चुके प्रश्नों का महत्व समझें और प्रश्न करने के पश्चात अपने उत्तर को हल से अवश्य मिलाएँ।
  • लॉग व एंटीलॉग प्रश्नों का अधिक अभ्यास करें।
  • भौतिक शास्त्र, रसायन शास्त्र आदि विषयों के फार्मूले बनाकर उन्हें अपने कमरे की दीवार पर लगा लें, जिससे चलते-फिरते आप उन्हें दोहरा सकें।

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© आप सभी का प्रिय दोस्त ®

Krishna Mohan Singh(KMS)
Head Editor, Founder & CEO
of,,  https://kmsraj51.com/

जैसे शरीर के लिए भोजन जरूरी है वैसे ही मस्तिष्क के लिए भी सकारात्मक ज्ञान और ध्यान रुपी भोजन जरूरी हैं। ~ कृष्ण मोहन सिंह(KMS)

 ~Kmsraj51

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– कुछ उपयोगी पोस्ट सफल जीवन से संबंधित –

* विचारों की शक्ति-(The Power of Thoughts)

* अपनी आदतों को कैसे बदलें।

∗ निश्चित सफलता के २१ सूत्र।

* क्या करें – क्या ना करें।

∗ जीवन परिवर्तक 51 सकारात्मक Quotes of KMSRAJ51

* विचारों का स्तर श्रेष्ठ व पवित्र हो।

* अच्छी आदतें कैसे डालें।

* KMSRAJ51 के महान विचार हिंदी में।

* खुश रहने के तरीके हिन्दी में।

* अपनी खुद की किस्मत बनाओ।

* सकारात्‍मक सोच है जीवन का सक्‍सेस मंत्र 

* चांदी की छड़ी।

kmsraj51- C Y M T

“सफलता का सबसे बड़ा सूत्र”(KMSRAJ51)

“स्वयं से वार्तालाप(बातचीत) करके जीवन में आश्चर्यजनक परिवर्तन लाया जा सकता है। ऐसा करके आप अपने भीतर छिपी बुराईयाें(Weakness) काे पहचानते है, और स्वयं काे अच्छा बनने के लिए प्रोत्सािहत करते हैं।”

In English

Amazing changes the conversation yourself can be brought tolife by. By doing this you Recognize hidden within the buraiyaensolar radiation, and encourage good solar radiation to becomethemselves.

 ~KMSRAJ51 (“तू ना हो निराश कभी मन से” किताब से)

“अगर अपने कार्य से आप स्वयं संतुष्ट हैं, ताे फिर अन्य लोग क्या कहते हैं उसकी परवाह ना करें।”

~KMSRAJ51

 

 

 

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कैसे परीक्षा के दबाव का सामना करें।

Kmsraj51 की कलम से…..

CYMT-KMSRAJ51-4

ϒ कैसे परीक्षा के दबाव का सामना करें। ϒ

जब एक पेड़ को पानी कम मिलता है तो उसके बहुत सारे पत्ते सूखकर गिरने लगते हैं और पेड़ सीमित पत्तों के सहारे ही कम मात्रा में प्राप्त पानी का उपभोग कर अपने को बचाये रखता है। ऐसा तरीका तुम्हें भी अपनाना पड़ता है जब तुम पढ़ाई पर विशेष ध्यान नहीं देती और अचानक परीक्षा के समय दबाव बढ़ने पर केवल महत्वपूर्ण विषयों की ओर ध्यान देती हो, इससे दूसरे कम महत्वपूर्ण लगने वाले विषय कमजोर पड़ जाते हैं। लेकिन ज्ञान के दृष्टिकोण से तो सभी विषय महत्वपूर्ण हैं, कौन जानता है आने वाले कल में ये विषय ही अधिक महत्वपूर्ण हो जाएं।

इसलिए शुरू से ही सभी विषयों पर पूरा ध्यान और समय देना जरूरी है ताकि तुम्हारी रचना एक भरे-पूरे वृक्ष की तरह हो न कि झड़े हुए पत्ते वाले कमजोर वृक्ष की तरह।

कहते हैं गुलाब के पेड़ में पहले कांटे आते हैं और वो कांटों से भरा हुआ बिल्कुल भद्दा लगता है, लेकिन जल्दी ही वह अपने में फूल खिलाकर सबका ध्यान आकर्षित कर लेता है। तुम्हारी पढ़ाई के भी बहुत सारे पाठ ऐसे होते हैं जो तुमसे बिल्कुल ही जुड़ न पाते यानि तुम्हें बिल्कुल पसंद नहीं आते लेकिन इंतजार करना बुरी बात नहीं है, वे पाठ ही एक दिन तुम्हारे सबसे अधिक रूचिकर हो जाते हैं, जब उन्हें तुम थोड़ा बहुत समझने लगती हो और महसूस करती हो कि इनमें कितनी गूढ़ बातें छुपी हुई थी।

तुम्हें इस बात पर शत- प्रतिशत यकीन करना होगा कि कठिन एवम् दुर्गम चीजों को ही हल करने के बाद कोई सफल व्यक्ति कहलाता है। साधारण चीजों को हल करने वाला व्यक्ति हमेशा साधारण ही रह जाता है। लेकिन ये कठिन और दुर्गम रास्ते एक या दो दिन में पार नहीं किये जाते हैं, इन्हें पार करने में वर्षों की साधना करनी होती है, कठिनाईयों और मेहनत की एक बहुत लम्बी श्रृंखला से गुजरना होता है। जो लोग रूके हुए हैं वे तालाब की तरह हैं कभी सूख गए तो कभी भर गए। कुछ भी उनके हाथों में नहीं, सिवा एक सामान्य सा जीवन जीने के।

शरीर की पीड़ा को तुम जानती हो इसलिए उस जगह मरहम पट्टी कर उसका उपचार कर लेती हो, लेकिन में जब मन में पीड़ा पहुंचती है तुम उस स्थान को नहीं जानती, इसलिए उसका उपचार नहीं कर पाती। ये ही मानसिक जख्म बीच-बीच में पुरानी घटनाओं की याद दिलाकर तुम्हारे मन में टीस पहुंचाते रहते हैं। इन कारणों से अक्सर तुम अपना ध्यान पढ़ाई में केंद्रित नहीं कर पाती। जब तक मन को अलग-अलग क्रियाओं में बांटने वाली इन बीमारी का निवारण नहीं हो जाता, पढ़ाई में अपने आप को पूरी तरह समर्पित करना संभव नहीं होता। अच्छा तो यह होगा कि ऐसे झगड़ों में पड़ा ही नहीं जाए और अगर ऐसी घटना हो भी जाए तो जिन कारणों से परेशानी हो रही है उनसे समझौता कर लिया जाए। अपनी पढ़ाई को ही महत्वपूर्ण  समझते हुए, मानसिक द्वंद हटाने के लिए कुछ चीजों का त्याग करना पड़े तो भी वो उचित और शांतिदायक होगा।

अक्सर घरों के सामने वैसे पेड़ लगाये जाते हैं, जिनके पत्ते जाड़े में झड़ जाते हैं और धूप आने लगती है, फिर गर्मियों में उसी वृक्ष में पत्ते लौट आते हैं और चारों तरफ छाया हो जाती है। समय के अनुसार ही पहने कपड़े अच्छे लगते हैं और मौसम के अनुसार खान-पान भी। जिस तरह का समय चल रहा होता है उसी तरह के गाने, हमारी भाषा, हमारे नारे एवं नृत्य करने के तरीकों में बदलाव आता है। तुम में भी समय बीतने के साथ बदलाव आते हैं, उनकी तरफ भी निगरानी रखना, जीवन के प्रति तुम्हारी सजगता दर्शाता है।

जब भी तुम्हें चोट लगती होगी, शुरू में काफी दर्द होता होगा, लेकिन धीरे-धीरे दर्द सहने की आदत हो जाती है और फिर उतना दर्द महसूस नहीं होता। कई बार ढेर सारे विषय और पढ़ाई देखकर तुम्हारे मन में घबड़ाहट होती होगी जैसे इनकी और आगे बढ़ते ही तुम जख्मी हो जाओगी, लेकिन धीरे-धीरे मन को कठोर बनाकर इनसे जूझने की ताकत आ जाती है। कहते हैं जब तक एक सैनिक के शरीर में लड़ाई के जख्म नहीं रहे उसका सैनिक जीवन अधूरा ही रहा। जिस मार्ग का अनुशरण करने का फैसला तुमने किया है, उसमें हमेशा कठिनाईयां, भय आदि पहले आते हैं और खुशियां धीरे-धीरे और बाद में। इसलिए इन सारे अनुभवों को कड़ी दवा की तरह पीते जाना चाहिए क्योंकि तुम्हारा मार्ग आगे बढ़ने के लिए है न कि केवल मुश्किलों को देखते रहने के लिए।

जिन राजाओं के पास लड़ाई के लिए बड़ी सेना होती है उनके भय से ही छोटे-छोटे राज्य उनके अधीन हो जाते हैं। इस तरह से उनकी ताकत और सैनिक बल में वृद्धि होती रहती है। तुम्हारा ज्ञान भी जितना समृद्ध होगा वह नजर में आने वाले प्रत्येक ज्ञान को अपने कब्जे में करता जाएगा। इस तरह से तुम्हारे ज्ञान और कौशल में निरन्तर वृद्धि होती रहेगी फिर तुम किसी भी नयी चीज को देखकर नहीं घबराओगी।

जिन्हें छाया चाहिए उन्हें पेड़ मिल जाते हैं, जिन्हें गर्मी चाहिए उन्हें ऊन के कपड़े, जिन्हें जीभ की मिठास चाहिए उन्हें मीठे फल और जब तुम में सचमुच में ज्ञान पाने की जबर्दस्त इच्छा होती है तो अच्छी-अच्छी किताबें और अच्छे शिक्षक, किन्हीं न किन्हीं माध्यम से मिल ही जाते हैं।

जब तुम में पुस्तकों की ललक  होती है तुम पुस्तकालयों की तरफ भागती हो, विश्राम के समय भी शिक्षकों से जाकर अपने प्रश्नों का हल पूछती हो और पढ़ते-पढ़ते अपना भोजन करना भी भूल जाती हो। ऐसे प्रेम में पड़कर फिर वापस बाहर लौटना लगभग असंभव है।

इस दुनिया में अधिकतर लोग एक निर्देशित पढ़ाई में ही लगे रहते हैं, वे दूसरी तरफ बहुत कम ध्यान देते हैं। यह जीविकापर्जन के लिए हासिल किया जा रहा ज्ञान एक तरह का सीमित ज्ञान ही होता है, जबकि जिनमें वृहद ज्ञान की लालसा होती है वे अपने पैरों को इस तरह से नहीं बांधते तथा एक खुले पक्षी की तरह सारी दुनिया देखते हैं। तुम्हें भी विभिन्न तरह की चीजों एवं उनके कार्यकलापों में रुचि रखनी चाहिए तथा अपनी जानकारी को संचार माध्यमों एवं यात्राओं से बढ़ाते रहना चाहिए। अच्छे लोगों से वाद-विवाद एवं विचारों का आदान- प्रदान करना भी ज्ञान में वृद्धि का एक तरीका है।

कमरे में फूलों का गुलदस्ता रख दिया जाता है तो कमरा जीवंत हो उठता है, खिड़की के बाहर हरियाली हो तो ठंडी हवा भी जैसे हरापन लिए हुए हमारे पास आती हुई लगती है। सुन्दर-सुन्दर पर्वतों को देखने का भी एक सुख है और छोटी- सी झील में अनगिनत चीजें के समाहित‌ बिम्बों को देखने का भी एक अलग सुख है। एक अच्छी पुस्तक पढ़ते हुए भी हमें इस तरह की भावनात्मक अनुभूतियां होती है। हर बार लगता है, तुमसे ही कोई तुम्हारे मन की बात बोल रहा है। कोई अपने अनुभव बांट रहा है और अद्भूत होता है यह प्रेम कि तुम भूल जाती हो कि दुनिया में इससे भी अच्छा संबंध हमारा किसी चीज से हो सकता है।

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